Category: बच्चों की परवरिश
By: Salan Khalkho | ☺6 min read
इस गेम को खेलने के बाद बच्चे कर लेते हैं आत्महत्या|सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पे खेले जाने वाला गेम 'ब्लू व्हेल चैलेंज' अब तक पूरी दुनिया में 300 से ज्यादा बच्चों का जान ले चूका है| भारत में इस गेम की वजह से छह किशोर खुदखुशी कर चुके हैं| अगर पेरेंट्स समय रहते नहीं सतर्क हुए तो बहुत से पेरेंट्स के बच्चे इंटरनेट पे खेले जाने वाले गेम्स के चक्कर में घातक कदम उठा सकते हैं|
"क्या आप मेरे साथ कोई खेल खेलेंगे? एक डेयर का खेल? मैं जो बोलूंगी वो आप करेंगे? चलिए तो सुसाइड करके दिखाइए..."
ब्लू-वेल चैलेंज गेम के आखरी पड़ाव और पचासवें टास्क पे पहुँचने पे मुंबई के एक 14 साल के लड़के मनप्रीत सिंह सहानी को यह आखरी मैसेज मिला था जिसके बाद उसने इस गेम के पागलपन को गले लगते हुए खुद ही अपनी जान ले ली।
अगर आप के बच्चे भी अपने स्मार्ट फ़ोन पे अधिकांश समय बिताते हैं, तो सावधान हो जाएँ।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पे खेले जाने वाला गेम 'ब्लू व्हेल चैलेंज' अब तक पूरी दुनिया में 300 से ज्यादा बच्चों का जान ले चूका है। भारत में इस गेम की वजह से छह किशोर खुदखुशी कर चुके हैं।
इंटरनेट पे खेले जाने वाला यह गेम 16 से 19 साल के बच्चों को बहुत रास आ रहा है।
खतरनाक कारनामों को करने के लिए युवा पीढ़ी को उकसाने वाला ऑनलाइन गेम ब्लू-वेल चैलेंज 50 दिन तक चलता है। इस दौरान खिलाडी को अलग अलग तरह के कुल 50 टास्क करने पड़ते हैं। अधिकांश टास्क ऐसे हैं जिन्हे पूरा करने के लिए खिलाडी को खुद को नुकसान पहुँचाना पड़ता है और अंत में उसे खुद अपनी जान देनी होती है।
गेम ब्लू-वेल चैलेंज ऐसे 50 टास्क पे आधारित है जो बच्चों के दिमाग को बुरी तरह प्रभावित करता है और यहां तक की उनका ब्रेन-वाश तक कर देता है। गेम ब्लू-वेल चैलेंज के टास्क को करते करते बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं और गेम के अंतिम चरण तक पहुँचते पहुँचते उनमे सही और गलत में भेद करने की क्षमता ख़त्म हो जाती है। यही कारण है की वे सुसाइड को भी सही समझ कर अपनी ही जान लेते हैं।
अगर पेरेंट्स समय रहते नहीं सतर्क हुए तो बहुत से पेरेंट्स के बच्चे इंटरनेट पे खेले जाने वाले गेम्स के चक्कर में घातक कदम उठा सकते हैं। कंप्यूटर और मोबाइल-फ़ोन पे गेम्स खेलने के चक्कर में बच्चों में कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम की शिकायत पाई जा रही है। यह बच्चों के आखों से सम्बंधित ऐसी बीमारी है जो कंप्यूटर या मोबाइल पे अधिक समय बिताने से होती है। इसमें बच्चों की आखों में ड्राइनेस व दर्द की समस्या उत्पन हो जाती है। इसके आलावा जो बच्चे कंप्यूटर व मोबाइल पे अधिकांश समय बिताते हैं उनके दिमाग पे कंप्यूटर से निकलने वाले रेडिएशन का भी प्रभाव पड़ता है। इससे बच्चे के पढ़ने-लिखने की क्षमता पे विपरीत प्रभाव पड़ता है।
इंटरनेट और स्मार्ट फ़ोन ने पढ़ाई को भले ही बहुत सरल बना दिया हो, मगर इसकी वजह से इंटरनेट, चैटिंग और गेम की लत में फंसकर बच्चे बहुत कुछ खो रहे हैं।
