Category: शिशु रोग
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बच्चों का और 20 वर्ष से छोटे सभी लोगों का BMI गणना केवल फॉर्मूले के आधार पे नहीं किया जाता है। इसके बदले, BMI chart का भी इस्तेमाल किया जाता है। BMI chart के आधार पे जिन बच्चों का BMI 5th percentile से कम होता है उन्हें underweight माना जाता है।

बॉडी मास्स इंडेक्स (body mass index) या BMI शरीर में वासा के मौजूदा स्थिति को दर्शाता है।
इसका इस्तेमाल डॉक्टर इस बात का पता लगाने के लिए करते हैं की अत्यधिक वजन या मोटापे के कारण कहीं आप को किसी संभावित बीमारी का खतरा तो नहीं।
बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) की गणना व्यक्ति की लम्बाई और उसके वजन के आधार पे किया जाता है। उम्र का इससे कोई खास लेना-देना नहीं है।
मगर,
अगर आप एक बच्चे की बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) की गणना करने जा रही है, तो उम्र मायने रखता है।
बच्चों के शरीर की बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) की गणना करते समय डॉक्टर बच्चे की उम्र का ख्याल रखते हैं।
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एक व्यस्क व्यक्ति के बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) की गणना करते वक्त उम्र मायने नहीं रखता है। BMI की गणना करना आसान है। [नोट: बच्चों का BMI गणना करते वक्त उम्र को ध्यान में रखा जाता है।]
शरीर के वजन को दो बार शरीर की लम्बाई (square of your height) से भाग (divide) करने पे संख्या आती ही उसे 703 से गुना करने पे शरीर का बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) मिलता है।
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BMI = (शरीर का वजन (pounds में) / शरीर की लम्बाई X शरीर की लम्बाई इंच में) X 703
ऊपर दिए गए बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) के फॉर्मूले के आधार पे एक व्यक्ति जिसका वजन 180 pounds और जिसकी लम्बाई 6 feet है, उसका बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) होगा 24.4
बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) = (180 / 6 X 6) X 703 = 24.4
एक स्वस्थ व्यस्क के शारीर का बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) 18.5 और 24.9 के बीच में होना चाहिए। अगर शारीर का बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) 18.5 से कम है तो इसका मतलब व्यक्ति का वजन सामान्य से कम है।
उसी तरह जिस व्यक्ति का बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) 25 से 29.9 के बीच हो ती इसका मतलब व्यक्ति अत्यधिक वजन का है। जिनका बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) 30 या उससे ज्यादा है उन्हें "obese" की श्रीणी में गिना जाता है।
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बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) शरीर में मौजूद वासा की स्थिति को इंगित करता है। लेकिन और भी वज्ञानिक तरीके उपलब्ध हैं जिनकी सहायता से आप ज्यादा सटीकता से शरीर में मौजूद वासा की गणना कर सकती हैं।
उदाहरण के लिए body fat scales, skinfold calipers सुर X-ray DEXA scans. लेकिन बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) की अपनी एक सीमा है जिस वजह से बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) का इस्तेमाल केवल प्रारंभिक जाँच के लिए किया जाता है। लेकिन इसका इस्तेमाल diagnosis के लिए नहीं किया जाता है।
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शरीर की संरचना कई तरह की होती है। कुछ व्यक्ति शारीरिक रूप से वजनदार होते हैं लेकिन जरुरी नहीं की यह वजन उनके शरीर में मौजूद वासा के कारण हो।
उदाहरण के लिए athletic and muscular type के व्यक्ति। इनका वजन अत्यधिक हो सकता है। लेकिन यह शरीर में मैजूद वासा के कारण नहीं है।
यह इसलिए है क्योँकि इनके शरीर में मांसपेशियोँ की अधिकता है। शरीर में अत्यधिक मास्सपेशियोँ की कोशिकाओं का होना स्वास्थवर्धक बात है।
अत्यधिक मास्सपेशियोँ के होने से आप बीमार नहीं पड़ेंगे और न ही आप को इस वजह से किसी बीमारी का खतरा है।

