Category: स्वस्थ शरीर
By: Salan Khalkho | ☺6 min read
6 महीने के शिशु (लड़के) का वजन 7.9 KG और उसकी लम्बाई 24 से 27.25 इंच के आस पास होनी चाहिए। जबकि 6 महीने की लड़की का वजन 7.3 KG और उसकी लम्बाई 24.8 और 28.25 इंच होनी चाहिए। शिशु के वजन और लम्बाई का अनुपात उसके माता पिता से मिले अनुवांशिकी और आहार से मिलने वाले पोषण पे निर्भर करता है।

जन्म से लेकर शिशु पांच साल तक की उम्र तक अलग-अलग विकास दर से गुजरेगा।
6 महीने के बच्चे का आदर्श वजन और लम्बाई कई बातों पे निर्भर करता है। लेकिन औसतन उसकी वजन इतनी होनी चाहिए।

अगर आप इस बात को समझे की शिशु का growth charts किस तरह से काम करता है और कौन कौन से करक हैं जो शिशु के विकास को प्रभावित करते हैं, तो आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं की आप का बच्चा सामान्य विकास दर के अंदर रहे।
आप के गर्भधारण करने के समय से ही बहुत से करक आप के शिशु की लम्बाई को प्रभावित करते हैं। जब शिशु आप के गर्भ में होता है तब उसकी लम्बाई पे आनुवंशिकी और आप के खान-पान का प्रभाव पड़ता है।

लेकिन जन्म के बाद शिशु की लम्बाई इस बात पे निर्भर करती है की शिशु क्या खाता, उसका सेहत और माता-पिता से मिलने वाले आनुवंशिकी पे। आप के शिशु का शरीर कितनी दक्षता से हॉर्मोन का निर्माण कर रहा है, यह भी उसकी लम्बाई को प्रभावित करता है।
| शिशु की उम्र महीनो में | लड़का (KG) | लड़की (KG) |
|---|---|---|
| नवजात शिशु | 3.3 | 3.2 |
| 1 महिना | 3.5-4.4 | 3.32-4.1 |
| 2 महिना | 4.7-5.4 | 4.35-5 |
| 3 महिना | 5.6-6.2 | 5.2-5.7 |
| 4 महिना | 7 | 6.4 |
| 5 महिना | 7.5 | 6.9 |
| 6 महिना | 7.9 | 7.3 |
| 7 महिना | 8.3 | 7.7 |
| 8 महिना | 8.6 | 7.95 |
| 9 महिना | 8.9 | 8.2 |
| 10 महिना | 9.2 | 8.5 |
| 11 महिना | 9.4 | 8.7 |
| 12 महिना | 9.7 | 8.95 |
बड़े अगर मोठे हैं तो उन्हें डाइट (diet) करने की आवशकता है - छोटे बच्चों को नहीं। छोटे बच्चों का अधिक वजन आगे चलकर adjust हो जायेगा जब शिशु अपनी लम्बाई पकड़े गा।

शिशु को उसका आदर्श लम्बाई और वजन पाने में आप उसकी सहायता कर सकती हैं। आप को अपने शिशु को भरपूर पोषक और संतुलित आहार देना है, - जिसमे वासा भी समलित हो।

शिशु को ऐसे आहार न दें जिस में पोषण की कमी (empty calories) हो। उदहारण के लिए शिशु को fruit juice नहीं दें, इसके बदले उसे fruit smoothies दे दें। आप अपने शिशु को pureed fruits और vegetables भी दे सकती हैं। अपने शिशु को जितना हो सके बहार खेलने के लिए प्रोत्साहित करें।

अगर आप के शिशु का वजन अचानक से बहुत ज्यादा बढ़ जाये या घटने लगे तो तुरंत अपने शिशु के डॉक्टर से संपर्क करें। शिशु के वजन में अचानक बड़े परिवर्तन होना किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है।

शिशु के जन्म के तुरंत बाद आपके शरीर को कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे स्तनपान माताओं के लिए बेस्ट आहार। ये आहार ऐसे हैं जो डिलीवरी के बाद आपके शरीर को रिकवर (recover) करने में मदद करेंगे, शारीरिक ऊर्जा प्रदान करेंगे तथा आपके शिशु को उसकी विकास के लिए सभी पोषक तत्व भी प्रदान करेंगे।
गर्भावस्था के दौरान स्त्रियौं को सुबह के वक्त मिचली और उल्टी क्योँ आती है, ये कितने दिनो तक आएगी और इसपर काबू कैसे पाया जा सकता है और इसका घरेलु उपचार। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं के शारीर में ईस्ट्रोजेन हॉर्मोन का स्तर बहुत बढ़ जाता है जिस वजह से उन्हें मिचली और उल्टी आती है।
बहुत आसन घरेलु तरीकों से आप अपने शिशु का वजन बढ़ा सकती हैं। शिशु के पहले पांच साल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ये ऐसा समय है जब शिशु का शारीरिक और बौद्धिक विकास अपने चरम पे होता है। इस समय शिशु के विकास के रफ़्तार को ब्रेक लग जाये तो यह क्षति फिर जीवन मैं कभी पूरी नहीं हो पायेगी।
इसमें हानिकारक carcinogenic तत्त्व पाया जाता है। यह त्वचा को moisturize नहीं करता है - यानी की - यह त्वचा को नमी प्रदान नहीं करता है। लेकिन त्वचा में पहले से मौजूद नमी को खोने से रोक देता है। शिशु के ऐसे बेबी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें जिनमे पेट्रोलियम जैली/ Vaseline की बजाये प्राकृतिक पदार्थों का इस्तेमाल किया गया हो जैसे की नारियल का तेल, जैतून का तेल...
जाने की किस तरह से ह्यूमिडिफायर (Humidifier) बंद नाक और जुकाम से रहत पहुंचता है। साथ ही ह्यूमिडिफायर (Humidifier) को सही तरीके से इस्तेमाल करने के बारे में भी सीखें। छोटे बच्चों को सर्दी, जुकाम और बंद नाक से रहत पहुँचाने के लिए बाल रोग विशेषज्ञ बच्चों के कमरे में ह्यूमिडिफायर (Humidifier) के इस्तेमाल की राय देते हैं। ठण्ड के दिनों में कमरे में कई कारण से नमी का स्तर बहुत गिर जाता है। इससे शिशु को बहुत तकलीफ का सामना करना पड़ता है।
शिशु को 2 वर्ष की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को मेनिंगोकोकल के खतरनाक बीमारी से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
चिकनगुनिया का प्रकोप भारत के कई राज्योँ में फ़ैल रहा है। इसके लक्षण बहुत ही भ्रमित कर देने वाले हैं। ऐसा इस लिए क्योँकि इसके लक्षण बहुत हद तक मलेरिया से मिलते जुलते हैं।
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