Category: स्वस्थ शरीर

शिशु के कान से जमी हुई मैल साफ करें इस तरह

By: Salan Khalkho | 2 min read

शिशु के कान में मेल का जमना आम बात है। मगर कान साफ़ करते वक्त अगर कुछ महत्वपूर्ण सावधानी नहीं बरती गयी तो इससे शिशु के कान में इन्फेक्शन हो सकता है या उसके कान के अन्दर की त्वचा पे खरोंच भी लग सकता है। जाने शिशु के कान को साफ़ करने का सही तरीका।

शिशु के कान से जमी हुई मैल साफ करें इस तरह how to clean a baby ear

सावधान!

अगर आप अपने शिशु का कान साफ़ करने जा रही हैं तो इस जानकारी को पहले पढ़ लें।

बिना जानकारी के बच्चे का कान साफ़ करना बच्च के लिए निक्सन दायक हो सकता है।

शिशु का कान बेहद नाजुक अंग है। थोड़ी सी भी लापस्वाही या सफाई करने में जल्दबाजी बच्चे को बहरा तक बना सकती है। ध्यान न दिया जाये तो बच्चे के कान को संक्रमण तक लग सकता है। 

शिशु के कान में मेल जमना बेहद आम बात है। सबके कान में मेल जमता है। बस अंतर इतना होता है की किसी के कान में ज्यादा और किसी के कान में कम मेल जमता है। 

अगर शिशु के कान की नियमित रूप से सफाई न की जाये तो उसके कान में दर्द या उसे सुनने में कठिनाई भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में बच्चे को डॉक्टर के पास लेके जाना चाहिए। डॉक्टर को पता है की शिशु के कान को बिना नुक्सान पहुंचाए कैसे साफ़ किया जाये।

घर पे अपने शिशु का कान किस तरह साफ करें और किस तरह साफ़ न करें - इसकी सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। Get complete information on how to clean your child's ear at home. You will also get to know the precaution you need to take while cleaning the ear of your child. 

शिशु के कान को साफ़ करते वक्त बरतें ये सावधानियां:

शिशु के नहाने के बाद

शिशु के नहाने के ठीक बाद उसका कान साफ़ करना सबसे उपयुक्त रहता है। नहाने के बाद कान के बाहरी-अंदुरनी तरफ मेल गिला हो जाता है। इस वजह से नहाने के तुरंत बाद शिशु के कान का मेल साफ़ करना बहुत आसान हो जाता है। इस समय कान साफ़ करने से शिशु को तकलीफ भी नहीं होती है। 

right way to clean baby ear at home शिशु के कान को घर पे साफ़ करने का तरीका

शिशु के कान को साफ़ करने के लिए बेबी इयर बड (baby ear bud) का इस्तेमाल करें

प्रायः हर घर में कान को साफ़ करने के लिए इयर बड (ear bud) तो होता ही है। मगर आप शिशु का कान साफ़ करने के लिए इस इयर बड का इस्तेमाल न करें। शिशु के कान को साफ़ करने के लिए केवल बेबी इयर बड (baby ear bud) का ही इस्तेमाल करें। 

शिशु के कान को बहुत अंदर तक साफ़ न करें

शिशु के कान को बहार से सिर्फ उतना ही साफ़ करें जितना की आप को दिखाई दे रहा हो। इयर बड को शिशु के कान के सुराख़ के अंदर न डालें। केवल बहार की जमी मेल को हो साफ़ करें। अगर शिशु के कान के अंदर साफ़ करने की नौबत आये तो आप अपने शिशु को कान के डॉक्टर के पास ले के जाएँ। आप स्वयं उसके कानों को साफ़ करने की कोशिश कतई न करें। शिशु के कान बहुत नाजुक होते हैं। बेबी इयर बड के इस्तेमाल से सभी शिशु के कान के अंदर की त्वचा छील सकती है या उसके कान के परदे फट सकते हैं। 