जब आप जवान होते हैं उस वक्त आप के शरीर का बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) आप के शरीर में मौजूद अत्यधिक मांसपेशियोँ के कारण भी हो सकता है।
तुलनात्मक रूप से पुरुषों के शरीर में स्त्रियोँ की तुलना में ज्यादा मासपेशियां (muscles mass) होता है। इस हिसाब से देखा जाये तो BMI equation इस परिस्थितियोँ में ज्यादा सटीक उत्तर गणना नहीं दे पता है।
लेकिन एक trained medical professional BMI equation के साथ साथ कुछ तथ्यों के आधार पे सही निष्कर्ष पहुँच सकते हैं।
उदाहरण के लिए वे बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) की गणना करते वक्त आप के जीवन शैली (lifestyle) से सम्बंधित सवालों को भी ध्यान में रख कर किसी निष्कर्ष पे पहुँचते हैं।
बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) का इस्तेमाल केवल प्रारंभिक जाँच के लिए ही करना चाहिए। क्योँकि आप का वजन 18.5 to 24.9 के साधारण range में होने के बावजूद भी आप के शरीर में बहुत वासा हो सकता है।
ऐसे उदहारण बहुत आम हैं जहाँ BMI नार्मल रेंज में होने के बावजूद भी व्यक्ति के पेट में बहुत abdominal fat होता है।

शरीर में अत्यधिक वासा (belly fat) होना इस बात का इशारा करता है की व्यक्ति को हृदय सम्बन्धी या type 2 diabetes होने की सम्भावना है।
पुरुषों के लिए 20 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत body fat अत्यधिक की श्रेणी में गिना जाता है।
एक व्यस्क व्यक्ति का बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) का गणना करते वक्त उम्र का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। लेकिन सच बात तो ये है की उम्र के साथ साथ शारीरिक संरचना में बदलाव आते हैं।
विशेषकर ऐसे बूढ़े लोगों के शरीर में जो कसरत नहीं करते हैं। ये लोगों में "साधारण वजन Obesity" होने का खतरा ज्यादा रहता है।

उम्र के साथ साथ हड्डियोँ के घनत्व (bone density) में कमी आती है। लेकिन साथ ही शारीरिक वासा में बढ़ौतरी भी होती है। जो लोग ध्रूमपान करते हैं उनमें भी "साधारण वजन Obesity" होने का खतरा ज्यादा रहता है।
अगर आप के शरीर का बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) साधारण रेंज में है तो भी आप को समय समय पे अपना डाक्टरी जाँच कराते रहना चाहिए।

विशेषकर blood pressure, blood sugar और cholesterol level का जाँच तो अवशय कराते रहना चाहिए। अगर आप के डॉक्टर को इस बात की आशंका हो की आप के शरीर में साधारण लेवल से ज्यादा वासा है तो आप को कुछ और टेस्ट भी कराने की आवश्यकता है जैसे की skinfold caliper tests या air displacement टेस्ट। इन टेस्ट के जरिये शरीर में मौजूद वासा की सही स्थिति का पता चलेगा।
बच्चों के शरीर का BMI पता करते वक्त उम्र मायने रखता है। बीस साल (20 years) तक के सभी बच्चों पे ये बात लागु होती है।
बच्चों के शरीर के BMI की गणना ठीक उसी तरह से की जाती है जी तरह से बड़ों के शरीर की। लकिन जो BMI संख्या प्राप्त होती है उसकी तुलना उसी उम्र और लिंग के दुसरे बच्चों से की जाती है।

अलग-अलग उम्र में बच्चों की शारीरिक संरचना में बहुत बहुत अंतर होता है। इसी वजह से जीवन के अलग-अलग पड़ाव में उनके शरीर में वासा की मात्रा भी बदलती रहती है।
उदाहरण के लिए puberty के दौरान लड़कियों के शरीर में वासा की मात्रा बढ़ जाती है। ये होता है उनके शरीर में बदलते hormone के कारण जो उनके शरीर को बच्चा जानने के लिए त्यार करता है। इसीलिए बच्चों के लिए उम्र और लिंग के BMI chart के इस्तेमाल करते हैं ताकि इन बातों का ध्यान रखा जा सके।


