Category: शिशु रोग
By: Editorial Team | ☺10 min read
कोरोना महामारी के इस दौर से गुजरने के बाद अब तक करीब दर्जन भर मास्क आपके कमरे के दरवाजे पर टांगने होंगे। कह दीजिए कि यह बात सही नहीं है। और एक बात तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि कम से कम एक बार आपके मन में यह सवाल तो जरूर आया होगा कि क्या कपड़े के बने यह मास्क आपको कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमनी क्रोम से बचा सकता है?
इस लेख में आपने जानेंगे कि कपड़ों से बनी यह मास्क आपको कोरोनावायरस से बचाने में कितने सक्षम है। तथा आपको इन्हें पहनकर कौन कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि आप अपने आप को कोरोना के संक्रमण से और ओमनी क्रोन के संक्रमण से बचा सके।
डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार एक बात तो तय है कि चेहरे को ढकने वाली यह मास्क हमारे चारों तरफ वातावरण में मौजूद वायरस से हमें प्रभावी रूप से सुरक्षा प्रदान करती है। साथ ही संक्रमित व्यक्ति से यह वायरस को वातावरण में फैलने से रोकती है। इसीलिए अगर आप स्वस्थ हैं तो आपको मास्क पहनना बहुत जरूरी है। और अगर आप संक्रमित तो आपको मास्क पहनना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है ताकि आपसे दूसरों को संक्रमण ना हो।
कपड़े का बना मास्क कॉटन या इसी तरह के मटेरियल से बना होता है। यह इतना सक्षम नहीं होता है कि वातावरण में मौजूद वायरस के कणों को आप तक पहुंचने को रोक सके। इस बात को जानना जरूरी है कि ओमनी क्रोन साधारण कोरोनावायरस के मुकाबले कहीं ज्यादा सक्षम है संक्रमण फैलाने में।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ अभी तक इस बात को पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं की ओमनी क्रोन संक्रमण फैलाने में इतना ज्यादा शक्तिशाली है। हां - लेकिन एक बात तो साफ है की यह अत्यधिक संक्रमण शील है और इससे बचाव बहुत बहुत दूर है।
ओमनी क्रोन से बचाव का सबसे बेहतरीन तरीका है कि हर वक्त मास्क पहना जाए और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाए। लेकिन इस बार एक बात का ध्यान और रखने की आवश्यकता है कि हम कौन सा मास्क पहनते हैं। क्योंकि कोई भी साधारण मास्क आपको ओमनी क्रोन से बचा नहीं सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप ऐसे मास्क का इस्तेमाल करें जो आपको सही मायने में कोरोनावायरस के इस वेरिएंट - ओमनी क्रोन से प्रभावी रूप से बचा सके।
अगर आप अपने आप को कोरोनावायरस से बचाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपने कपड़े से बने मास्क का त्याग करना पड़ेगा और इसके बदले में ऐसे मास्क पहला पड़ेगा जो सच में आपको ओमनी क्रोम से बचा सके। आपको इस बात का भी ध्यान देना है कि जो मास्क आप पहने वह आपके चेहरे को अच्छी तरह से ढक सके। आपके चेहरे और मास्क के बीच में थोड़ा भी खाली जगह ना रहे जहां से संक्रमण के घुसने की कोई गुंजाइश हो।
यह एक विशेष प्रकार का मास्क है जिन्हें आपने आमतौर पर अस्पतालों में डॉक्टर तथा नर्सेज को पहने हुए देखा होगा। यह मास्क चेहरे को बहुत अच्छी तरह से ढक लेते हैं और इन्हें कई तरह से एडजस्ट किया जा सकता है। यह मास्क वायु को बहुत अच्छी तरह फ़िल्टर करते हैं। यह ९५% तक वायु में मौजूद संक्रमण को रोक देते हैं।
इस मास्क की भी संरचना इस तरह होती है कि या चेहरे को बहुत अच्छी तरह से ढक लेता है और संक्रमण को प्रभावी रूप से रोकता है। इसकी संरचना किस तरह होती है कि जल लाभ तथा चेहरे के ऊपर थोड़ा उठा हुआ होता है। इस वजह से इसे पहनकर सांस लेने में काफी सहूलियत होती है। यह भी ९५% तक वायु में मौजूद संक्रमण को रोक देते हैं।
दिखने में और बनावट में यह मास्क बहुत हद तक KN95s की तरह है। , वायु में मौजूद संक्रमण को यह 94% तक रोकने में सक्षम होते हैं.
