Category: बच्चों का पोषण
By: Salan Khalkho | ☺4 min read
विटामिन सी, या एस्कॉर्बिक एसिड, सबसे प्रभावी और सबसे सुरक्षित पोषक तत्वों में से एक है यह पानी में घुलनशील विटामिन है यह कोलेजन के संश्लेषण के लिए एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जिससे रक्त वाहिकाओं और शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। मानव शरीर में विटामिन सी पैदा करने की क्षमता नहीं है। इसलिए, इसे भोजन और अन्य पूरक आहार के माध्यम से प्राप्त करने की आवश्यकता है।
एस्कॉर्बिक एसिड के रूप में जाना जाने वाले विटामिन C से हमारे शारीर को बहुत से स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं जैसे की - स्कर्वी रोग से बचाव, आम सर्दी से बचाव, शारीरिक रोग प्रतिरोधक छमता का मजबूत होना, हाइपर टेंशन की समस्या से निजत, सीसा विषाक्तता (lead poisining) का इलाज, मोतियाबिंद का इलाज, कैंसर का उपचार, स्ट्रोक होने की सम्भावना को कम करता है, त्वचा को लचीला बनाए रखने में सहायता करता है, घावों को जल्द भरने में मदद करना, और अस्थमा के लक्षणों को बढने से रोकना करना।
विटामिन सी, या एस्कॉर्बिक एसिड, सबसे प्रभावी और सबसे सुरक्षित पोषक तत्वों में से एक है यह पानी में घुलनशील विटामिन है। यह कोलेजन के संश्लेषण के लिए एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जिससे रक्त वाहिकाओं और शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनने में मदद मिलती है। मानव शरीर में विटामिन C पैदा करने की क्षमता नहीं है। इसलिए, इसे भोजन और अन्य पूरक आहार के माध्यम से प्राप्त करने की आवश्यकता है।
विटामिन सी का महत्वपूर्ण स्रोत है संतरे का फल और इसके परिवार से सम्बंधित अन्य फल जैसे संतरे और अंगूर। स्ट्रॉबेरी, रास्पबेरी, गोभी, फूलगोभी, अन्य पत्तेदार सब्जियां, लाल मिर्च, आलू, ब्रोकोली, मिर्च, वॉटरक्रे्रेस, अजमोद, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, कैंटोलॉप्स, मैगे टॉउट और किवी फलों में भी विटामिन C प्रचुर मात्र में पाया जाता है। अगर आप विटामिन C के स्वस्थ्य सम्बन्धी फायदा उठाना चाहते हैं तो आहार को कम तापमान पर पकाएं और कम समय के लिए पकाएं।
विटामिन सी के स्वास्थ्य लाभ:
विटामिन सी हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनता है, जो हमें सर्दी और खांसी से बचाता है। यह वायरस के खिलाफ भी लड़ता है। विटामिन सी लोहे के अवशोषण में शारीर की मदद भी करता है।
उच्च रक्तचाप वाले लोग में हृदय रोगों का जोखिम बना रहता हैं। विटामिन सी का सेवन शरीर के रक्तचाप को कम करने में मदद करता है और इस तरह से ह्रदय रोग की सम्भावना को कम करता है।
विटामिन सी के दुवारा वासोडिलेशन का प्रभावी उपचार संभव है। विटामिन C रक्त वाहिकाओं को उचित मात्र में फैलाता है जिसकी वजह से एथोरोसलेरोसिस की बीमारी में प्रभावी ढंग से इलाज संभव है। एथोरोसलेरोसिस की वजह से मरीज को हृदय रोग की विफलता (heart failure), उच्च कोलेस्ट्रॉल, एनजाइना पेक्टर्स और उच्च रक्तचाप की समस्या का सामना करना पड़ता है। विटामिन सी रक्त वाहिकाओं के फैलाव को सामान्य स्थिति में ले आता है और स्वस्थ ह्रदय की रक्षा करता है।
लीड विषाक्तता एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो अधिकतर बच्चों में होती है। यह सवास्थ से सम्बंधित समस्या खासकर शहरी क्षेत्रों के बच्चों में ज्यादा देखी गयी है। लीड विषाक्तता (lead toxicity) की वजह से बच्चों में असामान्य विकास, व्यवहार संबंधी समस्या, पढाई में कमजोर (learning disability) , आईक्यू में कमी पाई गई है। वयस्कों में लीड विषाक्तता (lead toxicity) की वजह से रक्तचाप में बढ़त देखी गयी है। विटामिन सी की खुराक रक्त में मौजूद सीसा स्तर को कम करता है।
