Category: स्वस्थ शरीर

गर्भ में लड़का होने के क्या लक्षण हैं?

By: Salan Khalkho | 16 min read

आसन घरेलु तरीके से पता कीजिये की गर्भ में लड़का है या लड़की (garbh me ladka ya ladki)। इस लेख में आप पढेंगी गर्भ में लड़का होने के लक्षण इन हिंदी (garbh me ladka hone ke lakshan/nishani in hindi)। सम्पूर्ण जनकरी आप को मिलेगी Pregnancy tips in hindi for baby boy से सम्बंधित। लड़का होने की दवा (ladka hone ki dawa) की भी जानकारी लेख के आंत में दी जाएगी।

गर्भ में लड़का होने के लक्षण

Baby boy symptoms : गर्भ में लड़का होने के क्या लक्षण - In Hindi

  • गर्भ में लड़के की पहचान है गर्भावस्था में उल्टी और मतली आना
  • पेट में लड़का है तो हृदय गति (Heart rate) से पता चले
  • गर्भ में पुत्र हो तो मुँहासे निकलना है आम बात
  • लड़का होने की निशानी है कुछ विशेष भोजन के प्रति आकर्षण
  • प्रेगनेंसी में बेबी बॉय का पता पेट की स्थिति से चलता है
  • गर्भ में लडका होने के लक्षण है व्यक्तित्व में परिवर्तन
  • मूत्र का रंग से पता लगाएं लड़का है गर्भ मैं
  • गर्भ में बेटा होने के लक्षण हैं स्तनों का आकर बढ़ना
  • प्रेगनेंसी में लड़का होने पर ठन्डे पैर रहते हैं
  • गर्भ में बेबी बॉय हो तो बालों का उगना है स्वाभाविक
  • बेटे होने के लक्षण है सोने की स्थिति (Sleeping position)
  • गर्भावस्था में बच्चे के लड़के होने का संकेत मिले सूखे हाँथ से
  • लेडीस के पेट में लड़का हो वजन का बढ़ना है स्वाभाविक

अगर आप यह सोच रही हैं की - 

कैसे पता लगाएं कि पेट में लड़का है या लड़की?

तो आप की दुविधा को हम आसन किये देते हैं!

कुछ आसन तरीकों से आप घर पे ही पता लगा सकती हैं की गर्भ में लड़का है या लड़की!

गर्भ मे लडका होने के लक्षण  इन हिंदी (garbh me ladka hone ke lakshan in hindi)

गर्भ में लड़का होने पर दर्द कहां रहता

गर्भ में लड़का होने पर गर्भवती स्त्री के पेट के किस हिस्से में दर्द होता है निचले,ऊपरी, दाएं या बाएं तरफ? गर्भावस्था में पेट के दर्द की स्थिति के आधार पर भी कुछ मान्यताएं है जो गर्भ में लड़का होने का संकेत देती हैं। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती माँ के पेट के निचले हिस्से में दर्द होना काफी आम और सामान्य बात मन जाता है। ये इसलिए होता है ताकि गर्भ में शिशु के बढ़ने पर अस्थिबंधों (लिगामेंट्स) पर दबाव बढ़ने लगता है। जिन महिलाओं को गर्भावस्था में पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है, इसे लड़की होने का संकेत माना जाता है। पेट के निचले हिस्से में दर्द लड़के का संकेत हो सकता है - मगर ध्यान दें - कई बार यह मूत्रमार्ग संक्रमण का भी संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपको बुखार और आप की तबियत खराब हो सकती है। यह भी हो सकता है की आप को पेशाब करते समय दर्द महसूस हो। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से बात करें। ऐसी इस्थिति में डॉक्टर इनफेक्शन का पता लगाने के लिए आपके पेशाब की जांच करवाने की सलाह दे सकती हैं।

कौन से महीने में लड़के होते हैं?

कई जगह यह मान्यता होती है की लड़के का जन्म जल्दी हो जाता है लड़कियों की तुलना में यानी लडको का जन्म 9 महीने पूरे होने से कुछ दिन पहले ही हो जाता है जबकि लड़कियों का जन्म 9वें महीने के पूरे होने के बाद या कुछ दिन ऊपर होने के बाद होता है। बच्चा जनने वाली मां के लिए उनकी सलाह है कि अमूमन बच्चा 37 हफ़्ते (259 दिन) से लेकर 42 हफ़्ते (294 दिन) के बीच में होता है. इस समय तक बच्चा पूरी तरह परिपक्व हो जाता है.

