Category: बच्चों की परवरिश

गलतियां जो पेरेंटस करते हैं बच्चों की परवरिश में

By: ZN | 1 min read

गलतियों से सीखो। उनको दोहराओ मत। ऐसी ही कुछ गलतियां हैं। जो अक्सर माता-पिता करते हैं बच्चे को अनुशासित बनाने में।

गलतियां किस मां-बाप से नहीं होती हैं। हर कोई इन्हीं से सीखता है। जब बात परवरिश की हो तो ये तो आम बात है। क्योंकि आप हमेशा पेरेंटस नहीं होते हैं। वही सीख हम बच्चों को भी देते है कि गलतियों से सीखो। उनको दोहराओ मत। ऐसी ही कुछ गलतियां हैं। जो अक्सर माता-पिता करते हैं बच्चे को अनुशासित बनाने में।

समय के पाबंद बने

बच्चे को अक्सर ये सलाह दे कि ये नहीं करना है वो नहीं करना है। फिर खुद ही वो नियम तोड़ देते हैं। जोकि गलत है इसका बच्चे पर भी गलत असर पड़ता है। उदाहरण के तौर पर अगर ये तय किया है कि रात को 8 बजे के बाद खेलना मना है। तो ये नियम खुद पर भी लागू करें।

 

झूठ बोलना

अक्सर हम ये सीखाते हैं कि झूठ नहीं बोलना चाहिए। मगर खुद इस गलती से बाज नहीं आते हैं। कई बार बच्चों को कोई सामान दिलाना हो या बाहर जाना हो हम झूठ बोल देते हैं। ये कहते हुए कि वो सामान खराब है या बाहर नहीं जा सकते क्योंकि बाहर मार्केट बंद है। उसे बाद जैसे वो सामान बच्चा किसी और के पास देखता है वो समझ जाता कि आप झूठ बोल रहे थे।

खोने का डर

बच्चे को पालना कोई आसान काम नहीं है। खास करके जब एक से ज्यादा बच्चे हों। ऐसे में कई बार बच्चों किसी चीज से बाहर निकालना मुश्किल हो जाता है। कोई गलती अगर हो भी जाए बच्चे से तो उनको उससे भूलने की सलाह दें। इसके साथ भी चीजों से बाहर निकलें।

बात सीधी करें

बच्चे को लेक्चर देने के बजाय उनसे सीधी बात करें। उसे वो आसानी से समझ जाएंगे। अक्सर हम बच्चों को खुद ज्यादा ही समझाने लगते हैं। जिसकी असल में जरूरत नहीं होती है। तो बच्चों को कम शब्द में ही समझाऐं। उसके लिए खास करके खाना खाने के पहले हाथ धुलना है ये कहना ही काफी है। बहुत ज्यादा समझाने की जरूरत नही है। 

Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।

खसरे-का-टीका-(वैक्सीन)
हेपेटाइटिस-A-वैक्सीन
एम-एम-आर
मेनिंगोकोकल-वैक्सीन
टी-डी-वैक्सीन
उलटी-और-दस्त
कुपोषण-का-खतरा
नमक-चीनी
पढ़ाई
बच्चों-को-दे-Sex-Education
बच्चों-की-पढाई
बच्चों-की-गलती
गर्मियों-की-बीमारियां
गर्मियों-की-बीमारी
गर्मियों-में-डिहाइड्रेशन
गर्मियों-में-बिमारियों-से-ऐसे-बचें
स्मार्ट-एक्टिविटीज-J-M-Group-India-
घमोरी-का-घरेलू-इलाज
माँ-का-दूध
दूध-के-फायदे
मां-का-दूध
गर्भनाल-की-देखभाल
शिशु-को-दूध
कागज-से-बनायें-जादूगर
कागज-से-बनायें-पत्तों-का-collage
प्राथमिक-चिकित्सा
कागज-का-हवाई-मेढक-कैसे-बनायें
stop-bleeding
कागज-का-खूबसूरत-मोमबत्ती-स्टैंड
मजबूत-हड्डियों-के-लिए-आहार

Most Read

गर्भ-में-लड़का-होने-के-लक्षण-इन-हिंदी
बच्चे-का-वजन
टीकाकरण-चार्ट-2018
शिशु-का-वजन-बढ़ाएं
बच्चों-में-यूरिन
बच्चों-को-गोरा-करने-का-तरीका-
कई-दिनों-से-जुकाम
खांसी-की-अचूक-दवा
बंद-नाक
balgam-wali-khansi-ka-desi-ilaj
sardi-jukam
सर्दी-जुकाम-की-दवा
बच्चे-की-भूख-बढ़ाने-के-घरेलू-नुस्खे

