Category: बच्चों की परवरिश
By: Vandana Srivastava | ☺6 min read
संगती का बच्चों पे गहरा प्रभाव पड़ता है| बच्चे दोस्ती करना सीखते हैं, दोस्तों के साथ व्यहार करना सीखते हैं, क्या बात करना चाहिए और क्या नहीं ये सीखते हैं, आत्मसम्मान, अस्वीकार की स्थिति, स्कूल में किस तरह adjust करना और अपने भावनाओं पे कैसे काबू पाना है ये सीखते हैं| Peer relationships, peer interaction, children's development, Peer Influence the Behavior, Children's Socialization, Negative Effects, Social Skill Development, Cognitive Development, Child Behavior
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से प्रथक होकर रहना उसके लिए बहुत कठिन है। समाज में विविध प्रकृति एवम रुचियों के व्यक्ति रहते हैं। घर के बाहर, सड़कों पर, स्कूल में, सभा में, विभिन्न लोगों के साथ, विभिन्न व्यवहार करना होता है। मनुष्य सबसे कमजोर प्राणी होता है। बिना संगति के एकाकी जीवन व्यतीत नहीं करता। जन्म के कुछ समय के बाद सुरक्षा के रूप में संबल की आवश्यकता पड़ती है। एक लंबी आयु तक माता - पिता के आश्रय की आवश्यकता पड़ती है। इस के बाद वह विभिन्न संबलों के सहारे आगे बढ़ता है, आजीवन दूसरों के सहारे जीता है, इसलिए वह स्वभावता संगति पसंद होता है।
बच्चा जब- तक माता पिता के संपर्क में रहता है, तब तक पारिवारिक संस्कार उसपर प्रभावी रहते हैं। जैसे ही वह परिवार से निकलकर बाह्य समाज में पदार्पण करता है, उस पर सर्वप्रथम संगति का प्रभाव पड़ता है। जिन व्यक्तियों का प्रभाव उस पर सबसे पहले पड़ता है। वह उसी के प्रभाव को ग्रहण कर लेता है। अगर बच्चा सबसे पहले बुरे संगती के प्रभाव में आता है तो उसके जीवन पे बुरा प्रभाव पड़ता है। और अगर बच्चा अच्छे संगती में आता है तो उसके जीवन पे अच्छा प्रभाव पड़ता है। ये माँ-बाप की जिमेदारी है की देखें की उनका बच्चा बाल अवस्था से ले के युवा अवस्था तक किन लोगों की संगती मैं है। जिन लोगों का बचपन अच्छे बच्चों के संगती में बीतता, वे युवा अवस्था में और बाकि के जिंदगी में भी अच्छी संगती में ही रहना पसंद करते हैं। बच्चों के जीवन में किस संगती का जायदा प्रभाव पड़ा, ये बहुत हद तक माँ-बाप पे निर्भर करता है। माँ-बाप को हमेशा बच्चों को अच्छी संगती में रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। बच्चों में सोचने - समझने की छमता नहीं होती है। माँ-बाप अपनी मेहनत से बच्चों को अच्छे और बुरे संगती में फर्क करना सिखाते हैं।
जो माँ-बाप अपने बच्चो को अच्छे और बुरे संगती में फर्क करना नहीं सिखाये उनके बच्चे जब युवा अवस्था में पहुँचते हैं तो उनमे सोचने समझने की क्षमता नहीं होती है, इस प्रकार जो उसे पसंद आता है, मित्रता कर लेता है। उचित अनुचित की परख न होने के कारण वह कुसंगति में शीघ्रता से पड़ जाता है। खेल - खेल में, हंसी-मजाक में, जोश में, प्रथम अनुभव ही उसके जीवन को चौपट कर देता है। कुसंगति का प्रभाव शीघ्रता से युवा मन में अपनी जड़े जमा लेता है। उसे अपनी गलती की अनुभूति तब होती है, जब बुराइयों में डूब जाता है। - इन सब में माँ-बाप का भी दोष है। दुःख होता है ऐसे बच्चों और युवाओं के बारे मैं सोच कर। काश इन बच्चों के माँ-बाप ने अपनी जिमेदारी समझी होती।
अच्छे व्यक्तियों की संगति हमेशा अच्छी होती है, अच्छी संगति का जीवन में बहुत महत्व होता है। समाज के निर्माण में, मनुष्य के निर्माण में अच्छी संगति का बहुत योगदान है।सभी मंगलकारी कार्यों का मूल्य सत्संगति है। जैसी संगति में बच्चा उठता - बैठता है, उसी के समझ गए उसी के अनुरूप उसका मूल्यांकन किया जाता है। सत्संगति सदा हितकारी होती है। जिस प्रकार स्वाति नक्षत्र में वर्षा के जल की एक बूंद यदि केले के पेड़ में पड़ जाए तो कपूर बन जाती है। यदि सीप के मुख में पड़ जाये तो मोती बन जाती है। यदि सर्प के मुख में पड़ जाये तो विष बन जाती है। इसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति पर संगती का प्रभाव पड़ ता है।