शिशु का कान जैतून का तेल से साफ़ करें

पुरे विश्व भर में जैतून के तेल को शिशु के कान को साफ करने के लिए सबसे बेहतर माना गया है। जब शिशु के कान को साफ़ करना हो तो रात में सोने से पहले शिशु के कान में जैतून के तेल की चार बूंदें डाल दें और रात भर के लिए छोड़ दें। सुबह आप पाएंगे की जैतून के तेल से कान के अंदर के सारे मैल नरम हो के कान के बहार आ गए हैं। अब आप बहार आये हुए मैल को एक कपडे की मदद से आसानी से साफ़ कर दें।

 

रात में सोते समय शिशु के कान को साफ़ करें

बच्चे बहुत चंचल और बहुत शैतान होते हैं। जितना शैतान वो होते हैं उतनी ही ज्यादा उनकी शरारतें दिल को लुभाती हैं। लेकिन जब बात बच्चों के कान को साफ करने की आती है तो बेहतर यही होगा की आप ऐसे समय में अपने बच्चे के कान साफ़ करे जब बच्चे के शरारत करने की गुंजाईश बहुत कम हो। शिशु के कान को साफ़ करने का सबसे बेहतर समय तब है जब आप का शिशु सो रहा हो। शिशु के सोते समय कान को साफ़ करते समय शिशु के कान को नुक्सान पहुँचने की सम्भावना बहुत कम होते है। 

Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।

शिशु-हिचकी
दूध-के-बाद-हिचकी
नवजात-में-हिचकी
SIDS
Ambroxol-Hydrochloride
कोलोस्‍ट्रम
शिशु-potty
ठण्ड-शिशु
सरसों-के-तेल-के-फायदे
मखाना
भीगे-चने
Neonatal-Care
शिशु-मालिश
शिशु-क्योँ-रोता
-शिशु-में-एलर्जी-अस्थमा
अंडे-की-एलर्जी
शिशु-एलर्जी
नारियल-से-एलर्जी
रंगहीनता-(Albinism)
fried-rice
दाल-का-पानी
पेट-दर्द
गर्भावस्था
बच्चे-बैठना
शिशु-को-आइस-क्रीम
शिशु-गुस्सा
चिकनगुनिया
टीकाकरण-2018
दाई-babysitter
शिशु-एक्जिमा-(eczema)

Most Read

गर्भ-में-लड़का-होने-के-लक्षण-इन-हिंदी
बच्चे-का-वजन
टीकाकरण-चार्ट-2018
शिशु-का-वजन-बढ़ाएं
बच्चों-में-यूरिन
बच्चों-को-गोरा-करने-का-तरीका-
कई-दिनों-से-जुकाम
खांसी-की-अचूक-दवा
बंद-नाक
balgam-wali-khansi-ka-desi-ilaj
sardi-jukam
सर्दी-जुकाम-की-दवा
बच्चे-की-भूख-बढ़ाने-के-घरेलू-नुस्खे

Other Articles

गर्भावस्था में विटामिन C शिशु के लिए घातक हो सकता है
गर्भावस्था-में-विटामिन-C-शिशु-के-लिए-घातक-हो-सकता-है गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक मात्रा में विटामिन सी लेना, गर्भ में पल रहे शिशु के लिए घातक हो सकता है। कुछ शोध में इस प्रकार के संभावनाओं का पता लगा है कि गर्भावस्था के दौरान सप्लीमेंट के रूप में विटामिन सी का आवश्यकता से ज्यादा सेवन समय पूर्व प्रसव (preterm birth) को बढ़ावा दे सकता है।
Read More...

