बच्चों में सब्जियां के प्रति रूचि इस तरह जगाएं
अधिकांश मां बाप को इस बात के लिए परेशान देखा गया है कि उनके बच्चे सब्जियां खाना पसंद नहीं करते हैं। शायद यही वजह है कि भारत में आज बड़ी तादाद में बच्चे कुपोषित हैं। पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियां शिशु के शरीर में कई प्रकार के पोषण की आवश्यकता को पूरा करते हैं और शिशु के शारीरिक और बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सब्जियों से मिलने वाले पोषक तत्व अगर शिशु को ना मिले तो शिशु का शारीरिक विकास रुक सकता है और उसकी बौद्धिक क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। हो सकता है शिशु शारीरिक रूप से अपनी उचित लंबाई भी ना प्राप्त कर सके। मां बाप के लिए बच्चों को सब्जियां खिलाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। अक्षर मां बाप यह पूछते हैं कि जब बच्चे सब्जियां नहीं खाते तो किस तरह खिलाएं?
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10 टिप्स - नवजात शिशुओं में कब्ज की समस्या का तुरंत समाधान
10 ऐसे आसान तरीके जिनकी सहायता से आप अपने नवजात शिशु में कब्ज की समस्या का तुरंत समाधान कर पाएंगी। शिशु के जन्म के शुरुआती दिनों में कब्ज की समस्या का होना बहुत ही आम बात है। अपने बच्चे को कब्ज की समस्या से होने वाले तकलीफ से गुजरते हुए देखना किसी भी मां-बाप के लिए आसान नहीं होता है।
जो बच्चे सिर्फ स्तनपान पर निर्भर रहते हैं उन्हें हर दिन मल त्याग करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मां के दूध में उपलब्ध सभी पोषक तत्व शिशु का शरीर ग्रहण कर लेता है। यह बहुत ही आम बात है। प्रायर यह भी देखा गया है कि जो बच्चे पूरी तरह से स्तनपान पर निर्भर रहते हैं उनमें कब्ज की समस्या भी बहुत कम होती है या नहीं के बराबर होती है।
जो बच्चे फार्मूला दूध पर निर्भर रहते हैं उन्हें प्रायः देखा गया है कि वे दिन में तीन से चार बार मल त्याग करते हैं - या फिर कुछ ऐसे भी बच्चे हैं जिन्हें अगर फार्मूला दूध दिया जाए तो वह हर कुछ कुछ दिन रुक कर मल त्याग करते हैं।
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क्या 12 महीने के शिशु को full fat UHT milk दिया जा सकता है?
बहुत सारे माँ बाप इस बात को लेकर परेशान रहते हैं की क्या वे अपने बच्चे को UHT milk 'दे सकते हैं' या 'नहीं'। माँ बाप का अपने बच्चे के खान-पान को लेकर परेशान होना स्वाभाविक है और जायज भी। ऐसा इस लिए क्यूंकि बच्चों के खान-पान का बच्चों के स्वस्थ पे सीधा प्रभाव पड़ता है। कोई भी माँ बाप अपने बच्चों के स्वस्थ के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहता है।
UHT milk के बारे में सबसे पहले तो यह जान ले की आप अपने बच्चे को निसंकोच, बिना किसी चिंता के दे सकती हैं। UHT milk बच्चों के स्वस्थ के लिए बेहद सुरक्षित और स्वास्थवर्धक है। अगर आप का शिशु १२ महीने का हो गया है तो आप उसे UHT milk या गाए का दूध देना प्रारंभ कर सकती हैं। 12 महीने से पहले बच्चों को माँ के दूध के आलावा और कोई दूध नहीं देना चाहिए। जिन माओं का दूध बच्चों को पूरा नहीं पड़ता है या जो माताएं अपने बच्चों को किसी भी कारण से दूध पिलाने में आसमर्थ है वे अपने बच्चे को फार्मूला मिल्क दे सकती हैं।
UHT milk के बारे में इस लेख में हम आप को बताएँगे की क्योँ आप के बच्चे के लिए UHT milk बेहद सुरक्षित और स्वास्थवर्धक है।
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शिशु के दांतों के बीच गैप - डायस्टेमा - कारण और उपचार