Other Articles

10 टिप्स - नवजात शिशुओं में कब्ज की समस्या का तुरंत समाधान
शिशुओं-में-कब्ज-की-समस्या 10 ऐसे आसान तरीके जिनकी सहायता से आप अपने नवजात शिशु में कब्ज की समस्या का तुरंत समाधान कर पाएंगी। शिशु के जन्म के शुरुआती दिनों में कब्ज की समस्या का होना बहुत ही आम बात है। अपने बच्चे को कब्ज की समस्या से होने वाले तकलीफ से गुजरते हुए देखना किसी भी मां-बाप के लिए आसान नहीं होता है। जो बच्चे सिर्फ स्तनपान पर निर्भर रहते हैं उन्हें हर दिन मल त्याग करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मां के दूध में उपलब्ध सभी पोषक तत्व शिशु का शरीर ग्रहण कर लेता है। यह बहुत ही आम बात है। प्रायर यह भी देखा गया है कि जो बच्चे पूरी तरह से स्तनपान पर निर्भर रहते हैं उनमें कब्ज की समस्या भी बहुत कम होती है या नहीं के बराबर होती है। जो बच्चे फार्मूला दूध पर निर्भर रहते हैं उन्हें प्रायः देखा गया है कि वे दिन में तीन से चार बार मल त्याग करते हैं - या फिर कुछ ऐसे भी बच्चे हैं जिन्हें अगर फार्मूला दूध दिया जाए तो वह हर कुछ कुछ दिन रुक कर मल त्याग करते हैं।
Read More...

कैल्शियम से भरपूर आहार जो बनायें बच्चों को मजबूत और स्मार्ट
कैल्शियम-से-भरपूर-आहार-जो-बनायें-बच्चों-को-मजबूत बच्चों को उनके उम्र और वजन के अनुसार हर दिन 700-1000 मिग्रा कैल्शियम की आवश्यकता पड़ती है जिसे संतुलित आहार के माध्यम से आसानी से पूरा किया जा सकता है। एक साल से कम उम्र के बच्चों को 250-300 मिग्रा कैल्शियम की जरुरत पड़ती है। किशोर अवस्था के बच्चों को हर दिन 1300 मिग्रा, तथा व्यस्क और बुजुर्गों को 1000-1300 मिग्रा कैल्शियम आहारों के माध्यम से लेने की आवश्यकता पड़ती है।
Read More...

बच्चों के मसूड़ों के दर्द को ठीक करने का तरीका
बच्चों-के-मसूड़ों-के-दर्द-को-ठीक-करने-का-तरीका छोटे बच्चों के मसूड़ों के दर्द को तुरंत ठीक करने का घरेलु उपाय हम आप को इस लेख में बताएँगे। शिशु के मसूड़ों से सम्बंधित तमाम परेशानियों को घरेलु नुस्खे के दुवारा ठीक किया जा सकता है। घरेलु उपाय के दुवारा बच्चों के मसूड़ों के दर्द को ठीक करने का सबसे बड़ा फायेदा ये होता है की उनका कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं होता है। यह शिशु के नाजुक शारीर के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं और इनसे किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन होने का भी डर नहीं रहता है। लेकिन बच्चों का घरेलु उपचार करते समय आप को एक बात का ध्यान रखना है की जो घरेलु उपचार बड़ों के लिए होते हैं - जरुरी नहीं की बच्चों के लिए भी वह सुरक्षित हों। उदाहरण के लिए जब बड़ों के मसूड़ों में दरद होता है तो दांतों के बीच लोंग दबा लेने से आराम पहुँचता है। लेकिन यह विधि बच्चों के लिए ठीक नहीं है क्यूंकि इससे बच्चों को लोंग के तेल से छाले पड़ सकते हैं। बच्चों के लिए जो घरेलु उपाय निर्धारित हैं, केवल उन्ही का इस्तेमाल करें बच्चों के मसूड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए।
Read More...