बच्चों का और 20 वर्ष से छोटे सभी लोगों का BMI गणना केवल फॉर्मूले के आधार पे नहीं किया जाता है। इसके बदले, BMI chart का भी इस्तेमाल किया जाता है।
BMI chart के आधार पे जिन बच्चों का BMI 5th percentile से कम होता है उन्हें underweight माना जाता है। सामान्य वजन BMI वो है जहाँ बच्चों का BMI 5th से 85th percentile के बीच होता है। यह स्वस्थ माना जाता है।
लेकिन जिन बच्चों का BMI 85th से 95th percentile के बीच होता है उन्हें वरवेइट माना जाता है और 95th percentile से ज्यादा होना "obese" माना जाता है।
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दही तो दूध से बना है, तो जाहिर है की इससे आप के शिशु को calcium भरपूर मिलेगा| दही चावल या curd rice, तुरंत बन जाने वाला बेहद आसान आहार है| इसे बनान आसान है इसका मतलब यह नहीं की यह पोशाक तत्वों के मामले में कम है| यह बहुत से पोषक तत्वों का भंडार है| baby food शिशु आहार 9 month to 12 month baby
चावल का खीर मुख्यता दूध में बनता है तो इसमें दूध के सारे पौष्टिक गुण होते हैं| खीर उन चुनिन्दा आहारों में से एक है जो बच्चे को वो सारे पोषक तत्त्व देता है जो उसके बढते शारीर के अच्छे विकास के लिए जरुरी है|
9 महीने के बच्चों की आहार सारणी (9 month Indian baby food chart) - 9 महीने के अधिकतर बच्चे इतने बड़े हो जाते हैं की वो पिसे हुए आहार (puree) को बंद कर mashed (मसला हुआ) आहार ग्रहण कर सके। नौ माह का बच्चा आसानी से कई प्रकार के आहार आराम से ग्रहण कर सकता है। इसके साथ ही अब वो दिन में तीन आहार ग्रहण करने लायक भी हो गया है। संतुलित आहार चार्ट
मस्तिष्क ज्वर/दिमागी बुखार (Japanese encephalitis - JE) का वैक्सीन मदद करता है आप के बच्चे को एक गंभीर बीमारी से बचने में जो जापानीज इन्सेफेलाइटिस के वायरस द्वारा होता है। मस्तिष्क ज्वर मछरों द्वारा काटे जाने से फैलता है। मगर अच्छी बात यह है की इससे वैक्सीन के द्वारा पूरी तरह बचा जा सकता है।
बच्चों के लिए आवश्यक विटामिन सी की मात्रा बड़ों जितनी नहीं होती है। दो और तीन साल की उम्र के बच्चों को एक दिन में 15 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है। चार से आठ साल के बच्चों को दिन में 25 मिलीग्राम की आवश्यकता होती है और 9 से 13 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रति दिन 45 मिलीग्राम की आवश्यकता होती है।
ठोस आहार के शुरुवाती दिनों में बच्चे को एक बार में एक ही नई चीज़ दें। नया कोई भी भोजन पांचवे दिन ही बच्चे को दें। इस तरह से, अगर किसी भी भोजन से बच्चे को एलर्जी हो जाये तो उसका आसानी से पता लगाया जा सकता है।
लाल रक्त पुरे शरीर में ऑक्सीजन पहुचाने में मदद करता है। लाल रक्त कोशिकायों के हीमोग्लोबिन में आयरन होता है। हीमोग्लोबिन ही पुरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचता है। बिना पर्याप्त आयरन के आपके शरीर में लाल रक्त की कमी हो जाएगी। बहुत से ऐसे भोजन हैं जिससे आयरन के कमी को पूरा किया जा सकता है।