Category: शिशु रोग
7 प्राकृतिक औषधि से शिशु की सर्दी का इलाज - Sardi Ka ilaj
By: Salan Khalkho | ☺10 min read
बच्चों को सर्दी जुकाम बुखार, और इसके चाहे जो भी लक्षण हो, जुकाम के घरेलू नुस्खे बच्चों को तुरंत राहत पहुंचाएंगे। सबसे अच्छी बात यह ही की सर्दी बुखार की दवा की तरह इनके कोई side effects नहीं हैं। क्योँकि जुकाम के ये घरेलू नुस्खे पूरी तरह से प्राकृतिक हैं।
ठंडी का मौसम - यानी की सर्दी और जुकाम का मौसम अब आ गया है।
कितनी भी कोशिश - कितनी भी जतन आप क्योँ न कर लें, बच्चों को सर्दी और जुकाम का संक्रमण लग ही जायेगा। दो साल तक की उम्र तक बच्चे कम-से-कम आठ से नौ बार बीमार पड़ते हैं।
जब हम बच्चों के सर्दी और जुकाम का इलाज करते हैं तो हर माँ-बाप की यही कोशिश होती है की बच्चे जल्द-से-जल्द ठीक हो जाएँ।
लेकिन साथ ही माँ-बाप यह भी चाहते हैं की उनके बच्चों की तकलीफ जितनी कम हो सके उतना अच्छा है। सर्दी और जुकाम के आम लक्षण बच्चों को बहुत तकलीफ पहुंचते हैं जैसे की नाक बंद, बुखार आदि।
7 सर्दी जुकाम और खांसी के घरेलू नुस्खे
बच्चों को सर्दी जुकाम बुखार, और इसके चाहे जो भी लक्षण हो, जुकाम के घरेलू नुस्खे बच्चों को तुरंत राहत पहुंचाएंगे। सबसे अच्छी बात यह ही की सर्दी बुखार की दवा की तरह इनके कोई side effects नहीं हैं। क्योँकि जुकाम के ये घरेलू नुस्खे पूरी तरह से प्राकृतिक हैं।
कुछ सुझाव तो ऐसे हैं की बस कुछ सावधानियां बरतने की बात भर है। ये सर्दी जुकाम की टेबलेट से कहीं बेहतर, सुरक्षित और प्रभावी हैं। अगर आप सर्दी की आयुर्वेदिक दवा के बारे में विचार कर रही हैं तो भी यहां दिए सुझाव आप के काम आएंगे।
इस लेख में:
- बचाव यानी की रोकथाम सबसे बेहतर इलाज है
- रोग-प्रतिरोधक तंत्र (immune system) को मजबूत बनाइये
- सर्दी और जुकाम के संक्रमण को फैलने से रोकें
- गले के खराश को दूर करें
- बच्चों को भरपूर मात्रा में तरल दें
- बच्चे को आराम करने के लिए प्रोत्साहित करें
- वेपोरब
1. बचाव यानी की रोकथाम सबसे बेहतर इलाज है (Prevention is better than cure)
अपने बच्चों को सर्दी और जुकाम के आम बीमारियोँ से बचने के लिए आप अपने स्तर पे बहुत कुछ कर सकती हैं।
इससे पहले की सर्दी और जुकाम के विषाणु (virus) का संक्रमण आप के बच्चे को लगे आप अपने बच्चे के शरीर के रोग-प्रतिरोधक तंत्र (immune system) को त्यार कर सकती हैं की आप के बच्चे का शरीर खुद ही संक्रमण से लड़ने में सक्षम हो सके।
स्वस्थ से सम्बंधित कुछ अच्छी आदतों का पालन करना अगर आप अपने बच्चे को सिखाएंगी तो आप के बच्चे स्वस्थ रहेंगे और बदलते मौसम से सम्बंधित आम बीमारियां आप के बच्चे से दूर रहेंगी।
वैसे तो स्वस्थ से सम्बंधित बहुत सारी अच्छी आदतें हैं - मगर मौसम के मद्देनजर निचे दिए चार अच्छी आदतें सबसे महत्वपूर्ण है जो आप ने बच्चे को सर्दी और जुकाम के संक्रमण से बचा के रखेंगी।
- हरी साग सब्जियां - समय - समय पे हुए अनेक शोध में यह बात तो साफ़ तौर पे साबित हो चुकी है की हरी साग सब्जियां शरीर को संक्रमण से लड़ने में सहायता करती हैं और शरीर के रोग-प्रतिरोधक तंत्र (immune system) को सुदृण बनाने में महत्वपूर्ण कदम उठती हैं। हाँ - सर्दी-खांसी-जुकाम और उनका इलाज हरी साग सब्जियां से संभव है।
