Category: शिशु रोग

शिशु को दूध पिलाने के बाद हिचकी आता है - क्या करें?

By: Salan Khalkho | 3 min read

अगर आप के बच्चे को दूध पिलाने के बाद हिचकी आता है तो यह कोई गंभीर बात नहीं है। कुछ आसान घरेलू नुस्खे हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को हिचकी से निजात दिला सकती हैं।

hiccups after feeding the baby शिशु को दूध पिलाने के बाद हिचकी आता है

चिंता न करें!

दूध पिने के बाद शिशु में हिचकी आना सामान्य बात है। 

लेकिन अगर हिचकी की समस्या आप के शिशु को नियमित रूप से हो रही है तो आप को इसे गम्भीरता से लेने की आवश्यकता है। 

कई बार बच्चे दूध पीते वक्त बहुत उत्‍साहित/उत्तेजित हो जाते हैं। और इस वजह से उन्हें हिचकी आने लगती है। जो पहली बार माता-पिता बनते हैं, उन्हें हिचकी की समस्या ज्यादा सताती है। 

बस इतना जान रखिये की यह बच्चे में एक सामान्य प्रक्रिया है। 

क्या आप को पता है की छह हफ्ते का बच्चा गर्भ में ही हिचकी लेना प्रारम्भ कर देता है। 

शिशु में हिचकी कितनी देर तक रहती है

हिचकी बच्चे को ज्यादा देर तक तो नहीं रहती, मगर कितनी देर तक रहेगी, यह निर्धारित नहीं है। बच्चे में हिचकी कुछ मिनट से ले कर कुछ घंटों तक रह सकती है। यूँ तो हिचकी का बच्चे की सेहत पे कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है, मगर हिचकी आप के बच्चे को परेशान जरूर कर सकती है। एक बार जब आप का बच्चा बड़ा हो जायेगा तब आप के लिए उसका ध्यान हिचकी से हटाना आसान हो जायेगा। 

नवजात शिशु को हिचकी से छुटकारा दिलाने का तरीका

शिशु में हिचकी का मुख्या कारण है पेट पे वायु का दबाव। यह इसलिए होता है क्यूंकि बच्चा दूध पीते वक्त वायु  भी निगल लेट है। यह वायु पेट पे अतिरिक्त दबाव बनाता है जिस वजह से बच्चे को हिचकी आने लगती है। हर बार बच्चे को दूध पिलाने के बाद अगर आप उसे डकार दिलाने का कोशिश करें तो बच्चे के पेट में फसा वायु बहार निकल जायेगा जिससे बच्चे को आराम तो मिलेगा ही साथ-ही-साथ बच्चे को हिचकी आने की सम्भावना भी ख़त्म हो जाएगी। 

बच्चे को डकार दिलाने के लिए बच्चे को अपने कंधे पे लें और उसके पीट पे हलके हलके हाथ से थप थपायें। 

बच्चे की हिचकी को शांत करने के लिए आप उसे थोड़ा सा दूध या पानी भी दे सकती हैं। अगर आप का बच्चा छह महीने से छोटा है तो आप उसे पानी न दें। इसके बदले आप उसे थोड़ा सा दूध ही दें। 

चूँकि हिचकी थोड़ी देर में स्वतः ही चली जाती है, हिचकी के चले जाने का इंतज़ार करना भी एक इलाज है। बच्चे में हिचकी आधे घंटे से ज्यादा देर तक नहीं रहेगी। जैसे जैसे आप का बच्चा कद-काठी में बड़ा होगा उसके डायफ्राम पे दबाव भी कम पड़ेगा। जैसे ही आप का बच्चा एक साल का होगा आप पाएंगे की उसकी हिचकी की समस्या पूरी तरह समाप्त हो गयी है। 

अगर आप के नवजात बच्चे में हिचकी बहुत देर तक बनी रहती है या फिर उसे हिचकी बहुत जल्‍दी-जल्‍दी आती है तो यह किसी दूसरी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप को अपने बच्चे के डॉक्टर (शिशु चिकित्‍सक) से संपर्क करना चाहिए। कई बार बच्चे को सांस लेने में परेशानी होने पे भी हिचकी आती है। 

Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।

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