Category: टीकाकरण (vaccination)
By: Salan Khalkho | ☺3 min read
टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया) वैक्सीन vaccine - Td (tetanus, diphtheria) vaccine in hindi) का वैक्सीन मदद करता है आप के बच्चे को एक गंभीर बीमारी से बचने में जो टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया) के वायरस द्वारा होता है। - टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया) वैक्सीन का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
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टेटनस और डिप्थीरिया बहुत ही भयंकर और जानलेवा बीमारी है। दोनों बीमारी में से किसी के भी संक्रमण से शिशु में शारीरिक जटिलताएं पैदा हो जाती हैं। टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया) का वैक्सीन शिशु को इन दोनों बीमारियोँ से बचाता है।
टेटनस और डिप्थीरिया दोनों ही संक्रामक बीमारियां है जो जीवाणु द्वारा फैलती है। डिप्थीरिया का संक्रमण एक व्यक्ति से दुसरी व्यक्ति को खाँसी या छींकने के द्वारा फैलता है। जब की टेटनस के जीवाणु (bacteria) शरीर में प्रवेश करता है जब शरीर में कोई खरोंच लग जाये, कट जाये इस जब कोई घाव बन जाये।
टेटनस के संक्रमण से पुरे शरीर की मांसपेशियोँ में जकड़न हो जाती है। सर और गर्दन में इतनी ज्यादा जकड़न होती है की संक्रमित व्यक्ति खाने और घोटने में पूरी तरह से असमर्थ हो जाता है यहां तक की कभी कभी साँस लेना भी मुश्किल होता जाता है।

टेटनस के संक्रमण के बाद बेहतर से बेहतर इलाज के बावजूद भी हर दस में से एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
डिफ्थीरिया को गलघोंटू नाम से भी जाना जाता है। डिफ्थीरिया का संक्रमण कॉरीनेबैक्टेरियम डिफ्थीरिया नमक जीवाणु के संक्रमण से फैलता है। अगर इसका इलाज समय पे न किया जाये तो यह पुरे शरीर में फ़ैल सकता है। डिफ्थीरिया का बैक्टीरिया मुख्यता टांसिल व श्वास नली को संक्रमित करता है। संक्रमण के कारण टांसिल व श्वास नली में एक प्रकार की झिल्ली बनती है जिसकी वजह से संक्रमित व्यक्ति का साँस लेना मुश्किल हो जाता है।
इसीलिए आवश्यक है की हर बच्चे को टीकाकरण चार्ट - 2018 के अनुसार समय पे टीका लगवाया जाये और बच्चे को तथा देशो को टेटनस, डिप्थीरिया की महामारी से बचाया जा सके।
टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया) का वैक्सीन शिशु को टेटनस और डिप्थीरिया के संक्रमण से बचाता है। टीडी के वैक्सीन (Td vaccine) का booster dose हर 10 साल पे देना चाहिए ताकि बच्चे के शरीर में टेटनस और डिप्थीरिया के प्रति immunity बनी रहे।
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टीडी का वैक्सीन (Td vaccine) से शिशु में किसी भी प्रकार के गंभीर दुष्प्रभाव का होना एक बहुत ही दुर्लभ बात है। मगर कुछ हलके फुल्के दुष्प्रभाव (side effects) देखने को मिल सकते हैं जैसे की:
अगर आप के शिशु को पहले कभी टेटनस और डिप्थीरिया वाले टीके से जान लेवा एलर्जिक प्रतिक्रिया (allergic reaction) का सामना करना पड़ा हो तो फिर अपने शिशु को टीडी का वैक्सीन (Td vaccine) न लगवाएं।
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दिल्ली की सॉफ्टवेयर काम करने वाले दिलीप ने अपनी जिंदगी को बहुत करीब से बदलते हुए देखा है। बात उन दिनों की है जब दिलीप और उनकी पत्नी रेखा अपनी पहली संतान के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। नन्हे से बच्चे की जन्म तक सब कुछ ठीक चला लेकिन उसके बाद एक दिन अचानक….
अधिकांश मां बाप को इस बात के लिए परेशान देखा गया है कि उनके बच्चे सब्जियां खाना पसंद नहीं करते हैं। शायद यही वजह है कि भारत में आज बड़ी तादाद में बच्चे कुपोषित हैं। पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियां शिशु के शरीर में कई प्रकार के पोषण की आवश्यकता को पूरा करते हैं और शिशु के शारीरिक और बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सब्जियों से मिलने वाले पोषक तत्व अगर शिशु को ना मिले तो शिशु का शारीरिक विकास रुक सकता है और उसकी बौद्धिक क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। हो सकता है शिशु शारीरिक रूप से अपनी उचित लंबाई भी ना प्राप्त कर सके। मां बाप के लिए बच्चों को सब्जियां खिलाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। अक्षर मां बाप यह पूछते हैं कि जब बच्चे सब्जियां नहीं खाते तो किस तरह खिलाएं?
