Category: शिशु रोग

शिशु के शारीर से चेचक का दाग हटाने का घरेलु उपचार

By: Salan Khalkho | 6 min read

आसन घरेलु उपचार दुवारा अपने बच्चे के शारीर से चेचक, चिकन पॉक्स और छोटी माता, बड़ी माता के दाग - धब्बों को आसानी से दूर करें। चेचक में शिशु के शारीर पे लाल रंग के दाने निकल, लेकिन अफ़सोस की जब शिशु पूरितः से ठीक हो जाता है तब भी पीछे चेचक - चिकन पॉक्स के दाग रह जाते हैं। चेचक के दाग के निशान चेहरे और गर्दन पर हो तो वो चेहरे की खूबसूरती को बिगाड़ देते है। लेकिन इन दाग धब्बों को कई तरह से हटाया जा सकता है - जैसे की - चिकन पॉक्स के दाग हटाने के लिए दवा और क्रीम इस्तेमाल कर सकती हैं और घरेलु प्राकृतिक उपचार भी कर सकती हैं। हम आप को इस लेख में सभी तरह के इलाज के बारे में बताने जा रहें हैं।

शिशु के शारीर से चेचक का दाग हटाने का घरेलु उपचार

जब बच्चे छोटे होते हैं तो उनका शरीर इतना सक्षम नहीं होता है कि वह तमाम प्रकार की बीमारियों से लड़ सकें।  ऐसा इसलिए क्योंकि उनके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी विकसित नहीं होती है जितना कि बड़ों के शरीर की।  यही वजह है कि बच्चे जन्म के पहले कुछ सालों में कुछ ज्यादा बीमार पड़ते हैं,  लेकिन बच्चे जैसे जैसे बड़े होते जाते हैं,  बीमारियों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता उनके अंदर मजबूत होती जाती है। 

बचपन में बच्चों को अनेक प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है, उनमें से एक चेचक यानी चिकन पॉक्स भी है।  लेकिन सबसे दुखद बात यह है कि चेचक यानी चिकन पॉक्स के ठीक हो जाने के बाद भी  शिशु के शरीर पर, यह अपना दाग पीछे छोड़ जाता है। 

चिकन पॉक्स की वजह से शिशु के शरीर पर पड़े यह दाग

चेचक यानी चिकन पॉक्स की वजह से शिशु के शरीर पर पड़े यह दाग दिखने में अच्छे नहीं लगते हैं और साथ ही बच्चों के मनोबल को भी कम करते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि अगर  आपके शिशु के शरीर में चेचक के दाग हो तो आप उन्हें किस प्रकार से घरेलू उपचार के माध्यम से ठीक कर सकती हैं। 

आज से 20 साल पहले भारत में चेचक यानी चिकन पॉक्स की बीमारी एक आम बात थी। लगभग सभी बच्चों (99 percent children) को एक उम्र पर इसका सामना करना पड़ता था।  लेकिन पिछले 30 सालों से भारत सरकार द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चलाई जा रही अनेक टीकाकरण योजनाओं का नतीजा है कि आज महज 10% बच्चे ही चेचक यानी चिकन पॉक्स के शिकार होते हैं। 

भारत से चेचक chickenpox का पूर्ण रूप से उन्मूलन

आने वाले दिनों में उम्मीद है कि भारत से चेचक (chickenpox) का पूर्ण रूप से उन्मूलन हो सकेगा। जिन लोगों ने बचपन में चेचक (chickenpox) का सामना किया है,  आज भी उनकी शरीर पर चेचक (chickenpox) के दाग धब्बों को देखा जा सकता है।  समय के साथ जैसे जैसे बच्चे बड़े  होते हैं,  उनके शरीर से दाग धब्बे हल्के हो जाते हैं,  लेकिन यह पूरी तरह समाप्त नहीं होते हैं।  अगर बचपन में ही कुछ बातों का ध्यान दिया जाए तो बहुत हद तक  बच्चों के शरीर पर से चेचक (chickenpox) के दागों को मिटाया जा सकता है। 

इस लेख में:

  1. शारीर से चेचक के दाग का प्राकृतिक इलाज
  2. चेचक के दाग का दवाओं द्वारा इलाज
  3. मेडिकल शॉप पर मिलने वाली दाग धब्बों की दवा
  4. चेचक (chickenpox) के दाग धब्बों से बचाव

शारीर से चेचक के दाग का प्राकृतिक इलाज

शारीर से चेचक के दाग का प्राकृतिक इलाज

  1. टमाटर और नींबू का रस
  2. औली वेरा 
  3. शरीर में नमी की मात्रा को बढ़ाएं
  4.  विटामिन ई सप्लीमेंट