जानलेवा हो सकता है गर्भावस्था में Vitamin B12 का ना लेना
जानलेवा-हो-सकता-है-गर्भावस्था-में-Vitamin-B12-का-ना-लेना पूरी गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के लिए यह बहुत आवश्यक है की वह ऐसे पोषक तत्वों को अपने आहार में सम्मिलित करें जो गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में कई प्रकार के परिवर्तन होते हैं तथा गर्भ में पल रहे शिशु का विकास भी बहुत तेजी से होता है और इस वजह से शरीर को कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। पोषक तत्वों की कमी शिशु और माँ दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसी तरह का एक बहुत महत्वपूर्ण पोषक तत्व है Vitamin B12.
Read More...

मिसकैरेज क्यों होता है? लक्षण, कारण और बचाव
मिसकैरेज---लक्षण,-कारण-और-बचाव मुख्यता दस कारणों से मिसकैरेज (गर्भपात) होता है। अगर इनसे बच गए तो मिसकैरेज नहीं होगा। जाने की मिसकैरेज से बचाव के लिए आप को क्या करना और क्या खाना चाहिए। यह भी जाने की मिसकैरेज के बाद फिर से सुरक्षित गर्भधारण करने के लिए आप को क्या करना चाहिए और मिसकैरेज के बाद गर्भधारण कितना सुरक्षित है?
Read More...

शिशु का घुटनों के बल चलने के फायेदे
शिशु-का-घुटनों-के-बल-चलने-के-फायेदे आपके मन में यह सवाल आया होगा कि क्या शिशु का घुटने के बल चलने का कोई फायदा है? पैरों पर चलने से पहले बच्चों का घुटनों के बल चलना, प्राकृतिक का एक नियम है क्योंकि इससे शिशु के शारीर को अनेक प्रकार के स्वस्थ लाभ मिलते हैं जो उसके शारीरिक, मानसिक और संवेगात्मक विकास के लिए बहुत जरूरी है।
Read More...

आहार जो माइग्रेन के दर्द को बढ़ाते हैं
आहार-जो-माइग्रेन-के-दर्द-को-बढ़ाते-हैं ये आहार माइग्रेन के दर्द को बढ़ाते करते हैं। अगर माइग्रेन है तो इन आहारों को न खाएं और न ही किसी ऐसे व्यक्ति को इन आहारों को खाने के लिए दें जिसे माइग्रेन हैं। इस लेख में हम आप को जिन आहारों को माइग्रेन के दौरान खाने से बचने की सलाह दे रहे हैं - आप ने अनुभव किया होगा की जब भी आप इन आहारों को कहते हैं तो 20 से 25 minutes के अंदर सर दर्द का अनुभव होने लगता है। पढ़िए इस लेख में विस्तार से और माइग्रेन के दर्द के दर्द से पाइये छुटकारा।
Read More...

कपडे जो गर्मियौं में बच्चों को ठंडा व आरामदायक रखें
कपडे-जो-गर्मियौं-में-बच्चों-को-ठंडा-व-आरामदायक-रखें- गर्मियों में बच्चों के लिए कपड़े खरीदते वक्त रखें इन बातों का विशेष ध्यान। बच्चों का शरीर बड़ों (व्यस्क) की तरह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं होता है। यही वजह है कि बच्चों को ठंड के मौसम में ज्यादा ठंड और गर्मियों के मौसम में ज्यादा गर्म लगता है। इसीलिए गर्मियों के मौसम में आपको बच्चों के कपड़ों से संबंधित बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
Read More...

ADHD शिशु के व्यहार को नियंत्रित किस तरह करें
ADHD-शिशु ADHD शिशु के पेरेंट्स के लिए बच्चे को अनुशाशन सिखाना, सही-गलत में भेद करना सिखाना बहुत चौनातिपूर्ण कार्य है। अधिकांश ADHD बच्चे अपने माँ-बाप की बातों को अनसुना कर देते हैं। जब आप का मन इनपे चिल्लाने को या डांटने को करे तो बस इस बात को सोचियेगा की ये बच्चे अंदर से बहुत नाजुक, कोमल और भावुक हैं। आप के डांटने से ये नहीं सीखेंगे। क्यूंकि यह स्वाभाव इनके नियंत्रण से बहार है। तो क्या आप अपने बच्चे को उसके उस सवभाव के लिए डांटना चाहती हैं जो उसके नियंत्रण में ही नहीं है।
Read More...