महीने के आधार पे जाने गर्भ में लड़का होने के लक्षण

3 महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण

गर्भवती स्त्री में महीनो अनुसार गर्भावस्था के दौरान लड़के के लक्षण अलग अलग होते हैं। चौथे महीने से गर्भ में लड़का होने के सटीकलक्षण मालूम होने लगते हैं तथा 3 महीने गर्भावस्था लड़का लक्षण (Baby Boy Symptom 3th Month Pregnancy) थोड़े स्पष्ट रूप से पता चलते हैं। उदहारण के लिए यदि गर्भावस्था के ३ महीने (ladka hone ke lakshan after 2 month) के दौरान गर्भवती स्त्री के दोनों स्तनों के साइज में अंतर स्पष्ट रूप से नजर आए और लेफ्ट यानी बाएं तरफ का स्तन, राइट यानी दांए तरफ के स्तन से आकर में बड़ा नजर आए तो गर्भावस्था के दौरान लड़के के लक्षण माना जाता है। यानी आप गर्भवती महिला के ब्रेस्ट के साइज से पता कर सकते है की 3 महीने गर्भावस्था लड़का लक्षण है या लड़की के लक्षण है।

4 महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण

चौथे महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण और स्पष्ट हो जाते हैं। ऊपर आपने स्तन के आकार से संबंधित लक्षण के बारे में जाना है। इसके अलावा बेटे होने के लक्षण 4 mahine में हुच और भी मिलने लगते हैं। यदि प्रेगनेंट स्त्री के मूड में बहुत अधिक अंतर होने लगे तो यह लक्षण लडका होने की संभावना को दर्शाता है। लेकिन ध्यान रहे की गर्भावस्था के दौरान मूड स्विंग बेहद सामान्य बात है। परन्तु ज्यादा मूड स्विंग होना लड़के होने का Baby Boy Symptom in 4th Month Pregnancy हो सकता है।

5 महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण

गर्भावस्था के 5 माह में बच्चा लड़का के लक्षण इस प्रकार है - 5वें महीने में बच्चा गर्भवती महिला के गर्भ में हलचल करना शुरू कर देता है। भारतीया मान्यताओं के अनुसार यदि गर्भ में बच्चे की हलचल चौथे महीने में शुरू होती है तो इसे लड़की होने का लक्षण माना जाता है। इस तरह गर्भ में बच्चे की हलचल से 5 महीने गर्भावस्था में बच्चा के लड़का होने के लक्षण का पता लगाया जा सकता है।

6 महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण

गर्भावस्था के 6 महीने में बच्चा के लड़का होने के लक्षण यह है की यदि गर्भधारण के दौरान गर्भवती महिला को महसूस हो की गर्भ में बच्चा पेट के दाएं तरफ है तो समझ लें की होने वाला बच्चा लडका हो सकता है। इसके साथ ही अगर यह महसूस हो की गर्भ में पल रहा बच्चा पेट के बाएं तरफ है तो लड़की होना माना जाता है। ६ महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण (Baby Boy Symptom in 6th Month Pregnancy) इस तरह भी समझे जाते हैं की पेट के राइट साइड में बच्चा महसूस होना 6 महीने गर्भावस्था बच्चा लड़का लक्षण होना माना जाता है।

7 महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण

ऊपर आपने गर्भ में लड़का होने के विभिन्न लक्षण के बारे में जाना है. अब हम आपको 7 महीने गर्भावस्था में बच्चे के लड़के का सही लक्षण के बारे में बताते हैं. जैसा की आप सब जानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान निप्पल का रंग हमेशा काला ही होता है लेकिन इस दौरान यदि आपको लगे की निप्पल का रंग ज्यादा काला है या गहरा काला है तो माना जाता है कि होने वाला बच्चा लड़का ही होगा. इस तरह आप 7 महीने की गर्भावस्था में बच्चा के लडका होने के लक्षण (Baby Boy Symptom in 7th Month Pregnancy) के बारे में जान गए होंगे.

