Category: स्वस्थ शरीर
By: Salan Khalkho | ☺2 min read
अगर आप का शिशु भी रात को सोने के समय बहुत नटखट करता है और बिलकुल भी सोना नहीं चाहता है तो जानिए अपने शिशु की सुलाने का आसन तरीका। लेकिन बताये गए तरीकों को आप को दिनचर्या ताकि आप के शिशु को रात को एक निश्चित समय पे सोने की आदत पड़ जाये।
नवजात शिशु और कुछ छोटे बच्चों को दिन और रात में अंतर करना नहीं आता है। इसी वजह से छोटे बच्चे रात भर सो नहीं पाते हैं।
शुरुआती दिनों में हर माँ-बाप जानना चाहते हैं छोटे बच्चों को सुलाने का आसान तरीका।
नवजात शिशु जब कुछ सप्ताह का हो जाता है तब आप उसे दिन और रात में अंतर करना सीखा सकते हैं। इससे बच्चे में सोने के लिए एक निश्चित दिनचर्या को पालन करें का आदत पड़ता है।
बच्चों में निश्चित दिनचर्या का पालन करने के बहुत से फायदे हैं। उनमें से एक फायदा यह है की शिशु हर दिन एक निश्चित समय पे सोना सिख जाता है और उसे नींद भी बहुत अच्छी आती है।
कई बार छोटे बच्चे दर के कारन भी नहीं सोते हैं या सोने में उन्हें परेशानी होती है। अगर आप का बच्चा छोटा है तो आप उसे अपने साथ बिस्तर पे सुलाएं।
बच्चों को माँ-बाप के साथ बिस्तर पे एक साथ सोने के ढेरों फायदे हैं। जो बच्चे बिस्तर पे माँ-बाप के साथ सोते हैं उनका बौद्धिक विकास और बच्चों से बेहतर होता है। और उन्हें नींद की समस्या दुसरे बच्चों से कम होती है।
वैसे तो कई बार यह भी होता है की बच्चे बिना कारण के भी रात को सोने में परेशानी महसूस करते हैं। हर बच्चा अनोखा होता है और इसीलिए उन्हें सुलाने के तरीके भी भिन - भिन होते हैं।
कुछ माताएं अपने बच्चे को सुलाने के लिए लोरियां सुनती हैं तो कुछ माताएं अपने बच्चे को कार से थोड़ा सा घुमा देती हैं और बच्चा कार में बैठते ही गोद में सो जाता है।
बच्चों को इस तरह तुरंत सुलाने के बहुत से तरीके हैं - जिन्हे आप यहां पढ़ सकती हैं।
लेकिन चाहे आप बच्चे को सुलाने के लिए कोई भी तरीका अपनाएं - आप को यह साझना पड़ेगा की आप के बच्चे की उम्र के अनुसार उसके कब और कितना सोने की आवश्यकता है।
कहीं ऐसा तो नहीं की आप के बच्चे को पूरी नींद मिल रही है और आप बेकार में परेशां हो रही हैं। या फिर यह भी हो सकता है की आप के बच्चे को नींद पूरी नहीं मिल पा रही है।
जब बच्चे को नींद पूरी नहीं मिल अति है या फिर जब बच्चा अत्यधिक थक जाता है तो भी उसे सोने में दिक्कत होती है।
हेयर जो भी स्थिति हो - पहले तो आप Indian Baby Sleep Chart को ध्यान से पढ़ें ताकि आप को पता लग सके की आप के शिशु को उसके उम्र के अनुसार कितना सोने की आवश्यकता है।