Category: बच्चों का पोषण
By: Salan Khalkho | ☺5 min read
हर मां बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई में तेज निकले। लेकिन शिशु की बौद्धिक क्षमता कई बातों पर निर्भर करती है जिस में से एक है शिशु का पोषण।अगर एक शोध की मानें तो फल और सब्जियां प्राकृतिक रूप से जितनी रंगीन होती हैं वे उतना ही ज्यादा स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। रंग बिरंगी फल और सब्जियों में भरपूर मात्रा में बीटा-कैरोटीन, वीटामिन-बी, विटामिन-सी के साथ साथ और भी कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं।
चलिए अब हम आपको बताते हैं आहार में रंग बिरंगी फल और सब्जियों को सम्मिलित करने के फायदे:
काले और बैगनी रंग के फल और सब्जियां जैसे कि बैगन, चौलाई, सिंघाड़े, काला गाजर आदि में कई प्रकार के फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो शिशु की याददाश्त शक्ति को पढ़ाते हैं।
यानी अगर आप अपने बच्चों को उनके आहार में काले और बैगनी रंग के फल और सब्जियां देंगी तो वे आसानी से अपने पाठ को याद कर पाएंगे और इंतिहान में भी अच्छा परफॉर्म करेंगे।
साथ ही काली और बैगनी रंग के फल और सब्जियों में आयरन भी प्रचुर मात्रा में होता है जो शरीर में खून की कमी को दूर करता है। खून शरीर में ऑक्सीजन को पहुंचाता है। स्वस्थ मस्तिष्क के लिए ऑक्शन की पर्याप्त मात्रा बहुत आवश्यक है।
खून की कमी के कारण अगर मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन ना मिले तो शिशु में कई प्रकार के बौद्धिक क्षमता से आधारित नुकसान हो सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि इन सब्जियों को लोहे की कड़ाही में ना पकाएं।
पीले रंग की सब्जियां जैसे कैप्सिकम (पीला शिमला मिर्च), नींबू, पपीता, केला, बेल, संतरा, अनानास, आदि में विटामिन-सी जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शिशु के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। शिशु के जन्म के समय उसके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है।
जब तक शिशु स्तनपान करता है तब तक उसे मां के दूध के द्वारा मां के शरीर की एंटीबॉडी मिलती है जो शिशु के शरीर को रोग मुक्त रखती है और संक्रमण से लड़ती है। जब शिशु ठोस आहार ग्रहण करने लगता है तो फल और सब्जियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शिशु के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाना शुरू करते हैं।
शिशु के आहार में पीले रंग की सब्जियों को सम्मिलित करने से शिशु शारीरिक और मानसिक रूप से ज्यादा स्वस्थ रहेगा। पीले रंग की सब्जियां शिशु के पाचन तंत्र को भी बेहतर बनाए रखती हैं और उसे कब्ज की समस्या से बचाती हैं। पीले रंग की सब्जी में विटामिन सी और कैरोटिनॉइड होता है जो व्यस्क में ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करते हैं। यह शरीर में होने वाली एलर्जी और सूजन को भी कम करते हैं।
लाल रंग की सब्जियां जैसे कि टमाटर, गाजर, स्ट्रौबरी, सेब, आदि शिशु के शरीर में मौजूद ऊर्जा के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करती है। लाल रंग की सब्जियों में कई प्रकार के विटामिंस मौजूद होते हैं जिन में विटामिन सी की मात्रा सबसे ज्यादा (63 प्रतिशत) होती है।
लाल रंग के फल और सब्जियों में लाइकोपिन नाम का फाइटोकेमिकल पाया जाता है जो आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, तथा शरीर के आंतरिक शक्ति को या सूरज की किरणों से होने वाले त्वचा के नुकसान को कम करता है। यह शरीर के उच्च रक्तचाप की समस्या को भी कम करता है और डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं से भी शरीर को बचाता है।
सफेद रंग की सब्जियां जैसे की मशरूम, लहसुन, सफेद प्यार, गोभी, शलजम, मुली, सफेद बैंगन कई प्रकार के पोषक तत्व जैसे कि एलीसिन फाइटोकेमिकल्स से भरपूर होते हैं। सेलेनियम एक प्रकार का मिनरल होता है जो मशरूम में अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियमित करता है जिससे शिशु का शरीर कई प्रकार के ह्रदय रोग से संबंधित बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं। सफेद रंग की सब्जियों में एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं जिसकी वजह से बदलते मौसम में यह सब्जियां शिशु के शरीर को संक्रमण से बचाती है। इस रंग की सब्जियों में एक और खास बात है वह यह है कि सफेद रंग की सब्जियां शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने की क्षमता भी रखते हैं।
हरे रंग की सब्जियां लगभग हर मौसम में उपलब्ध रहती हैं और यह शिशु के शरीर को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाती हैं।
हालांकि हर रंग की सब्जियां शिशु के शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए आवश्यक हैं। हरे रंग की सब्जियों में प्रचुर मात्रा में आयरन होता है जो शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाते हैं जिससे शिशु को एनीमिया जैसी बीमारी नहीं होती है और शिशु की याद आत क्षमता बेहतर बनती है।
हरे रंग की सब्जियां शिशु के आंखों की रोशनी को भी बढ़ाती है और दांतो से संबंधित कई प्रकार की बीमारियों को दूर करती है। हरे रंग की सब्जियां आपके कैंसर से भी बचाव करती है। हरे रंग की सब्जियों को अगर आप पर पकाकर खाया जाए तो यह ज्यादा फायदा पहुंचाती हैं क्योंकि तेल में इन्हें भूनकर पकाने से इनकी कई पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
हरे रंग की सब्जियों में मिनरल्स की भरपूर मात्रा में होते हैं जो मानसिक तनाव कम करते हैं और शिशु के इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाते हैं। इसके अलावा हरि रंग की सब्जी में लूटीं नाम का फाइटोकेमिकल पाया जाता है जो लीवर से संबंधित बीमारियों से शिशु की रक्षा करता है इसीलिए डॉक्टर शिशु को नियमित रूप से फल और सब्जियों को खाने की सलाह देते हैं।
हर रंग की सब्जी शिशु के शरीर के लिए महत्वपूर्ण है। अगर आप किसी को केवल एक ही रंग की सब्जियां देंगे और एक ही प्रकार के आहार हर दिन प्रदान करेंगे तो शिशु में कुपोषण की समस्या फायदा हो जाएगी।
क्योंकि ऐसा करने से शिशु को मात्र एक ही प्रकार के पोषण हर दिन मिलेंगे और दूसरे प्रकार के पोषण जो दूसरे फल और सब्जियों में मौजूद हैं वह नहीं मिल पाएंगे जिससे इस प्रकार के पोषण शिशु के शरीर में कम हो जाएंगे और शिशु कुपोषित हो जाएगा।
इसीलिए अपनी तरफ से यह कोशिश करें कि अपने शिशु को हर प्रकार के फल और सब्जियों खिलाए विशेषकर मौसम के अनुसार उपलब्ध फल और सब्जियां। विशेष मौसम में उपलब्ध फल और सब्जियां उस विशेष मौसम में शिशु के शारीरिक आवश्यकता के अनुसार पोषक तत्व प्रदान करने में सक्षम होते हैं।
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