Category: टीकाकरण (vaccination)
By: Salan Khalkho | ☺2 min read
शिशु को 10-12 महीने की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को टाइफाइड, हेपेटाइटिस A से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
आप का शिशु अब लगभग एक साल का होने वाला है!
अब तो वो बहुत नटखट हो गया होगा और आप को सारा दिन परेशान करता होगा।
अपने बच्चे को खेलते - कूदते देखना कितना अच्छा लगता है।
मगर जब यही बच्चे बीमार पड़ जाएँ तो कुछ भी अच्छा नहीं लगता है।
अच्छा - आप एक बात बतिये
क्या आप ने अपने बच्चे को सभी टिके लगवाए?
आप का शिशु अब 10-12 महीने का हो गया है। इस उम्र में आप के शिशु को कुछ टिके लगने हैं जो उसे कई प्रकार के गंभीर बीमारियोँ से बचाएगा। अगर आप के शिशु को 10-12 महीने पुरे होने पे लगने वाले टिके नहीं लगे हैं तो तुरंत अपने नजदीकी शिशु स्वस्थ केंद्र पे जाएँ और इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।
आप की जानकारी के लिए हमने निचे वो सरे टीकों की तालिका त्यार की है जो आप के शिशु को 10-12 महीने पुरे होने पे लगने हैं।
आप के शिशु के 10-12 महीने पुरे होने पे उसे टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन (TCV 1) की पहली खुराक (Typhoid Conjugate Vaccine) लगनी चाहिए। टाइफाइड एक प्रकार के जीवाणु के संक्रमण से होता है। टाइफाइड का संक्रमण होने पे शिशु बहुत अधिक बीमार हो जाते हैं और यह बीमारी उनके लिए जानलेवा भी हो सकता है। टाइफाइड का संक्रमण फैलता है दूषित आहार और पानी के सेवन से। टाइफाइड भारत देश में आम बात है और इसीलिए शिशु को टाइफाइड की संक्रमण से बचने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए। शिशु को टाइफाइड के संक्रमण से बचाने का सबसे बेहतर कारगर तरीका है की उसे टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन (TCV) का टिका लगाया जाये।
भारत में हेपेटाइटिस A (hepatitis A) का संक्रमण बहुत तेज़ी से फ़ैल रहा है। इसका संक्रमण मुख्यता दूषित पानी और आहार के जरिये फैलता है। हेपेटाइटिस A एक प्रकार का विषाणु (virus) है जो लिवर यानि फेफड़े को संक्रमित करता है। व्यक्ति का लिवर अगर ठीक से काम न करे या कहरब हो जाये तो इसमें जान भी जा सकती है। शिशु जब 10-12 महीने की उम्र का होता है तो उसे हेपेटाइटिस A की पहली खुराक और फिर कुछ समय पश्च्यात उसे हेपेटाइटिस A की दूसरी खुराक भी दे देनी चाहिए।
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