- विटामिन D - बच्चों को हर दिन विटामिन D की निश्चित खुराक मिलना बहुत जरुरी है। बच्चों का शरीर सूरज की रौशनी में अपनी आवशकता के हिसाब से विटामिन D का निर्माण खुद ही कर लेता है। शिशु के रोग-प्रतिरोधक तंत्र (immune system) को मजबूत बनाये रखने में विटामिन D की भूमिका बहुत एहम है। जब बचे बहार धुप में खलते हैं तो उनका शरीर विटामिन D की निर्माण करता है। ठण्ड के दिनों में बच्चे जब बहुत दिन तक घर के अंदर रहते हैं तो उनके शरीर में विटामिन D की कमी हो जाती है। इस वजह से उनके शरीर की रोग-प्रतिरोधक तंत्र (immune system) भी कमजोर पड़ जाती है। इसीलिए बहुत जरुरी है की ठण्ड के दिनों में कम-से-कम थोड़े समय के लिए बच्चों को धुप दिखाया जाये। आप ठण्ड के दिनों में कमरे एक अंदर बच्चे को इस तरह से गोदी में लेके शीशे की खिड़की के पास बैठ जाएँ - की खिड़की से कमरे में आने वाली सूरज की रौशनी बच्चे पे पड़े।
- शारीरिक व्यायाम - कोशिश करें की आप का बच्चा खूब खेले कूदे। खेलने कूदने से आप के बच्चे का शरीर तंदरुस्त रहता है और हर वक्त संक्रमण से लड़ने को त्यार भी। अगर आप का बच्चा दिन भर TV से सामने बैठा रहता है या मोबाइल पे गेम खेलता रहता है तो आप को कुछ करने की आवशकता है की आप बच्चा दिन में कुछ समय खेल-कूद दौड़-भाग कर सके। इस प्रकार की एक्टिविटीज न केवल बच्चे को सर्दी और जुकाम से बचाएंगी बल्कि उसके शरीर को तंदरुस्त और स्वस्थ भी रखेंगी। बच्चों को जुकाम की टेबलेट देने से कहीं बेहतर है की उन्हें एक्टिव रहने के लिए प्रोत्साहित करें।
- बीमार बच्चों से दूर रखें - अपने बच्चों को जितना हो सके बीमार बच्चों से दूर रखें। सर्दी और जुकाम के संक्रमण एक बच्चे से दुसरे बच्चों को बहुत तेज़ी से फैलता है। अगर आप के रिश्तेदारों या दोस्तों में किसी का बच्चा बीमार है तो जब तक की उनका बच्चा पूर्ण रूप से ठीक नहीं हो जाता है आप अपने बच्चे को उनके घर लेके न जाएँ। साथ हो अगर आप का बच्चा भी बीमार पड़ जाते तो आप उसे स्कूल या day care ना भेजें। इससे आप के बच्चे से दुसरे बच्चों को संक्रमण नहीं फैलेगा।
2. रोग-प्रतिरोधक तंत्र (immune system) को मजबूत बनाइये
एक बार आप के बच्चे को संक्रमण लग जाये तो आप उसके शरीर को वो सारी सहायता मुहैया कराइये जिससे की उसका शरीर संक्रमण से अच्छी तरह लड़ सके।
हालाँकि बहुत से शोध में यह बात साफ़ तौर पे साबित नहीं हो सकी है की इस प्रकार के प्रयास संक्रमण में शिशु की मदद करते हैं, लेकिन बहुत सी घटनाएं दर्ज की गई हैं जिनसे की इस बात की तरफ इशारा मिलता है की ये संक्रमण से लड़ने में शिशु के शरीर की सहायता करते हैं।
