Category: शिशु रोग
By: Salan Khalkho | ☺6 min read
जानिए घर पे वेपर रब (Vapor rub) बनाने की विधि। जब बच्चे को बहुत बुरी खांसी हो तो भी Vapor rub (वेपर रब) तुरंत आराम पहुंचता है। बच्चों का शरीर मौसम की आवशकता के अनुसार अपना तापमान बढ़ने और घटने में सक्षम नहीं होता है। यही कारण है की कहे आप लाख जतन कर लें पर बच्चे सार्ड मौसम में बीमार पड़ ही जाते हैं।
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शिशु के इस्तेमाल के लिए घर पे वेपर रब (Vapor rub) को बनाना बहुत ही आसन है। साथ ही इसे बनाने में जिन समग्रियौं का इस्तेमाल किया गया है, वे बच्चे के शारीर पे बेहद कोमल मगर सर्दी जुकाम में आराम दिलाने में बहुत प्रभावी हैं।
आप चाहे कितना भी जतन कर लें, मगर सर्दी के मौसम में बच्चे कम से कम एक बार तो बीमार पड़ते ही हैं। एक बार जब बच्चों को सर्दी जुकाम या खांसी हो गया तो उन्हें ठीक करने के लिए बहुत से उपचार हैं।
उनमें से एक है उपाय है बच्चे की छाती पे Vapor rub (वेपर रब) का मालिश किया जाये। इससे बच्चे को जुकाम में बहुत रहत मिलता है और बच्चा सुकून की नींद सो पता है। Vapor rub (वेपर रब) खांसी में भी आराम पहुंचता है।
बच्चों की सर्दी, खांसी और जुकाम को दूर करने के लिए Vapor rub (वेपर रब) का इस्तेमाल भारतवर्ष में सदियोँ से किया जा रहा है।
इसपे देश और विदेशों में अनेक शोध हो चुके हैं और एक बात तो इन सब शोध में प्रमाणित हो चुकी है की जब बच्चे को बहुत बुरी खांसी हो तो भी Vapor rub (वेपर रब) तुरंत आराम पहुंचता है।
मौसम जब बदलता है और ठण्ड बढ़ने लगती है तो इन मौसमी बदलावों से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होते हैं।

बच्चों के शरीर में और बड़ों के शरीर में एक मूलभूत अंतर होता है।
वो यह है की
बच्चों का शरीर बड़ों की तरह तापमान नियंत्रित करने में सक्षम नहीं होता है। बच्चों के शरीर को मौसमी बदलावों को समझने के लिए कई मौसम लगेंगे।
इसीलिए अक्सर शिशु रोग विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं की बच्चों को बड़ों की तुलना मैं एक लयर कपडे अधिक पहनने की आवशकता है। ठण्ड ज्यादा बढ़ जाये तो इस बात की राय दी जाती है की माँ बच्चे को गोद में ले ले ताकि बच्चे को माँ के शरीर की गर्मी मिल सके।
बच्चों का शरीर मौसम की आवशकता के अनुसार अपना तापमान बढ़ने और घटने में सक्षम नहीं होता है। यही कारण है की कहे आप लाख जतन कर लें पर बच्चे सार्ड मौसम में बीमार पड़ ही जाते हैं।
बच्चों का बीमार पड़ना यानी पुरे घर के लिए परेशानी का सबब।
ऐसे मैं Vapor rub (वेपर रब) हजारों सालों से आजमाया हुआ उपाय है बच्चीं की सर्दी और जुखाम को ठीक करने का। आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे, खांसी की अचूक दवा है Vapor rub (वेपर रब)।
वेपर रब (Vapor rub) सबसे ज्यादा उपयोगी है जुखाम के कारण बच्चों के बंद नाक को खोलने में।
लेकिन
क्या आप को पता है
की बाजार में उपलब्ध वेपर रब (Vapor rub) आप के शिशु की नाजुक त्वचा को नुकसान भी पहुँचा सकता है।
जी हाँ!
