Category: बच्चों की परवरिश
By: Salan Khalkho | ☺3 min read
अमेरिकी शोध के अनुसार जो बच्चे एक नियमित समय का पालन करते हैं उनमें मोटापे की सम्भावना काफी कम रहती है| नियमित दिनचर्या का पालन करने का सबसे ज्यादा फायदा प्री-स्कूली आयु के बच्चों में होता है| नियमित दिनचर्या का पालन करना सिर्फ सेहत की द्रिष्टी से ही महत्वपूर्ण नहीं है वरन इससे कम उम्र से ही बच्चों में अनुशाशन के प्रति सकारात्मक सोच विकसित होती है|
हाल ही में हुए एक अमेरिकी शोध में यह बात सामने आयी है की अगर बच्चे समय पे सोते हैं तो उन्हें मोटापा नहीं सताएगा।
बच्चों को अगर छोटी उम्र से ही नियमित दिनचर्या का पालन करना सिखाया जाये तो आगे चलकर उसके बहुत फायदे हैं। न्यूयॉर्क में छपे अमेरिकी शोध पत्रिका में बताया गया की अगर बच्चे को हर दिन नियमित समय पे सुलाया गया, नियमित समय पे खिलाया गया और अगर बच्चा हर दिन नियमित समय पे खेलता-कूदता है तो ऐसे प्री-स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
नियमित दिनचर्या का पालन करने वाले बच्चों में मोटापे की समस्या भी कम देखी गयी है। बच्चों की सेहत पे नियमित दिनचर्या का क्या असर पड़ता है इस विषय पे शोध अमेरिका के ओहियो स्टेट विश्वविद्यालय में किया गया। शोध की प्रमुख लेखक सारा एंडरसन ने अपने अध्यन में पाया की नियमित दिनचर्या का पालन करने का सबसे ज्यादा फायदा प्री-स्कूली आयु के बच्चों में होता है। उनके अनुसार बच्चों में दिनचर्या उनके बेहतर स्वास्थ्य विकास से जुड़ी होती है तथा यह बच्चों में मोटापाग्रस्त होने की संभावना को भी कम करती है।
शोध में तीन साल तक की आयु के 3000 बच्चों के दिनचर्या का मूल्यांकन किया गया। मूल्यांकन में जिन बातों का विश्लेषण गया वे थीं
शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने माता-पिता की रिपोर्ट से बच्चों के दो पहलुओं की तुलना की - आत्म-नियमन और समान उम्र। बच्चों की नियमित दिनचर्या का पालन करने से सम्बंधित इस शोध का प्रकाशन 'ओबेसिटी' नमक पत्रिका में किया गया।
शोध की प्रमुख लेखक सारा एंडरसन ने पाया की तीन साल की उम्र के जिन बच्चों को नियमित समय पे सोने में कठिनाई होती है उन बच्चों में 11 साल तक की उम्र तक पहुँचते-पहुँचते मोटापे की संभावना दूसरे बच्चों से ज्यादा रहती है।
जो बच्चे एक नियमित समय का पालन करते हैं, हर दिन एक नियमित समय पे सोते हैं वे बच्चे असमय सोने वाले बच्चों की तुलन में ज्यादा अच्छी सेहत में पाए जाते हैं। उनमें मोटापे की सम्भावना काफी कम रहती है।
अगर आप अपने बच्चों की अच्छी सेहत चाहती हैं तो उन्हें नियमित दिनचर्या का पालन करना सिखाइये। नियमित दिनचर्या का पालन करना सिर्फ सेहत की द्रिष्टी से ही महत्वपूर्ण नहीं है वरन इससे कम उम्र से ही बच्चों में अनुशाशन के प्रति सकारात्मक सोच विकसित होती है।
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