Category: टीकाकरण (vaccination)

शिशु को 6 महीने की उम्र में लगाये जाने वाले टीके

By: Salan Khalkho | 2 min read

शिशु को 6 महीने की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को पोलियो, हेपेटाइटिस बी और इन्फ्लुएंजा से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।

शिशु को 6 महीने की उम्र में लगाये जाने वाले टीके vaccination given to children at the age of 6 month

अब आप का शिशु इतना बड़ा हो गया है की उसमे ठोस आहार की शुरुआत की जाये। 

लेकिन यह समय है की आप के शिशु को कुछ और महत्वपूर्ण टीके भी लगाए जाये - जो आप के शिशु को कई खतरनाक संक्रमण और बीमारियोँ से बचाएगा। 

बच्चों और बड़ों के शरीर में सबसे मुख्या अंतर यह है की बड़ों का शरीर अपनी रक्षा खुद कर सकता है - मगर -  बच्चों का शरीर इतना विकसित नहीं है की वो संक्रमण का बखूबी मुकाबला कर सके। 

जब तक बच्चा माँ का दूध पिता है - उसे - अपनी माता से एंटीबाडी (antibody) स्तनपान के जरिये मिलता है। लेकिन जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है - यह आवश्यक है की उसका शरीर खुद ही एंटीबाडी (antibody) का निर्माण कर सके।  एंटीबाडी (antibody) शिशु के शिरीर को संक्रमण से लड़ने में सक्षम बनाते हैं। 

टीकाकरण के दुवारा शिशु का शरीर  एंटीबाडी (antibody) बनाना सीखता है। इसीलिए शिशु का टीकाकरण बहुत जरुरी है। 

हम यहां आप को बताएँगे की आप के शिशु को कौन कौन से टीके 6 महीने की उम्र में लगने चाहिए। 

शिशु को 6 महीने की उम्र में लगाये जाने वाले टीके की सूचि/सरणी 

  1. मुँह में लिया जाने वाला पोलियो वैक्सीन – तीसरी खुराक
  2. हेपेटाइटिस बी का टीका – तीसरी खुराक
  3. इन्फ्लुएंजा I और इन्फ्लुएंजा II  इन्फ्लुएंजा III 

मुँह में लिया जाने वाला पोलियो वैक्सीन – तीसरी खुराक

शिशु को 6 महीने की उम्र में पोलियो वैक्सीन का तीसरा टिका लगने की आवश्यकता है। पोलियो का OPV टीका जिसे Oral Polio Vaccine भी कहा जाता है, इसे शिशो को मुह में दिया जाता है। यह एक प्रभावी तरीका है शिशु के शारीर में पोलियो के प्रति प्रतिरोधक छमता विकसित करने की। OPV टीका को तयार किया जाता है पोलियो के inactivated non-wild strain virus की सहायता से। जब इसे drops के रूप में शिशु के मुह में दिया जाता है तो शिशु के शारीर में पोलियो वायरस के प्रति antibodies बन जाते हैं जो शिशु को पोलियो के वायरस से जीवन भर रक्षा करते हैं

हेपेटाइटिस बी का टीका – तीसरी खुराक

शिशु को हेपेटाइटिस बी का तीसरा टीका भी लगने की आवश्यकता है। हेपेटाटाइटिस वायरस के शरीर में प्रवेश करने के बाद बुखार होता है और मरीज की भूख में कमी आती है। धीरे धीरे यह लीवर को पूरी तरह खराब कर देता है। अब तक इसका कोई इलाज मौजूद नहीं है। शिशु को हेपेटाइटिस बी से बचाने का एकमात्र और सबसे प्रभावी और सुरक्षित तरीका है की शिशु को हेपेटाइटिस बी का सभी टीका समय पे लगाया जाये। 

इन्फ्लुएंजा I और इन्फ्लुएंजा II  इन्फ्लुएंजा III 

इन्फ्लुएंजा वैक्सीन (Influenza Vaccine) का टिका बहुत ही प्रभावी तरीका शिशु को इन्फ्लुएंजा के वायरस के संक्रमण से बचाने का। इन्फ्लुएंजा वैक्सीन (Influenza Vaccine) का टिका हर साल नए तरीके से त्यार (redeveloped) किया जाता है ताकि लोगों को  इन्फ्लुएंजा के प्रति सम्पूर्ण सुरक्षा प्रदान किया जा सके। 

