Category: स्वस्थ शरीर
दूध पिने के बाद बच्चा उलटी कर देता है - क्या करें
By: Salan Khalkho | ☺7 min read
अगर आप का शिशु बहुत ज्यादा उलटी करता है, तो आप का चिंता करना स्वाभाविक है। बच्चे के पहले साल में दूध पिने के बाद या स्तनपान के बाद उलटी करना कितना स्वाभाविक है, इसके बारे में हम आप को इस लेख में बताएँगे। हर माँ बाप जिनका छोटा बच्चा बहुत उलटी करता है यह जानने की कोशिश करते हैं की क्या उनके बच्चे के उलटी करने के पीछे कोई समस्या तो नहीं। इसी विषेय पे हम विस्तार से चर्चा करते हैं।
इस लेख में
शिशु को उलटी की समस्या
शिशु के प्रथम साल में उलटी एक बेहद ही आम बात है। इसमें आम तौर पे आप को कोई चिंता करने की बात नहीं है। शिशु को उलटी कई कारणों से हो सकती है।
यह किसी बीमारी से सभी हो सकती है - जैसे की खांसी की वजह से या ढेकार लेने की वजह से या फिर अत्यधिक मात्र में दूध पी लेने की वजह से भी।
कारण चाहे जो भी हो, उलटी चिंता का विषेय नहीं है। हाँ बीमारी जरुर चिंता का विषेय है। अधिकांश मामलों में बच्चों की उलटी स्वता ही एक साल होते - होते अपने आप ही ख़तम हो जाती है।
हर बार स्तनपान के बाद उलटी - क्या करें
अगर आप का शिशु हर दिन स्तनपान या बोतल से दूध पिने के बाद थोडा बहुत उलटी कर देता है तो इसमें कोई भी चिंता की बात नहीं है।
बच्चों का पेट बहुत छोटा होता है। उसमें बहुत सारा आहार समां नहीं सकता है। इसीलिए शिशु को थोडा-थोडा आहार हर थोड़ी-थोड़ी देर पे देने की आवश्यकता पड़ती है।
यह भी पढ़ें: बच्चों में उलटी - क्या सामान्य है और क्या नहीं
यही वजह है की बच्चों को हर थोड़ी-थोड़ी देर पे भूख लग जाती है और वे रोने आगते हैं। जब बच्चे दूध पिते हैं तो उससे ना केवल उनकी भूख शांत होती है बल्कि उनकी भावनात्मक जरुरत भी पूरी होती है।
उन्हें माँ की निकटता अच्छी लगती है और इसी वजह से वे जरुरत से ज्यादा दूध पी लेते हैं - आगे चलकर इसकी वजह से उन्हें उलटी होती है।
कुछ बच्चे दूध पिते वक्त बहुत सारा हवा (वायु) भी निगल लेते हैं और जो अन्दर जाकर गैस बनता है और टेप में मौजूद दूध को धक्का मारकर बहार निकलता है।
शिशु की उलटी को किस तरह से रोकें
शिशु की उलटी को रोकने का दो सबसे आसन तरीका है।
- आप अपने शिशु को केवल उतना ही दूध पिलायें जितना की उसकी जरुरत है। अगर आप शिशु को बोतल से ज्यादा दूध पिलाएँगी तो वह बोतल में मौजूद सारा दूध पिलेगा। क्यूंकि बच्चों को अपने भूख का अंदाजा नहीं होता है। इसलिए आप को ही अपने शिशु की दूध की आवश्यकता का ध्यान रखना पड़ेगा और उतना ही दूध पिलाना पड़ेगा जितना की उसके छोटे से पेट में अट सके। अगर आप इतना करती है तो अधिकांश मामलों में आप का शिशु उलटी करा बंद कर देगा।
- शिशु को दूध पिलाने के तुरंत बाद आप उसे अपने छाती पे खड़ा गोदी लेकर थपकी देने की कोशिश करें। इससे कुछ ही देर में शिशु को डकार आ जायेगा और दूध पिटे वक्त जो हवा (वायु) अंदर गयी है उसे बहार आने का मौका मिलेगा। यह शिशु की उलटी को रूकने का सबसे कारगर तरीका है।