अगर बच्चा बिस्तर से गिर पड़े तो आप को कौन से बातों का ख्याल रखना चाहिए? कौन से लक्षण और संकेत ऐसे हैं जो शिशु के अंदरूनी चोट के बारे में बताते हैं। शिशु को चोट से तुरंत रहत पहुँचाने के लिए आप को क्या करना चाहिए? इन सभी सवालों के जवाब आप इस लेख में पढ़ेंगी।
जलशीर्ष यानी Hydrocephalus एक गंभीर बीमारी है जो शिशु के विकास को प्रभावित कर सकती है और उसके मस्तिष्क को हमेशा के लिए नुक्सान पहुंचा सकती है। गर्भावस्था के दौरान कुछ सावधानियां बारत कर आप अपने शिशु को जलशीर्ष (Hydrocephalus) से बचा सकती हैं।
विज्ञान और तकनिकी विकास के साथ साथ बच्चों के थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) को ठीक करना अब बिना तार के संभव हो गया है। मुस्कुराहट चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाता है। लेकिन अगर दांत थेड़े-मेढे (crooked teeth) तो चेहरे की खूबसूरती को कम कर देते हैं। केवल इतना ही नहीं, थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) आपके बच्चे के आत्मविश्वास को भी कम करते हैं। इसीलिए यह जरूरी है कि अगर आपके बच्चे के दांत थेड़े-मेढे (crooked teeth) हो तो उनका समय पर उपचार किया जाए ताकि आपके शिशु में आत्मविश्वास की कमी ना हो। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह आप अपने बच्चे के थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) को बिना तार या ब्रेसेस के मदद के ठीक कर सकते हैं।
अन्य बच्चों की तुलना में कुपोषण से ग्रसित बच्चे वजन और ऊंचाई दोनों ही स्तर पर अपनी आयु के हिसाब से कम होते हैं। स्वभाव में यह बच्चे सुस्त और चढ़े होते हैं। इनमें दिमाग का विकास ठीक से नहीं होता है, ध्यान केंद्रित करने में इन्हें समस्या आती है। यह बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं। कुछ बच्चों में दांत निकलने में भी काफी समय लगता है। बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सकता है लेकिन उसके लिए जरूरी है कि शिशु के भोजन में हर प्रकार के आहार को सम्मिलित किया जाएं।
बच्चों को या बड़ों को - टॉन्सिल इन्फेक्शन किसी को भी हो सकता है जब शारीर की रोग प्रतिरोधक छमता कमजोर पड़ जाती है। चूँकि बच्चों की रोगप्रतिरोधक छमता बड़ों की तुलना में कम होती है, टॉन्सिल इन्फेक्शन बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है। लेकिन कुछ आसन से घरेलु उपचार से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है।
शिशु के जन्म के तुरंत बाद आपके शरीर को कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे स्तनपान माताओं के लिए बेस्ट आहार। ये आहार ऐसे हैं जो डिलीवरी के बाद आपके शरीर को रिकवर (recover) करने में मदद करेंगे, शारीरिक ऊर्जा प्रदान करेंगे तथा आपके शिशु को उसकी विकास के लिए सभी पोषक तत्व भी प्रदान करेंगे।
सभी बचों का विकास दर एक सामान नहीं होता है। यही वजह है की जहाँ कुछ बच्चे ढाई साल का होते होते बहुत बोलना शुरू कर देते हैं, वहीँ कुछ बच्चे बोलने मैं बहुत समय लेते हैं। इसका मतलब ये नहीं है की जो बच्चे बोलने में ज्यादा समय लेते हैं वो दिमागी रूप से कमजोर हैं, बल्कि इसका मतलब सिर्फ इतना है की उन्हें शारीरिक रूप से तयार होने में थोड़े और समय की जरूरत है और फिर आप का भी बच्चा दुसरे बच्चों की तरह हर प्रकार की छमता में सामान्य हो जायेगा।आप शिशु के बोलने की प्रक्रिया को आसन घरेलु उपचार के दुवारा तेज़ कर सकती हैं।