बहुत से बच्चों और बड़ों के दातों के बीच में रिक्त स्थान बन जाता है। इससे चेहरे की खूबसूरती भी कम हो जाती है। लेकिन बच्चों के दातों के बीच गैप (डायस्टेमा) को कम करने के लिए बहुत सी तकनीक उपलब्ध है। सबसे अच्छी बात तो यह है की अधिकांश मामलों में जैसे जैसे बच्चे बड़े होते हैं, यह गैप खुद ही भर जाता है। - Diastema (Gap Between Teeth)
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बच्चों के टेड़े मेढे दांत इस तरह ठीक करें - (crooked teeth remedy)
बच्चो में दांत सम्बंधी समस्या को लेकर अधिकांश माँ बाप परेशान रहते हैं। थोड़ी से सावधानी बारात कर आप अपने बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत को घर पे ही ठीक कर सकती हैं। चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए दांतों का बहुत ही महत्व होता है। इसीलिए अगर बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत हों तो माँ बाप का परेशान होना स्वाभाविक है। बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत उनके चेहरे की खूबसूरती को ख़राब कर सकते हैं। इस लेख में हम आप को बताएँगे कुछ तरीके जिन्हें अगर आप करें तो आप के बच्चों के दांत नहीं आयेंगे टेढ़े-मेढ़े। इस लेख में हम आप को बताएँगे Safe Teething Remedies For Babies In Hindi.
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विटामिन ई - बच्चों में सीखने की क्षमता बढ़ाने में मददगार
विटामिन ई - बच्चों में सीखने की क्षमता को बढ़ता है। उनके अंदर एनालिटिकल (analytical) दृष्टिकोण पैदा करता है, जानने की उक्सुकता पैदा करता है और मानसिक कौशल संबंधी छमता को बढ़ता है। डॉक्टर गर्भवती महिलाओं को ऐसे आहार लेने की सलाह देते हैं जिसमें विटामिन इ (vitamin E) प्रचुर मात्रा में होता है। कई बार अगर गर्भवती महिला को उसके आहार से पर्याप्त मात्रा में विटामिन ई नहीं मिल रहा है तो विटामिन ई का सप्लीमेंट भी लेने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि विटामिन ई की कमी से बच्चों में मानसिक कौशल संबंधी विकार पैदा होने की संभावनाएं पड़ती हैं। प्रेग्नेंट महिला को उसके आहार से पर्याप्त मात्रा में विटामिन ई अगर मिले तो उसकी गर्भ में पल रहे शिशु का तांत्रिका तंत्र संबंधी विकार बेहतर तरीके से होता है।
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प्रेगनेंसी में अपच (indigestion) - कारण और निवारण
गर्भावस्था के दौरान अपच का होना आम बात है। लेकिन प्रेगनेंसी में (बिना सोचे समझे) अपच की की दावा लेना हानिकारक हो सकता है। इस लेख में आप पढ़ेंगी की गर्भावस्था के दौरान अपच क्योँ होता है और आप घरेलु तरीके से अपच की समस्या को कैसे हल कर सकती हैं। आप ये भी पढ़ेंगी की अपच की दावा (antacids) खाते वक्त आप को क्या सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।
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ADHD से प्रभावित बच्चों को बनाये SMART इस तरह
ADHD से प्रभावित बच्चे को ध्यान केन्द्रित करने या नियमों का पालन करने में समस्या होती है। उन्हें डांटे नहीं। ये अपने असहज सवभाव को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं जैसे की एक कमरे से दुसरे कमरे में बिना वजह दौड़ना, वार्तालाप के दौरान बीच-बीच में बात काटना, आदि। लेकिन थोड़े समझ के साथ आप एडीएचडी (ADHD) से पीड़ित बच्चों को व्याहारिक तौर पे बेहतर बना सकती हैं।