उलटी कब बनती है चिंता का विषेय
- अगर आप के बच्चे को बिना रुके लगातार उलटी हो रही है और साथ में उसे दस्त भी हो रहा है तो यह बहुत घम्भीर समस्या है। अगर आप का बच्चा जो खा रहा है वो सब उलटी कर के निकल दे रहा है तो आप को तुरंत शिशु-के-डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। उलटी और दस्त की वजह से बच्चे के शारीर से पानी और नमक की मात्र तेज़ी से घटने की वजह से उसकी जान भी जा सकती है।
- कई बार बच्चों को उलटी किसी संक्रमण की वजह से भी होती है। बच्चों को संक्रमण लगना बहुत आम बात है। बच्चों को रोगप्रतिरोधक तंत्र इतना मजबूत नहीं होता है की उनके शारीर की रक्षा कर सके। इसीलिए बच्चों को आसानी से संक्रमण लग जाता है। बच्चे अपने हातों के सहारे चलने की कोशिश करते हैं जिससे निरंतर फर्श के संपर्क में रहने की वजह से उनके हात गंदे हो जाते है। फिर जब बच्चे अपने इस गंदे हात को अपने मुह में डालते हैं तो संक्रमण फर्श से सीधा बच्चे के मुह में चला जाता है जहाँ से संक्रमण शिशु के शारीर में प्रवेश करता है। आप अपने बच्चे को संक्रमण से बचने के लिए कोशिश करें की आप का शिशु बार-बार अपने गंदे हातों को मुह में नहीं डाले। यह भी ध्यान रखें की आप का शिशु अपने गंदे खिलौने को भी अपने मुह मैं नहीं डाले। इससे भी उसे संक्रमण लगने का खतरा बन जाता है।
बच्चों में संक्रमण
शिशु के प्रारंभी साल में संक्रमण होना बहुत ही आम बात है। शिशु में उलटी की समस्या संक्रमण की वजह से भी होती है। जब बच्चे को संक्रमण की वजह से उलटी होती है तो दूध शिशु के मुह से बहुत तेज़ी से बहार आता है।
शिशु को संक्रमण मुख्यता विषाणु की वजह से होता है। लेकिन कभी कभार यह जीवाणु की वजह से भी हो सकता है। अगर शिशु को संक्रमण की वजह से उलटी हो रहा है तो आप के शिशु को बुखार भी होगा और उसे दस्त की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
चूँकि यह संक्रमण एक बच्चे को दुसरे बच्चे तक आसानी से फैलता है, सावधानी बरतें की घर में दुसरे बच्चों में भी यह संक्रमण नहीं फैले। संक्रमण की वजह से बच्चों को पेट दर्द भी होता है।
Rotaviruses, बच्चों में संक्रमण का मुख्या वजह है। इस संक्रमण में बच्चे को बुखार और दस्त भी होता है। यह विषाणु बहुत ही संक्रामक होता है। इसलिए बहुत ही सावधानी बरतने की आवश्यकता रहती है। Rotaviruses का वैक्सीन भी उपलब्ध है जो शिशु को Rotaviruses के संक्रमण से बचाता है।
उलटी की किन घटनाओं में शिशु को तुरंत डोक्टर के पास लेके जाएँ
- शिशु को लगातार उलटी दस्त हो रहा हो
- शिशु को बुखार है
- उलटी में खून या हरे रंग का पदार्थ
- अत्याधिक पेट दर्द
- पेट का फूलना या पेट में सुजन
- बच्चे का सुस्त होना
- पेशाब नहीं होना या कम होना
- मुह सुखना, आंसू का नहीं बनना
- 24 घंटे से ज्यादा देर तक उलटी होना
शिशु की उलटी में यह सावधानी बरतें
Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। आपका चिकित्सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।