गर्भ में लड़का होने के क्या लक्षण हैं?
गर्भ-में-लड़का-होने-के-लक्षण-इन-हिंदी आसन घरेलु तरीके से पता कीजिये की गर्भ में लड़का है या लड़की (garbh me ladka ya ladki)। इस लेख में आप पढेंगी गर्भ में लड़का होने के लक्षण इन हिंदी (garbh me ladka hone ke lakshan/nishani in hindi)। सम्पूर्ण जनकरी आप को मिलेगी Pregnancy tips in hindi for baby boy से सम्बंधित। लड़का होने की दवा (ladka hone ki dawa) की भी जानकारी लेख के आंत में दी जाएगी।
Read More...

Top 5 Best Baby Carriers and Slings 2018 - 2019
Best-Baby-Carriers A perfect sling or carrier is designed with a purpose to keep your baby safe and close to you, your your little one can enjoy the love, warmth and closeness. Its actually even better if you also have a toddler in a pram.
Read More...

5 घरेलु उपाय शिशु को जुकाम से राहत दिलाने के लिए (khasi ki dawa)
khasi-ki-dawa ठण्ड के दिनों में बच्चों को बहुत आसानी से जुकाम लग जाता है। जुकाम के घरेलू उपाय से आप अपने बच्चे के jukam ka ilaj आसानी से ठीक कर सकती हैं। इसके लिए jukam ki dawa की भी जरुरत नहीं है। बच्चों के शारीर में रोग प्रतिरोधक छमता इतनी मजबूत नहीं होती है की जुकाम के संक्रमण से अपना बचाव (khud zukam ka ilaj) कर सके - लेकिन इसके लिए डोक्टर के पास जाने की आवशकता नहीं है। (zukam in english, jukam in english)
Read More...

कॉलरा का टीका - Schedule और Side Effects
कॉलरा कॉलरा वैक्सीन (Cholera Vaccine in Hindi) - हिंदी, - कॉलरा का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
Read More...

मुँह में दिया जाने वाला पोलियो वैक्सीन (OPV) - Schedule और Side Effects
OPV पोलियो वैक्सीन OPV (Polio Vaccine in Hindi) - हिंदी, - पोलियो का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
Read More...

टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन (TCV 1 & TCV2) - Schedule और Side Effects
टाइफाइड-कन्जुगेटेड-वैक्सीन टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन (TCV 1 & TCV2) (Typhoid Conjugate Vaccine in Hindi) - हिंदी, - टाइफाइड का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
Read More...

गर्भावस्था के बाद ऐसे रहें फिट और तंदुरुस्त
गर्भावस्था गर्भावस्था के बाद तंदरुस्ती बनाये रखना बहुत ही चुनौती पूर्ण होता है। लेकिन कुछ छोटी-मोती बातों का अगर ख्याल रखा जाये तो आप अपनी पहली जैसी शारीरिक रौनक बार्कर रख पाएंगी। उदहारण के तौर पे हर-बार स्तनपान कराने से करीब 500 600 कैलोरी का क्षय होता है। इतनी कैलोरी का क्षय करने के लिए आपको GYM मैं बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।
Read More...

जो बच्चे जल्दी चलना सीखते हैं बड़े होने पे उनकी हड्डियाँ ज्यादा मजबूत होती है|
हड्डियाँ-ज्यादा-मजबूत जब बच्चे इस तरह के खेल खेलते हैं तो उनके हड्डीयौं पे दबाव पड़ता है - जिसकी वजह से चौड़ी और घनिष्ट हो जाती हैं। इसका नतीजा यह होता है की इन बच्चों की हड्डियाँ दुसरे बच्चों के मुकाबले ज्यादा मजूब हो जाती है।
Read More...

आटे का हलुआ बनाने की विधि
आटे-का-हलुआ आटे का हलुवा इतना पौष्टिक होता है की इसे गर्भवती महिलाओं को खिलाया जाता है| आटे का हलुआ शिशु में ठोस आहार शुरू करने के लिए सबसे बेहतरीन शिशु आहार है। आटे का हलुवा शिशु के लिए उचित और सन्तुलित आहार है|
Read More...

स्मार्ट एक्टिविटीज वाली वेब-साइट्स जो रखें बच्चों को गर्मियों में व्यस्त
स्मार्ट-एक्टिविटीज-J-M-Group-India- गर्मी की छुट्टियों में बच्चे घर पर रहकर बहूत शैतानी करते है ऐसे में बच्चो को व्यस्त रखने के लिए फन ऐक्टिविटीज (summer fun activities for kids) का होना बहूत जरूरी है! इसके लिए कुछ ऐसी वेबसाइट मोजूद है जो आपकी मदद कर सकती है! आइये जानते है कुछ ऐसी ही ख़ास फन ऐक्टिविटी वाली वेबसाइट्स (websites for children summer activities) के बारे में जो फ्री होने के साथ बहूत लाभकारी भी है! J M Group India के संस्थापक बालाजी के अनुसार कुछ ज्ञान वर्धक बातें।
Read More...