आपको जानकर दुख होगा और ताजुब भी की बाजार में बिकने वाले करीब 60% मास्क नकली है। इस बात की जानकारी हम आपको दे रहे हैं the Centers for Disease Control and Prevention (CDC) के हवाले से। इसीलिए मास्क को खरीदने से पहले आपके लिए यह जरूरी है कि आप यह सुनिश्चित कर लें कि जो मास्क आप खरीदने वाले हैं वह भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।
मान्यता प्राप्त होने के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि जो मास्क आप पहने वह आपके चेहरे को ठीक तरह से ढक ले।
जिस प्रकार से कोरोनावायरस का यह नया वेरिएंट - ओमनी क्रोन अपने पांव तेजी से पसार रहा है - यह बहुत जरूरी हो गया है कि आप अपने आप को संक्रमण से बचाने का हर संभव प्रयास करें और इसके लिए जरूरी है पीजे मास्क आप अपने चेहरे को ढकने के लिए इस्तेमाल करें वह संक्रमण रोकने में कारगर हो।
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आप पाएंगे कि अधिकांश बच्चों के दांत ठेडे मेढे होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे अपने दांतो का ख्याल बड़ों की तरह नहीं रखते हैं। दिनभर कुछ ना कुछ खाते रहते हैं जिससे उनके दांत कभी साफ नहीं रहते हैं। लेकिन अगर आप अपने बच्चों यह दातों का थोड़ा ख्याल रखें तो आप उनके दातों को टेढ़े (crooked teeth) होने से बचा सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आपको अपने बच्चों के दातों से संबंधित कौन-कौन सी बातों का ख्याल रखना है, और अपने बच्चों को किन बातों की शिक्षा देनी है जिससे वे खुद भी अपने दांतो का ख्याल रख सके।
UHT milk को अगर ना खोला कए तो यह साधारण कमरे के तापमान पे छेह महीनो तक सुरक्षित रहता है। यह इतने दिनों तक इस लिए सुरक्षित रह पता है क्योंकि इसे 135ºC (275°F) तापमान पे 2 से 4 सेकंड तक रखा जाता है जिससे की इसमें मौजूद सभी प्रकार के हानिकारक जीवाणु पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। फिर इन्हें इस तरह से एक विशेष प्रकार पे पैकिंग में पैक किया जाता है जिससे की दुबारा किसी भी तरह से कोई जीवाणु अंदर प्रवेश नहीं कर पाए। इसी वजह से अगर आप इसे ना खोले तो यह छेह महीनो तक भी सुरक्षित रहता है।
हर 100 में से एक शिशु बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorder) विकार से प्रभावित होता है। बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorder) से पीड़ित शिशु में आप दो प्रकार का व्यवहार पाएंगे एक अत्यधिक आत्मविश्वासी वाला और दूसरा अत्यधिक हताश की स्थिति वाला।
केवल बड़े ही नहीं वरन बच्चों को भी बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) के शिकार हो सकते हैं। इस मानसिक अवस्था का जितनी देरी इस इलाज होगा, शिशु को उतना ज्यादा मानसिक रूप से नुक्सान पहुंचेगा। शिशु के प्रारंभिक जीवन काल में उचित इलाज के दुवारा उसे बहुत हद तक पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए जरुरी है की समय रहते शिशु में बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) के लक्षणों की पहचान की जा सके।
डिस्लेक्सिया (Dyslexia) से प्रभावित बच्चों को पढाई में बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है। ये बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं। डिस्लेक्सिया (Dyslexia) के लक्षणों का इलाज प्रभावी तरीके से किया जा सकता है। इसके लिए बच्चों पे ध्यान देने की ज़रुरत है। उन्हें डांटे नहीं वरन प्यार से सिखाएं और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करें।
शिशु में जुखाम और फ्लू का कारण है विषाणु (virus) का संक्रमण। इसका मतलब शिशु को एंटीबायोटिक देने का कोई फायदा नहीं है। शिशु में सर्दी, जुखाम और फ्लू के लक्षणों में आप अपने बच्चे का इलाज घर पे ही कर सकती हैं। सर्दी, जुखाम और फ्लू के इन लक्षणों में अपने बच्चे को डॉक्टर को दिखाएं।