शिशु को 1 वर्ष की उम्र में लगाये जाने वाले टीके
शिशु-के-1-वर्ष-पे-टीका शिशु को 1 वर्ष की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को कॉलरा, जापानीज इन्सेफेलाइटिस, छोटी माता, वेरिसेला से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
Read More...

शिशु potty (Pooping) करते वक्त क्योँ रोता है?
शिशु-potty क्या आप का शिशु potty (Pooping) करते वक्त रोता है। मल त्याग करते वक्त शिशु के रोने के कई कारण हो सकते हैं। अगर आप को इन कारणों का पता होगा तो आप अपने शिशु को potty करते वक्त होने वाले दर्द और तकलीफ से बचा सकती है। अगर potty करते वक्त आप के शिशु को दर्द नहीं होगा तो वो रोयेगा भी नहीं।
Read More...

बच्चे को बार बार हिचकी आता है क्या करें?
शिशु-हिचकी आप का बच्चा शायद दूध पिने के बाद या स्तनपान के बाद हिचकी लेता है या कभी कभार हिचकी से साथ थोड़ सा आहार भी बहार निकल देता है। यह एसिड रिफ्लक्स की वजह से होता है। और कोई विशेष चिंता की बात नहीं है। कुछ लोग कहते हैं की हिचकी तब आती है जब कोई बच्चे को याद कर रहा होता है। कुछ कहते हैं की इसका मतलब बच्चे को गैस या colic हो गया है। वहीँ कुछ लोग यह कहते है की बच्चे का आंत बढ़ रहा है। जितनी मुँह उतनी बात।
Read More...

बच्चे जब ट्यूशन पढ़ें तो रखें इन बातों का ख्याल
बच्चे-ट्यूशन जब आपका बच्चा बड़े क्लास में पहुँचता है तो उसके लिए ट्यूशन या कोचिंग करना आवश्यक हो जाता है ,ऐसे समय अपने बच्चे को ही इस बात से अवगत करा दे की वह अपना ध्यान खुद रखें। अपने बच्चे को ट्यूशन भेजने से पहले उसे मानसिक रूप से तैयार केर दे की उसे क्या पढाई करना है।
Read More...

जो बच्चे जल्दी चलना सीखते हैं बड़े होने पे उनकी हड्डियाँ ज्यादा मजबूत होती है|
हड्डियाँ-ज्यादा-मजबूत जब बच्चे इस तरह के खेल खेलते हैं तो उनके हड्डीयौं पे दबाव पड़ता है - जिसकी वजह से चौड़ी और घनिष्ट हो जाती हैं। इसका नतीजा यह होता है की इन बच्चों की हड्डियाँ दुसरे बच्चों के मुकाबले ज्यादा मजूब हो जाती है।
Read More...

वेजिटेबल पुलाव बनाने की विधि - शिशु आहार
वेजिटेबल-पुलाव पुलाय एक ऐसा भारतीय आहार है जिसे त्योहारों पे पकाय जाता है और ये स्वस्थ के दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है| बच्चों के लिए तो यह विशेष लाभकारी है| इसमें ढेरों सब्जियां होती है और बच्चे बड़े मन से खाते हैं| Pulav शिशु आहार baby food|
Read More...

पढ़ाई में ना लगे मन आप के बच्चे का तो क्या करें
पढ़ाई कुछ बातों का ध्यान रखें तो आप अपने बच्चे के बुद्धिस्तर को बढ़ा सकते हैं और बच्चे में आत्मविश्वास पैदा कर सकते हैं। जैसे ही उसके अंदर आत्मविश्वास आएगा उसकी खुद की पढ़ने की भावना बलवती होगी और आपका बच्चा पढ़ाई में मन लगाने लगेगा ,वह कमज़ोर से तेज़ दिमागवाला बन जाएगा। परीक्षा में अच्छे अंक लाएगा और एक साधारण विद्यार्थी से खास विद्यार्थी बन जाएगा।
Read More...