दवा की दूकान में आसानी से मिल जाने वाला वेपर रब (Vapor rub) बड़ों के जुखाम और उनकी त्वचा को ध्यान में रख कर बनाया गया है। वेपर रब (Vapor rub) बड़ों के जुखाम को ठीक करने के लिए सर्दी जुकाम की दवा बेहतरीन दवा है - लेकिन बच्चों के लिए नहीं।

यह ना तो बच्चों की नाजुक त्वचा को ध्यान में रख कर बनाया गया है और ना ही इस बात के लिए प्रमाणित किया गया है की बच्चों पे इसका क्या असर पड़ेगा। इसपर अधिकांश शोध बड़ों को ध्यान में रख कर किये गए हैं।
इसका मतलब यह नहीं है की आप अपने बच्चे को वेपर रब (Vapor rub) लगा नहीं सकती हैं।
आप जरूर लगा सकती हैं - मगर - घर का बना वेपर रब (Vapor rub)।
घर पे वेपर रब (Vapor rub) बनाने की विधि जो हम आप को बताने जा रहे हैं उसमे ना ही हानिकारक रसायनो का इस्तेमाल किया गया है और ना ही कोई paraben जो आप के बच्चे की त्वचा को नुक्सान पहुंचा सकती है।
हाँ एक बात जरूर ही - इस्तेमाल करने मैं घर का बना वेपर रब (Vapor rub) उतना ही कारगर है जितना की दवा की दुकान में मिलने वाला commercial वेपर रब (Vapor rub)। और साथ ही साथ आप की शिशु की त्वचा के लिए बिलकुल हानि रहित - क्योँकि यह केवल एक बच्चे की त्वचा की ध्यान में रख कर ही बनाया गया है।
इस तरह से त्यार वेपर रब (Vapor rub) का मुख्या पदार्थ घी है इसलिए यह जमकर साधारण रब की तरह ही बन जायेगा।
घर पे त्यार इस वेपर रब (Vapor rub) का मुख्या फायदा यह है की ये शिशु की त्वचा पे बहुत ही कोमल है और दूसरा यह की इस वेपर रब (Vapor rub) में मौजूद घी बच्चे की त्वचा को नरम-मुलायम बनाएगी।
लहसुन में एलिसिन (allicin) नामक तत्व होता है जो खांसी और सर्दी से आराम दिलाने में बहुत कारगर है। लहसुन एंटी-बैक्टेरियल भी होता है। इस वजह से यह संक्रमण को ख़त्म करने में भी मददगार है।
इस वेपर रब (Vapor rub) में युकलिप्टुस(नीलगिरी) इसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदो का इस्तेमाल किया गया है। यह इसेंशियल ऑयल (essential oil) शिशु की बंद नाक खोलने में सहायता करता है।
बड़े ही सरलता से घर पे बन जाने वाला यह वेपर रब (Vapor rub) / बाम सर्दी-खांसी का एक बेहतरीन घरेलू नुस्खा है।
अब जब हमने घर पे ही वेपर रब (Vapor rub) को बनाने की विधि के बारे में चर्चा कर ली है तो क्योँ न इसके सभी फायदे के बारे में बिना चर्चा कर लें। बिना इसके एक लेख अधूरा रहेगा।
सर्दियों का मौसम आया नहीं की हर घर में आप को वेपर रब (Vapor rub) देखने को मिल जायेगा। यह इस बात का प्रमाण है की यह कितना कारगर है और लोग इसपे कितना विश्वाश करते हैं।
लेकिन वेपर रब (Vapor rub) केवल सर्दी, जुकाम और बंद नाक में ही कारगर नहीं है, बल्कि इसके और भी बहुत से उपयोग हैं। कुछ उपयोग तो ऐसे हैं की जिन्हे जानकर आप हैरान रह जायेगे।
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 के फायदे - Benefits Of Vapor rub.jpg)
खांसी और जुकाम आमतौर पर सर्दी के वायरस के संक्रमण के कारण होता है। ये आम तौर पर अपने आप दूर हो जाते हैं, और एंटीबायोटिक दवाएं आमतौर पर किसी काम की नहीं होती हैं। पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन कुछ लक्षणों को कम कर सकते हैं। ध्यान रखें की आप के बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पीने मिल रहा है।
