Category: टीकाकरण (vaccination)
By: Salan Khalkho | ☺4 min read
एम एम आर (मम्प्स, खसरा, रूबेला) वैक्सीन (MM R (mumps, measles, rubella vaccine) Vaccination in Hindi) - हिंदी, - मम्प्स, खसरा, रूबेला का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
 वैक्सीन (MM R (mumps, measles, rubella vaccine) Vaccination in Hindi).jpg)
बच्चों की तीन आम बीमारियां - मम्प्स, खसरा और रूबेला - इन तीनो बिमारियों से आप अपने शिशु को एम एम आर (मम्प्स, खसरा, रूबेला) के वैक्सीन के द्वारा बचा सकते हैं।
खसरा में शिशु को बुखार, त्वचा पे rash, खांसी, नाक का बहना और आँखों में पानी के लक्षण देखने को मिलते हैं।
ज्यादा गंभीर स्थिति में शिशु को कान का संक्रमण, दस्त, निमोनिया, मस्तिष्क को छती और अंतिम चरण में मृत्यु भी हो सकती है।
मम्प्स होने पे शिशु को बुखार, सरदर्द, मांसपेशियोँ में दर्द, थकन, भूख न लगना, गले की सूजन के लक्षण देखने को मिलते हैं।
ज्यादा गंभीर स्थिति में शिशु के अंडकोष या अंडाशय में सूजन, बहरापन, मस्तिष्क में और मेरुदण्ड में जलन और बहुत दुर्लभ स्थितियौं में मृत्यु तक हो सकती है।
रूबेला की बीमारी में शिशु को बुखार, गले में खराश, त्वचा पे रैश, सरदर्द, लाल आखें, और आखों में जलन के लक्षण दिखने को मिलते हैं।
अगर गर्भावस्था के दौरान स्त्री को रूबेला हो जाये तो गर्भपात (miscarriage) की सम्भावना बन जाती है या फिर गंभीर जन्म दोष (serious birth defects) के साथ शिशु का जन्म होता है।
इसीलिए आवश्यक है की हर बच्चे को टीकाकरण चार्ट - 2018 के अनुसार समय पे टीका लगवाया जाये और बच्चे को तथा देशो को मम्प्स, खसरा, रूबेला की महामारी से बचाया जा सके।
एम एम आर (मम्प्स, खसरा, रूबेला) का वैक्सीन शिशु को मम्प्स, खसरा और रूबेला - इन तीनो बिमारियों से बचाता है। इन तीनो बिमारियौं का होना भारत में बहुत ही आम बात था, मगर भारत सरकार के दो दशक के अथक परिश्रम के द्वारा ये तीनो बीमारियां अब बहुत ज्यादा देखने को नहीं मिलता है। इसीलिए भारत सरकार के अनिवार्य टीकाकरण कार्यकर्म में अपने शिशु को सारे टिके टीकाकरण सारणी के अनुसार अवश्य लगवाएं ताकि आप का शिशु कई प्रकार की गंभीर बीमारियोँ से बचा रहे।
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एम एम आर का टिका (MMR vaccine) बेहद सुरक्षित होता है और बहुत कारगर होता है शिशु को मम्प्स, खसरा, रूबेला की बीमारियोँ से बचाने में। मगर फिर भी सभी दवाइयोँ की तरह इसके भी कुछ हलके फुल्के दुष्प्रभाव (side effects) हैं। ये दुष्प्रभाव उतने गंभीर नहीं है जितना की स्थिति तब गंभीर जो जाती है जब टीकाकरण के आभाव में जब शिशु को मम्प्स, खसरा या रूबेला हो जाये। एम एम आर के टिका (MMR vaccine) का दुष्प्रभाव (side effects):
इस calculator की मदद से दो मिनट में पता करिए की व्यस्क होने पे आप के शिशु की लम्बाई क्या होगी। शिशु की लम्बाई उसके आनुवंशिकी (genetics) और बचपन में उसे मिले आहार पे निर्भर करता है। इन्ही दोनों बैटन के आधार पे शिशु की लम्बाई का आकलन लगाया जाता है। Baby height prediction. Find out how tall your child will be?