इन्फ्लुएंजा (Influenza) बहुत ही खतरनाक बीमारी है जो एक तरह के जीवाणु (virus) के संक्रमण से फैलता है। इस बीमारी को contagious बीमारी के श्रेणी में रखा गया है क्योँकि यह बहुत आसानी से एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति को फ़ैल सकता है। इसका संक्रमण हवा के माध्यम से फैलता है और इस बीमारी के जीवाणु (virus) हफ़्तों तक वातावरण में मौजूद रह सकते हैं। इसीलिए जरुरी है की आप अपने शिशु को इन्फ्लुएंजा (Influenza) का टिका अवश्य लगवाएं। 

Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।

शिशु-क्योँ-रोता
-शिशु-में-एलर्जी-अस्थमा
अंडे-की-एलर्जी
शिशु-एलर्जी
नारियल-से-एलर्जी
रंगहीनता-(Albinism)
fried-rice
दाल-का-पानी
पेट-दर्द
गर्भावस्था
बच्चे-बैठना
शिशु-को-आइस-क्रीम
शिशु-गुस्सा
चिकनगुनिया
टीकाकरण-2018
दाई-babysitter
शिशु-एक्जिमा-(eczema)
ब्‍लू-व्‍हेल-गेम
बच्चों-को-डेंगू
शिशु-कान
D.P.T.
vaccination-2018
टाइफाइड-कन्जुगेटेड-वैक्सीन
OPV
वेरिसेला-वैक्सीन
कॉलरा
टीकाकरण-Guide
six-week-vaccine
जन्म-के-समय-टीके
-9-महीने-पे-टीका

Most Read

गर्भ-में-लड़का-होने-के-लक्षण-इन-हिंदी
बच्चे-का-वजन
टीकाकरण-चार्ट-2018
शिशु-का-वजन-बढ़ाएं
बच्चों-में-यूरिन
बच्चों-को-गोरा-करने-का-तरीका-
कई-दिनों-से-जुकाम
खांसी-की-अचूक-दवा
बंद-नाक
balgam-wali-khansi-ka-desi-ilaj
sardi-jukam
सर्दी-जुकाम-की-दवा
बच्चे-की-भूख-बढ़ाने-के-घरेलू-नुस्खे

Other Articles

बच्चों में सर्दी, खांसी तथा जुखाम का इलाज
बच्चों-में-सर्दी-का-इलाज खांसी और जुकाम आमतौर पर सर्दी के वायरस के संक्रमण के कारण होता है। ये आम तौर पर अपने आप दूर हो जाते हैं, और एंटीबायोटिक दवाएं आमतौर पर किसी काम की नहीं होती हैं। पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन कुछ लक्षणों को कम कर सकते हैं। ध्यान रखें की आप के बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पीने मिल रहा है।
Read More...

गर्भावस्था में विटामिन C शिशु के लिए घातक हो सकता है
गर्भावस्था-में-विटामिन-C-शिशु-के-लिए-घातक-हो-सकता-है गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक मात्रा में विटामिन सी लेना, गर्भ में पल रहे शिशु के लिए घातक हो सकता है। कुछ शोध में इस प्रकार के संभावनाओं का पता लगा है कि गर्भावस्था के दौरान सप्लीमेंट के रूप में विटामिन सी का आवश्यकता से ज्यादा सेवन समय पूर्व प्रसव (preterm birth) को बढ़ावा दे सकता है।
Read More...

गर्भावस्था में Vitamin E ना लेना खतरनाक हो सकता है
गर्भावस्था-में-Vitamin-E-ना-लेना-खतरनाक-हो-सकता-है- Vitamin E शरीर में कोशिकाओं को सुरक्षित रखने का काम करता है यही वजह है कि अगर आप गर्भवती हैं तो आपको अपने भोजन में ऐसे आहार को सम्मिलित करने पड़ेंगे जिनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन इ (Vitamin E ) होता है। इस तरह से आपको गर्भावस्था के दौरान अलग से विटामिन ई की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
Read More...

