Category: बच्चों का पोषण
By: Udit | ☺15 min read
बच्चों को बुद्धिमान बनाने के लिए जरुरी है की उनके साथ खूब इंटरेक्शन (बातें करें, कहानियां सुनाये) किया जाये और ऐसे खेलों को खेला जाएँ जो उनके बुद्धि का विकास करे। साथ ही यह भी जरुरी है की बच्चों पर्याप्त मात्रा में सोएं ताकि उनके मस्तिष्क को पूरा आराम मिल सके। इस लेख में आप पढेंगी हर उस पहलु के बारे में जो शिशु के दिमागी विकास के लिए बहुत जरुरी है।
हर मां-बाप की इच्छा होती है कि उनका बच्चा बुद्धिमान बने। बच्चों को बुद्धिमान बनाने के लिए मां-बाप को अपनी तरफ से थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। यह काम उतना कठिन नहीं है जितना कि सुनने में लगता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप किस तरह से कुछ सरल तरीकों से खेल-खेल में अपने बच्चों को बुद्धिमान बना सकते हैं।
बच्चों के दिमाग का विकास उनके माता-पिता पर निर्भर करता है। उनकी पहली शिक्षा घर से ही होती है। इसलिए उन्हें जो भी
शिक्षा दी जाएगी वह उन्हें जिंदगी भर याद रहती है। बच्चों का IQ बढ़ने के लिए ये रहे कुछ प्रमुख तरीके:
बच्चों के दिमाग की एक विशेषता होती है कि वह बड़ों की तुलना में चीजों को बहुत ही तेजी से सीख लेते हैं। इसलिए बच्चों को खेल के द्वारा बहुत कुछ सिखाया जा सकता है।
समय-समय पर उनके साथ छोटे-छोटे दिमागी खेलों को खेला जाए तो उनके दिमाग का विकास बहुत तेजी से होता है।
बच्चों के दिमाग के विकास के लिए उनके साथ समय समय पर ऐसे खेल को खेले जिनसे उनको कुछ कुछ जानकारी मिलती रहे क्योंकि यह जानकारी उनके साथ जिंदगी भर रहती है।
अमेरिका में हुए शोध से यह पता चला है। बच्चों के दिमाग के विकास के लिए दोपहर में उनको भरपूर नींद की आवश्यकता होती है।
खाना खाने के बाद करीब 1 से डेढ़ घंटे की नींद बच्चों के दिमाग के विकास से बहुत अच्छा प्रभाव डालती है साथ ही साथ उनकी याददाश्त बहुत तेजी से बढ़ती है।
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शोधकर्ताओं ने बच्चों के दिमाग के विकास के बारे में यह बताया है कि दोपहर में होने वाली नींद से बच्चों की शारीरिक क्रिया बहुत अच्छी रहती है जिसकी वजह से उनके दिमाग का विकास बहुत तेजी से होता है
इसलिए सभी माता-पिता को यह सुझाव दिया जाता है कि अपने बच्चों को वह दिन में कम से कम एक 1 घंटे आवश्यक रुप से अपने बच्चों को सुलाएं।
बच्चे का मां के प्रति लगाव होना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि मां बच्चों के दिमाग के विकास में बहुत अच्छी भूमिका निभा सकती हैं
मां का बच्चे के प्रति हो रहा है। व्यवहार उसके दिमाग के विकास में बहुत प्रभाव डालता है इसलिए मां को हर एक छोटी सी छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए जो उसके बच्चे के विकास के साथ-साथ उसके दिमाग के विकास मे भी सहायक हो शोध के अनुसार जिन बच्चों का मां के साथ लगाव बहुत अच्छा होता है।
उन बच्चों के दिमाग के हिप्पोकैंपस क्षेत्र में नर्व कोशिकाएं बहुत अच्छे से विकास करती हैं जिससे बच्चे का दिमाग काफी तेज होता है व बच्चे की समझने की और कार्य करने की क्षमता बहुत तेज हो जाती है।