टमाटर और नींबू का रस

टमाटर और नींबू के रस में प्राकृतिक रूप से ब्लीचिंग के गुण होते हैं जो त्वचा पर पड़े दाग धब्बों को कम करते हैं।  रुई की सहायता से टमाटर और नींबू के रस को धब्बों पर कुछ समय तक लगाते रहने से यह दाग धब्बे पूरी तरह खत्म हो जाते हैं।  लेकिन इस घरेलू उपचार को इस्तेमाल करने से पहले आपको इस बात का ध्यान रखना है कि गांव पूरी तरह भर चुका हो।  अगर बच्चे का गांव पूरी तरह भरा नहीं है तो,  टमाटर और नींबू के रस से शिशु के गांव में काफी पीड़ा होगी और फायदा कुछ नहीं होगा लेकिन सिर्फ नुकसान ही होगा।  इसीलिए जब आपके बच्चे का चेचक का घाव पूरी तरह से भर जाए,  त्वचा ठीक हो जाए, शिशु पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाएं,  तब आप टमाटर और नींबू के रस का प्रयोग उसके दाग धब्बों पर करें।

औली वेरा 

शरीर के दाग धब्बों को कम करने के लिए  औली वेरा का इस्तेमाल पिछले कई सदियों से किया जा रहा है। चिकन पॉक्स की वजह से शरीर पर पड़े काले धब्बों को हटाने में औली वेरा बहुत कारीगर है। ओली वेरा शिशु की त्वचा को पोषण प्रदान करता है और नई त्वचा को उभरने में सहायता करता है।  जब शिशु चिकन पॉक्स से पूरी तरह स्वस्थ हो जाए तब आप उसके शरीर पर पड़े चेचक के दाग धब्बों पर एलिविरा का इस्तेमाल लगातार कुछ दिनों तक कर सकती है।

शरीर में नमी की मात्रा को बढ़ाएं

पानी शरीर की त्वचा को सबसे ज्यादा पोषण प्रदान करता है।  अगर शरीर में नमी की मात्रा पर्याप्त रूप में बनी रहती है तो त्वचा भी स्वस्थ बनी रहती है।  अपनी शिशु को पर्याप्त रूप से पानी पीने के लिए प्रेरित करें।  इससे शिशु की त्वचा सुचारू रूप से काम करेगी,  और चेचक के दाग धब्बों को हटाने में मदद करेगी।  आपको सुनकर यह ताजुब लगेगा लेकिन,  चेचक के ताजे दाग धब्बे,  मात्र पानी पीने से भी ठीक हो सकते हैं। 

विटामिन ई सप्लीमेंट

 विटामिन ई का इस्तेमाल कई प्रकार की दाग धब्बों को हटाने वाली दवाओं को निर्माण करने के लिए किया जाता है।  एक बार जब आप का शिशु चेचक की बीमारी से पूरी तरह ठीक हो जाए तब आप उसे ऐसे फल सब्जी और आहार दें जिनमें भरपूर मात्रा में विटामिन ई हो।  विटामिन ई की एक खूबी होती है कि यह शरीर में नई उत्तक को यानी त्वचा को पैदा करने में सहायता करता है।  आप अपने शिशु को डॉक्टर की राय से विटामिन ई की सप्लीमेंट भी हर दिन दे सकती हैं।  इससे भी उसके शरीर पर पड़े चेचक के दाग धब्बे कम होने में सहायता मिलेगी। 

चेचक के दाग का दवाओं द्वारा इलाज

चेचक के दाग का दवाओं द्वारा इलाज

 अगर आपकी बच्ची के शरीर पर पड़े चेचक के दाग  प्राकृतिक इलाज यानी घरेलू उपचार द्वारा ठीक नहीं हो रहे हैं तो आप उन्हें दवाओं के माध्यम से भी ठीक कर सकती हैं।  यह दवाइयां किसी भी मेडिकल शॉप पर आपको मिल जाएगा।  लेकिन इन दवाओं के इस्तेमाल से पहले शिशु के डॉक्टर से अवश्य इस बारे में बात कर ले।  क्योंकि आपके बच्चे का डॉक्टर, आपके बच्चे की हार्दिक स्थिति के बारे में पूर्ण रूप से अवगत होगा,  वह सही राय दे पाएगा। हम इन दवाइयों के बारे में जानकारी आपको महज इसलिए दे रहे हैं ताकि आप सभी प्रकार की जानकारियों से अवगत रहे।  लेकिन इनका इस्तेमाल बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करें।  