अच्छे दोस्त की संगति सत्संगति कही जाती है सत्संगति मनुष्य को बहुत ही ऊंचा उठा सकती है और बुरी संगति नीचे गिरा सकती है सत्संगति का बहुत ही महत्व है कहा जाता है कि अच्छे मित्र का मिलना का मिलना बहुत ही भाग्य की बात होती है क्योंकि अच्छा मित्र उसे अच्छे रास्ते पर ले जा सकता है अच्छी संगति होने के कुछ लाभ हैं आप जैसे जैसे आपका बच्चा कोई भी काम करने से पहले अपने मित्र से सलाह ले कर उस काम को शुरू करेगा दूसरा लाभ यह है कि उसका मित्र उसे अच्छे रास्ते पर चलने की हिदायत देगा अच्छे मित्र के माध्यम से वह बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को बाधाओं को दूर कर लेगा यदि वह अकेले हैं तो यह मार्ग उसके लिए बहुत ही कठिन होगा अच्छी संगति के माध्यम से बहुत सारे प्रश्नों का हल स्वयं मिल जाता है बच्चे के दिमाग में किसी भी तरह की कठिनाई नहीं रह नहीं पाती है।
अच्छी संगति से मनुष्य अच्छे मार्ग पर चल पड़ता है, वह दूसरों के अच्छे विचार और अच्छे आचरण को देख कर व्यवहार करता है। भगत सिंह क्रांतिकारियों की संगति में आये तो क्रांतिकारी बन गए, सत्संगति ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी।
बुरी संगती का बच्चों के विकास पे बुरा असर पड़ता है और अच्छी संगती का अच्छा प्रभाव। बच्चों का उनके साथियोँ के साथ कैसा संवाद होता है, या बच्चे किस तरह दूसरों के साथ समय बिताते हैं, उसका बच्चों के शुरुआती दिनों से ही उनके व्यक्तित्व पे प्रभाव पड़ने लगता है।
बचपन की दोस्ती का बच्चों के बाकी के जिंदगी पे असर पड़ता है। बचपन में दोस्तों के साथ बिता समय बच्चों के विकास में, विशेषकर उनके सिखने की छमता को बेहतर बना सकता है या ख़राब कर सकता है - निर्भर करता है की बच्चे का समय अच्छी संगती में बिता या ख़राब संगति मैं।
बच्चों का व्यहार कैसा है या आगे चलकर कैसा होगा, इस पे सबसे ज्यादा प्रभाव उनके साथियों का पड़ता है। जब बच्चे हमउम्र दूसरे बच्चों के साथ interact करते हैं तो वे सीखते हैं की उन्हें team work किस तरह करना चाहिए या दूसरों के साथ की तरह cooperate या collaborate करना चाहिए। बच्चों का उनके साथियोँ के साथ बिता समय उनके communication skills का भी विकास करता है। बच्चे अपने साथियोँ के साथ रहते समय सीखते हैं की उन्हें किस तरह का बर्ताव दूसरों के साथ नहीं करना चाहिए, और कौन सी बातें किस तरह से कही जनि चाहिए ताकि उनके साथियोँ को बुरा न लगे।
दोस्तों और साथियोँ का बच्चों के Cognitive Development पे बहुत तरह से प्रभाव पड़ता है। जब बच्चे सीखते हैं group activity के द्वारा सहयोग करना, तो वे अपने विचारों को, अपने पसंद/नापसंद को दोस्तों के साथ साझा करना सीखते हैं। जिन बच्चों को ये अवसर मिलता है की वे विभिन्न प्रकार के learning और recreational activities में हिस्सा लें, उन बच्चों में रचनात्मक (creative) और समस्या का निवारण (problem solving) के गुणों का विकास होता है। आप अपने बच्चे को सदैव तरह-तरह के extracurricular activities में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चे दोस्त बनाना भी सीखते हैं और व्याहारिक गुण भी सीखते हैं।
दोस्तों का और साथियोँ का बहुत गहरा प्रभाव बच्चों के शारीरिक विकास पे पड़ता है। जब छोटे बच्चे बहार खेलने के लिए इकट्ठा होते हैं तो जिस प्रकार के शारीरिक क्रिया कलापों में वो संलिप्त होता हैं, वो उन्हें शारीरिक रूप से ताकतवर और स्वस्थ बनता है। बच्चों को प्रोत्साहित करें की वे ऐसे खेल खेलें जिनमें ज्यादा शारीरिक ताकत की आवश्यकता होती है जैसे की रस्सी खींचना (tag a war), लुका छिप्पी (hide and seek) वगेराह।
अच्छी संगति का व्यक्ति के जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। जैसे:
अपने बच्चे को आप इस प्रकार अच्छी संगति से, एक अच्छा इंसान बना सकती हैं।
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