नंबर्स गेम्स बच्चों के दिमाग के विकास के लिए बहुत अच्छा गेम होता है। ऐसे बच्चे जिनको गिनती अच्छे से आती है उनके साथ यह खेल खेल कर उनकी यादाश्त शक्ति को बढ़ाया जा सकता है।
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इस खेल में बच्चे के साथ 1 से 20 तक की गिनती में बीच-बीच में को भी अंक छोड़ देते हैं और उन छूटे हुए अंक को बच्चे से पूछते हैं।
जिससे उस छूटे अंक पर बच्चे के दिमाग से जब जोर पड़ता है तो एकाग्रता के कारण उसकी यादाश्त शक्ति बहुत तेज होती जाती है तथा मनोरंजन में ही दिमाग का विकास काफी अच्छे से हो जाता है।
यह गेम छोटे बच्चों के लिए बहुत अच्छा होता है। इसमें अपने बच्चे के सामने कोई भी शब्द बोलते हैं और उस शब्द का ऑब्जेक्टिव बताने के लिए उसे कहते हैं।
लेकिन इस खेल को खेलते समय इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है। कि बच्चे से वही शब्द बोले जो उसे अच्छे से समझ आते हैं।
ऐसे शब्दों का प्रयोग ना करें जो उनके समझ से बाहर के हो साथ ही साथ बच्चे से हो रही गलती को आवश्यक रुप से उन्हें बताते रहे जिनसे उन्हें सही व गलत का अंदाजा होता रहे।
यह एक बहुत ही रोमांचक खेल होता है। जिसकी सहायता से बच्चों के दिमाग की एकाग्रता काफी तीव्र गति से बढ़ती है। इसमें बच्चे के साथ खेलते समय उन्हें एक अच्छा सा टंग ट्विस्टर सही तरीके से गाने को कहते हैं।
जैसे चंदू के चाचा ने चंदू की चाची को चांदनी चौक पर चांदी के चम्मच से चटनी चटाई इस प्रकार के टंग ट्विस्टर जैसे खेल बच्चों को बहुत पसंद भी आते हैं तथा इसमें एक ही शब्द से जुड़े बहुत से शब्द होते हैं। जो बच्चे के दिमाग को एकाग्र बनाए रखते हैं।
ऐसे अनोखे खेल बच्चे बहुत पसंद भी करते हैं तथा बच्चों के साथ ऐसे खेल खेलते रहने से व उनके द्वारा बार-बार ऐसा करते रहने से बच्चे के दिमाग का विकास बहुत ही अच्छे तरीके से होने लगता है।
बच्चे के विकास के हिसाब से समय-समय पर उनके सामने कुछ नए नए शब्दों का भी प्रयोग करते रहना चाहिए जिससे वह पीछे सीखे कुछ शब्दों के साथ-साथ और नए शब्दों को भी सीखते जाते हैं जैसा कि जानते हैं।
कि बच्चों का दिमाग बहुत तेजी से चीजों को सीखने में सक्षम होता है इसीलिए नए शब्दों के अर्थ भी उनको बताते रहना चाहिए साथ ही साथ नए शब्दों का उनसे अभ्यास भी करवाते रहना चाहिए।
ऐसा करवाने से बच्चे के दिमाग में शब्द एकत्र होने लगते हैं जिससे उनकी याददाश्त क्षमता और बढ़ती जाती है।
यह बहुत ही महत्वपूर्ण बात है कि बच्चे के मन में सवाल जब वह कुछ नई चीजों को देखते हैं या जब TV पर कोई कार्यक्रम देखते हैं तब आते हैं। स्थिति में अभिभावक को हमेशा ध्यान देना चाहिए कि बच्चे ने किस चीज से संबंधित प्रश्न किए हैं तथा उन प्रश्नों का बच्चे को सदैव सही-सही जवाब देते रहना चाहिए।
गलत जवाब देने से उन्हें वह बातें गलत ही समझ आती हैं और वह उनके भविष्य में समस्या उत्पन्न कर सकती हैं। बच्चे को सही जवाब देने के साथ ही उसका मतलब भी समझाना चाहिए।
इसीलिए अभिभावक को बच्चों का प्राथमिक विद्यालय भी कहा जाता है उनसे प्राप्त शिक्षा बच्चे के जीवन काल तक जुड़ी रहती है।
