Category: बच्चों की परवरिश
By: Vandana Srivastava | ☺2 min read
हमें आपने बच्चों को मातृभूमि से प्रेम करने की शिक्षा देनी चाहिए तथा उनके अंदर ये भावना पैदा करनी चाहिए की वे अपने देश के प्रति समर्पित रहें और ये सोचे की हमने अपने देश के लिए क्या किया है। वे यह न सोचे की देश ने उनके लिए क्या किया है। Independence Day Celebrations India गणतंत्र दिवस भारत नरेन्द्र मोदी 15 August 2017
हमारे देश के प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मातृभूमि से हमेशा प्यार करना चाहिए तथा उसके लिए सब कुछ न्योछावर कर देना चाहिए। बच्चा जिस देश अथवा समाज में पैदा होता हैं ,उसकी ही उन्नति एवं विकास में सहयोग देता है तथा उस के प्रति प्रेम की भावना भी रखता हैं।आज आज़ादी के 70 वर्ष पूरे होने को हैं। इस वर्ष - गाँठ के अवसर पर , इस देश के प्रत्येक बच्चे को, जो कि भारत के भविष्य हैं अपनी मातृभूमि के प्रति प्रेम , समर्पण और अभिमान की भावना होनी चाहिए।
हमें आपने बच्चों को मातृभूमि से प्रेम करने की शिक्षा देनी चाहिए तथा उनके अंदर ये भावना पैदा करनी चाहिए की वे अपने देश के प्रति समर्पित रहें और ये सोचे की हमने अपने देश के लिए क्या किया है। वे यह न सोचे की देश ने उनके लिए क्या किया है।
Related term: Independence Day Celebrations India गणतंत्र दिवस भारत नरेन्द्र मोदी 15 August 2017
बच्चो में अपने देश के प्रति देश - भक्ति की भावना होनी चाहिए। देश के लिए किया गया हर एक कार्य देश भक्ति कहलाता है। एक देशभक्त का अपने देश के लिए कर्तव्य तो जन्म से ही शुरू हो जाता है। अपने देश के लिए लगाव प्रत्येक बच्चे को होता है।एक सच्चा देशभक्त दूसरों में भी देश भक्ति की भावना पैदाकर सकता है। देशभक्ति की भावना मनुष्य की उच्चतम भावना है। जिस मनुष्य में देश के प्रति लगाव नहीं वह तो मृतक के समान है।
"जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है।
वह नर नहीं, निरा पशु है और मृतक सामान है।।"
देशभक्ति तो एक दीवानगी है। इतिहास साक्षी है, हमारे देश में अनेक महान देशभक्तों ने जन्म लिया है। इनमें से वे सब लोग शामिल जिन्होंने देश के लिए स्वयं को न्योछावर कर दिया और वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने देश के विकास के लिए निरंतर प्रयास किया। देशभक्तों की सूची में महाराणा प्रताप का नाम सम्मान से लिया जाता हैं, जिन्होंने भारत को मुगलो से आजाद करवाने की गौरवपूर्ण कोशिश की थी। महारानी लक्ष्मी बाई तथा मंगल पांडेय ने स्वतंत्रता आंदोलन का बिगुल बजाया था। इसी देश - भक्ति के लिए भगत सिंह ने फाँसी को गले लगा लिया था। बापू ने गोली खाई। इसके अलावा, वीर शिवाजी , टीपू सुल्तान , सुभाष चंद्र बोस आदि ऐसे देश भक्त रहे हैं जिनका नाम स्वर्णिम अक्षरो में लिखा जाता हैं।
आप अपने बच्चे को इन देशभक्तों तथा वीर सपूतों की कहानियां सुनाएं तथा वीरता से भरी हुई कवितायेँ जैसे झाँसी की रानी , महाराणा प्रताप तथा वीर शिवाजी की गाथाएं सुनाएं जिससे बच्चे के अंदर वीरता तथा देशभक्ति की भावना पनप सके।
एक सच्चा देश - भक्त दूसरों में भी देश - भक्ति की भावना पैदा करता हैं। देश - भक्ति की पहचान मनुष्य के कर्तव्यों के माध्यम से होती हैं। देश - भक्त केवल वह नहीं होता जो देश के लिए जान देता हैं ,बल्कि वह भी होता हैं जिसका एक - एक क्षण देश के हित में लगा रहता हैं। इस देश का हर बच्चा जो अपनी मातृभूमि से प्रेम करता हैं , सैनिक है।
आज हम स्वतंत्र हैं। हमारा संविधान, राष्ट्रगान, राष्ट्रध्वज, सब एक ही है। हमारे बच्चों को यह नहीं भूलना चाहिए की हम जिस क्षेत्र, जाति या समुदाय के हैं, उसके पूर्व हम भारतीय हैं। भारतीयता हमारी वास्तविक पहचान है। हमें अपने राष्ट्रीय प्रतीकों व संविधान का सम्मान करना चाहिए तथा राष्ट्रीय एकता को बनाये रखना चाहिए।
"जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।"
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