Category: स्वस्थ शरीर
By: Salan Khalkho | ☺9 min read
सरसों का तेल लगभग सभी भारतीय घरों में पाया जाता है क्योंकि इसके फायदे हैं कई। कोई इसे खाना बनाने के लिए इस्तेमाल करता है तो कोई इसे शरीर की मालिश करने के लिए इस्तेमाल करता है। लेकिन यह तेल सभी घरों में लगभग हर दिन इस्तेमाल होने वाला एक विशेष सामग्री है।
सेहत की दृष्टि से देखा जाए तो सरसों का तेल बहुत फायदेमंद है क्योंकि इस तेल में विटामिन मंडल के साथ साथ और भी कई प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
शरीर के कुछ विशेष हिस्सों पर अगर सरसों का तेल लगाया जाए तो इससे कुछ विशेष लाभ मिलते हैं और कुछ शारीरिक समस्याएं भी समाप्त होती हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि सरसों के तेल को शरीर पर लगाने से य उस से मालिश करने से शरीर को कौन-कौन से लाभ मिलते हैं।
अगर आप दिन भर काम करके, थक कर घर लौटती हैं तो फिर पर सरसों के तेल से मालिश करने से दिन भर की थकान कम होती है। साथी अगर आप तनाव की परिस्थिति से गुजर रही हैं तो तनाव की वजह से कई बार रात को सोने में दिक्कत आती है।
लेकिन अगर रात में सोने से पहले सरसों के तेल से सर की मालिश की जाए तो रात को नींद अच्छी आती है और शरीर को रिलैक्स होने में सहायता मिलती है तथा बहुत हद तक मानसिक तनाव भी दूर होता है।
इन सब के साथ साथ सर के बालों को सरसों के तेल से मालिश करने से बाल घने मजबूत और काले होते हैं।
रात में सोने से पहले सरसों के तेल को नाभि पर लगाने से होंठ फटने की समस्या से राहत मिलता है। इसके साथ ही हार्ट की खूबसूरती भी बढ़ती है जिससे पूरे चेहरे की बनावट और आकर्षक हो जाती है।
नाभि पर सरसों का तेल लगाने से पेट दर्द तथा पाचन संबंधी कोई अन्य समस्या हो तो वह भी दूर होती है। इसके अलावा अगर नाभि पर सरसों का तेल लगाया जाए तो आंखों की जलन उस में खुजली होना और उसका सूखापन भी ठीक होता है।
हर रात को अगर सोने से पहले आप अपने पैरों की मालिश सरसों के तेल से करवाएं तो इससे आपकी आंखों की रोशनी भी होगी। इससे नींद भी अच्छी आती है और गहरी आती है तथा ऐसा करना शरीर को भी स्वस्थ और मजबूत बनाता है।
अगर आपके शरीर के किसी हिस्से में चोट लगा है जो ठीक नहीं हो रहा है तो आप वहां पर सरसों का तेल लगाना शुरू करें। कुछ ही दिनों में आपको परिवर्तन महसूस होगा।
चोट पर सरसों के तेल को तब तक लगाते रहें जब तक की चोट पूरी तरह सूख कर ठीक ना हो जाए। सरसों के तेल को चोट वाली जगह पर लगाने से चोट जल्दी भरता है तथा सरसों का तेल चोट वाले हिस्से को संक्रमण से भी दूर रखता है।
अगर आप दांतों के दर्द या मसूड़ों के दर्द से परेशान हैं तो सरसों का तेल इसमें आपकी मदद कर सकता है। सच थोड़ा नमक मिलाकर आप दांतों पर लगाएं और इसका इस्तेमाल आप मंजन की तरह करें।
कुछ दिनों तक सरसों के तेल और नमक से मंजन करने से दांतों के दर्द में कमी आने लगेगा और धीरे-धीरे दांत स्वस्थ होने लगेंगे। सरसों का तेल और नमक दातों को साफ करने का एक बहुत बेहतरीन तरीका है।
जैसे जैसे मौसम सर्द होता है, अनेक लोग सर्दी और जुकाम की चपेट में आ जाते हैं। अगर सर्दियों के मौसम में आपको कभी जुखाम हो जाए तो छाती व पीठ पर सरसों के गर्म तेल से मालिश करने से आराम मिलता है।
अगर आपके घर में किसी के कानों में दर्द हो रहा है तो सरसों के तेल से इसे ठीक किया जा सकता है। कान के दर्द को ठीक करने के लिए सरसों का थोड़ा सा तेल में और इसे गुनगुना करें और इसमें लहसुन की तीन से चार कलियों को डाल दे।
थोड़ी देर इसे गर्म करने के बाद आंच बंद कर दें। हाथों से दिल को छू कर देखें। जब दिल थोड़ा ठंडा हो जाए तब इसकी दो से तीन बूंदों को कानों में डालें, जल्द आराम मिलेगा।
हर कोई चाहता है कि उसकी त्वचा खूबसूरत और भरी भरी हो। अगर आप भी खूबसूरत पचा पाना चाहती हैं तो इसमें सरसों का तेल आपकी मदद कर सकता है।
सरसों के तेल में दूध डालकर की उपाधि है और इसमें कुछ बूंदें गुलाबजल क्रीम मिलाएं। इस मिश्रण को रोजाना अपने चेहरे पर लगाएं।
