Category: बच्चों की परवरिश
By: Salan Khalkho | ☺1 min read
अलग-अलग सांस्कृतिक समूहों के बच्चे में व्यवहारिक होने की छमता भिन भिन होती है| जिन सांस्कृतिक समूहों में बड़े ज्यादा सतर्क होते हैं उन समूहों के बच्चे भी व्याहारिक होने में सतर्कता बरतते हैं और यह व्यहार उनमे आक्रामक व्यवहार पैदा करती है।

ड्यूक यूनिवर्सिटी (Duke University) की अगुवाई में चली चार साल लम्बी शोध में यह नतीजा सामने आया की परिवार के दुसरे सदस्यौं का उग्र स्वाभाव, उसी घर में रहने वाले दुसरे छोटे बच्चों के स्वाभाव को प्रभावित करता है और उनमे भी उग्र स्वाभाव को प्रोत्साहित करता है।
शोध में दुनिया के नौ देशों के 12 अलग-अलग सांस्कृतिक समूहों के 1,299 बच्चों और उनके माता-पिता के विश्लेषण के बाद यह तथ्य सामने आया।
अलग-अलग सांस्कृतिक समूहों के बच्चे में व्यवहारिक होने की छमता भिन भिन होती है। जिन सांस्कृतिक समूहों में बड़े ज्यादा सतर्क होते हैं उन समूहों के बच्चे भी व्याहारिक होने में सतर्कता बरतते हैं और यह व्यहार उनमे आक्रामक व्यवहार पैदा करती है।
अध्ययन के मुख्य लेखक केनेथ ए. डॉज (Kenneth A. Dodge) ने कहा कि उनके अनुसंधान से यह निष्कर्ष निकला कि कुछ संस्कृतियां बच्चों को इस तरह से रक्षात्मक बनने के लिए उग्र स्वाभाव अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं। अलग-अलग सांस्कृतिक समूहों के बच्चों में यह प्रवृति अलग अलग है। और इन मतभेदों का कारण ही कि कुछ संस्कृतियों के बच्चे अन्य संस्कृतियों की तुलना में अधिक आक्रामक व्यहार करते हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों को अधिक सौहार्दपूर्ण और अधिक क्षमा और कम रक्षात्मक बनाने के लिए कुछ संस्कृतियों को ज्यादा सामाजिककरण होने की आवश्यकता है।
इस शोध में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागी इन देशों से थे - जिनान, चीन; मेडेलिन, कोलंबिया; नैप्लस; रोम, इटली; ज़रक़ा, जोर्डा ; लुओ ट्राइब ऑफ़ किसुमु, केन्या; मनीला, फिलीपींस; त्रोलहट्टन/वनरसबोर्ग, स्वीडन; चिआंग मई, थाईलैंड; और डरहम, N.C., और अमेरिका में (जिसमें अफ्रीकी-अमेरिकी, यूरोपीय अमेरिकी और हिस्पैनिक समुदाय शामिल थे)। अध्ययन की शुरुआत में बच्चों की उम्र 8 वर्ष थी।
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UHT Milk एक विशेष प्रकार का दूध है जिसमें किसी प्रकार के जीवाणु या विषाणु नहीं पाए जाते हैं - इसी वजह से इन्हें इस्तेमाल करने से पहले उबालने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। दूध में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले दूध के सभी पोषक तत्व विद्यमान रहते हैं। यानी कि UHT Milk दूध पीने से आपको उतना ही फायदा प्राप्त होता है जितना कि गाय के ताजे दूध को पीने से। यह दूध जिस डब्बे में पैक करके आता है - आप इसे सीधा उस डब्बे से ही पी सकते हैं।
केवल बड़े ही नहीं वरन बच्चों को भी बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) के शिकार हो सकते हैं। इस मानसिक अवस्था का जितनी देरी इस इलाज होगा, शिशु को उतना ज्यादा मानसिक रूप से नुक्सान पहुंचेगा। शिशु के प्रारंभिक जीवन काल में उचित इलाज के दुवारा उसे बहुत हद तक पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए जरुरी है की समय रहते शिशु में बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) के लक्षणों की पहचान की जा सके।
बचपन में अधिकांश बच्चे तुतलाते हैं। लेकिन पांच वर्ष के बाद भी अगर आप का बच्चा तुतलाता है तो बच्चे को घरेलु उपचार और स्पीच थेरापिस्ट (speech therapist) के दुवारा इलाज की जरुरत है नहीं तो बड़े होने पे भी तुतलाहट की समस्या बनी रहने की सम्भावना है। इस लेख में आप पढेंगे की किस तरह से आप अपने बच्चे की साफ़ साफ़ बोलने में मदद कर सकती हैं। तथा उन तमाम घरेलु नुस्खों के बारे में भी हम बताएँगे जिन की सहायता से बच्चे तुतलाहट को कम किया जा सकता है।
बच्चों का और 20 वर्ष से छोटे सभी लोगों का BMI गणना केवल फॉर्मूले के आधार पे नहीं किया जाता है। इसके बदले, BMI chart का भी इस्तेमाल किया जाता है। BMI chart के आधार पे जिन बच्चों का BMI 5th percentile से कम होता है उन्हें underweight माना जाता है।