विटामिन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह से मदद करते हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, हड्डियों को मजबूत बनाते हैं, शरीर के जख्मों को ठीक करते हैं, आंखों की दृष्टि को मजबूत बनाते हैं और शरीर को भोजन से ऊर्जा प्राप्त करने में मदद करते हैं। लेकिन गर्भावस्था के द्वारा विटामिन आपके लिए और की आवश्यक हो जाता है। इस लेख में हम आपको 6 ऐसे महत्वपूर्ण विटामिन के बारे में बताएंगे जो अगर गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर को आहार के माध्यम से ना मिले तो यह आपके लिए तथा आपके गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
UHT milk को अगर ना खोला कए तो यह साधारण कमरे के तापमान पे छेह महीनो तक सुरक्षित रहता है। यह इतने दिनों तक इस लिए सुरक्षित रह पता है क्योंकि इसे 135ºC (275°F) तापमान पे 2 से 4 सेकंड तक रखा जाता है जिससे की इसमें मौजूद सभी प्रकार के हानिकारक जीवाणु पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। फिर इन्हें इस तरह से एक विशेष प्रकार पे पैकिंग में पैक किया जाता है जिससे की दुबारा किसी भी तरह से कोई जीवाणु अंदर प्रवेश नहीं कर पाए। इसी वजह से अगर आप इसे ना खोले तो यह छेह महीनो तक भी सुरक्षित रहता है।
डर, क्रोध, शरारत या यौन शोषण इसका कारण हो सकते हैं। रात में सोते समय अगर आप का बच्चा अपने दांतों को पिसता है तो इसका मतलब है की वह कोई बुरा सपना देख रहा है। बच्चों पे हुए शोध में यह पता चला है की जो बच्चे तनाव की स्थिति से गुजर रहे होते हैं (उदहारण के लिए उन्हें स्कूल या घर पे डांट पड़ रही हो या ऐसी स्थिति से गुजर रहे हैं जो उन्हें पसंद नहीं है) तो रात में सोते वक्त उनमें दांत पिसने की सम्भावना ज्यादा रहती है। यहाँ बताई गयी बैटन का ख्याल रख आप अपने बच्चे की इस समस्या का सफल इलाज कर सकती हैं।
शिशु के जन्म के पश्चात मां को अपनी खान पान (Diet Chart) का बहुत ख्याल रखने की आवश्यकता है क्योंकि इस समय पौष्टिक आहार मां की सेहत तथा बच्चे के स्वास्थ्य दोनों के लिए जरूरी है। अगर आपके शिशु का जन्म सी सेक्शन के द्वारा हुआ है तब तो आपको अपनी सेहत का और भी ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता। हम आपको इस लेख में बताएंगे कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद कौन सा भोजन आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतर है।
कुछ बातों का ख्याल रख आप अपने बच्चों की बोर्ड एग्जाम की तयारी में सहायता कर सकती हैं। बोर्ड एग्जाम के दौरान बच्चों पे पढाई का अतिरिक्त बोझ होता है और वे तनाव से भी गुजर रहे होते हैं। ऐसे में आप का support उन्हें आत्मविश्वास और उर्जा प्रदान करेगा। साथ ही घर पे उपयुक्त माहौल तयार कर आप अपने बच्चों की सफलता सुनिश्चित कर सकती हैं।
सभी बच्चे नटखट होते हैं। लेकिन बच्चों पे चलाना ही एक मात्र समस्या का हल नहीं है। सच तो ये है की आप के चिल्लाने के बाद बच्चे ना तो आप की बात सुनना चाहेंगे और ना ही समझना चाहेंगे। बच्चों को समझाने के प्रभावी तरीके अपनाएं। इस लेख में हम आप को बताएँगे की बच्चों पे चिल्लाने के क्या - क्या बुरे प्रभाव पड़ते हैं।
गर्भावस्था के दौरान स्त्रियौं को सुबह के वक्त मिचली और उल्टी क्योँ आती है, ये कितने दिनो तक आएगी और इसपर काबू कैसे पाया जा सकता है और इसका घरेलु उपचार। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं के शारीर में ईस्ट्रोजेन हॉर्मोन का स्तर बहुत बढ़ जाता है जिस वजह से उन्हें मिचली और उल्टी आती है।
छोटे बच्चों को पेट दर्द कई कारणों से हो सकता है। शिशु के पेट दर्द का कारण मात्र कब्ज है नहीं है। बच्चे के पेट दर्द का सही कारण पता होने पे बच्चे का सही इलाज किया जा सकता है।
एलर्जी से कई बार शिशु में अस्थमा का कारण भी बनती है। क्या आप के शिशु को हर २० से २५ दिनों पे सर्दी जुखाम हो जाता है? हो सकता है की यह एलर्जी की वजह से हो। जानिए की किस तरह से आप अपने शिशु को अस्थमा और एलर्जी से बचा सकते हैं।
