Category: टीकाकरण (vaccination)
By: ZN | ☺1 min read
जो सबसे असहनीय पीड़ा होती है वह है बच्चे को टीका लगवाना। क्योंकि यह न केवल बच्चों के लिए बल्कि माँ के लिए भी कष्टदायी होता है।
अपने बच्चों का सही तरीके से देखभाल करना हर पेरेंट्स के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती होती है। हालाँकि, इसका अनुभव भी किसी चमत्कार से कम नहीं होता है, और इसका अनुभव आपको अपने छोटे बच्चों से मिलता है। फिर चाहे अपने बच्चे को पहली बार गोद में लेना हो या उसे अपने सीने से लगा कर स्तनपान कराना हो। आमतौर पर, आप इस अहसास को बता नहीं सकती बल्कि इसे महसूस कर सकती हैं।
क्योंकि, ये सभी चीज़ें आपके लिए किसी बहुमूल्य वस्तु से कम नहीं लगता है। लेकिन, इन सब के बीच जो सबसे असहनीय पीड़ा होती है वह है बच्चे को टीका लगवाना। क्योंकि यह न केवल बच्चों के लिए बल्कि माँ के लिए भी कष्टदायी होता है।
मुझे आज भी वो दिन याद हैं जब मेरा बच्चा 6 हफ्ते का था और उसे वैक्सीनेशन के लिए डॉक्टर के पास ले कर जाना था। वो भी, डीपीटी वैक्सीन के लिए, जो बच्चों को डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस से सुरक्षा प्रदान करता है। यह डोज शिशु को 6, 10 और 14 हफ्ते में दिए जाते हैं। हालाँकि, अब मेरा बेटा 15 साल का हो गया है, लेकिन जब मैं उस दिन को याद करती हूँ तो मुझे रोना आता है, जब मेरे बच्चे को इसका पहला शॉट दिया गया था। जब उसे डॉक्टर के कैबिन में टीके लगाने के लिए ले जाया जा रहा था तब मैंने अंदर जाने से मना कर दिया था, क्योंकि मैं यह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकती थी कि डॉक्टर मेरे बच्चे को मेरे सामने सुई लगाए।
इसलिए मैंने अपने पति को अंदर जाने के लिए कहा। थोड़ी ही देर में मेरे हसबैंड बच्चे को बाहर लेकर आए, और अपने बच्चे को रोता देख हमलोगों के आँखों में आंसू थे। मुझे इस बात का यकीन नहीं था कि उस समय सबसे अधिक कौन रोया, बच्चे या हमलोग।
पहली बार
सुई लगाने के बाद लगा कि चलो अब मुसीबत खत्म हो गई है, लेकिन ऐसा नहीं था क्योंकि यह तो अभी शुरुआत थी।
हालाँकि, डॉक्टर ने मेरे पति को इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में बताया था। लेकिन, इसका पता मुझे तब चला जब रात में वह सो नहीं रहा था तब मैंने उसके शरीर को छुआ तब वह बुखार से तप रहा था। उसे बुखार होता देख मैं बहुत डर गई और डरते हुए मैंने अपने पति को उठाया और बोला कि हमारे बच्चे को बुखार है। जब मेरे पति ने कहा कि हां डॉक्टर ने कहा था कि बच्चे को थोड़ा बुखार आ सकता है।
साथ ही उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने यह भी कहा है कि सुई वाले जगह के पास हल्का सूजन और दर्द हो सकता है। हालाँकि, यह समय हमारे बच्चे के लिए बहुत मुश्किल भरा रहा, लेकिन, हमलोगों ने इसका सामना अच्छे से किया।
बिना दर्द वाले वैक्सीन
वहीं, सात साल बाद जब मेरे दूसरे बेटे का जन्म हुआ तो मेरे लिए सब कुछ बहुत आसान था, फिर चाहे वह मेरा गर्भावस्था या बेबी केयर ही क्यों न हो। साथ ही, इस बार हमारे बाल रोग विशेषज्ञ ने हमें एक ऐसे कॉम्बिनेशन वैक्सीन (संयोजन टीका) के बारे में बात की जो शिशु को एक नहीं बल्कि पांच बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता था, और उससे भी महत्वपूर्ण कि यह कम दर्दनाक था। लेकिन, यह बहुत ज्यादा महंगा था, ऐसे में मैं और मेरे पति ने यह सोचा कि यह हॉस्पीटल मेरे लिए बहुत महंगा है।
इसलिए हमने डॉक्टर से पूछा कि “कम दर्दनाक” का मतलब क्या है। तब उन्होंने समझाया कि इससे बच्चा केवल एक ही दर्द महसूस करेगा और वो है सुई की हल्की सी चुभन और कुछ भी नहीं। हालाँकि, अभी भी हमलोग संदेह में थे, लेकिन डॉक्टर के बातों को मानना ज्यादा सही लग रहा था ताकि बच्चे को कम दर्द सहना पड़े।
अगर इस समय किसी बात का दुःख था तो सिर्फ इस बात का था कि मेरे पहले बच्चे के समय यह विकल्प क्यों मौजूद नहीं था।
क्योंकि, छोटे वाले बच्चे को सिर्फ एक घंटे के लिए बुखार चढ़ा था और बाकी के समय वह शांत और खुश था। और ऐसा डीपीटी के एक शॉट्स के साथ नहीं हुआ था बल्कि इसके तीनों शॉट्स के साथ ऐसा ही था। ऐसे में, मैं अपने बड़े बच्चे के दर्द को देखते हुए आपको यही कह सकती हूँ कि यदि आप इस सुई को खरीद सकती हैं तो आपके बच्चों के लिए यह सबसे बेहतर है। क्योंकि, इससे आपके बच्चे को न तो दर्द का सामना करना पड़ेगा और न ही किसी परेशानी का।
कौन से टीके कम दर्द देते हैं?
कुछ वैक्सीन एक से अधिक और कुछ अकेले में आते हैं, जिसका साइड इफ़ेक्ट न के बराबर होता है।
हालाँकि, इसमें ऐसा कोई जादू नहीं है कि यह बच्चे के हर बीमारी को ठीक करता हो लेकिन, निश्चित रूप से यह दर्द और शॉट्स की संख्या को कम करता है।