Category: शिशु रोग
By: Salan Khalkho | ☺4 min read
अगर आप के शिशु को केवल रात में ही खांसी आती है - तो इसके बहुत से कारण हो सकते हैं जिनकी चर्चा हम यहाँ करेंगे। बच्चे को रात में खांसी आने के सही कारण का पता लगने से आप बच्चे का उचित उपचार कर पाएंगे। जानिए - सर्दी और जुकाम का लक्षण, कारण, निवारण, इलाज और उपचार।
रात में शिशु के खासने के कई कारण हो सकते हैं!
जैसे की छोटे-मोटे संक्रमण उदहारण के तौर पे "सर्दी और जुकाम से खांसी" या फिर गंभीर समस्या जैसे की अस्थमा।
चाहे जिस कारण से भी आप का बच्चा रात को खांसता है, अगर उसकी खांसी लगातार चार सप्ताह (four weeks) से ज्योँ की त्योँ बनी हुई है तो आप के शिशु को चिकित्सीय सहायता (medical help) की आवश्यकता है।
यह एक गंभीर समस्या हो सकती है जिसके बारे में डॉक्टरी जाँच के बाद ही पता चल पायेगा की किस प्रकार के इलाज की आवश्यकता पड़ेगी और समस्या कितनी गंभीर है।
लेकिन अगर आप के बच्चे की खांसी की समस्या अभी कुछ दिन पहले ही शुरू हुई है - या - लगातार कई दिनों सा बनी हुई नहीं है तो आप को कोई विशेष चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
एक - एक करके हम आप को बताएँगे की वो कौन कौन से कारण ही की आप के शिशु को रात में ज्यादा खांसी आती है - या फिर रात में ही क्योँ खांसी आती है।
अगर कभी आप का बच्चा रात को सोते-सोते उठ जाये और रोने लगे - और - रोते-रोते उलटी कर दे तो इसका सीधा सा मतलब है की आप के बच्चे को "gas" की समस्या हो गई है। और उसे सोते वक्त खट्टा डकार आया जिस वजह से आप का शिशु जाग गया और उसे उलटी भी हो गई।
क्या कभी आप ने सोचा है की ऐसा रात को ही क्योँ होता है?
शिशु का पाचन तंत्र बड़ों (व्यस्क) की तरह पूर्ण रूप से विकसित नहीं होता है। जिस कारण लेटने की स्थिति (sleeping posture) में पे पेट में मौजूद आहार और एसिड, उलटी दिशा में इसॉफ़गस/एसोफैगस (esophagus) की तरफ बढ़ने लगता है और कुछ ही देर में गले तह पहुंच कर खराश उत्पन करता है।
सूखी खांसी का यह एक मुख्या कारण है।
शिशु को सुलाने से पहले अगर आप उसे अपने कंधे पे लेके डकार दिला दें तो आप को इस समस्या से आराम मिल सकता है।
जैसे -जैसे आप का बच्चा बड़ा होगा - यह समस्या स्वतः ही समाप्त हो जाएगी क्योँकि आप के शिशु का पाचन तंत्र समय के साथ मजबूत और विकसित हो जायेगा।
सर्दी और जुकाम मैं नाक अत्यधिक मात्रा में नेटा (mucus) बनता है। दिन में खांसी की समस्या नहीं होती है - क्योँकि अत्यधिक मात्रा में बना नेटा (mucus) बह के नाक के रस्ते बहार आ जाता है।
लेकिन लेटे रहने की स्थिति में नेटा (mucus) गर्दन के पीछे वाले हिस्से में इकठा होने लगता है और नाक को बंद कर देता है।
इससे बच्चे को रात में लेटते वक्त खांसी होती है और उसके गले में खराश भी होता है। शिशु को यह समस्या केवल सर्दी और जुकाम की वजह से ही नहीं होता है - बल्कि और भी बहुत से कारणों से होता है - जैसे की धुंए, धूल, प्रदूषण, प्रकृति में मौजूद परागकण के कारण।
यह भी एक जाना माना कारण है जिसकी वजह से कई बच्चे केवल रात के दौरान ही खांसते हैं। सोते वक्त साँस लेने का जो रास्ता है - उसमे थोड़ा सा परिवर्तन होता है। यही वजह है की कुछ लोग खर्राटे सोते वक्त ही लेटे हैं, लेकिन जागने पर नहीं। साँस लेने के रस्ते में जो बदलाव होता है उस की वजह से कुछ बच्चों को खांसी आती है (ठीक उसी तरह जिस तरह कुछ लोगों को खर्राटे आते है)। यह खांसी सूखी होती है - यानी - की यह खांसी सर्दी और जुकाम की वजह से नहीं होती है। रात्रि अस्थमा (Nocturnal Asthma) का कारण भी प्रकृति में मौजूद एलेर्जी पैदा करने वाले कण हो सकते हैं जैसे की धुंए, धूल, प्रदूषण, प्रकृति में मौजूद परागकण।