मोतियाबिंद आखों को होने वाली सबसे आम समस्या हैं। आखों में मोतियाबिंद की समस्या तब होती है जब आँख के लेंस में विटामिन सी का स्तर - सामान्य से में कम हो जाता है। विटामिन सी का सेवन वृद्धि शरीर के ऊपरी क्षेत्रों में रक्त की आपूर्ति को बढ़ाती है।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि ताज़ी सब्जियों और फलों खाने वाले लोगों को विभिन्न प्रकार के कैंसर का खतरा कम रहता है। उन्होंने अपने शोध में पाया की ताज़ी सब्जियों और फलों से सम्बंधित कोई ऐसी कड़ी है जिस वजह से इन्हें खाने से कैंसर का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। शोध में यह भी पाया गया है की जो लोग ताज़ी सब्जियों और फलों का सेवन करते हैं उनमे फेफड़े, मुंह, मुखर chords, गले, कोलन, मलाशय, पेट, और अन्नप्रणाली से सम्बंधित कैंसर होने की सम्भावना भी कम होती है।
विटामिन सी, स्ट्रोक से खतरे को कम करने में प्रभावी है। स्ट्रोक एक प्रकार का हृदय रोग है। विटामिन सी मुख्या रूप से सब्जियों और फलों में प्रचुर मात्र में पाया जाता है। विटामिन सी शारीर में रक्तचाप के उचित स्तर को बनाये रखने में भी सहायक है। इसके साथ ही विटामिन सी शारीर में मौजूद free radicals से भी शारीर की रक्षा करता है। यह भी एक कारण हो सकता है जिस वजह से विटामिन सी ह्रदय को स्ट्रोक से बचाने में सक्षम है।
नॉरपिनफ्रिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन में विटामिन सी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर व्यक्ति के मूड को प्रभावित करते हैं, और ये मस्तिष्क के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
प्रतिरक्षा इस विटामिन का एक और महत्वपूर्ण काम है। विटामिन सी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और सफेद रक्त वाहिकाओं के उत्पादन में योगदान के लिए भी जाना जाता है।
विटामिन सी घावों की मरम्मत में भी मदद करता है। यह संयोजी ऊतकों के विकास बढावा देता है जिस वजह से चोट के घाव जल्दी भरते हैं।
एस्कोर्बिक एसिड अस्थमा के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है। यह मानव शरीर को प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से बचाता है एयर इसी वजह से विटामिन सी अस्थमा जैसी बिमारियौं से बचाने में सक्षम है।
विभिन्न अध्ययनों से यह पता चला है की मधुमेह के मुख्य कारणों में से विटामिन सी की कम मात्रा भी एक है। विटामिन सी की खुराक मधुमेह के इलाज के कारगर है। क्योंकि ये इंसुलिन और ग्लूकोज की प्रोसेसिंग में मदद करते हैं।
विटामिन सी की आवश्यक मात्रा, शारीर के रक्त वाहिकाओं की क्षति को ठीक करता है। रक्त वाहिकाओं की सबसे ज्यादा क्षति शारीर में मौजूद free radicals के कारण होती है। चूँकि विटामिन सी शारीर में मौजूद free radicals को ख़त्म करता है, यह हृदय रोग के एक निवारक एजेंट के रूप में कार्य करता है। साथ ही कई अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का भी निवारण करता है।
स्क्ववी (scurvy) रोग विटामिन सी की कमी के कारण होता है। इस विटामिन के कमी से संयोजी ऊतकों, हड्डियों, और रक्त वाहिकाएँ कमजोर हो जाती हैं। कोलेजन के उत्पादन के लिए विटामिन सी एक मुख्या करक है। कोलेजन के कमी के कारण ही संयोजी ऊतकों, हड्डियों, और रक्त वाहिकाएँ कमजोर दीखते हैं।
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