हेपेटाइटिस A वैक्सीन - Schedule और Side Effects
हेपेटाइटिस-A-वैक्सीन हेपेटाइटिस A वैक्सीन (Hepatitis A Vaccine Pediatric in Hindi) - हिंदी, - हेपेटाइटिस A का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
Read More...

सूजी का खीर छोटे बच्चों के लिए शिशु आहार (Sooji Kheer For Baby)
सूजी-का-खीर अगर आप का शिशु 6 महिने का हो गया है और आप सोच रही हैं की अपने शिशु को क्या दें खाने मैं तो - सूजी का खीर सबसे बढ़िया विकल्प है। शरीर के लिए बेहद पौष्टिक, यह तुरंत बन के त्यार हो जाता है, शिशु को इसका स्वाद बहुत पसंद आता है और इसे बनाने में कोई विशेष तयारी भी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
Read More...

बच्चों के लिए खिचड़ी तैयार करें पल में
खिचड़ी-की-recipe खिचड़ी बनाने की recipe आसान है और छोटे बच्चों को भी खूब पसंद आता है। टेस्टी के साथ साथ इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्त्व भी होते हैं जो बढ़ते बच्चों के लिए फायदेमंद हैं। खिचड़ी में आप को प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट, फाइबर, विटामिन C कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम मिलेंगे। समझ लीजिये की खिचड़ी well-balanced food का complete पैकेज है।
Read More...

ड्राई फ्रूट चिक्की बनाने की विधि
ड्राई-फ्रूट-चिक्की हर प्रकार के मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर, बच्चों के लिए ड्राई फ्रूट्स बहुत पौष्टिक हैं| ये विविध प्रकार के नुट्रिशन बच्चों को प्रदान करते हैं| साथ ही साथ यह स्वादिष्ट इतने हैं की बच्चे आप से इसे इसे मांग मांग कर खयेंगे|
Read More...

अंगूठा चूसने वाले बच्चे ज्यादा सेहतमंद होते हैं
अंगूठा-चूसना- वैज्ञानिकों ने शोध में यह पाया की जो बच्चे अंगूठा चूसते (thumb sucking) हैं वे बाकि बच्चों से ज्यादा सेहतमंद (healthy) होते हैं। अंगूठा चूसने वाले बच्चों में एलर्जी (allergy) की बीमारी औसतन पांच गुना तक कम हो जाती है। मगर इसके कुछ साइड एफ्फेक्ट्स (side effects) भी हैं जैसे की उबड़ खाबड़ दांत और बोलने (Protruded Teeth & Speech Impairment) से सम्बंधित परेशानियां।
Read More...

हेपेटाइटिस ‘बी’ वैक्सीन - Schedule, Dose और Side Effects - Reference Guide
हेपेटाइटिस-बी हेपेटाइटिस ‘बी’ वैक्सीन (Hepatitis B vaccine) के टीके के बारे में समपूर्ण जानकारी - complete reference guide - हेपेटाइटिस बी एक ऐसी बीमारी है जो रक्त, थूक आदि के माध्यम से होती है। हेपेटाइटिस बी के बारे में कहा जाता है की इसमें उपचार से बेहतर बचाव है इस रोग से बचने के लिए छह महीने के अंदर तीन टीके लगवाएं जाते हैं। विश्व स्वास्थ संगठन का कहना है की दुनिया भर में ढाई करोड़ लोगों को लिवर की गंभीर बीमारी है। हेपेटाइटिस बी से हर साल अत्यधिक मृत्यु होती है, परंतु इस का टीका लगवाने से यह खतरा 95 % तक कम हो जाता है।
Read More...

Copyright: Kidhealthcenter.com