Category: बच्चों का पोषण
By: Salan Khalkho | ☺3 min read
गर्मियों का मतलब ढेर सारी खुशियां और ढेर सारी छुट्टियां| मगर सावधानियां न बरती गयीं तो यह यह मौसम बिमारियों का मौसम बनने में समय नहीं लगाएगा| गर्मियों के मौसम में बच्चे बड़े आसानी से बुखार, खांसी, जुखाम व घमोरियों चपेट में आ जाते है|
बच्चे बड़े नाजुक होते हैं। जब गर्मी चरम पर हो तो वे इसे झेल नहीं पाते हैं। गर्मायों का उनपर बहुत जल्द असर होता है। ऐसे में अपने छोटे बच्चे को गर्मी से बचा कर रखना बेहद जरुरी हो जाता है।इस बात का पूरा ध्यान रखे की कहीं आपका बच्चा बीमार न पड़ जाये।कहीं वो गर्मी की चपेट में न आ जाये। इससे बचने के लिए आपको कुछ सावधानिया रखनी होंगी।
गर्मियों का मौसम अपने साथ लता है ढेर सारी खुशियां और ढेर सारी छुट्टियां। मगर यह मौसम बिमारियों का मौसम भी है। गर्मियों में बच्चे बच्चे बुखार, खांसी, जुखाम व घमोरियों का शिकार हो जाते है। आम लगने वाली ये बीमारियों का इलाज समय रहते नहीं किया गया तो जान लेवा भी हो सकती हैं।
कुछ खास चीज़ों का ध्यान रख कर आप अपने छोटे बच्चे को गर्मी से बचा सकते हैं।
गर्मी जब चरम पे हो तो डिहाइड्रेशन यानि की पानी की कमी होना बहुत आम है। ऐसे में अपने बच्चे को इससे बचा कर रखे। उसे समय समय पर पानी या फिर कुछ और पीने को देते रहे जिससे की उसके शरीर में पानी पूरा रहे। पानी के इलावा आप उसे फलो का जूस, शरबत, ठंडा दूध, मिल्क शेक जैसी तरल चीज़े दे सकते हैं जिससे वो डिहाइड्रेशन का शिकार न हो।
बच्चे को ऐसे कपडे डाले जो उसको ठंडा रहने में मदद कर सके। अपने बच्चे को सूती कपडे ही पहनाये। सिंथेटिक कपड़ो का उपयोग भूल कर भी न करे। इनके कारण घमौरियां भी हो सकती हैं। बहार निकलते समय हलके सूती कपडे ही डाले। इसके साथ ही उसे टोपी या हैट पहन सकते। हैट बच्चे को आसानी से फिट होने वाली ही हो जिससे उसको पसीना न आये और बच्चा आरामदायक महसूस करे।
दिन में जब गर्मी का असर सबसे ज्यादा हो (सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक), तब घर के अंदर ही रहना बेहतर है। बच्चों को सारा दिन अंदर तो नहीं रख सकते इसलिए अपने बच्चे को सुबह-सुबह या शाम को देर से सैर के लिए ले जाएं। बच्चा अगर छोटा है तो उसकी pram से गद्दे निकाल कर सूती चादर बिछा दे।
गर्मियों में जितना हो सके बच्चे को बहार का खाना न दे। सड़क किनारे कड़ी रेहड़ी से खाने या पीने की चीज़ों से बच्चों को दूर ही रखे। ये चीज़े पुरानी हो सकती हैं जिससे आपका बच्चा गर्मी में बड़ी आसानी से बीमार पढ़ सकता है। कोशिश करे की बहार जाते समय घर से ही कुछ न कुछ खाने का साथ बना कर ही ले जाये।
ज्यादातर माता पिता को लगता है की बच्चे को ज्यादा पाउडर लगाने से बच्चे के शरीर में ठंडक बानी रहेगी। पर ऐसा सोचना गलत क्यूंकि इस मौसम में पसीना आने से त्वचा गीली हो जाती है और इससे त्वचा पर टेलकम पाउडर की परत बन जाती है जो की जलन और तकलीफ पैदा कर सकती है। इसलिए अपने बच्चे पर टेलकम पाउडर का सिमित इस्तेमाल ही करें।
गर्मी के महीनों में, मालिश के तेल का कम इस्तेमाल करना बेहतर होता है। इसका एक कारण है गर्मियों में शिशु के शरीर से तेल का अच्छी तरह से साफ़ न हो पाना। इससे बच्चे के शरीर पर घमोरियां होने का खतरा पैदा हो जाता है और उसकी त्वचा में जलन भी हो सकती है। इसलिए हो सके तो बच्चे की मालिश बिना तेल की ही करे। फिर भी अगर आप तेल का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो ठंडक देने वाले तेल जैसे नारियल तेल या जैतून का तेल ही इस्तेमाल करें। और इस बात का विशेष ध्यान रखे की नहलाते समय तेल को अच्छी तरह से धो दे। बच्चे के शरीर पर तेल रहना नहीं चाहिए।
गर्मियों में अपने छोटे बच्चों का ख़ास ख्याल रखे। उन्हें बीमार नहीं पड़ने दे।