Category: स्वस्थ शरीर
By: Salan Khalkho | ☺3 min read
मां का दूध बच्चे के लिए सुरक्षित, पौष्टिक और सुपाच्य होता है| माँ का दूध बच्चे में सिर्फ पोषण का काम ही नहीं करता बल्कि बच्चे के शरीर को कई प्रकार के बीमारियोँ के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी प्रदान करता है| माँ के दूध में calcium होता है जो बच्चों के हड्डियोँ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है|
माँ का दूध किसी बच्चे के लिए अमृत से कम नहीं।
माँ का दूध शिशु के विकास, संरक्षण, और संवर्धन का काम करता है।
नवजात बच्चे में रोगों से लड़ने की रोग-प्रतिरोधात्मक शक्ति नहीं होती है। इसका मतलब बच्चे का शरीर रोगों से लड़ने में सक्षम नहीं होता है।
बच्चे को रोगों से लड़ने की शक्ति माँ के दूध से मिलती है। माँ का दूध बच्चे को विभिन्न प्रकार के बीमारियोँ से लड़ने में सक्षम बनता है। माँ के दूध में रोगाणुओं को नाश करने वाले तत्त्व होते हैं जो बच्चे को होने वाले बीमारियोँ से सुरक्षित रखते हैं।
जिन बच्चों को बचपन में माँ का दूध नहीं मिलता उन बच्चों को कई प्रकार की बीमारियोँ का सामना करना पड़ता है। इन बच्चों को विशेष कर पेट और मस्तिष्क की बीमारियां ज्यादा सताती हैं। इसी लिए डॉक्टर हमेशा राय देते हैं की बच्चे को कम से कम 6 month से लेकर 10 month तक माँ का दूध ही देना चाहिए। माँ का दूध श्रेष्ठ आहार ही नहीं बल्कि जीवन रक्षक भी है। माँ के दूध का कोई विकल्प नहीं है।
मां का दूध बच्चे के लिए सुरक्षित, पौष्टिक और सुपाच्य होता है। यह बच्चे को सिर्फ पोषक तत्त्व ही नहीं प्रदान करता है बल्कि बच्चे के पेट की गड़बड़ियों को भी दूर करता है। यह बच्चे में दमा और कान की बीमारी को नहीं होने देता।
माँ के दूध में लेक्टोफोर्मिन नमक तत्त्व है। ये बच्चे के आंत में लोह तत्त्व को बांध देता है जिस वजह से बच्चे का शरीर कई प्रकार के रोगों से बचा रहता है।
माँ का दूध बच्चे में सिर्फ पोषण का काम ही नहीं करता बल्कि बच्चे के शरीर को कई प्रकार के बीमारियोँ के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी प्रदान करता है। माँ के शरीर की प्रतिरोधक छमता बच्चे को माँ के दूध के जरिये मिलता है। इसका मतलब नियमित स्तनपान करने से बच्चे के शरीर में माँ के शरीर जितना रातिरोधक छमता विकसित हो जाती है।
माँ का दूध कई भयंकर बीमारियॉओं का तोड़ है। शोध में यह बात सामने आयी है की माँ का दूध - रक्त कैंसर, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी भयंकर बीमारियों से छुटकारा दिलाने में सक्षम होता है।
माँ के दूध में calcium होता है जो बच्चों के हड्डियोँ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिन बच्चों को शुरू से माँ का दूध नसीब होता है उन अब्छों की हड्डियां ज्यादा मजबूत होती है।
जिन बच्चों को शुरुआती दिनों से गाए का दूध दिया जाता है उन बच्चों में आगे चल कर एलेर्जी होने की सम्भावना रहती है। शिशु को हमेशा माँ का दूध ही पिलाना चाहिए। माँ का दूध बच्चे के लिए सुरक्षित रहता है और उसे मोटापे से भी बचाता है।
ऐसा पाया गया है की जो माँ अपने बच्चे को नियमित रूप से स्तनपान कराती है उनमें स्तन कैंसर की सम्भावना बहुत कम रहती है। उन महिलायों की मानसिक छमता भी बढ़ती है और वे स्तनपान न करने वाली माओं से ज्यादा स्वस्थ्य भी रहती हैं।