ADHD शिशु के पेरेंट्स के लिए बच्चे को अनुशाशन सिखाना, सही-गलत में भेद करना सिखाना बहुत चौनातिपूर्ण कार्य है। अधिकांश ADHD बच्चे अपने माँ-बाप की बातों को अनसुना कर देते हैं। जब आप का मन इनपे चिल्लाने को या डांटने को करे तो बस इस बात को सोचियेगा की ये बच्चे अंदर से बहुत नाजुक, कोमल और भावुक हैं। आप के डांटने से ये नहीं सीखेंगे। क्यूंकि यह स्वाभाव इनके नियंत्रण से बहार है। तो क्या आप अपने बच्चे को उसके उस सवभाव के लिए डांटना चाहती हैं जो उसके नियंत्रण में ही नहीं है।
हर माँ-बाप को कभी-ना-कभी अपने बच्चों के जिद्दी स्वाभाव का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अधिकांश माँ-बाप जुन्झुला जाते है और गुस्से में आकर अपने बच्चों को डांटे देते हैं या फिर मार भी देते हैं। लेकिन इससे स्थितियां केवल बिगडती ही हैं। तीन आसान टिप्स का अगर आप पालन करें तो आप अपने बच्चे को जिद्दी स्वाभाव का बन्ने से रोक सकती हैं।
जिस शिशु का BMI 85 से 94 परसेंटाइल (percentile) के बीच होता है, उसका वजन अधिक माना जाता है। या तो शिशु में body fat ज्यादा है या lean body mass ज्यादा है। स्वस्थ के दृष्टि से शिशु का BMI अगर 5 से 85 परसेंटाइल (percentile) के बीच हो तो ठीक माना जाता है। शिशु का BMI अगर 5 परसेंटाइल (percentile) या कम हो तो इसका मतलब शिशु का वजन कम है।
बच्चों को सर्दी जुकाम बुखार, और इसके चाहे जो भी लक्षण हो, जुकाम के घरेलू नुस्खे बच्चों को तुरंत राहत पहुंचाएंगे। सबसे अच्छी बात यह ही की सर्दी बुखार की दवा की तरह इनके कोई side effects नहीं हैं। क्योँकि जुकाम के ये घरेलू नुस्खे पूरी तरह से प्राकृतिक हैं।
शिशु के जन्म के तुरन बाद ही उसे कुछ चुने हुए टीके लगा दिए जाते हैं - ताकि उसका शारीर संभावित संक्रमण के खतरों से बचा रह सके। इस लेख में आप पढेंगे की शिशु को जन्म के समय लगाये जाने वाले टीके (Vaccination) कौन कौन से हैं और वे क्योँ जरुरी हैं।
Ambroxol Hydrochloride - सर्दी में शिशु को दिया जाने वाला एक आम दावा है। मगर इस दावा के कुछ घम्भीर (side effects) भी हैं। जानिए की कब Ambroxol Hydrochloride को देना हो सकता है खतरनाक।
अगर आप के बच्चे को दूध पिलाने के बाद हिचकी आता है तो यह कोई गंभीर बात नहीं है। कुछ आसान घरेलू नुस्खे हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को हिचकी से निजात दिला सकती हैं।
जब आपका बच्चा बड़े क्लास में पहुँचता है तो उसके लिए ट्यूशन या कोचिंग करना आवश्यक हो जाता है ,ऐसे समय अपने बच्चे को ही इस बात से अवगत करा दे की वह अपना ध्यान खुद रखें। अपने बच्चे को ट्यूशन भेजने से पहले उसे मानसिक रूप से तैयार केर दे की उसे क्या पढाई करना है।
मुंग के दाल में प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। शिशु में ठोस आहार की शुरुआत करते वक्त उन्हें आप मुंग दाल का पानी दे सकते हैं। चूँकि मुंग का दाल हल्का होता है - ये 6 माह के बच्चे के लिए perfect आहार है।
दांत का निकलना एक बच्चे के जिंदगी का एहम पड़ाव है जो बेहद मुश्किलों भरा होता है। इस दौरान तकलीफ की वजह से बच्चे काफी परेशान करते हैं, रोते हैं, दूध नहीं पीते। कुछ बच्चों को तो उलटी, दस्त और बुखार जैसे गंभीर लक्षण भी देखने पड़ते हैं। आइये जाने कैसे करें इस मुश्किल दौर का सामना।
लाल रक्त पुरे शरीर में ऑक्सीजन पहुचाने में मदद करता है। लाल रक्त कोशिकायों के हीमोग्लोबिन में आयरन होता है। हीमोग्लोबिन ही पुरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचता है। बिना पर्याप्त आयरन के आपके शरीर में लाल रक्त की कमी हो जाएगी। बहुत से ऐसे भोजन हैं जिससे आयरन के कमी को पूरा किया जा सकता है।