8 महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण

गर्भावस्था में बच्चे के लड़के का सही लक्षण (Baby Boy Symptom in 8th Month Pregnancy) यह है की प्रेगनेंट स्त्री के पेट में लड़का होने पर उस महिला का चेहरा कुस्ख यानी मुरझाया हुआ दिखता है तथा उसके बाल भी जड़ते रहते हैं. इसके साथ ही गर्भ में लड़का होने पर गर्भवती महिला के हाथ पैर थोडे ठंडे लगने लगते है. वहीं यदि गर्भवती महिला के गर्भ में लड़की हो तो उस महिला का सौंदर्य और सुंदरता बढ़ जाती है।

गर्भावस्था के 9 माह में बच्चा लड़का के लक्षण

गर्भावस्था के 9 माह में बच्चा लड़का के लक्षण के बारे में बात करते हैं। 9 महीने गर्भावस्था बच्चा लड़का लक्षण (Baby Boy Symptom in 9th Month Pregnancy) यह है की यदि प्रेगनेंट स्त्री का पेट नीचे की तरफ से उभरा हुआ होता है तो माना जाता है की होने वाला बच्चा लडका होगा. वहीं दूसरी तरफ यदि उस महिला का पेट ऊपर की तरफ उभरा हुआ होता है तो लड़की होने की संभावना रहती है.

गर्भ मे लडका होने के लक्षण इन हिंदी garbh me ladka hone ke lakshan in hindi

Table of contents:

गर्भवती स्त्री के मन में अक्सर यह कोतुहल (जिज्ञासा) बना रहता है की किस तरह पता करें की उसके  गर्भ में लड़का है या लडकी। 

ये जो घरेलु तरीके हम आप को बताने जा रहे हैं - इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। 

हाँ 

लेकिन पारंपरिक तौर पे भारत में सदियौं से इनका इस्तेमाल किया जाता रहा है यह पता करने के लिए की  प्रेगनेंट  स्त्री के गर्भ में पल रहा बच्चा लड़की है या लड़का।

यह भी पढ़ें: गर्भावस्था में उल्टी और मतली आना (मॉर्निंग सिकनेस) - घरेलु नुस्खे

लक्षणों दुवारा गर्भ में बच्चे का लिंग पता लगाना जरुरी नहीं अन्धविश्वास हो

इन बातों को ढकियनुसी और अन्धविश्वास समझ कर आप ख़ारिज कर सकती हैं। 

लेकिन  कहीं ऐसा तो नहीं की सदियौं से लोग इन बातों को आजमाते आ रहे हैं क्यूंकि इसमें कोई सचाई है।

अगर इन बातों में सचाई नहीं होती तो क्या लोग सदियौं से इनका इस्तेमाल गर्भ में पल रहा बच्चे का लिंग पता करने के लिए करते क्या?

कुछ तो बात जरूर है!

हम यह नहीं कह रहे की आप इन बातों पे विश्वास करें। 

हमारा उद्देश्य केवल इतना है की आप को इस वेबसाइट पे बच्चों से सम्बंधित सारी जानकारी मिल जाये। 

हम ना तो किसी मान्यता को और ना ही किसी धारणा को प्रोत्साहित करते हैं। हम सिर्फ जानकारी मुहया कर रहे हैं। इन जानकारियां का इस्तेमाल आप अपने विवेक से करिए।

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गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग का पता लगाना गैर-क़ानूनी है

एक बात ध्यान रखिये - भारत में, गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग का पता लगाना गैर-क़ानूनी है। इस बात का पता आप किसी भी डाक्टरी तरीके से नहीं लगा सकती हैं।

गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग के बारे में पता लगाना, नैतिक दृष्टि से भी सही नहीं है।

यह भी पढ़ें: प्रेग्‍नेंसी में खतरनाक है यूटीआई होना - लक्षण, बचाव और इलाज

गर्भ में लड़का होने के शुरुआती लक्षण इन हिंदी (baby boy symptoms in hindi)

पेट में लड़का है कैसे पता चलता है? क्या आप भी यही जानना चाहती हैं। इस लेख में आप को सारी जानकारी दी जाएगी - इसीलिए आखरी तक पढियेगा। गर्भ में लड़का हो तो प्रेग्‍नेंसी में मिलते हैं कुछ संकेत। उन्ही संकेतों के बारे में हम बात करेंगे। गर्भ में लड़का होने के संकेत (pregnancy me ladka hone ke lakshan) बहुत सारे हैं। लेकिन सोनोग्राफी या अल्ट्रासाउंड द्वारा सबसे विश्वसनीय तरीके से इस बात का पता चलाया जा सकता है। लेकिन ऐसा करना कानूनन जुर्म होगा इसलिए हम आप को बताएँगे की बिना अल्ट्रासाउंड के कैसे पता करें कि गर्भ में लड़का है या लड़की? तो चलिए शुरू करते हैं। इस लेख को पढ़ने के बाद आप जानेंगी की गर्भ में लड़के की क्या पहचान (garbh me ladka hone ke lakshan) है।

गर्भावस्था में बच्चे के लड़के का सही लक्षण (accurate symptoms of baby boy in pregnancy in hindi)