सेब से बना पुडिंग बच्चों के लिए
सेब-पुडिंग सेब और चावल से बना ये पुडिंग बच्चों को बहुत पसंद आता है। साथ ही यह बच्चे के स्वस्थ्य के लिए बहुत लाभप्रद भी है। इस रेसिपी से शिशु को सेब के साथ चावल के भी पोषक तत्वों मिल जाते हैं। सेब से बना ये पुडिंग शिशु को आसानी इ पच जाता है।
Read More...

सेब और सूजी का खीर 6 to 9 month बच्चों के लिए
सेब-बेबी-फ़ूड सेब और सूजी का खीर बड़े बड़ों सबको पसंद आता है। मगर आप इसे छोटे बच्चों को भी शिशु-आहार के रूप में खिला सकते हैं। सूजी से शिशु को प्रोटीन और कार्बोहायड्रेट मिलता है और सेब से विटामिन, मिनरल्स और ढेरों पोषक तत्त्व मिलते हैं।
Read More...

घर का बना सेरेलक बच्चों के लिए - Home Made Cerelac
सेरेलक कैसे बनाये अपने नन्हे शिशु के लिए घर में ही rice cerelac (Homemade cerelac)। घर का बना सेरेलेक (Home Made Cerelac for Babies) के हैं ढेरों फायेदे। बाजार निर्मित सेरेलक के साइड इफेक्ट हैं बहुत जिनके बारे में आप पढेंगे इस लेख मैं।
Read More...

शिशु को टीके की बूस्टर खुराक दिलवाना क्यों जरुरी है?
टीके-की-बूस्टर-खुराक बच्चे के जन्म के समय लगने वाले टीके के प्रभाव को बढ़ाने के लिए बूस्टर खुराकें दी जाती हैं। समय बीतने के पश्चात, एंटीबॉडीज का असर भी कम होने लगता है। फल स्वरूप बच्चे के शरीर में बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। बूस्टर खुराक बच्चे के शरीर में एंटीबॉडीज का जरुरी लेवल बनाए रखती है।बूस्टर खुराकें आपके बच्चे को रोगों से सुरक्षित व संरक्षित रखती हैं।
Read More...

बच्चों में चेचक बीमारी: लक्षण, कारण, बचाव और इलाज
बच्चों-में-चेचक चेचक को बड़ी माता और छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है। बच्चों में चेचक बीमारी के वायरस थूक, यूरिन और नाखूनों आदि में पाएं जाते हैं। यह वायरस हवा में घुलकर साँस के द्वारा बच्चे के शरीर में आसानी से प्रवेश करते हैं। इस रोग को आयुर्वेद में मसूरिका के नाम से भी जाना जाता है।
Read More...

बच्चों में खाने से एलर्जी
बच्चों-में-खाने-से-एलर्जी विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2050 तक दुनिया के लगभग आधे बच्चों को किसी न किसी प्रकार की एलर्जी होगा। जन्म के समय जिन बच्चों का भार कम होता है, उन बच्चों में इस रोग की संभावना अधिक होती है क्यों कि ये बच्चे कुपोषण के शिकार होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें सबसे आम दमा, एक्जिमा, पित्ती (त्वचा पर चकत्ते) और भोजन से संबंधित हैं।
Read More...

बच्चों को सर्दी जुकाम से कैसे बचाएं
सर्दी-जुकाम-से-बचाव छोटे बच्चों की प्रतिरोधक छमता बड़ों की तरह पूरी तरह developed नहीं होती। इस वजह से यदि उनको बिमारियों से नहीं बचाया जाये तो उनका शरीर आसानी से किसी भी बीमारी से ग्रसित हो सकता है। लकिन भारतीय सभ्यता में बहुत प्रकार के घरेलू नुस्खें हैं जिनका इस्तेमाल कर के बच्चों को बिमारियों से बचाया जा सकता है, विशेष करके बदलते मौसम में होने वाले बिमारियों से, जैसे की सर्दी।
Read More...

Copyright: Kidhealthcenter.com