अक्सर नवजात बच्चे के माँ- बाप जल्दबाजी या एक्साइटमेंट में अपने बच्चे के लिए ढेरों कपडे खरीद लेते हैं। यह भी प्यार और दुलार जाहिर करने का एक तरीका है। मगर माँ-बाप अगर कपडे खरीदते वक्त कुछ बातों का ध्यान न रखे तो कुछ कपड़ों से बच्चे को स्किन रैशेज (skin rash) भी हो सकता है।
अगर आप भी अपने लाडले को भारत के सबसे बेहतरीन बोडिंग स्कूलो में पढ़ने के लिए भेजने का मन बना रहे हैं तो निचे दिए बोडिंग स्कूलो की सूचि को अवश्य देखें| आपका बच्चा बड़ा हो कर अपनी जिंदगी में ना केवल एक सफल व्यक्ति बनेगा बल्कि उसे शिक्षा के साथ इन बोडिंग स्कूलो से मिलगे ढेरों खुशनुमा यादें|
हमें आपने बच्चों को मातृभूमि से प्रेम करने की शिक्षा देनी चाहिए तथा उनके अंदर ये भावना पैदा करनी चाहिए की वे अपने देश के प्रति समर्पित रहें और ये सोचे की हमने अपने देश के लिए क्या किया है। वे यह न सोचे की देश ने उनके लिए क्या किया है। Independence Day Celebrations India गणतंत्र दिवस भारत नरेन्द्र मोदी 15 August 2017
अंगूर से बना शिशु आहार - अंगूर में घनिष्ट मात्र में पोषक तत्त्व होता हैं जो बढते बच्चों के लिए आवश्यक है| Grape Baby Food Recipes – Grape Pure - शिशु आहार -Feeding Your Baby Grapes and the Age to Introduce Grapes
Beta carotene भरपूर, शकरकंद शिशु की सेहत और अच्छी विकास के लिए बहुत अच्छा है| जानिए इस step-by-step instructions के जरिये की आप घर पे अपने शिशु के लिए कैसे शकरकंद की प्यूरी बना सकते हैं| शिशु आहार - baby food
चावल का खीर मुख्यता दूध में बनता है तो इसमें दूध के सारे पौष्टिक गुण होते हैं| खीर उन चुनिन्दा आहारों में से एक है जो बच्चे को वो सारे पोषक तत्त्व देता है जो उसके बढते शारीर के अच्छे विकास के लिए जरुरी है|
बच्चों के शुरुआती दिनों मे जो उनका विकास होता है उसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है| इसका असर उनके बाकि के सारी जिंदगी पे पड़ता है| इसी लिए बेहतर यही है की बच्चों को घर का बना शिशु-आहार (baby food) दिया जाये जो प्राकृतिक गुणों से भरपूर हों|
आज के दौर की तेज़ भाग दौड़ वाली जिंदगी मैं हर माँ के लिए यह संभव नहीं की अपने शिशु के लिए घर पे खाना त्यार कर सके| ऐसे मैं बेबी फ़ूड खरीदते वक्त बरतें यह सावधानियां|
हैंडी क्राफ्ट एक्टिविटीज बच्चों में सकारात्मक और रचनातमक सोच विकसित करता है। हम आप को बताएंगे की आप सरलता से कागज का हवाई मेढक कैसे बनायें।
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अगर आप का शिशु 6 महिने का हो गया है और आप सोच रही हैं की अपने शिशु को क्या दें खाने मैं तो - सूजी का खीर सबसे बढ़िया विकल्प है। शरीर के लिए बेहद पौष्टिक, यह तुरंत बन के त्यार हो जाता है, शिशु को इसका स्वाद बहुत पसंद आता है और इसे बनाने में कोई विशेष तयारी भी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
जब बच्चा आहार ग्रहण करने यौग्य हो जाता है तो अकसर माताओं की यह चिंता होती है की अपने शिशु को खाने के लिए क्या आहर दें। शिशु का पाचन तंत्र पूरी तरह विकसित नहीं होता है और इसीलिए उसे ऐसे आहारे देने की आवश्यकता है जिसे उनका पाचन तंत्र आसानी से पचा सके।
टीकाकरण बच्चो को संक्रामक रोगों से बचाने का सबसे प्रभावशाली तरीका है।अपने बच्चे को टीकाकरण चार्ट के अनुसार टीके लगवाना काफी महत्वपूर्ण है। टीकाकरण के जरिये आपके बच्चे के शरीर का सामना इन्फेक्शन (संक्रमण) से कराया जाता है, ताकि शरीर उसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर सके।
हेपेटाइटिस ‘बी’ वैक्सीन (Hepatitis B vaccine) के टीके के बारे में समपूर्ण जानकारी - complete reference guide - हेपेटाइटिस बी एक ऐसी बीमारी है जो रक्त, थूक आदि के माध्यम से होती है। हेपेटाइटिस बी के बारे में कहा जाता है की इसमें उपचार से बेहतर बचाव है इस रोग से बचने के लिए छह महीने के अंदर तीन टीके लगवाएं जाते हैं। विश्व स्वास्थ संगठन का कहना है की दुनिया भर में ढाई करोड़ लोगों को लिवर की गंभीर बीमारी है। हेपेटाइटिस बी से हर साल अत्यधिक मृत्यु होती है, परंतु इस का टीका लगवाने से यह खतरा 95 % तक कम हो जाता है।