गर्भ में लड़का होने के संकेत (pet me ladka hone ke lakshan) निम्नलिखित हैं। प्रेगनेंसी के दौरान मां और बच्चे की सेहत की सबको फिक्र रहती है, लेकिन यही सवाल भी बार बार परेशां करता है की लड़का होगा या लड़की। यह सवाल सिर्फ मां ही नहीं बल्कि परिवार के लिए के लिए उत्‍सुकता का विषय बना रहता है कि गर्भ में लड़का है या लड़की। आपने भी बच्‍चे के सेक्‍स का पता लगाने के लिए ऐसे कई तरीकों के बारे में सुना होगा। तो चलए विस्तार से उनके बारे में जानते हैं।

गर्भ में लड़का होने की निशानी (garbh me ladka hone ki nishani)

अब हम आप को बताने जा रहे हैं उन लक्षणों के बारे में जिनसे आप प्रेगनेंसी के दौरान स्त्री में होने वाले बदलावों को देख कर इस बात का अनुमान लगा सकते हैं की गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है यह नहीं। 

1. गर्भावस्था में उल्टी और मतली आना (मॉर्निंग सिकनेस)

गर्भावस्था में उल्टी और मतली आना एक आम बात है जिसे अंग्रजी में मॉर्निंग सिकनेस (morning sickness) भी कहा जाता है। 

गर्भावस्था में उल्टी और मतली आना मॉर्निंग सिकनेस

अगर आप गर्भवती अवस्था में हैं और आप को मॉर्निंग सिकनेस (morning sickness) नहीं सता रही है एनी की आप को उल्टी और मतली की परेशानी नहीं होती है या कम होती है तो आप यह अनुमान लगा सकती हैं की आप के गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का हो सकता है। तो अगर आप सोच रही हैं की पुत्र प्राप्ति के शुरुआती लक्षण क्या है (beta hone ke lakshan) - तो यह एक पहला लक्षण है। 

यह भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में उल्टी और मतली अच्छा संकेत है - जानिए क्योँ?

sex determination of a child in womb through heart rate ह्रदय की गति दर 140 बीट प्रति मिनट है तो लड़का है

2. हृदय गति (Heart rate)

गर्भ में अगर शिशु के ह्रदय की गति दर 140 बीट प्रति मिनट (बीएमपी) है तो यह इस बात का इशारा हो सकता है की आप के गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का हो सकता है।  तो अब यह न सोचिये गए की कैसे पता लगाएं कि पेट में लड़का है (baby boy hone ke lakshan) - यह दूसरा लक्षण है (ladka hone ke lakshan)। 

3. मुँहासे निकलना (Acne outbursts)

गर्भावस्था में अगर आप के चेहरे पे ढेर सारे मुहासे निकल जाएँ तो यह भी इस बात का संकेत हो सकता है की आप की कोख में लड़का है। 

मुँहासे निकलना Acne outbursts is a symptom for a baby boy

  • नौवें महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण (symptoms of baby boy in 9th month in hindi)
  • छठवाँ महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण (symptoms of baby boy in 6th month in hindi)
  • चौथे महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण (symptoms of baby boy in 4th month in hindi)

4. कुछ विशेष भोजन के प्रति आकर्षण  

आम तौर पे यह देखा गया है की गर्भावस्था में जिन स्त्रियोँ को खट्टा और नमकीन वाले आहार खाने की तीव्र इक्छा होती थी उन्हों ने लड़कों को जन्म दिया। 

कुछ विशेष भोजन के प्रति आकर्षण

इस विषय पे कोई आधिकारिक शोध अभी तक नहीं हुआ है। लेकिन यह धारणा आम लोगों में व्याप्त है। 

5. पेट की स्थिति (Tummy positioning)

भारतीय परंपरा में यह एक बहुत ही आम लक्षण माना जाता है गर्भ में यह पता लगाने के लिए की लड़का है या लड़की। 

पेट की स्थिति Tummy positioning से गर्भ में लड़के के होने का पता चलता है

अगर आप गर्भवती हैं और आप के पेट का निचला हिस्सा निकला हुआ है (निचले हिस्से में baby bump) तो आप निश्चित तौर पे यह अनुमान लगा सकती है की आप के गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है। 

6. व्यक्तित्व में परिवर्तन 

क्या आप को पता है की आप के कोख में पल रहे बच्चे के लिंग का प्रभाव आप के व्यक्तित्व पे पड़ता है। अगर आप की कोख में लड़का है तो आप पे लड़कों के कुछ गुण देखने को मिल जायेंगे। 