इससे चेहरे पर निखार आएगा, बढ़ती उम्र के साथ चेहरों पर पड़ने वाले झाइयां कम होंगी, चेहरे की झुर्रियां कम होगी और चेहरे की त्वचा में कसाव पैदा होगा। इससे आपकी त्वचा खूबसूरत और जमा दिखेगी।
अगर आपको ऐसा लग रहा है कि कई दिनों से आपकी भूख में कमी आ रही है या आपके परिवार में किसी सदस्य को कम भूख लगता है तो इसमें सरसों का तेल राहत पहुंचा सकता है।
भूख ना लगने या आहार कम ग्रहण करने की वजह से स्वास्थ्य प्रभावित होता है इसीलिए हर दिन पर्याप्त मात्रा में पोस्टिक आहार ग्रहण करना चाहिए।
अगर आपको या परिवार में किसी को भूख की समस्या है तो सरसों के तेल से आहार को तैयार करने से यह पेट में ऐपेटाइजर की तरह काम करता है और भूख बढ़ाता है।
जैसा कि मैंने आपको ऊपर बताया है कि सरसों के तेल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को स्वस्थ बनाने में बहुत सहायक है।
लेकिन मैं आपको एक बात और बताना चाहता हूं कि इसमें कुछ ऐसे विटामिन भी मौजूद है जैसे कि थियामाइन, फोलेट व नियासिन जो शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते हैं।
शरीर में मेटाबॉलिज्म जितना सक्रिय रहेगा पाचन तंत्र उतना अच्छा रहता है। इससे जो आहार आप ग्रहण करेंगे उससे आपको ऊर्जा मिलेगी तथा मांसपेशियों के बनने में भी सहायक होगा।
लेकिन जब शरीर की मेटाबॉलिक एक्टिविटी सक्रिय नहीं रहती है तो जो आहार अब ग्रहण करती हैं वह शरीर में वसा के रूप में संचित होना शुरू हो जाता है।
इससे शरीर में मोटापा बढ़ता है और कई तरह की बीमारियां भी होने की संभावना बढ़ती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ता है शरीर में मेटाबॉलिक एक्टिविटी में कमी आती है इस वजह से आप पाएंगे कि 30 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं के वजन आसानी से बढ़ जाते हैं।
अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए सरसों का तेल बहुत फायदेमंद होता है। सरसों के तेल में मैग्नीशियम पाया जाता है जो अस्थमा के मरीजों को राहत पहुंचाता है।
यही वजह है कि सरसों का तेल सर्दी और जुकाम में भी इस्तेमाल किया जाता है।
भारतवर्ष में सरसों के तेल से बच्चों का नियमित रूप से मालिश करना एक चलन है। इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी है। बच्चों के शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली व्यस्त लोगों की तुलना में कमजोर होता है।
जैसे जैसे बच्चे बड़े होते हैं उनके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता और मजबूत होती जाती है। यही वजह है की जन्म के प्रथम कुछ साल तक बच्चे कुछ ज्यादा बीमार पड़ते हैं - इसकी वजह है उनके शरीर की कमजोर रोग प्रतिरोधक प्रणाली।
सरसों का तेल रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाता है इसीलिए छोटे बच्चों की मालिश सरसों के तेल से नियमित रूप से करने से उनकी शरीर में रोग प्रतिरोधक तंत्र मजबूत होता है तथा शरीर की मांसपेशियां और हड्डियां भी स्वस्थ और मजबूत होती है।
सरसों के तेल में विटामिन ई की मात्रा बहुत ज्यादा होती है इसी वजह से यह शरीर को सूरज से निकलने वाली हानिकारक यूवी किरणों से बचाने में बहुत प्रभावी है।
साथ ही सरसों का तेल पर्यावरण विषाक्त पदार्थों से भी शरीर की त्वचा की रक्षा करता है। सूरज की किरणों से ना केवल शरीर की त्वचा की रंगत दबती है (सनटैन) बल्कि यह आपकी त्वचा को समय से पहले बूढ़ा भी बनाती है।
बाजारों में उपलब्ध सनस्क्रीन शरीर की त्वचा को सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाती है। लेकिन अगर आपके घर में सरसों का तेल मौजूद है तो आपको सनस्क्रीन लोशन या क्रीम खरीदने की आवश्यकता नहीं है।
घर से बाहर निकलते वक्त सरसों के तेल की थोड़ी मात्रा से अपने शरीर की त्वचा को मालिश कर ले - यह आपकी त्वचा को सूरज के यूवी किरणों से बचाएगा।
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