- प्रोबायोटिक फूड (Probiotics) - सुनने में थोड़ा अटपटा लगे लेकिन सच बात ये है की जो चीज़ें शरीर की रोग-प्रतिरोधक तंत्र (immune system) को चुनौती देती हैं, वही उसे और मजबूत बनती हैं। शिशु के शरीर की रोग-प्रतिरोधक तंत्र (immune system) जितनी ज्यादा चौनौतियोँ का सामना करता है वो उतना ही ज्यादा संक्रमण से लड़ने में सक्षम बनता है। शिशु की रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाने में प्रोबायोटिक फूड (Probiotics) जैसे की दही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रोबायोटिक फूड (Probiotics) में ऐसे जीवाणु होते हैं जो शरीर को हानी नहीं करते हैं, बल्कि शरीर से हानिकारक जीवाणुओं को खदेड़ने में मदद करते हैं। इसीलिए प्रोबायोटिक फूड (Probiotics) में पाए जाने वाले जीवाणुओं को friendly bacteria कहते हैं और ये शरीर की रोग-प्रतिरोधक तंत्र (immune system) को मजबूत बनाने में मदद करता है।
- Vitamin C - साल भर इस बात का धयान रखिये की आप के शिशु को Vitamin C की भरपूर मात्रा मिल सके। लेकिन सबसे ज्यादा इस बात का ध्यान आप को जाड़े में रखने की आवशकता है। क्योँकि बच्चे के शरीर को इसकी सबसे ज्यादा आवशकता ठंडी के मौसम में पड़ती है। अगर आप केवल ये सुनिश्चित कर लें की आप के बच्चे को साल भर balanced diet मिले तो अलग से आप को Vitamin C की चिंता करने की आवशकता नहीं है - क्योँकि आप के बच्चे को balanced diet मिलने की स्थिति में उसे अलग से Vitamin C की supplement देने की कोई आवशकता नहीं है। लेकिन अगर आप का बच्चा बीमारी की वजह से ठीक से खाना नहीं खा पा रहा है तो आप के बच्चे को शायद Vitamin C का supplement अलग से देने की आवशकता पड़ सकती है। लेकिन अपने बच्चे को अलग से Vitamin C का supplement देने से पहले अपने बच्चे के डॉक्टर की सलाह जरूर ले लीजियेगा।
- Zinc - शिशु के शरीर को स्वस्थ रहने के लिए इसकी बहुत थोड़ी सी मात्रा की ही आवशकता पड़ती है - इसीलिए इसे trace element कहा जाता है। लेकिन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए और शरीर के रोग-प्रतिरोधक तंत्र (immune system) को मजबूत बनाये रखने के लिए यह बहुत जरुरी है। अगर आप अपने बच्चे को balanced diet दे रही हैं तो आप को इसके बारे में चिंता करने की कोई भी आवशकता नहीं है। बिना डॉक्टरी सलाह के Zinc से सम्बंधित supplement अपने बच्चे को कभी भी न दें। Zinc की बहुत कम मात्रा (trace) शरीर के रोग-प्रतिरोधक तंत्र (immune system) के बेहतर काम करने के लिए बहुत आवश्यक है लेकिन इसकी अधिक मात्रा शिशु के रोग-प्रतिरोधक तंत्र (immune system) को नुक्सान भी पहुंचा सकती है।
3. सर्दी और जुकाम के संक्रमण को फैलने से रोकें
हमारी इस लेख में इस पॉइंट को पहला स्थान मिलना चाहिए था - क्योँकि यह बहुत ही महत्वपूर्ण पॉइंट है। क्योँकि सरदू और जुकाम के विषाणु (virus) संक्रमण से फैलते हैं, अगर संक्रमण को फैलने से रोक दिया जाये तो बहुतों को संक्रमण की चपेट में आने से बचाया जा सकता है।
देखा गया है की अगर परिवार के किसी एक सदस्य को सर्दी और जुकाम का संक्रमण लग जाये तो धीरे धीरे घर से बाकि लोगों तक भी संक्रमण फैल सकता है। लेकिन अगर घर पे सभी कुछ छोटी-मोटी सावधानियों का ख्याल रखें तो सर्दी और जुकाम के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।