व्यक्तित्व में परिवर्तन भी गर्भ में लड़के के होने के संकेत हैं

अगर गर्भावस्था में आप का स्वाभाव रोबदार, उत्तेजक और दूसरों पर हावी होने वाला हो तो आप समझ सकती हैं की आप के कोख में लड़का है। 

जब गर्भवती की कोख में लड़का होता है तो उसके शरीर में testosterone नमक hormone का level बढ़ जाता है ताकि शिशु (बालक) का विकास ठीक तरह से हो सके। 

मूत्र का रंग गर्भ में शिशु के लिंग को बताता है

7. मूत्र का रंग

प्रेगनेंसी में मूत्र का रंग बदलना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। इसमें मूत्र का रंग गाढ़ा हो जाता है। अगर मूत्र का रंग बहुत गाढ़ा हो तो समझना चाहिए की गर्भ में लड़का है। 

स्तनों का आकर गर्भ में लड़का होने के क्या लक्षण हैं

8. स्तनों का आकर

गर्भावस्था में स्तनों का आकर बढ़ना भी बिलकुल स्वाभाविक बात है। स्तनों का आकर इसलिए बढ़ता है ताकि उनमे दूध का उद्पादन हो सके ताकि डिलीवरी के बाद शिशु को माँ के स्तनों से आहार मिल सके।

 जिन स्त्रियोँ की कोख में लड़का होता है उनका दाएं (right) की तरफ का स्तन आकर में ज्यादा बड़ा हो जाता है। 

पैरों में लगातार ठंडक गर्भ में लड़के के होने की निशानी है

9. ठन्डे पैर 

कुछ स्त्रियां अपने पैरों में लगातार ठंडक महसूस करती हैं। यह भी बहुत सटीक लक्षण माना जाता है गर्भ में लड़का होने का। 

बालों का उगना is the symptom of baby boy

10. बालों का उगना

बालों के बढ़ने की गति से भी गर्भ में लड़का है या लड़की इस बात का पता लगाया जा सकता है। 

अगर गर्भावस्था के दौरान आप के बाल सामान्य से ज्यादा तेज़ी से से बढ़ रहे हैं तो इसका मतलब हो सकता है की आप के गर्भ में लड़का है।

सोने की स्थिति sleeping positioning से गर्भ में लड़के के होने का पता चलता है

11. सोने की स्थिति (Sleeping position)

गर्भावस्था के दौरान आप यह महसूस करेंगी की आप आसानी से थक जाती हैं। 

थकन की स्थिति में अगर आप को बाएं तरफ (left side) करवट लेके सोने में ज्यादा आराम मिलता है तो इसका मतलब आप की कोख में लड़का है। 

सूखे हाँथ is a tell tail sign of a baby boy in womb

12. सूखे हाँथ 

कुछ स्त्रियोँ में गर्भावस्था के दौरान हाथों की त्वचा के फटने की शिकायत रहती है। लेकिन असल में यह एक लक्षण है जो यह बताता है की गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है। 

वजन का बढ़ना भी गर्भ में लड़के के होने का लक्षण है

13. वजन का बढ़ना

गर्भावस्था में पेट का असामान्य रूप से बहार निकलने के आलावा अगर आप के शरीर का वजन भी असामान्य रूप से बढ़ने लगे तो समझना चाहिए की लड़का होने वाला है। इसी का ठीक उल्टा स्थिति लड़की होने की दशा में होता है। अगर लड़की होने वाली होती है तो माँ के पुरे शरीर में वजन सामान्य रूप से बढ़ता है। लड़का होने की स्थिति में पेट पे वजन ज्यादा बढ़ता है। 

गर्भ में पुत्र या पुत्री कैसे पता करें - कैसे पता चलता है कि पेट में लड़का है

व्यज्ञानिक तरीके तो बहुत सरे हैं। उनके अलावा पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही बाहत सारी मान्यताएं भी है भारत मैं जिनका कोई व्यग्यनिक आधार नहीं है।

इन्ही मान्यताओं के आधार पे गर्भ में बेटा होने के 4 लक्षण हम आप को यहां बता रहे हैं।