इंटरनेट पे संचालित इस बेहद खतरनाक गेम का इजाद रूस के एक 22 साल के लड़के ने किया। इस लड़के को सर्बियन कोर्ट ने 3 साल की सजा दी है साथ ही दो अन्य व्यक्ति को इस गेम को सर्कुलेट करने के जुर्म में सजा दी गयी है। अब तक 'ब्लू व्हेल चैलेंज' गेम की वजह से पुरे संसार में 130 बच्चों मौत को गले लगा चुके हैं।
22 साल के रूस के Philipp Budeikin ने ब्लू-वेल चैलेंज गेम की शुरुआत की। उसका मकसद था की वो दुनिया से इस खेल के जरिये बेकार नस्ल के लोगो का नामो निशान मिटा सके।
'ब्लू व्हेल चैलेंज' गेम के वायरल होने का सबसे बड़ा श्रेय सोशल मीडिया को जाता है। शुरुआत में इस गेम के द्वारा उन लोगों को टारगेट किया गया जिन्हे आसानी से बहकाया जा सके। 'ब्लू व्हेल चैलेंज' गेम को मुख्या रूप से रूस के सोशल मीडिया प्लेटफार्म - vk.com के जरिए publicity मिली। इस सोशल मीडिया साइट पे कई ऐसे डेथ ग्रुप्स हैं जिन्होंने ने ना केवल 'ब्लू व्हेल चैलेंज' गेम को बल्कि आत्महत्या को भी ग्लैमराइज यानि चकाचौंध भरा बना दिया है।
बच्चे फेस बुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पे जो भी करते हैं या उनके जीवन में जो भी चल रहा होता है उसपे सिर्फ उनके दोस्तों की ही नजर नहीं होती बल्कि और भी बहुत से आसामाजिक लोगों की नजर होती है। ये लोग आप के बच्चों को friend request भेज सकते हैं या बिना इसके भी आप के बच्चे को ट्रेस कर सकते हैं और दूसरे देशों से बैठे-बैठे आप के बच्चे को खतरनाक टास्क (जैसे की आत्महत्या) करने के लिए उकसा सकते है। अब तक 130 बच्चे इस गेम की वजह से आत्महत्या कर चुके हैं, मगर इसका पता किसी को नहीं की कितने बच्चों ने इस गेम की वजह से आत्महत्या करने का मन बना लिया हैं या आत्महत्या करने वाले हैं।
यह तो केवल एक नमूना है। ऐसे बहुत से चैलेंज हैं जिनसे आप के बच्चों को बहुत नुकसान हो सकता है। हर संभव कोशिश करें की आप का बच्चा इस तरह के ऑनलाइन गेम्स से दूर रहें ताकि वो इस प्रकार की कोई भी आलतू फालतू चीज़ ट्राय ना करे।
गेम ब्लू-वेल चैलेंज की वजह से देश में हो रही किशोरों द्वारा सुसाइड की घटना की स्थिति पे काबू पाने के लिए फ़िलहाल दिल्ली हाईकोर्ट ने 'ब्लू व्हेल चैलेंज' गेम को बैन करने को लेकर नोटिस जारी किया है। कोर्ट का यह नोटिस फेसबुक, गूगल,याहू और केंद्र सरकार को जारी किया गया है। फेसबुक, गूगल और याहू से जवाब माँगा गया है की उन्होंने अपनी तरफ से इस गेम को अपने प्लेटफार्म से हटाने के लिए क्या इंतेज़ाम किये हैं। सरकार से भी जवाब मांगा गया है की वो इस दिशा में क्या कदम उठा रही है।
केंद्र सरकार के अनुसार, आईटीएक्ट के सेक्शन 79 के अर्तगत 11 अगस्त को ही उसने तीनो कंपनियों को इस खेल को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए नोटिस जारी कर दिया है।
बच्चों का मन कोमल होता है और वे काफी भावुक होते हैं। उन्हें बड़े आसानी से बहकाया और उकसाया जा सकता है। ऐसे मैं अभिभावकों और माँ-बाप की जिम्मेदारी बनती है की वे अपने बच्चों पे नजर रखें, विशेषकर उनकी स्मार्ट फ़ोन पे होने वाली गतिविधियों पे। बच्चों को बताएं की कंप्यूटर और स्मार्ट फ़ोन के बहार की दुनिया बहुत हसिन है और यही हकीकत की दुनिया है - बाकि सब धोखा है।
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