Category: टीकाकरण (vaccination)
By: Salan Khalkho | ☺2 min read
शिशु को 1 वर्ष की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को कॉलरा, जापानीज इन्सेफेलाइटिस, छोटी माता, वेरिसेला से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
आप का शिशु अब पुरे एक साल का हो गया है। यह एक माँ के लिए बेहद ख़ुशी की बात है।
आप अपने शिशु के जन्मदिन की त्यारियां भी कर रही होंगी - या फिर आप के शिशु का जन्मदिन अभी हाल ही मैं गुजरा हो।
मगर इन सब के बीच - कहीं आप सबसे जरुरी बात तो नहीं भूल गयी हैं?
जी हाँ - मैं आप के बच्चे के vaccination यानी टीकाकरण के बारे में बात कर रहा हूँ।
जब आप का शिशु एक साल का होता है तो उसे भारत सरकार दुवारा निर्धारित कुछ विशेष टिके लगवाने आवश्यक हैं। ये टिके आप के शिशु को अनेक प्रकार के बीमारियोँ से बचाएंगे।
भारत सरकार के पिछले कुछ दशकों के अनिवार्य टीकाकरण अभियान और जागरूकता अभियान के कारण भारत में शिशु मृत्युदर पे काबू पाया जा सका है। लेकिन सही मायने में यह संभव हुवा शिशु के माता पिता के सहयोग से ही।
भारत सरकार के इतनी मेहनत के बावजूद हर साल कई हज़ार बच्चे सिर्फ इसलिए गंभीर रूप से बीमार पड़ जाते हैं और मृत्यु को प्राप्त करते हैं क्योँकि उनके माता-पिता ने अपने बच्चे को समय पे सरे टिके नहीं लगवाए।
आप बिलकुल ऐसा मत करियेगा।
हम आप को निचे बता रहें हैं की जब आप का शिशु एक साल का होगा तब आप उसे कौन-कौन से टिके लगवाए।
हैजा (कॉलरा) बहुत ही खतरनाक और जानलेवा बीमारी है जो संक्रमण से फैलता है। यह बीमारी विब्रियो कॉलरे (Vibrio cholerae) नामक जीवाणु के संक्रमण से लगता है। हैजा (कॉलरा) के संक्रमण से शिशु को घम्भीर दस्त हो सकता है जिस वजह बच्चे को extreme निर्जलीकरण (dehydration) का सामना करना पड़ सकता है। इसमें तुरंत उपचार न मिलने पे बच्चे की जान तक जा सकती है। अपने शिशु को आप कॉलरा का टिका (Cholera Vaccine) दे के - उसे कॉलरा (Cholera) की बीमारी से बचा सकती हैं।
मस्तिष्क ज्वर/दिमागी बुखार (Japanese encephalitis - JE) का वैक्सीन मदद करता है आप के बच्चे को एक गंभीर बीमारी से बचने में जो जापानीज इन्सेफेलाइटिस के वायरस द्वारा होता है। मस्तिष्क ज्वर मछरों द्वारा काटे जाने से फैलता है। मगर अच्छी बात यह है की इससे वैक्सीन के द्वारा पूरी तरह बचा जा सकता है। जापानीज इन्सेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) का संक्रमण एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति को नहीं फैलता है। इसका संक्रमण केवल एक खास किस्म के वायरस के द्वारा होता है, जो मच्छर या सूअर के द्वारा फैलते हैं। जिन जगहों में जापानीज इन्सेफेलाइटिस की घटनाएँ जयादा देखने को मिलती हैं, उन जगहों पे जापानीज इन्सेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) के संक्रमण का खतरा भी ज्यादा होता है। अगर आप का शिशु एक साल का हो गया है तो उसे जापानीज इन्सेफेलाइटिस का टिका नजदीकी स्वस्थ केंद्र जा के अवश्य लगवाएं।
वेरिसेला वैक्सीन, छोटी माता, या चिकन पॉक्स बेहद संक्रामक बीमारी है। यह varicella-zoster virus (VZV) नमक जीवाणु के संक्रमण से बनता है। इए के संक्रमण से शिशु के पुरे शारीर पे दानेदार चकते निकल आटे हैं जिन में पानी भरा होता है। संक्रमित बच्चे को बुखार और थकन लगता है। शिशु के लिए चिकन पॉक्स होना बहुत चिंता का विषय है। इसका संक्रमण एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति को हवा के द्वारा - संक्रमित व्यक्ति के खासने से फैलता है। वेरिसेला वैक्सीन एक बहुत ही प्रभावी तरीका है शिशु को चिकन पॉक्स की जानलेवा बीमारी से बचाने का।
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