Category: शिशु रोग
By: Salan Khalkho | ☺3 min read
डाक्टर बच्चों को नेबुलाइजर (Nebulizer) की सलाह देते हैं जब बच्चे को बहुत ज्यादा जुखाम हो जाता है जिस वजह से बच्चा रात को ठीक से सो भी नहीं पता है। नेब्युलाइज़र शिशु में जमे कफ (mucus) को कम करता है और शिशु के लिए साँस लेना आरामदायक बनता है। नेबुलाइजर (Nebulizer) के फायेदे, साइड इफेक्ट्स और इस्तेमाल का तरीका। इसका इस्तेमाल सिस्टिक फाइब्रोसिस, अस्थमा, सीओपीडी और अन्य सांस के रोगों के उपचार के लिए भी किया जाता है।
चार साल की उम्र तक पहुँचते पहुँचते लग-भग हर बच्चे को कम-से-कम एक बार तो डाक्टर नेबुलाइजर (Nebulizer) की सलाह देते ही हैं।
नेबुलाइजर (Nebulizer) एक प्रकार का यंत्र/औजार है जो मरीज को दवा भाप के रूप में प्रदान करता है। इस बिना डॉक्टरी सलाह के बच्चों को नहीं दिया जाना चाहिए।
कभी-कभी बच्चों की खांसी और जुखाम इतना विकराल रूप ले लेता है की बच्चे ठीक से साँस भी नहीं ले पाते हैं। नवजात बच्चे जो केवल स्तनपान या फार्मूला दूध पे हैं उनके लिए तो परेशानी और भी ज्यादा हो जाती हैं। क्योँकि वे नाक बंद होने की स्थिति में मुँह से साँस लेते हैं।
मगर जब वे दूध पीते हैं तो मुँह का इस्तेमाल साँस लेने के लिए नहीं कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चे दूध नहीं पी पाते हैं और गंभीर स्थिति में उन्हें डी-हाइड्रेशन का भी सामना करना पड़ जाता है।
बच्चे चाहे जिस उम्र में भी हों - बंद नाक होने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है।
ऐसे मैं नेबुलाइजर (Nebulizer) एक बहुत ही प्रभावी तरीका है शिशु के कफ को और जुखाम को कम करने के लिए। सर्दी के मौसम में नवजात और छोटे बच्चों को निमोनिया व सांस की परेशानी बढ़ जाती है। नेबुलाइज से फेफड़ों में जमा बलगम निकाला जाता है जिससे शिशु आसानी से सांस ले सकें।
सर्दी और जुकाम से बच्चों में अत्यधिक कफ के कारण "सीने की जकड़न" की समस्या का सामना भी करना पड़ता है। सीने की जकड़न के कारण शिशु को बहुत असुविधा का सामना करना पड़ता है। लेकिन बात केवल असुविधा तक सिमित नहीं है।
अगर बच्चे का कफ समय पे ठीक नहीं होता है तो कई प्रकार की जटिलताएं और खतरनाक स्वास्थ्य समस्याए पैदा हो सकती हैं जैसे की ब्रोंकाईटिस (Bronchites) या न्युमोनिया (Pneunomia)। यह दोनों ही स्थितियां बच्चे के स्वस्थ के लिए बहुत अप्रिय हैं।
नेबुलाइजर (Nebulizer) के सहायता से बच्चे के जुखाम को समय पे नियंत्रित कर उसे ब्रोंकाईटिस (Bronchites) या न्युमोनिया (Pneunomia) जैसे खतरनाक बीमारियोँ से बचाया जा सकता है।
शिशु रोग विशेषज्ञों और डॉक्टरों को यह बात पता है की समझदारी इसी में हैं की बच्चे की स्थिति बिगड़ने से पहले ही नेबुलाइजर (Nebulizer) के जरिये शिशु की सीने की जकड़न को दूर किया जाये।
नेबुलाइजर (Nebulizer) में मौजूद छोटे बच्चों की दवा और नमी, शिशु के गले और फेफड़ो की गहराई में उपस्थित कफ (mucus) को तोड़कर पिघला देता है। एक बार जब म्यूकस पिघल जाता है तो वो आसानी से नाक के रस्ते बहार आ जाता है।
१. नेबुलाइजर (Nebulizer) की मशीन आसानी से बाजार में उपलब्ध है। इसे खरीद कर घर पे ही अपने शिशु के सर्दी का इलाज खुद न करें। सर्दी, जुकाम और कफ को दूर करने के लिए घर पे नेबुलाइजर (Nebulizer) का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। केवल अस्पताल में या डॉक्टर के क्लीनिक पर नेबुलाइजर (Nebulizer) की उपलब्ध सुविधा का इस्तेमाल कीजिये।
२. अस्पताल में या डॉक्टर के क्लीनिक पर नेबुलाइजर (Nebulizer) मशीन का इस्तेमाल हर दिन हजारों बच्चों को नेबुलाइ करने के लिए किया जाता है। इससे संक्रमण एक बच्चे से दुसरे बच्चे में फैलने की सम्भावना रहती है। अपने बच्चे को इस संभावित संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए आप अपने शिशु के लिए एक नेबुलाइजर (Nebulizer) मशीन का मास्क खरीद सकती हैं। नेबुलाइजर (Nebulizer) के लिए जब आप डॉक्टर या नर्स से मिलें तो उन्हें अपने साथ लाये मास्क दे दें ताकि आप के शिशु के लिए उसका प्रयोग हो सके।
३. जब बच्चे को नेबुलाइजर (Nebulizer) दिया जा रहा हो तो आप बच्चे को शांत करने के लिए उसका ध्यान भटका सकती हैं, उसे कोई खिलौना दे सकती हैं या अपने स्मार्ट फ़ोन पे उसे कोई बच्चों वाला वीडियो दिखा सकती हैं।
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