Category: बच्चों का पोषण
By: Admin | ☺5 min read
गाए के दूध से मिले देशी घी का इस्तेमाल भारत में सदियौं से होता आ रहा है। स्वस्थ वर्धक गुणों के साथ-साथ इसमें औषधीय गुण भी हैं। यह बच्चों के लिए विशेष लाभकारी है। अगर आप के बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है, तो देशी घी शिशु का वजन बढ़ाने की अचूक दावा भी है। इस लेख में हम चर्चा करेंगे शिशु को देशी घी खिलने के 7 फाएदों के बारे में।
गाए के दूध से मिले देशी घी के फायदे के बारे में तो आप को जरूर पता होगा।
लेकिन,
क्या आप को यह पता है,
की अगर आप अपने 6 से 12 महीने के बच्चे को गाए का शुद्ध देशी घी उसके आहार में मिला के देती हैं तो उसका शारीरिक और मानसिक विकास की दर कई गुणा बढ़ जाती है।
इसके साथ ही साथ गाए का शुद्ध देशी घी शिशु के शरीर में रोग प्रतिरोधक छमता को भी बढ़ता है। इसका सीधा सा मतलब यह है की देशी घी शिशु को अनेक प्रकर की बीमारियोँ से सभी बचता है।
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शिशु के जीवन के पहले तीन साल विकास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इन तीन सालों में शिशु बीमार भी सबसे ज्यादा पड़ता है। और यह दोनों बातों ऐसी हैं जिसमे देसी घी मदद कर सकता है।
चलिए हम निचे विस्तार से देखते हैं की देशी घी के क्या क्या फायदे हैं और इसे किस तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है।
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दाल या दाल के पानी में देशी घी मिला के शिशु को देने से उसके पेट में गैस की समस्या नहीं रहती है। अगर शिशु को एलेर्जी की समस्या हो तो उसके नाक देशी घी के कुछ बूँद डालने से आराम मिलता है।
शिशु के पहले तीन से चार साल ऐसे होते हैं जब उसे कब्ज की समस्या भी होती है। यह तीन साल तक के बच्चों की एक आम समस्या है।
लेकिन अगर आप अपने शिशु को उसके किसी-न-किसी आहार में देशी घी मिला के दे रही हैं तो उसे कब्ज की समस्या नहीं रहेगी।
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देशी घी में ऊर्जा बहुत घनिष्ठ रूप में होती है। शिशु को आहार में देशी घी देने से उसकी ऊर्जा की आवश्यकता पूरी होती है। बच्चे बहुत क्रियाशील होते हैं।
दौड़ना - भागना उनकी फितरत होती है। इन सब कार्योँ के लिए उसके शरीर को बहुत ऊर्जा की आवश्यक होती है। देशी घी एक बहुत ही आसान तरीका है शिशु के शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का।
देशी घी शिशु के दिमाग के लिए बहुत अच्छा है। यह एक ऐसा आहार है जो शिशु में आसानी से पच जाता है। शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए फायदेमंद है।
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देशी घी के सेवन से शिशु के वजन में बहुत तेज़ी से वृद्धि होती है। इसीलिए शिशु के वजन के अनुसार आप अपने शिशु को देशी घी खिलाएं।
अगर आप के शिशु का वजन कम है तो आप उसके आहार के साथ उसे थोड़ा ज्यादा देशी घी दे सकती हैं। लेकिन अगर आप के शिशु का वजन पहले से ही ज्यादा है तो आप उसे थोड़ा कम देशी घी दें।
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ठण्ड के दिनों में भी देशी घी बड़े काम की चीज़ है। अगर कफ की वजह से शिशु की छाती में जकड़न है तो आप गाए के पुराने देशी घी से शिशु की पीठ और छाती को मालिश करने से कफ में आराम मिलता है।
छोटे बच्चों को अक्सर हिचकी भी बहुत आती है। जब बच्चों को हिचकी आये तो उन्हें आधा चम्मच गाए का देशी घी देने से आराम मिलता है।
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