शिशु का वजन जन्म के 48 घंटों के भीतर 8 से 10 प्रतिशत तक घटता है। यह एक नार्मल से बात है और सभी नवजात शिशु के साथ होता है। जन्म के समय शिशु के शरीर में अतिरिक्त द्रव (extra fluid) होता है - जो शिशु के जन्म के कुछ दिनों के अंदर तेज़ी से बहार आता है और शिशु का वजन कम हो जाता है। लेकिन कुछ ही दिनों के अंदर फिर से शिशु का वजन अपने जन्म के वजन के बराबर हो जायेगा और फिर बढ़ता ही जायेगा।
सर्दी और जुकाम की वजह से अगर आप के शिशु को बुखार हो गया है तो थोड़ी सावधानी बारत कर आप अपने शिशु को स्वस्थ के बेहतर वातावरण तयार कर सकते हैं। शिशु को अगर बुखार है तो इसका मतलब शिशु को जीवाणुओं और विषाणुओं का संक्रमण लगा है।
शिशु की खांसी एक आम समस्या है। ठंडी और सर्दी के मौसम में हर शिशु कम से कम एक बार तो बीमार पड़ता है। इसके लिए डोक्टर के पास जाने की अव्शाकता नहीं है। शिशु खांसी के लिए घर उपचार सबसे बेहतरीन है। इसका कोई side effects नहीं है और शिशु को खांसी, सर्दी और जुकाम से रहत भी मिल जाता है।
अगर आप के शिशु को केवल रात में ही खांसी आती है - तो इसके बहुत से कारण हो सकते हैं जिनकी चर्चा हम यहाँ करेंगे। बच्चे को रात में खांसी आने के सही कारण का पता लगने से आप बच्चे का उचित उपचार कर पाएंगे। जानिए - सर्दी और जुकाम का लक्षण, कारण, निवारण, इलाज और उपचार।
शिशु को 6 महीने की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को पोलियो, हेपेटाइटिस बी और इन्फ्लुएंजा से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
अगर आप भी इसी दुविधा में है की अपने शिशु को किस तेल से मालिश करें तो सबसे अच्छा रहेगा तो आप की जानकारी के लिए हम आज आप को बताएँगे बच्चों की मालिश करने के लिए सबसे बेहतरीन तेल।
मखाने के फ़ायदे अनेक हैं। मखाना दुसरी ड्राई फ्रूट्स की तुलना में ज्यादा पौष्टिक है और सेहत के लिए ज्यादा फायेदेमंद भी। छोटे बच्चों को मखाना खिलने के कई फायेदे हैं।
अगर आप के बच्चे को दूध पिलाने के बाद हिचकी आता है तो यह कोई गंभीर बात नहीं है। कुछ आसान घरेलू नुस्खे हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को हिचकी से निजात दिला सकती हैं।
इस यौजना का मुख्या उद्देश्य है की इधर-उधर फेंके गए बच्चों की मृत्यु को रोकना| समाज में हर बच्चे को जीने का अधिकार है| ऐसे में शिशु पालना केंद्र इधर-उधर फेंके गए बच्चों को सुरख्षा प्रदान करेगा|
बच्चों के नाजुक पाचन तंत्र में लौकी का प्यूरी आसानी से पच जाता है| इसमें प्रचुर मात्रा में मिनरल्स पाए जाते हैं जैसे की कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन A, C. जो बच्चे के पोषण के लिए अच्छा है।
29 रोचक और पौष्टिक शिशु आहार बनाने की विधि जिसे आप का लाडला बड़े चाव से खायेगा। ये सारे शिशु आहार को बनाना बहुत ही आसान है, इस्तेमाल की गयी सामग्री किफायती है और तैयार शिशु आहार बच्चों के लिए बहुत पौष्टिक है। Ragi Khichdi baby food शिशु आहार
जुड़वाँ बच्चे पैदा होना इस गावं में आम बात है और इस गावं की खासियत भी| इसी कारण इस गावं में जुड़वाँ बच्चों की संख्या हर साल बढ़ रही है|
नवजात बच्चे से सम्बंधित बहुत सी जानकारी ऐसी है जो कुछ पेरेंट्स नहीं जानते। उन्ही जानकारियोँ में से एक है की बच्चों को 6 month से पहले पानी नहीं पिलाना चाहिए। इस लेख में आप पढेंगे की बच्चों को किस उम्र से पानी पिलाना तीख रहता है। क्या मैं अपनी ५ महीने की बच्ची को वाटर पानी दे सकती हु?
मां का दूध बच्चे के लिए सुरक्षित, पौष्टिक और सुपाच्य होता है| माँ का दूध बच्चे में सिर्फ पोषण का काम ही नहीं करता बल्कि बच्चे के शरीर को कई प्रकार के बीमारियोँ के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी प्रदान करता है| माँ के दूध में calcium होता है जो बच्चों के हड्डियोँ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है|
गर्मी की छुट्टियों में बच्चे घर पर रहकर बहूत शैतानी करते है ऐसे में बच्चो को व्यस्त रखने के लिए फन ऐक्टिविटीज (summer fun activities for kids) का होना बहूत जरूरी है! इसके लिए कुछ ऐसी वेबसाइट मोजूद है जो आपकी मदद कर सकती है! आइये जानते है कुछ ऐसी ही ख़ास फन ऐक्टिविटी वाली वेबसाइट्स (websites for children summer activities) के बारे में जो फ्री होने के साथ बहूत लाभकारी भी है! J M Group India के संस्थापक बालाजी के अनुसार कुछ ज्ञान वर्धक बातें।
हर प्रकार के मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर, बच्चों के लिए ड्राई फ्रूट्स बहुत पौष्टिक हैं| ये विविध प्रकार के नुट्रिशन बच्चों को प्रदान करते हैं| साथ ही साथ यह स्वादिष्ट इतने हैं की बच्चे आप से इसे इसे मांग मांग कर खयेंगे|
क्या आप चाहते हैं की आप का बच्चा शारारिक रूप से स्वस्थ (physically healthy) और मानसिक रूप से तेज़ (mentally smart) हो? तो आपको अपने बच्चे को ड्राई फ्रूट्स (dry fruits) देना चाहिए। ड्राई फ्रूट्स घनिस्ट मात्रा (extremely rich source) में मिनरल्स और प्रोटीन्स प्रदान करता है। यह आप के बच्चे के सम्पूर्ण ग्रोथ (complete growth and development) के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
आहार जो बढ़ाये बच्चों का वजन और साथ में उनके भूख को भी जगाये। बच्चे खाना खाने में नखरा करें तो खिलाएं ये आहार। इस लेख में हम इन्ही भोजनों की चर्चा करेंगे। मगर पोषण के दृष्टिकोण से एक बच्चे को सभी प्रकार के आहार को ग्रहण करना चाहिए।
सबसे ज्यादा बच्चे गर्मियों के मौसम में बीमार पड़ते हैं और जल्दी ठीक भी नहीं होते| गर्मी लगने से जहां एक और कमजोरी बढ़ जाती है वहीं दूसरी और बीमार होने का खतरा भी उतना ही अधिक बढ़ जाता है। बच्चों को हम खेलने से तो नहीं रोक सकते हैं पर हम कुछ सावधानियां अपनाकर उनको गर्मी से होने वाली बीमारियों से जरूर बचा सकते हैं |