ध्यान रखें की ये केवल मान्यताएं ही हैं और इनका कोई व्यग्यनिक आधार नहीं है।

  • अगर गर्भवती स्त्री के पेट का निचला हिस्सा फूला हुआ और उभरा हुआ हो तो ये गर्भ में लड़के के होने का संकेत देता है।
  • अगर किसी महिला के हाथ सुंदर दिखने लगे और हथेली मुलायम हो जाए तो ये लड़की होने का संकेत होता है। क्योंकि माना जाता है कि लड़कियां सौम्यता को बढ़ावा देती हैं। उसके प्रभाव से गर्भवती स्त्री की सुंदरता बढ़ जाती है।
  • अगर किसी स्त्री के गर्भ में लड़का पल रहा हो तो औरत के पैर ठंडे रहते और बाल झड़ने लगते हैं। इस दौरान महिला का मूड भी हमेशा बदलता रहता है।
  • गर्भ में लड़का है या लड़की इसे जांचने का एक बेहतर तरीका है बेकिंग सोडा। इसके प्रयोग के लिए गर्भवती स्त्री को सुबह उठते ही अपने सबसे पहले यूरीन को किसी बाउल में रख दें। अब इसमें एक चम्मच बेकिंग सोडा डाल दें। अगर यूरीन में झाग न निकलें तो समझे कोख में लड़का है।
  • अगर किसी महिला को खूब पानी पीने के बावजूद पीले रंग की पेशाब होती है, तो इसे लड़का होने का संकेत माना जाता है। क्योंकि गर्भ में लड़की के होने पर यूरीन का रंग हल्का गुलाबी व सफेद रहता है।
  • गर्भावस्था के दौरान अगर महिला को मीठा खाने का मन होता है तो इसे गर्भ में लड़की होने का संकेत समझा जाता है। माना जाता है कि कोख में लड़की के पलने से मां को मिठाईयां, आइस्क्रीम, चॉकलेट्स खाने का मन करता है।
  • जिन प्रेगनेंट औरतों को गर्भावस्था के दौरान कम भूख लगती है, खाना खाने का मन नहीं होता है, जी मिचलाता है एवं उल्टियां होती हैं तो समझ जाएं कि आपके गर्भ में लड़का पल रहा है।
  • जिन स्त्रियों के प्रेगनेंसी में मुंहासे निकल आते हैं, इसे गर्भ में लड़का होने का संकेत माना जाता है। इस दौरान महिला के स्वभाव में भी काफी बदलाव आते हैं। महिला में चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है।

गर्भ में लड़का होने पर कहां दर्द होता है

गर्भवती स्त्री के पेट में उठने वाली दर्द के आधार पे भी कुछ मान्यताएं जो गर्भ में पुत्र प्राप्ति के लक्षण की ओर इशारा करते हैं। लड़का होने पर कहां दर्द होता है पेट में या फिर कमर में? - इसी के बारे में चलिए थोड़ा बात करते हैं।

जिन महिलाओं को गर्भावस्था में पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है,

इसे लड़की होने का संकेत माना जाता है।

कहते हैं लड़कियां लीवर के पास वाली जगह लात मारती हैं।

आपने कई महिलाओं को यह पूछते सुना होगा की गर्भ में लड़का होने पर दर्द कहां रहता है - तो आप अब जान गयी हैं की पेट में लड़का होने पर कहाँ दर्द होता है? ध्यान रहे इस बात को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है।

गर्भ में लड़का किस साइड रहता है

प्रेगनेंसी में बेबी बॉय किस साइड होता है - अगर आप ये जानना चाहती हैं तो उसका उत्तर यह है।

जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान बाईं करवट लेकर सोना पसंद करती हैं तो समझ जाना चाहिए कि आपकी कोख में लड़का है। इस दौरान स्त्री के सिर में भी काफी दर्द रहता है।

उपरोक्त भारत में प्रसिद्ध मान्यताएं है जो बताती हैं गर्भवती महिला की पेट में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की। इस बात का ध्यान रहे की इनका कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं है। और न ही ये किसी डॉक्टर द्वारा रेकमेंड किये जाते है। इस बात का ही ध्यान रहे की भारत में जन्म पूर्व पैदा होने वाले बच्चे के लिंग का पता लगाना कानूनन जुर्म है।