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शिशु बहुत गुस्सा करता है - करें शांत इस तरह
अगर आप का शिशु बहुत गुस्सा करता है तो इसमें कोई ताजुब की बात नहीं है। सभी बच्चे गुस्सा करते हैं। गुस्सा अपनी भावना को प्रकट करने का एक तरीका है - जिस तरह हसना, मुस्कुराना और रोना। बस आप को अपने बच्चे को यह सिखाना है की जब उसे गुस्सा आये तो उसे किस तरह नियंत्रित करे।
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5 महीने का बच्चे की देख भाल कैसे करें
बच्चे के पांच महीने पुरे करने पर उसकी शारीरिक जरूरतें भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में जानकारी जरुरी है की बच्चे के अच्छी देख-रेख की कैसे जाये। पांचवे महीने में शिशु की देखभाल में होने वाले बदलाव के बारे में पढ़िए इस लेख में।
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नव भारत की नई सुबह (कविता)
युवा वर्ग की असीमित बिखरी शक्ति को संगठित कर उसे उचित मार्गदर्शन की जितनी आवश्यकता आज हैं , उतनी कभी नहीं थी। आज युवा वर्ग समाज की महत्वकांशा के तले इतना दब गया हैं , की दिग - भ्रमित हो गया हैं।
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नवजात बच्चे के चेहरे से बाल कैसे हटाएँ
अधिकांश बच्चे जो पैदा होते हैं उनका पूरा शरीर बाल से ढका होता है। नवजात बच्चे के इस त्वचा को lanugo कहते हैं। बच्चे के पुरे शरीर पे बाल कोई चिंता का विषय नहीं है। ये बाल कुछ समय बाद स्वतः ही चले जायेंगे।
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बच्चे की भूख बढ़ाने के घरेलू नुस्खे
बच्चों में भूख की कमी एक बढती हुई समस्या है। यह कई कारणों से होती है जैसे की शारीर में विटामिन्स की कमी, तापमान का गरम रहना, बच्चे का सवभाव इतियादी। लेकिन कुछ घरेलु तरीके और कुछ सूझ-बूझ से आप अपने बच्चे की भूख को बढ़ा सकती हैं ताकि उसके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उसके शारीर को सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्त्व मिल सके।
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कैसे करें बच्चों के दाँतों की सुरक्षा
बच्चों को दातों की सफाई था उचित देख रेख के बारे में बताना बहुत महत्वपूर्ण है। बच्चों के दातों की सफाई का उचित ख्याल नहीं रखा गया तो दातों से दुर्गन्ध, दातों की सडन या फिर मसूड़ों से सम्बंधित कई बिमारियों का सामना आप के बच्चे को करना पड़ सकता है।
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अंगूठा चूसने वाले बच्चे ज्यादा सेहतमंद होते हैं
वैज्ञानिकों ने शोध में यह पाया की जो बच्चे अंगूठा चूसते (thumb sucking) हैं वे बाकि बच्चों से ज्यादा सेहतमंद (healthy) होते हैं। अंगूठा चूसने वाले बच्चों में एलर्जी (allergy) की बीमारी औसतन पांच गुना तक कम हो जाती है। मगर इसके कुछ साइड एफ्फेक्ट्स (side effects) भी हैं जैसे की उबड़ खाबड़ दांत और बोलने (Protruded Teeth & Speech Impairment) से सम्बंधित परेशानियां।
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शिशु टीकाकरण चार्ट - 2022-23 Updated
भारत सरकार टीकाकरण अभियान के अंतर्गत मुख्या और अनिवार्य टीकाकरण सूची / newborn baby vaccination chart 2022-23 - कौन सा टीका क्यों, कब और कितनी बार बच्चे को लगवाना चाहिए - पूरी जानकारी। टीकाकरण न केवल आप के बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाता है वरन बिमारियों को दूसरे बच्चों में फ़ैलाने से भी रोकते हैं।
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