मेडिकल शॉप पर मिलने वाली दाग धब्बों की दवा

मेडिकल शॉप पर मिलने वाली दाग धब्बों की दवा

  1. रेटिनोल क्रीम
  2. एक्सफोलिएट
  3. चेहरे के दाग हटाने वाली  क्रीम

रेटिनोल क्रीम

रेटिनोल क्रीम को विटामिन ए की सहायता से बनाया जाता है।  शरीर और चेहरे के दाग धब्बों को हटाने का यह एक  बेहतरीन क्रीम है। यह त्वचा पे collagen के निर्माण की भी वृद्धि करता है। त्वचा में अच्छी मात्रा में collagen  मौजूद रहने से त्वचा  भरी-भरी और सुंदर दिखती है। Collagen के निर्माण से चेहरों पर बने चेचक की वजह से गड्ढे भरने लगते हैं।  क्रीम का इस्तेमाल शिशु के शरीर और चेहरे के दाग धब्बों पर रात में सोते समय करें।  अगर स्क्रीन से शिशु को तकलीफ हो -  जैसे की खुजली -  तो इसका इस्तेमाल हर दूसरे दिन करें,  या ना करें। 

एक्सफोलिएट

एक्सफोलिएट (Exfoliants) चेहरे पर कथा शरीर पर से  पुरानी त्वचा को हटाता है,  जिससे नई त्वचा को सामने आने का मौका मिलता है।  इसके इस्तेमाल से भी चेहरे व शरीर पर बने हुए दाग धब्बे हल्की पड़ने लगते हैं और अधिकांश मामलों में पूरी तरह खत्म भी हो जाते हैं। यह आपको बाजार से लोशन के रूप में मिल सकता है।  जब आप  इसका इस्तेमाल करें तो इसके डब्बे पर लिखे निर्देश का पालन करें। 

चेहरे के दाग हटाने वाली  क्रीम 

ऊपर जो मैंने जो दवाइयां बताएं हैं, उनके अलावा मेडिकल शॉप पर आपको और भी कई तरह की चेहरे के दाग धब्बों को हटाने वाले क्रीम मिल जाएंगे।  इनको निर्माण करने के लिए अनेक प्रकार की विटामिन का इस्तेमाल किया जाता है जो त्वचा को बेहतर बनने के लिए प्रेरित करते हैं। आप अपनी नजदीकी मेडिकल शॉप से इसके बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकती हैं। लेकिन,  जैसा कि मैंने बताया, किसी भी दवाइयों के इस्तेमाल से पहले,  अपने बच्चे के डॉक्टर से राय अवश्य ले ले। 

चेचक (chickenpox) के दाग धब्बों से बचाव

चेचक (chickenpox) के दाग धब्बों से बचाव 

जब शिशु के शरीर पर चेचक होता है,  तो पूरे शरीर पर दानेदार फफोले निकल आते हैं।  इन फफोलों के अंदर पानी भरा होता है जो शिशु के शरीर पर बहुत खुजली पैदा करता है।  इस वजह से बच्चे उन्हें खुजलाने से अपने आप को रोक नहीं पाते हैं।  लेकिन अफसोस इस बात का है की, चेचक (chickenpox) के फफोलों  को जितना कुछ लाया जाए यह इतने गहरे दाग शरीर पर छोड़ जाते हैं।  इसीलिए अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो अपने शिशु के शरीर पर चेचक (chickenpox) के दाग धब्बों को बनने से रोक सकती हैं। 

  1. अपने बच्चे को बताएं कि जितना ज्यादा हो सके वह चेचक (chickenpox) के फफोलों खुजलाए नहीं। 
  2. अगर आपका बच्चा छोटा है,  और आपकी बातों का पालन नहीं कर पाएगा,  तो आप उसके हाथों में दस्ताने पहना कर रखें। 
  3. शिशु के शरीर पर जहां जहां पर चेचक (chickenpox) के फफोले पड़े हैं वहां पे कोई ऐसी लोशन या क्रीम का इस्तेमाल करें जिससे शिशु को आराम मिले।  आप इसके बारे में अपने शिशु के डॉक्टर से बात कर सकती हैं। 
  4. शिशु के शरीर को साफ और गीले तौलिए से हर दिन पोछकर साफ करें।  शिशु के शरीर को पोछते  समय हल्के हाथों का इस्तेमाल करें। 

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बच्चों-में-टाइफाइड टाइफाइड जिसे मियादी बुखार भी कहा जाता है, जो एक निश्चित समय के लिए होता है यह किसी संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से दूषित वायु और जल से होता है। टाइफाइड से पीड़ित बच्चे में प्रतिदिन बुखार होता है, जो हर दिन कम होने की बजाय बढ़ता रहता है। बच्चो में टाइफाइड बुखार संक्रमित खाद्य पदार्थ और संक्रमित पानी से होता है।
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