इसलिए बच्चे का भविष्य व उनके दिमाग का विकास उनके अभिभावक द्वारा दिए गए जवाब ऊपर भी निर्भर करता है।
अपनी भागदौड़ की जिंदगी से अभिभावकों को समय निकालकर अपने बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए तथा उनसे उनकी दिनचर्या के बारे में पूछना चाहिए।
ऐसा करने से बच्चा कभी अकेलापन नहीं महसूस करता है। क्योंकि अकेलापन महसूस करने पर बच्चे के दिमाग पर बहुत दुष्प्रभाव पड़ता है। जिससे आगे चलकर बच्चे को बहुत सी बीमारियां भी हो सकती हैं।
इसलिए जितना हो सके अपने बच्चे के साथ समय बिताने की कोशिश करें उनके साथ तरह तरह के खेल खेले हैं जैसे कलर गेम्स नंबर गेम्स ड्राइंग पज़ल्स आदि।
इस प्रकार के खेल खेलने से उनके दिमाग का विकास बहुत अच्छे से होता है तथा अभिभावक का अच्छा वातावरण बच्चे के स्वास्थ्य के साथ साथ दिमाग दिमाग को भी विकसित करता है।
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डॉक्टरी रूप से यह सलाह दी जाती है अभिभावकों को कि वह अपने बच्चे से बातों को शेयर करते रहें तथा उनके समस्याओं को सुनें वह उसका जल्द से जल्द निवारण करें।
साथ ही साथ बच्चों के खान पान को भी देखते रहें उनसे उनके दिन के बारे में पूछे दोस्तों के बारे में पूछे स्कूल के बारे में पूछे। उस हिसाब से उन्हें सलाह देते रहे तथा उनसे घुले मिले रहे हैं।
उनको अपने दिनचर्या के बारे में भी बताएं तथा कुछ हास्य बातों के साथ उनका मनोरंजन करते रहें। जिससे बच्चे का अपने अभिभावक के प्रति लगाव बना रहे तथा वह किसी भी प्रकार के बाद को अपने अभिभावक से शेयर करने में संकोच ना करें।
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सभी अभिभावक को अपने बच्चे बुद्धिमान और शक्तिशाली दिखते हैं। लेकिन उनको चाहिए कि वह अपने बच्चों में पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ कुछ विशेष लक्षणों को भी देखते रहे जैसे उनकी रुचि किस चीज में है।
इससे उनकी विशेषता का अभिभावक को ज्ञान होता है अत्यधिक बुद्धिमान होते हैं उनकी विशेषताएं अपने आप सामने आने लगती हैं।
उनके काम करने का तरीका उनका खेल व वह पढ़ाई में समझने की या याद करने की क्षमता बच्चों के इंटेलिजेंट होने की विशेषता को बताते हैं।
ध्यान दें- छोटी अवस्था में ही आपके आई कांटेक्ट व आपकी वॉइस कनेक्शन को अच्छे से समझता है तो इसका मतलब यह है कि आपका बच्चा इंटेलिजेंट है क्योंकि यह वह प्राथमिक अवस्था होती है जिसमें अंदाजा लगाया जा सकता है कि आपके बच्चे का शारीरिक व मानसिक विकास सही रूप से हुआ है तथा आपको कितनी और आवश्यकता है उस पर ध्यान देने की यह एक बहुत ही अच्छा लक्षण होता है जो बच्चे की इंटेलिजेंट होने का प्रमाण देता है।
कठिन काम को आसानी से वह समय से पहले करना- यदि आपका बच्चा किसी कठिन काम को बहुत ही सरलता से कर देता है वह उसमे लग रहे समय से भी जल्दी उस काम को कर लेता है तो इसका मतलब है कि आपका बच्चा किसी ना किसी रूप से इंटेलिजेंट है क्योंकि किसी भी कठिन काम को आसानी से कर देना हर बच्चे की बात नहीं होती है और किसी भी काम को समय से पहले कर देना इसका यह मतलब होता है कि वह बच्चा उस काम को कितने आसानी से समझ कर उसमें अपना समय कम खर्च करते हुए उस काम को समय से पहले पूर्ण कर लेता है।