सरसों का तेल लगभग सभी भारतीय घरों में पाया जाता है क्योंकि इसके फायदे हैं कई। कोई इसे खाना बनाने के लिए इस्तेमाल करता है तो कोई इसे शरीर की मालिश करने के लिए इस्तेमाल करता है। लेकिन यह तेल सभी घरों में लगभग हर दिन इस्तेमाल होने वाला एक विशेष सामग्री है।
शिक्षक वर्तमान शिक्षा प्रणाली का आधार स्तम्भ माना जाता है। शिक्षक ही एक अबोध तथा बाल - सुलभ मन मस्तिष्क को उच्च शिक्षा व आचरण द्वारा श्रेष्ठ, प्रबुद्ध व आदर्श व्यक्तित्व प्रदान करते हैं। प्राचीन काल में शिक्षा के माध्यम आश्रम व गुरुकुल हुआ करते थे। वहां गुरु जन बच्चों के आदर्श चरित के निर्माण में सहायता करते थे।
स्मार्ट फ़ोन के जरिये माँ-बाप अपने बच्चे के संपर्क में २४ घंटे रह सकते हैं| बच्चे अगर स्मार्ट फ़ोन का इस्तेमाल समझदारी से करे तो वो इसका इस्तेमाल अपने पढ़ाई में भी कर सकते हैं| मगर अधिकांश घटनाओं में बच्चे स्मार्ट फ़ोन का इस्तेमाल समझदारी से नहीं करते हैं और तमाम समस्याओं का सामना उन्हें करना पड़ता है|
पपीते में मौजूद enzymes पाचन के लिए बहुत अच्छा है। अगर आप के बच्चे को कब्ज या पेट से सम्बंधित परेशानी है तो पपीते का प्यूरी सबसे बढ़िया विकल्प है। Baby Food, 7 से 8 माह के बच्चों के लिए शिशु आहार
मुंग के दाल में प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। शिशु में ठोस आहार की शुरुआत करते वक्त उन्हें आप मुंग दाल का पानी दे सकते हैं। चूँकि मुंग का दाल हल्का होता है - ये 6 माह के बच्चे के लिए perfect आहार है।
दो साल के बच्चे के लिए मांसाहारी आहार सारणी (non-vegetarian Indian food chart) जिसे आप आसानी से घर पर बना सकती हैं। अगर आप सोच रहे हैं की दो साल के बच्चे को baby food में क्या non-vegetarian Indian food, तो समझिये की यह लेख आप के लिए ही है।
टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया) वैक्सीन vaccine - Td (tetanus, diphtheria) vaccine in hindi) का वैक्सीन मदद करता है आप के बच्चे को एक गंभीर बीमारी से बचने में जो टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया) के वायरस द्वारा होता है। - टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया) वैक्सीन का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
Porridge made of pulses and vegetables for children is deliciously tasty which children will love eating and is also nutritionally rich for their developing body. पौष्टिक दाल और सब्जी वाली बच्चों की खिचड़ी बच्चों को बहुत पसंद आएगी और उनके बढ़ते शरीर के लिए भी अच्छी है
क्या आप चाहते हैं की आप का बच्चा शारारिक रूप से स्वस्थ (physically healthy) और मानसिक रूप से तेज़ (mentally smart) हो? तो आपको अपने बच्चे को ड्राई फ्रूट्स (dry fruits) देना चाहिए। ड्राई फ्रूट्स घनिस्ट मात्रा (extremely rich source) में मिनरल्स और प्रोटीन्स प्रदान करता है। यह आप के बच्चे के सम्पूर्ण ग्रोथ (complete growth and development) के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
न्यूमोनिया फेफड़ो पर असर करने वाला एक ऐसा संक्रमण है जिसकी वजह से फेफड़ो में सूजन होती है और उसमें एक प्रकार का गीला पन आ जाता है, जिससे श्वास नली अवरुद्ध हो जाती है और बच्चे को खाँसी आने लगती है। यह बीमारी सर्दी जुकाम का बिगड़ा हुआ रूप है जो आगे चल कर जानलेवा भी साबित हो सकती है। यह बीमारी जाड़े के मौसम में अधिकतर होती है।