स्‍किन टाइटनिंग मास्‍क से भगाएं झुर्रियां को मात्र दो दिन में
त्वचा-की-झुर्रियां-कम-करें-घरेलु-नुस्खे जानिए की आप अपनी त्वचा की देखभाल किस तरह कर सकती हैं की उन पर झुर्रियां आसानी से ना पड़े। अगर ये घरेलु नुस्खे आप हर दिन आजमाएंगी तो आप की त्वचा आने वाले समय में अपने उम्र से काफी ज्यादा कम लगेंगे।
Read More...

प्रेगनेंसी में बालों को डाई (hair Dye) करते वक्त बरतें ये सावधानियां
प्रेगनेंसी-में-हेयर-डाई गर्भावस्था के दौरान बालों पे हेयर डाई लगाने का आप के गर्भ में पल रहे शिशु के विकास पे बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही इसका बुरा प्रभाव आप के शारीर पे भी पड़ता है जिसे आप एलर्जी के रूप में देख सकती हैं। लेकिन आप कुछ सावधानियां बरत के इन दुष्प्रभावों से बच सकती हैं।
Read More...

39 TIPS - बोर्ड एग्जाम की तयारी में बच्चों की मदद इस तरह करें
बोर्ड-एग्जाम कुछ बातों का ख्याल रख आप अपने बच्चों की बोर्ड एग्जाम की तयारी में सहायता कर सकती हैं। बोर्ड एग्जाम के दौरान बच्चों पे पढाई का अतिरिक्त बोझ होता है और वे तनाव से भी गुजर रहे होते हैं। ऐसे में आप का support उन्हें आत्मविश्वास और उर्जा प्रदान करेगा। साथ ही घर पे उपयुक्त माहौल तयार कर आप अपने बच्चों की सफलता सुनिश्चित कर सकती हैं।
Read More...

नवजात शिशु का आदर्श वजन कितना होना चाहिए?
नवजात-शिशु-वजन नौ महीने पुरे कर समय पे जन्म लेने वाले नवजात शिशु का आदर्श वजन 2.7 kg - से लेकर - 4.1 kg तक होना चाहिए। तथा शिशु का औसतन शिशु का वजन 3.5 kg होता है। यह इस बात पे निर्भर करता है की शिशु के माँ-बाप की लम्बाई और कद-काठी क्या है।
Read More...

7 Tips - शिशु के बंद नाक का आसन घरेलु उपाय (How to Relieve Nasal Congestion in Kids)
बंद-नाक बदलते मौसम में शिशु को सबसे ज्यादा परेशानी बंद नाक की वजह से होता है। शिशु के बंद नाक को आसानी से घरेलु उपायों के जरिये ठीक किया जा सकता है। इन लेख में आप पढेंगे - How to Relieve Nasal Congestion in Kids?
Read More...

शिशु को 10-12 महीने की उम्र में लगाये जाने वाले टीके
10-12-महीने-पे-टीका शिशु को 10-12 महीने की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को टाइफाइड, हेपेटाइटिस A से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
Read More...

शिशु को 10 सप्ताह (ढाई माह) की उम्र में लगाये जाने वाले टीके
ढाई-माह-टीका- शिशु को 10 सप्ताह (ढाई माह) की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को कई प्रकार के खतरनाक बिमारिओं से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
Read More...

शिशु के साथ यात्रा करते वक्त रखें इन बातों का ख्याल
बच्चों-के-साथ-यात्रा बच्चों के साथ यात्रा करते वक्त बहुत सी बातों का ख्याल रखना जरुरी है ताकि बच्चे पुरे सफ़र दौरान स्वस्थ रहें - सुरक्षित रहें| इन आवश्यक टिप्स का अगर आप पालन करेंगे तो आप भी बहुत से मुश्किलों से अपने आप को सुरक्षित पाएंगे|
Read More...

बच्चे के उम्र के अनुसार शिशु आहार - सात से नौ महीने
शिशु-आहार सात से नौ महीने (7 to 9 months) की उम्र के बच्चों को आहार में क्या देना चाहिए की उनका विकास भलीभांति हो सके? इस उम्र में शिशु का विकास बहुत तीव्र गति से होता है और उसके विकास में पोषक तत्त्व बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Read More...