शार्प मेमोरी- जब आप बच्चे को सिखाते हैं यह समझाते हैं यह बच्चा पड़ता है तो अगर वह उन सब चीजों को बहुत आसानी से सीख लेता है समझ लेता है वह उनको पढ़ाई हुई चीजें बहुत अच्छे से वह बहुत समय तक याद रहती है तो यह बच्चे के इंटेलिजेंट होने के लक्षण को बताता है कि आपके बच्चे का दिमाग कितना शार्प है।शार्प मेमोरी का होना बच्चे के दिमाग के विकास के लिए बहुत ही अच्छा लक्षण होता है।
सीखने का स्किल- यदि बच्चे को कोई चीज सिखाई जाती है और वह चीज को बहुत ही कम समय में सीख लेता है तो इसका मतलब यह है कि आपके बच्चे के सीखने की क्षमता बहुत ही अच्छी है। यह क्षमता तभी संभव हो सकती है जब बच्चे का दिमाग सुचारू रूप से वह स्वस्थ रूप से काम करें बच्चे का किसी भी काम को आसान रुप से सीख लेना बच्चे के इंटेलिजेंट होने का लक्षण बताता है।
कम सोना- यदि आपका बच्चा कम सोता है तो इसका मतलब यह है कि आपका बच्चा बुद्धिमान है क्योंकि ज्यादा सोने से बच्चों के स्वास्थ्य असर पड़ता है तथा वह शारीरिक व मानसिक रूप से सुस्त हो जाते हैं और किसी भी कार्य में अच्छे से भाग नहीं ले पाते हैं या उनको किसी भी काम को करने में रुचि नहीं रहती है। इससे उनके पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ता है। जो कि बच्चे के दिमाग के विकास पर भी प्रभाव डालती है इसलिए यदि आपका बच्चा कम सोता है वह ज्यादा समय तक कार्य में लीन रहता है। तो यह एक अच्छा लक्षण होता है कि आपका बच्चा इंटेलिजेंट है।
एक्सप्लोरिंग नेचर- यदि आपका बच्चा कम उम्र में ही बड़े-बड़े खोज करने में रुचि ले या उनके स्कूल में साइंस से रिलेटेड चीजों में बढ़कर भाग ले तथा साइंस के ज्ञान को लेकर व कुछ-कुछ एक्सपेरिमेंट करता रहे वह अपने दैनिक जीवन में भी उनका उपयोग करता रहे वह उनसे कुछ सीखने की कोशिश करता रहे तो यह एक बहुत अच्छा लक्षण होता है इससे यह पता चलता है कि आपका बच्चा एक्सप्लोरिंग होने के साथ-साथ इंटेलिजेंट भी है
प्रतियोगिताओं में तेज होना- यदि आपका बच्चा किसी प्रकार की स्कूल की प्रतियोगिता या कोई क्विज प्रतियोगिता या किसी भी छोटे से छोटे या बड़े से बड़े प्रतियोगिता में अपना अच्छा प्रदर्शन करता है व अन्य बच्चों के तुलना में अव्वल रहता है तो इसका मतलब यह है कि उसके दिमाग से विकास काफी अच्छे रूप से हो रहा है। वह चीजों को अच्छे से समझ रहा है। उसकी यादाश्त क्षमता बहुत अच्छी है तथा वह बहुत ही इंटेलिजेंट है
एक्टिव होना- यदि आपके बच्चे को आप की आवश्यकता नहीं पड़ती है। वह अपने सही अपने आप को संभाल लेता है वह खेल कूद में वह अपने दैनिक कार्यों में बहुत ही मस्त रहता है तथा अलग-अलग प्रकार की एक्टिविटी को करता रहता है। वह किसी भी रुप से आपको सुस्त नहीं दिखता है। यह एक अच्छा लक्षण होता है कि आपका बच्चा शारीरिक रूप से बहुत ही एक्टिव है जो आपके बच्चे इंटेलिजेंट होने की तरफ इशारा करती है।
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