Category: शिशु रोग
By: Salan Khalkho | ☺14 min read
विज्ञान और तकनिकी विकास के साथ साथ बच्चों के थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) को ठीक करना अब बिना तार के संभव हो गया है। मुस्कुराहट चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाता है। लेकिन अगर दांत थेड़े-मेढे (crooked teeth) तो चेहरे की खूबसूरती को कम कर देते हैं। केवल इतना ही नहीं, थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) आपके बच्चे के आत्मविश्वास को भी कम करते हैं। इसीलिए यह जरूरी है कि अगर आपके बच्चे के दांत थेड़े-मेढे (crooked teeth) हो तो उनका समय पर उपचार किया जाए ताकि आपके शिशु में आत्मविश्वास की कमी ना हो। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह आप अपने बच्चे के थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) को बिना तार या ब्रेसेस के मदद के ठीक कर सकते हैं।

आज विज्ञान ने बहुत तरक्की कर लिया है। आज ऐसी तकनीक उपलब्ध है जिसकी सहायता से डॉक्टर दातों को बिना तार या ब्रेसेस (without dentures) के मदद के भी सीधा कर सकते हैं। जिस प्रकार से शरीर के दूसरे अंगों के सही रखरखाव की आवश्यकता पड़ती है ठीक उसी तरह से दातों को भी ठीक रखने की जरूरत है। दांतो की अहमियत केवल इतनी नहीं कि वह चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाते हैं, बल्कि वह बहुत महत्वपूर्ण काम भी करते हैं - जैसे कि आपके आहार को चबाना और पाचन योग्य बनाना। कल्पना करके देखिए कि बिना दांतो के जीवन कैसा होगा।
थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) ठीक तरह से आहार को चबा नहीं पाते हैं - इसका नतीजा यह होता है कि आहार बिना पूरी तरह चबाये हुए ही पेट तक पहुंच जाता है। इससे पेट पर अस्वाभाविक दबाव बढ़ता है। केवल इतना ही नहीं, थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) की वजह से आहार को चबाते समय मसूड़ों को भी चोट पहुंचता है। दांतो के बीच में अगर रिक्त स्थान है - तो यह भी बहुत हानिकारक है - क्योंकि इसमें आहार फस जाता है और सड़ने लगता है जिसकी वजह से दांतों में कैविटीज पैदा हो जाती है।

थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) बहुत आसानी से बच्चों में ठीक किया जा सकता है। दांतों के डॉक्टर शिशु के मुंह को फैलाकर दांतों को ठीक करने की कोशिश करते हैं - ताकि सभी दांत ठीक तरह से अपनी जगह बैठ जाएं। यह तार या ब्रेसेस के मदद से किया जाता है। यह लेख थोड़ा अलग है क्योंकि इस लेख में हम आपको यह बताएंगे कि नई तकनीकी की सहायता से किस प्रकार से डॉक्टर बच्चों के थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) को बिना तार या ब्रेसेस के मदद ठीक कर रहे हैं।

अगर आपके शिशु के दांत थेड़े मेढे (crooked teeth) है तो उसके कई वजह हो सकते हैं। हम आपको ऐसी परिस्थितियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी वजह से अगर आपके शिशु के दांत थेड़े मेढे (crooked teeth) है - तो बिना ब्रसेस के ठीक किया जा सकता है।

कम स्थान में ज्यादा दांत होने की वजह से भी दांत बदसूरत देखते हैं और एक लय में नहीं हो पाते हैं। अगर यह समस्या बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है तो दांतों के डॉक्टर इसे बिना बृजेश की सहायता से केवल retainers इस्तेमाल करके ठीक कर सकते हैं।

अगर आपके शिशु के सभी दांत एक पंक्ति में ना हो तो भी वे अपनी खूबसूरती खो देते हैं। इस प्रकार के दांत आहार को जब आते समय जबड़े तथा मुंह को भी चोट पहुंचा सकते हैं। सभी दातों को खूबसूरती से एक पंक्ति में लाने के लिए डॉक्टर कुछ appliances की सहायता ले सकते हैं। इन appliances के द्वारा डॉक्टर दांतों को पकड़कर के एक पंक्ति में लाने की कोशिश करते हैं।

जिन बच्चों के जबड़े पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं, उनमें दांत आगे पीछे होने लगते हैं क्योंकि उन्हें बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलता है। ऐसी स्थिति में दांतों के डॉक्टर जबड़ों को फैलाने की कोशिश करते हैं ताकि सभी दातों को पर्याप्त स्थान मिल सके और अभी खूबसूरती से एक पंक्ति में आ सकें।

दांतों के डॉक्टर आपके शिशु के दांतो की अवस्था को देखकर इस बात का निर्धारण करेंगे कि उसके दांतों को ठीक करने के लिए कौन सा तरीका सबसे उपयुक्त रहेगा। दातों के डॉक्टर चाहे कोई भी तरीका अपनाएं, आप इस बात का ध्यान रखें कि आपके शिशु के दांत पूरी प्रक्रिया के दौरान साफ-सुथरे रहे। हर दिन सुबह और रात में सोने से पहले शिशु को दांत साफ करना सिखाए। इससे दांत स्वस्थ रहेंगे और प्रक्रिया के दौरान उन्हें कोई हानि भी नहीं पहुंचेगा और ना ही उनमें में संक्रमण लगेगा।
रिलेटेड टर्म्स: दांतो को सीधा करना पहले से आसान हो गया है। आज कल दांत में तार के अलावा और कई ऐसी तकनीकें आ गयी हैं जिनसे दांत सीधे सकते हैं। टेढ़े दांतों से यूं पाएं छुटकारा!/टेढ़े मेढ़े दांतो को सीधा करने के आसान घरेलू उपाय/teeth thik karne ke upay/dant andar karne ke gharelu nuskhe/बाहर निकले हुये दांत को ब्रेसेस से अंदर और सीधा करने के तरीके। बिना तार सीधा और अंदर करने के 8 घरेलू तरीके जाने टेढ़े मेढ़े aur बाहर निकले दांत को - Complete knowledge of parenting and way of living. But it is entirely based on my personal studies from books and other resources.
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विटामिन डी (Vitamin D) एक ऐसा विटामिन है जिसके लिए डॉक्टर की परामर्श की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसे कोई भी आसानी से बिना मेडिकल प्रिसक्रिप्शन के दवा की दुकान से खरीद सकता है। विटामिन डी शरीर के कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से कार्य करने में कई तरह से मदद करता है। उदाहरण के लिए यह शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने में सहायता करता है। मजबूत और सेहतमंद हड्डियों के निर्माण में सहायता करता है। तथा यह विटामिन शरीर को कई प्रकार के संक्रमण से भी सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन अगर आप गर्भवती हैं या फिर गर्भ धारण करने का प्रयास कर रही है तो विटामिन डी (Vitamin D) के इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श कर ले।
गर्भावस्था के दौरान बालों का झाड़ना एक बेहद आम बात है। ऐसा हार्मोनल बदलाव की वजह से होता है। लेकिन खान-पान मे और जीवन शैली में छोटे-मोटे बदलाव लाकर के आप अपने बालों को कमजोर होने से और टूटने/गिरने से बचा सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान स्त्रियौं को सुबह के वक्त मिचली और उल्टी क्योँ आती है, ये कितने दिनो तक आएगी और इसपर काबू कैसे पाया जा सकता है और इसका घरेलु उपचार। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं के शारीर में ईस्ट्रोजेन हॉर्मोन का स्तर बहुत बढ़ जाता है जिस वजह से उन्हें मिचली और उल्टी आती है।
6 महीने के शिशु (लड़के) का वजन 7.9 KG और उसकी लम्बाई 24 से 27.25 इंच के आस पास होनी चाहिए। जबकि 6 महीने की लड़की का वजन 7.3 KG और उसकी लम्बाई 24.8 और 28.25 इंच होनी चाहिए। शिशु के वजन और लम्बाई का अनुपात उसके माता पिता से मिले अनुवांशिकी और आहार से मिलने वाले पोषण पे निर्भर करता है।
बच्चों को सर्दी जुकाम बुखार, और इसके चाहे जो भी लक्षण हो, जुकाम के घरेलू नुस्खे बच्चों को तुरंत राहत पहुंचाएंगे। सबसे अच्छी बात यह ही की सर्दी बुखार की दवा की तरह इनके कोई side effects नहीं हैं। क्योँकि जुकाम के ये घरेलू नुस्खे पूरी तरह से प्राकृतिक हैं।
दैनिक जीवन में बच्चे की देखभाल करते वक्त बहुत से सवाल होंगे जो आप के मन में आएंगे - और आप उनका सही समाधान जाना चाहेंगी। अगर आप डॉक्टर से मिलने से पहले उन सवालों की सूचि त्यार कर लें जिन्हे आप पूछना चाहती हैं तो आप डॉक्टर से अपनी मुलाकात का पूरा फायदा उठा सकती हैं।
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एक्जिमा (eczema) एक ऐसी स्थिति है जिसमे बच्चे के शरीर की त्वचा पे चकते पड़ जाते हैं। त्वचा बहुत शुष्क हो जाती है। त्वचा पे लाली पड़ जाती है और त्वचा पे बहुत खुजली होती है। घरेलु इलाज से आप अपने शिशु के एक्जिमा (eczema) को ख़त्म कर सकती हैं।
अगर आप का शिशु बहुत गुस्सा करता है तो इसमें कोई ताजुब की बात नहीं है। सभी बच्चे गुस्सा करते हैं। गुस्सा अपनी भावना को प्रकट करने का एक तरीका है - जिस तरह हसना, मुस्कुराना और रोना। बस आप को अपने बच्चे को यह सिखाना है की जब उसे गुस्सा आये तो उसे किस तरह नियंत्रित करे।
अल्बिनो (albinism) से प्रभावित बच्चों की त्वचा का रंग हल्का या बदरंग होता है। ऐसे बच्चों को धुप से बचा के रखने की भी आवश्यकता होती है। इसके साथ ही बच्चे को दृष्टि से भी सम्बंधित समस्या हो सकती है। जानिए की अगर आप के शिशु को अल्बिनो (albinism) है तो किन-किन चीजों का ख्याल रखने की आवश्यकता है।
घरेलु नुस्खे जिनकी सहायता से आप अपने बच्चे के पेट में पल रहे परजीवी (parasite) बिना किसी दवा के ही समाप्त कर सकेंगे। पेट के कीड़ों का इलाज का घरेलु उपाए (stomach worm home remedies in hindi). शिशु के पेट के कीड़े मारें प्राकृतिक तरीके से (घरेलु नुस्खे)
बच्चे को सुलाने के नायब तरीके - अपने बच्चे को सुलाने के लिए आप ने तरत तरह की कोशिशें की होंगी। जैसे की बच्चे को सुलाने के लिए उसको कार में कई चक्कर घुमाया होगा, या फिर शुन्य चैनल पे टीवी को स्टार्ट कर दिया होगा ताकि उसकी आवाज से बच्चा सो जाये। बच्चे को सुलाने का हर तरीका सही है - बशर्ते की वो तरीका सुरक्षित हो।
केला पौष्टिक तत्वों का बेहतरीन स्रोत है। ये उन फलों में से एक हैं जिन्हे आप अपने बच्चे को पहले आहार के रूप में भी दे सकती हैं। इसमें लग-भग वो सारे पौष्टिक तत्त्व मौजूद हैं जो एक व्यक्ति के survival के लिए जरुरी है। केले का प्यूरी बनाने की विधि - शिशु आहार (Indian baby food)
बच्चों के नाजुक पाचन तंत्र में लौकी का प्यूरी आसानी से पच जाता है| इसमें प्रचुर मात्रा में मिनरल्स पाए जाते हैं जैसे की कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन A, C. जो बच्चे के पोषण के लिए अच्छा है।
29 रोचक और पौष्टिक शिशु आहार बनाने की विधि जिसे आप का लाडला बड़े चाव से खायेगा। ये सारे शिशु आहार को बनाना बहुत ही आसान है, इस्तेमाल की गयी सामग्री किफायती है और तैयार शिशु आहार बच्चों के लिए बहुत पौष्टिक है। Ragi Khichdi baby food शिशु आहार
11 महीने के बच्चे का आहार सारणी इस तरह होना चाहिए की कम-से-कम दिन में तीन बार ठोस आहार का प्रावधान हो। इसके साथ-साथ दो snacks का भी प्रावधान होना चाहिए। मगर इन सब के बावजूद आपके बच्चे को उसके दैनिक जरुरत के अनुसार उसे स्तनपान या formula milk भी मिलना चाहिए। संतुलित आहार चार्ट
सामाजिक उत्थान के लिए नैतिकता की बुनियाद अत्यंत आवश्यक हैं। वैश्वीकरण से दुनिया करीब तो आ गई, बस अपनो से फासला बढ़ता गया। युवा पीढ़ी पर देश टिका हैं समय आ गया है की युवा पीढ़ी अपनी जिम्मेदारियों को समझे और संस्कृति व परंपराओं की श्रेष्ठता का वर्णन कर लोगोँ में उत्साह ओर आशा का संचार करें और भारत का नाम गौरव करें।
मेनिंगोकोकल वैक्सीन (Meningococcal Vaccination in Hindi) - हिंदी, - मेनिंगोकोकल का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
नाक से खून बहने (nose bleeding in children) जिसे नकसीर फूटना भी कहते हैं, का मुख्या कारण है सुखी हवा (dry air)। चाहे वो गरम सूखे मौसम के कारण हो या फिर कमरे में ठण्ड के दिनों में गरम ब्लोअर के इस्तेमाल से। ये नाक में इरिटेशन (nose irritation) पैदा करता है, नाक के अंदुरुनी त्वचा (nasal membrane) में पपड़ी बनता है, खुजली पैदा करता है और फिर नकसीर फुट निकलता है।
हाइपोथर्मिया होने पर बच्चे के शरीर का तापमान, अत्यधिक कम हो जाता है। हाईपोथर्मिया से पीड़ित वे बच्चे होते हैं, जो अत्यधिक कमज़ोर होते हैं। बच्चा यदि छोटा हैं तो उससे अपने गोद में लेकर ,कम्बल आदि में लपेटकर उससे गर्मी देने की कोशिश करें।