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किवी-फल-के-फायदे-और-गुण-बच्चों-के-लिए हैरत में पड़ जायेंगे जब आप जानेंगे किवी फल के फायेदे बच्चों के लिए। यह शिशु के रोग प्रतिरोधक छमता को बढ़ता है, त्वचा को सुन्दर और लचीला बनता है, पेट से सम्बंधित तमाम तरह की समस्याओं को ख़तम करता है, अच्छी नींद सोने में मदद करता है, सर्दी और जुखाम से बचाता है, अस्थमा में लाभ पहुंचता है, आँखों की रौशनी बढ़ता है।
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शिशु में विटामिन डी की कमी के 10 ख़तरनाक संकेत
विटामिन-डी-की-कमी विटामिन डी की कमी से शिशु का शारीर कई प्रकार के रोगों से ग्रसित हो सकता है। शिशु का शारीरिक विकास भी रुक सकता है। इसीलिए जरुरी है की शिशु के शारीर को पर्याप्त मात्र में विटामिन डी मिले। जब बच्चे बाहर धूप में खेलते हैं और कई प्रकार के पौष्टिक आहार ओं को अपने भोजन में सम्मिलित करते हैं तो उन के शरीर की विटामिन डी की आवश्यकता पूरी हो जाती है साथ ही उनकी शरीर को और भी अन्य जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं जो शिशु को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है।
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सिजेरियन डिलीवरी के बाद मालिश कितना सुरक्षित
सिजेरियन-डिलीवरी-के-बाद-मालिश नौ महीने बच्चे को अपनी कोख में रखने के बाद, स्त्री का शारीर बहुत थक जाता है और कमजोर हो जाता है। शिशु के जन्म के बाद माँ की शारीरिक मालिश उसके शारीर की थकान को कम करती है और उसे बल और उर्जा भी प्रदान करती है। मगर सिजेरियन डिलीवरी के बाद शारीर के जख्म पूरी तरह से भरे नहीं होते हैं, इस स्थिति में यह सावल आप के मन में आ सकता है की सिजेरियन डिलीवरी के बाद मालिश कितना सुरक्षित। इस लेख में हम इसी विषय पे चर्चा करेंगे।
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बच्चों का BMI Calculate करने का तरीका
बच्चों-का-BMI बच्चों का और 20 वर्ष से छोटे सभी लोगों का BMI गणना केवल फॉर्मूले के आधार पे नहीं किया जाता है। इसके बदले, BMI chart का भी इस्तेमाल किया जाता है। BMI chart के आधार पे जिन बच्चों का BMI 5th percentile से कम होता है उन्हें underweight माना जाता है।
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शिशु को 14 सप्ताह की उम्र में लगाये जाने वाले टीके
14-सप्ताह-पे-टीका शिशु को 14 सप्ताह की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को पोलियो, हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा बी, रोटावायरस, डिफ्थीरिया, कालीखांसी और टिटनस (Tetanus) से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
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D.P.T. का टीका - Schedule और Side Effects (Complete Guide)
D.P.T. D.P.T. का टीका वैक्सीन (D.P.T. Vaccine in Hindi) - हिंदी, - diphtheria, pertussis (whooping cough), and tetanus का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
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बच्चों में डेंगू - लक्षण और इलाज
बच्चों-को-डेंगू जब मछरों का आतंक छाता है तो मनुष्यों में दहशत फ़ैल जाता है। क्योँ की मछरों से कई तरह की बीमारी फैलती है जैसे की डेंगू। डेंगू की बीमारी फ़ैलतु है एक विशेष प्रकार में मछरों के द्वारा जिन्हे कहते हैं - ‘Aedes aegypti mosquito’। डेंगू एक जानलेवा बीमारी है और यह इतनी दर्दनाक बीमारी है की इसका पीड़ित जिंदगीभर इसके दुष्प्रभावों को झेलता है। जानिए की बच्चों को किस तरह डेंगू से बचाएं।
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शिशु के पेट दर्द के कई कारण है - जानिए की आप का बच्च क्योँ रो रहा है|
पेट-दर्द छोटे बच्चों को पेट दर्द कई कारणों से हो सकता है। शिशु के पेट दर्द का कारण मात्र कब्ज है नहीं है। बच्चे के पेट दर्द का सही कारण पता होने पे बच्चे का सही इलाज किया जा सकता है।
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नवजात शिशु की देख रेख - Dos and Donts of Neonatal Care
Neonatal-Care माँ बनना बहुत ही सौभाग्य की बात है। मगर माँ बनते ही सबसे बड़ी चिंता इस बात की होती है की अपने नन्हे से शिशु की देख भाल की तरह की जाये ताकि बच्चा रहे स्वस्थ और उसका हो अच्छा शारीरिक और मानसिक विकास।
