Category: बच्चों की परवरिश
By: Salan Khalkho | ☺1 min read
नवजात शिशु दो महीने की उम्र से सही बोलने की छमता का विकास करने लगता है। लेकिन बच्चों में भाषा का और बोलने की कला का विकास - दो साल से पांच साल की उम्र के बीच होता है। - बच्चे के बोलने में आप किस तरह मदद कर सकते हैं?
बच्चे तभी से सीखना प्रारंभ कर देते हैं जब वे माँ के गर्भ में होते हैं। माँ के गर्भ में रहते हुवे वे जानी पहचानी आवाज को सुन कर प्रतिक्रिया करते हुवे सीखते हैं।
नवजात शिशु दो महीने की उम्र से सही बोलने की छमता का विकास करने लगता है। लेकिन बच्चों में भाषा का और बोलने की कला का विकास - दो साल से पांच साल की उम्र के बीच होता है।
शिशु जब दो महिना का होता है तभी से वो कुछ-कुछ आवाजें निकलना शुरू कर देता है।
जब शिशु छेह महीने का होता है तो वो बडबडाना शुरू कर देता है। अधिकांश बच्चे इस तरह बद्बदते हैं की जैसे वे कोई गाना गाने की कोशिश कर रहे हों।
जब शिशु लगभग एक साल का होता है तो वो कुछ शब्दों को पकड़ना शुरू कर देता है और दिन भर उन्ही शब्दों को दोहराता रहता है। कई बार तो बच्चे ऐसे शब्दों को दोहराते रहते हैं जिनका की कोई मतलब ही नहीं होता है। ऐसा लगता है की जैसे की वे अपने ही किसी भाषा में बात चीत कर रहे हों। भारत में बच्चे दा-दा या माँ-माँ शब्द जल्दी पकड़ते हैं और उन्हें ही दिन भर दोहराते रहते हैं।
जब बच्चे करीब डेढ़ साल (18 months) के होते हैं तो वे जितना शब्दों में बोल सकते हैं उससे कहीं ज्यादा वे समझने लग जाते हैं। इस उम्र में बच्चे हर वक्त कुछ न कुछ बोलते रहते हैं। जब बच्चे दो साल के होते हैं तब वे करीब-करीब 50 शब्द बोलने लगते हैं। इस वक्त वे दो शब्दों को मिलकर अपनी बात कहने की कोशिश करेगा।
माँ-बाप शिशु के जीवन में, उसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आप अपने बच्चे को बोलने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। कुछ तरीका जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को बोलने में मदद कर सकते हैं: