Category: स्वस्थ शरीर
बच्चा बिस्तर से गिर पड़े तो क्या करें - संकेत और लक्षण
By: Admin | ☺4 min read
अगर बच्चा बिस्तर से गिर पड़े तो आप को कौन से बातों का ख्याल रखना चाहिए? कौन से लक्षण और संकेत ऐसे हैं जो शिशु के अंदरूनी चोट के बारे में बताते हैं। शिशु को चोट से तुरंत रहत पहुँचाने के लिए आप को क्या करना चाहिए? इन सभी सवालों के जवाब आप इस लेख में पढ़ेंगी।
लगभग हर बच्चे कभी ना कभी खेलते हुए बिस्तर से गिरते हैं।
छोटे बच्चे बहुत चंचल होते हैं। छेह महीने से एक साल तक के बच्चे करवट लेना सीखते हैं और बिना सहारे के बैठने की कोशिश करने लगते हैं।
चूँकि उनका अधिकांश समय बिस्तर पे ही गुजरता है, उनके बिस्तर से गिरने की सम्भावना अधिक रहती है।
गिरने की वजह से बच्चे को कभी-कभी गंभीर चोट लग सकती है। चोट अगर अंदरूनी है, तो बहार से चोट की गंभीरता के बारे में जानना बहुत मुश्किल है।
बच्चा बिस्तर से गिर पड़े और अगर आप उसमे हमारे बताये हुए लक्षणों को देखें तो बच्चे को तुरंत डोक्टर के पास लेके जाएँ। हो सकता है की बच्चे को सर में या फिर शारीर में कोई अंदरूनी चोट लगा हो।
समय पे बच्चे का इलाज होने पे और उचित देख-भाल से बच्चा कुछ ही समय में पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जायेगा। लेकिन इसके लिए यह पता होना जरुरी है की बच्चे को चोट लगा-है की नही। क्यूंकि अगर बच्चे को चोट लगी है, तो समय पे इलाज महत्वपूर्ण है।
अगर बच्चा बिस्तर से गिर पड़े और उसे सर पे चोट लगे तो आप को निम्न बातें जाननी चाहिए।
इस लेख में:
- छेह माह से एक साल तक के बच्चों का गिरना
- बिस्तर से गिरने पे बच्चे के सर पे चोट
- क्या करें जब बच्चा बिस्तर से गिर पड़े
- शिशु को बस्तर से गिरने से किस तरह बचाएं?
- ध्यान दें
छेह माह से एक साल तक के बच्चों का गिरना
जब बच्चा घुटनों के बल चलना शुरू करता है, तो उनकी विशेष निगरानी करनी पड़ती है। थोड़ी सी असावधानी, और थोडा सा नजर हटते ही बच्चे ना जाने कब बिस्तर के एक सिरे से दुसरे सिरे तक पहुँच जाते हैं, पता भी नहीं चलता है।
ऐसे में उनका बिस्तर से गिरने की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है। अगर हाल ही में आप का भी बच्चा बिस्तर से निचे गिर गया है, तो आप को बहुत ज्यादा अपने आप को कोसने की कोई आवश्यकता नहीं है। अगली बार से और सावधानी बरतियेगा।
अधिकांश मामलों में बिस्तर से गिरने पे बच्चों को कोई विशेष चोट नहीं लगता है। इसीलिए अधिकांश मामलों में चिंता की बात नहीं रहती है।
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लेकिन फिर भी यह सुनिश्चित करना आवश्यक है की कहीं बच्चे को कोई अंदरूनी चोट तो नहीं लगी है। कुछ पुराने स्टाइल के बिस्तरों की लम्बाई ज्यादा होती है, जिनसे गिरने पे बच्चों को ज्यादा चोट लगने की सम्भावना रहती है,
वहीँ कई बार गिरते वक्त बिस्तर के कोने से बच्चे के सर पे चोट लगने की भी सम्भावना रहती है।
या फिर बिस्तर की निचे पड़े खिलोने या दुसरे सामानों पे गिरते वक्त बच्चे के सर पे चोट लग सकती है।
इसीलिए हर संभव कोशिश करें की जब बच्चे बिस्तर पे हों तो पूरी सावधानी बाराती जाये। ताकि बच्चों को किसी भी संभावित खतरे से बचाया जा सके।
बिस्तर से गिरने पे बच्चे के सर पे चोट
बड़ों की तुलना में बच्चों के सर की हड्डी (खोपड़ी) बहुत लचीली होती है। इस वजह से बड़ों की तुलना में बच्चों को सर के फ्रैक्चर की सम्भावना या दुसरे गंभीर चोट की सम्भावना कम रहती है।
लेकिन बच्चे की लिए गिरना एक अप्रत्याशित घटना होती है जिस वजह से उसे shock लगता है और बच्चा लगातार रोता है।
अधिकांश मामलों में बच्चा चोट की वजह से नहीं बल्कि गिरने से डर जाता है और इस वजह से रोता है।
क्या करें जब बच्चा बिस्तर से गिर पड़े
सारी सावधानियों के बाद भी अगर बच्चा निचे गिर पड़े तो
- सर्वप्रथम आप अपने बच्चे का ध्यान से निरक्षण करें। देखें की कहीं उसके सर पे कोई चोट, सूजन तो नहीं है। अगर कुछ समय बाद आप का बच्चा शांत हो जाये और आराम से सोये तो उसे सोने दीजिये।
- शिशु के पुरे शरीर का निरक्षण करें की कहीं कोई चोट या सूजन तो नहीं है। बच्चे की आखों को देखिये की वो ठीक से आँखों को फोकस तो कर पा रहा है।
- गिरने के बाद अगर आप का बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा हो और अगर रोते-रोते अवचेत (unconscious) हो जाये तो आप पाने बच्चे तो तुरंत नजदीकी शिशु स्वस्थ केंद्र या शिशु विशेषज्ञ के पास ले के जाएँ।
- गिरने के बाद अगर आप के बच्चे उलटी हो और उसे बुखार चढ़ जाये तो उसे अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता है।
- बच्चे के गिरने के बाद कुछ दिनों तक आप अपने बच्चे पे नजर रखें। अगर इन दिनों में आप ये पाएं की आप का बच्चा शांत है, सुस्त है और ज्यादा समय सोता है (drowsiness) तो अपने शिशु के डॉक्टर से ये सारी बातें बतलायें।
- शिशु में अगर आप बेहोशी और ऐंठन देखें या मिरगी की तरह के लक्षण दिखे तो शिशु को तुरंत डॉक्टर के पास ले के जाएँ।
शिशु को बस्तर से गिरने से किस तरह बचाएं?
- शिशु को दिन में खेलते वक्त घर में जमीं पे खेलने दें। उसके खेलने के लिए आप जमीं पे चटाई या चादर बिछा सकती हैं।
- शिशु के पहुँच से वो सारी चीज़ें दूर कर दें जिससे शिशु को चोट लग सकती है। उदहारण के लिए अगर टेबल पे पानी भरा बोतल रखा है और आप का शिशु को उत्सुकतावश उसे घींचे तो वह बोतल बच्चे की पैर पे भी गिर सकती है। इसीलिए अगर घर में कोई भी वस्तु रखी हो तो इस बात का ध्यान रखें की कहीं उससे शिशु को चोट तो नहीं लग जाएगी।
- शिशु के बिस्तर के लिए आप bed guard का इस्तेमाल कर सकती हैं।
- रात के वक्त आप शिशु को पलने में भी सुला सकती हैं। पलने में चरों तरफ से ग्रिल लगा होने की वजह से बच्चे के गिरने की सम्भावना कम हो जाती है।
- अगर शिशु आप के साथ बिस्तर पे सोता है तो बिस्तर के चारों तरफ कारपेट या गद्दा बिछा दें ताकि अगर बच्चा गिरे भी तो कारपेट या गद्दे पे जिससे उसे चोट कम लगे।
ध्यान दें
- मैंने अपनी जिंदगी में शायद ही कोई बच्चा देखा हो जो कभी बिस्तर से नहीं गिरा। इसीलिए अगर आप का बच्चा कभी बिस्तर से गिर भी जाये तो अपने आप को कोसना बंद करें। हर माँ-बाप की तरह आप भी एक बेहतर माँ-बाप हैं। लेकिन सारी सावधानियों के बाद भी अगर बच्चे को चोट लग जाये तो आराम से और विवेक से काम लेने का प्रयास करें।
- चिंतित और परेशान होकर आप अपने शिशु का बेहतर तरीके से देखभाल नहीं कर पाएंगी।
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