बच्चे बुद्धिमान बनते हैं जब आप हर दिन उनसे बात करते हैं|
बच्चे-बुद्धिमान आज के बदलते परिवेश में जो माँ-बाप समय निकल कर अपने बच्चों के साथ बातचीत करते हैं, उसका बेहद अच्छा और सकारात्मक प्रभाव उनके बच्चों पे पड़ रहा है। बच्चों की अच्छी परवरिश करने के लिए सिर्फ पैसों की ही नहीं वरन समय की भी जरुरत पड़ती है। बच्चे माँ-बाप के साथ जो क्वालिटी समय बिताते हैं, वो आप खरीद नहीं सकते हैं। बच्चों को जितनी अच्छे से उनके माँ-बाप समझ सकते हैं, कोई और नहीं।
Read More...

दही चावल बनाने की विधि - शिशु आहार
दही-चावल दही तो दूध से बना है, तो जाहिर है की इससे आप के शिशु को calcium भरपूर मिलेगा| दही चावल या curd rice, तुरंत बन जाने वाला बेहद आसान आहार है| इसे बनान आसान है इसका मतलब यह नहीं की यह पोशाक तत्वों के मामले में कम है| यह बहुत से पोषक तत्वों का भंडार है| baby food शिशु आहार 9 month to 12 month baby
Read More...

मुंग का दाल बनाने की विधि - शिशु आहार
मुंग-का-दाल मुंग के दाल में प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। शिशु में ठोस आहार की शुरुआत करते वक्त उन्हें आप मुंग दाल का पानी दे सकते हैं। चूँकि मुंग का दाल हल्का होता है - ये 6 माह के बच्चे के लिए perfect आहार है।
Read More...

10 माह के बच्चे का baby food chart (Indian Baby Food Recipe)
10-month-baby-food-chart दस साल के बच्चे के आहार सरणी मैं वो सभी आहार सम्मिलित किया जा सकते हैं जिन्हे आप घर पर सभी के लिए बनती हैं। लेकिन उन आहारों में बहुत ज्यादा नमक, मिर्चा और चीनी का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। आप जायके के लिए हलके मसलों का इस्तेमाल कर सकती हैं जैसे की धनिया पाउडर।
Read More...

5 महीने का बच्चे की देख भाल कैसे करें
5-महीने-का-बच्चे-की-देख-भाल-कैसे-करें बच्चे के पांच महीने पुरे करने पर उसकी शारीरिक जरूरतें भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में जानकारी जरुरी है की बच्चे के अच्छी देख-रेख की कैसे जाये। पांचवे महीने में शिशु की देखभाल में होने वाले बदलाव के बारे में पढ़िए इस लेख में।
Read More...

3 महीने के बच्चे की देख भाल कैसे करें
3-महीने-का-बच्चे-की-देख-भाल-कैसे-करें चूँकि इस उम्र मे बच्चे अपने आप को पलटना सीख लेते हैं और ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं, आप को इनका ज्यादा ख्याल रखना पड़ेगा ताकि ये कहीं अपने आप को चोट न लगा लें या बिस्तर से निचे न गिर जाएँ।
Read More...

बच्चों को सिखाएं प्रेम और सहनशीलता का पाठ
प्रेम-और-सहनशीलता आज के दौर के बच्चे बहुत egocentric हो गए हैं। आज आप बच्चों को डांट के कुछ भी नहीं करा सकते हैं। उन्हें आपको प्यार से ही समझाना पड़ेगा। माता-पिता को एक अच्छे गुरु की तरह अपने सभी कर्तव्योँ का निर्वाह करना चाहिए। बच्चों को अच्छे संस्कार देना भी उन्ही कर्तव्योँ में से एक है।
Read More...

गर्मियों में नवजात बच्चे की देख रेख
गर्मियों-में-नवजात गर्मियों में नाजुक सी जान का ख्याल रखना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मगर थोड़ी से समझ बुझ से काम लें तो आप अपने नवजात शिशु को गर्मियों के मौसम में स्वस्थ और खुशमिजाज रख पाएंगी।
Read More...

Copyright: Kidhealthcenter.com