शिशु को सर्दी और जुकाम (sardi jukam) दो कारणों से ही होती है। या तो ठण्ड लगने के कारण या फिर विषाणु (virus) के संक्रमण के कारण। अगर आप के शिशु का जुकाम कई दिनों से है तो आप को अपने बच्चे को डॉक्टर को दिखाना चाहिए। कुछ घरेलु उपचार (khasi ki dawa) की सहायता से आप अपने शिशु की सर्दी, खांसी और जुकाम को ठीक कर सकती हैं। अगर आप के शिशु को खांसी है तो भी घरेलु उपचार (खांसी की अचूक दवा) की सहायता से आप का शिशु पूरी रात आरामदायक नींद सो सकेगा और यह कफ निकालने के उपाय भी है - gharelu upchar in hindi
शिशु को 15-18 महीने की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को मम्प्स, खसरा, रूबेला से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
शिशु के जन्म के तुरंत बाद कौन कौन से टीके उसे आवश्यक रूप से लगा देने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी येहाँ प्राप्त करें - complete guide।
Ambroxol Hydrochloride - सर्दी में शिशु को दिया जाने वाला एक आम दावा है। मगर इस दावा के कुछ घम्भीर (side effects) भी हैं। जानिए की कब Ambroxol Hydrochloride को देना हो सकता है खतरनाक।
बच्चों के हिचकी का कारण और निवारण - स्तनपान या बोतल से दूध पिलाने के बाद आप के बच्चे को हिचकी आ सकती है। यह होता है एसिड रिफ्लक्स (acid reflux) की वजह से। नवजात बच्चे का पेट तो छोटा सा होता है। अत्यधिक भूख लगने के कारण शिशु इतना दूध पी लेते है की उसका छोटा सा पेट तन (फ़ैल) जाता है और उसे हिचकी आने लगती है।
अगर आप भी अपने लाडले को भारत के सबसे बेहतरीन बोडिंग स्कूलो में पढ़ने के लिए भेजने का मन बना रहे हैं तो निचे दिए बोडिंग स्कूलो की सूचि को अवश्य देखें| आपका बच्चा बड़ा हो कर अपनी जिंदगी में ना केवल एक सफल व्यक्ति बनेगा बल्कि उसे शिक्षा के साथ इन बोडिंग स्कूलो से मिलगे ढेरों खुशनुमा यादें|
चावल उन आहारों में से एक है जिसे शिशु को ठोस आहार शुरू करते वक्त दिया जाता है क्योँकि चावल से किसी भी प्रकार का एलेर्जी नहीं होता है और ये आसानी से पच भी जाता है| इसे पचाने के लिए पेट को बहुत ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है| यह एक शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है|
फाइबर और पौष्टिक तत्वों से युक्त, मटर की प्यूरी एक बेहतरीन शिशु आहार है छोटे बच्चे को साजियां खिलने का| Step-by-step instructions की सहायता से जानिए की किस तरह आप ताज़े हरे मटर या frozen peas से अपने आँखों के तारे के लिए पौष्टिक मटर की प्यूरी कैसे त्यार कर सकते हैं|
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6 से 7 महीने के बच्चे में जरुरी नहीं की सारे दांत आये। ऐसे मैं बच्चों को ऐसी आहार दिए जाते हैं जो वो बिना दांत के ही आपने जबड़े से ही खा लें। 7 महीने के baby को ठोस आहार के साथ-साथ स्तनपान करना जारी रखें। अगर आप बच्चे को formula-milk दे रहें हैं तो देना जारी रखें। संतुलित आहार चार्ट
अक्सर माताओं के लिए यह काफी चुनौतीपूर्ण रहता है की बच्चो को क्या दें की उनले बढ़ते शरीर को पोषक तत्वों की उचित खुराक मिल सके। कोई भी नया भोजन जब आप पहली बार बच्चे को देते हैं तो वो नखड़े कर सकता है। ऐसे मैं यह - 3 साल तक के बच्चे का baby food chart आप की मदद करेगा। संतुलित आहार चार्ट
गर्मियों की आम बीमारियां जैसे की बुखार, खांसी, घमोरी और जुखाम अक्सर बच्चो को पीड़ित कर देती हैं। साधारण लगने वाली ये मौसमी बीमारियां जान लेवा भी हो सकती हैं। जैसे की डिहाइड्रेशन, अगर समय रहते बच्चे का उपचार नहीं किया गया तो देखते देखते बच्चे की जान तक जा सकती है।