- हाथों को धो के साफ़ रखिये - सर्दी और जुकाम के विषाणु (virus) कई घंटों तक हाथों के सतह पे जीवित रह सकती हैं। इसीलिए खाने से पहले, खाने के बाद और बच्चों को छूने या उन्हें गोदी उठाने से पहले अपने हाथों को साबुन से धो लें या hand sanitizer का इस्तेमाल करें।
- घर को साफ़ सुथरा रखें - घर को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए इसे साफ़ रखें। दरवाजों के कुण्डी/knob को और दुसरे सतहों को साफ़ रखें जहाँ अक्सर लोगों के और बच्चों के हाथ पहुँचते हैं। इन्हे साफ़ रखने के लिया आप sanitizer का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
- बिस्तर के चादर को साफ़ रखें - सर्दी और जुकाम क वायरस चादर पे और तकिये की गिलाफ पे जीवित रह सकते हैं। इसीलिए बिस्तर के चादर और तकिये के गिलाफ को बदलते रहें।
4. गले के खराश को दूर करें
बहुत देर तक खांसने की वजह से बच्चे के गले में सूजन और दर्द बढ़ सकता है। बच्चे के गले को खराश और सूजन से आराम पहुँचाने के लिए आप अपने शिशु को एक कप गुनगुने गरम पानी में आधा चम्मच शहद मिला के दे सकती हैं।
इससे बच्चे को गले की तकलीफ से रहत मिलेगा। बच्चे के गले के खराश को दूर करने के लिए आप अपने बच्चे को गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक मिला के भी दे सकती हैं जिससे की वो गारगल कर सके। इससे भी बच्चे के गले को बहुत आराम मिलेगा। सर्दी में गुनगुने गरम पानी से गारगल करना बहुत ही आम जुकाम के घरेलू नुस्खे हैं।
5. बच्चों को भरपूर मात्रा में तरल दें
बच्चों को खूब पानी पिलाने से या तरल आहार देने से उनके सर्दी और जुकाम के लक्षण से रहत मिलती है। लेकिन तरल आहार देने से शिशु के शरीर को संक्रमण से छुटकारा पाने में मदद मिलेगा। गरम तरल आहार कई तरह से शिशु को सर्दी और जुकाम से लड़ने में मदद करता है।
गरम पानी और सूप पिने से शिशु के गले की सेकई हो जाती है जिससे की गले के खराश और गले के सूजन में आराम मिलता है। भरपूर मात्रा में तरल लेने पे छाती और नाक के जमा बलगम (mucus) ढीला हो जाता है और शरीर से बहार आने में इसे मदद मिलता है। तरल आहार को सर्दी बुखार की दवा ही समझिये। यह इतना महत्वपूर्ण है सर्दी और जुकाम मैं।
6. बच्चे को आराम करने के लिए प्रोत्साहित करें
शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार आराम करने से सर्दी और जुकाम मैं शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। जब बच्चा आराम करता है तो बच्चे के शरीर की ऊर्जा का इस्तेमाल शरीर संक्रमण से लड़ने में करता है।
7. वेपोरब
वेपोरब की तीक्षण महक भले ही आप को पसंद न हो मगर यह अपना काम करता है। सर्दी, जुकाम और बंद नाक की स्थिति में वेपोरब का इस्तेमाल सदियोँ से किया जा रहा है। बंद नाक को खोलने में यह बहुत प्रभावी है। वेपोरब में नीलगिरि का तेल होता है जो नाक और छाती में फसे बलगम को ढीला कर देता है यह सरलता से बहार आ जाता है।
Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। आपका चिकित्सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।