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बच्चे बुद्धिमान बनते हैं जब आप हर दिन उनसे बात करते हैं|
बच्चे-बुद्धिमान आज के बदलते परिवेश में जो माँ-बाप समय निकल कर अपने बच्चों के साथ बातचीत करते हैं, उसका बेहद अच्छा और सकारात्मक प्रभाव उनके बच्चों पे पड़ रहा है। बच्चों की अच्छी परवरिश करने के लिए सिर्फ पैसों की ही नहीं वरन समय की भी जरुरत पड़ती है। बच्चे माँ-बाप के साथ जो क्वालिटी समय बिताते हैं, वो आप खरीद नहीं सकते हैं। बच्चों को जितनी अच्छे से उनके माँ-बाप समझ सकते हैं, कोई और नहीं।
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बच्चे को तुरंत सुलाने का आसन तरीका - Short Guide
baby-sleep बच्चे को सुलाने के नायब तरीके - अपने बच्चे को सुलाने के लिए आप ने तरत तरह की कोशिशें की होंगी। जैसे की बच्चे को सुलाने के लिए उसको कार में कई चक्कर घुमाया होगा, या फिर शुन्य चैनल पे टीवी को स्टार्ट कर दिया होगा ताकि उसकी आवाज से बच्चा सो जाये। बच्चे को सुलाने का हर तरीका सही है - बशर्ते की वो तरीका सुरक्षित हो।
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दही चावल बनाने की विधि - शिशु आहार
दही-चावल दही तो दूध से बना है, तो जाहिर है की इससे आप के शिशु को calcium भरपूर मिलेगा| दही चावल या curd rice, तुरंत बन जाने वाला बेहद आसान आहार है| इसे बनान आसान है इसका मतलब यह नहीं की यह पोशाक तत्वों के मामले में कम है| यह बहुत से पोषक तत्वों का भंडार है| baby food शिशु आहार 9 month to 12 month baby
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बेबी फ़ूड खरीदते वक्त बरतें यह सावधानियां
बेबी-फ़ूड-खरीदते-वक्त-बरतें-सावधानियां आज के दौर की तेज़ भाग दौड़ वाली जिंदगी मैं हर माँ के लिए यह संभव नहीं की अपने शिशु के लिए घर पे खाना त्यार कर सके| ऐसे मैं बेबी फ़ूड खरीदते वक्त बरतें यह सावधानियां|
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स्मार्ट एक्टिविटीज वाली वेब-साइट्स जो रखें बच्चों को गर्मियों में व्यस्त
स्मार्ट-एक्टिविटीज-J-M-Group-India- गर्मी की छुट्टियों में बच्चे घर पर रहकर बहूत शैतानी करते है ऐसे में बच्चो को व्यस्त रखने के लिए फन ऐक्टिविटीज (summer fun activities for kids) का होना बहूत जरूरी है! इसके लिए कुछ ऐसी वेबसाइट मोजूद है जो आपकी मदद कर सकती है! आइये जानते है कुछ ऐसी ही ख़ास फन ऐक्टिविटी वाली वेबसाइट्स (websites for children summer activities) के बारे में जो फ्री होने के साथ बहूत लाभकारी भी है! J M Group India के संस्थापक बालाजी के अनुसार कुछ ज्ञान वर्धक बातें।
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टाइफाइड वैक्सीन - प्रयोग विधि एवं सावधानियां
टाइफाइड-वैक्सीन टाइफाइड वैक्सीन का वैक्सीन आप के शिशु को टाइफाइड के बीमारी से बचता है। टाइफाइड का वैक्सीन मुख्यता दो तरह से उपलबध है। पहला है Ty21a - यह लाइव वैक्सीन जिसे मुख के रस्ते दिया जाता है। दूसरा है Vi capsular polysaccharide vaccine - इसे इंजेक्शन के द्वारा दिया जाता है। टाइफाइड वैक्सीन का वैक्सीन पहले दो सालों में 30 से 70 प्रतिशत तक कारगर है।
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बच्चे और एंटी रेबीज वैक्सीन - कारण व बचाव
एंटी-रेबीज-वैक्सीन अगर बच्चे को किसी कुत्ते ने काट लिया है तो 72 घंटे के अंतराल में एंटी रेबीज वैक्सीन का इंजेक्शन अवश्य ही लगवा लेना चाहिए। डॉक्टरों के कथनानुसार यदि 72 घंटे के अंदर में मरीज इंजेक्शन नहीं लगवाता है तो, वह रेबीज रोग की चपेट में आ सकता है।
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बच्चों में डेंगू के लक्षण और बचने के उपाय
डेंगू-के-लक्षण डेंगू महामारी एक ऐसी बीमारी है जो पहले तो सामान्य ज्वर की तरह ही लगता है अगर इसका इलाज सही तरह से नहीं किया गया तो इसका प्रभाव शरीर पर बहुत भयानक रूप से पड़ता है यहाँ तक की यह रोग जानलेवा भी हो सकता है। डेंगू का विषाणु मादा टाइगर मच्छर के काटने से फैलता है। जहां अधिकांश मच्छर रात के समय सक्रिय होते हैं, वहीं डेंगू के मच्छर दिन के समय काटते हैं।
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