Category: शिशु रोग
By: Salan Khalkho | ☺5 min read
शिशु को सर्दी और जुकाम (sardi jukam) दो कारणों से ही होती है। या तो ठण्ड लगने के कारण या फिर विषाणु (virus) के संक्रमण के कारण। अगर आप के शिशु का जुकाम कई दिनों से है तो आप को अपने बच्चे को डॉक्टर को दिखाना चाहिए। कुछ घरेलु उपचार (khasi ki dawa) की सहायता से आप अपने शिशु की सर्दी, खांसी और जुकाम को ठीक कर सकती हैं। अगर आप के शिशु को खांसी है तो भी घरेलु उपचार (खांसी की अचूक दवा) की सहायता से आप का शिशु पूरी रात आरामदायक नींद सो सकेगा और यह कफ निकालने के उपाय भी है - gharelu upchar in hindi

बंद नाक से परेशान बच्चे को किस तरह से रात में सुलाएं?
यह एक ऐसी स्थिति है जिसका सामना हर माँ-बाप को कभी न कभी करना ही पड़ता है।
आप ने भी किया होगा!
जब बच्चों को सर्दी और जुकाम (sardi jukam) होता है तो दिन तो जैसे-तैसे काट जाते हैं - मगर रातें सबसे ज्यादा परेशानी भरी होती है। बंद नाक की वजह से बच्चों को नीदं नहीं आती है और अगर नींद आप भी जाये तो सोते सोते उनकी नींद टूट जाती है।
अगर आप के भी बच्चे की नाक बंद है या खांस खांस के बुरा हाल है और इस वजह से रात को सो नहीं पा रहा है तो कुछ आसान घरेलु तरीकों (khasi ki dawa) की सहायता से आप अपने शिशु को रात को सोते समय आराम पहुंचा सकती हैं।

शिशु को सर्दी और जुकाम दो कारणों से ही होती है। या तो ठण्ड लगने के कारण (cold in hindi) या फिर विषाणु (virus) के संक्रमण के कारण।
अगर आप के शिशु का जुकाम कई दिनों से है तो आप को अपने बच्चे को डॉक्टर को दिखाना चाहिए। कुछ घरेलु उपचार (zukam ka ilaj) की सहायता से आप अपने शिशु की सर्दी, खांसी और जुकाम को ठीक कर सकती हैं।
अगर आप के शिशु को खांसी है तो भी घरेलु उपचार (खांसी की अचूक दवा) की सहायता से आप का शिशु पूरी रात आरामदायक नींद सो सकेगा।
अपने शिशु को आराम दायक नींद पहुँचाने के लिए आप को पांच काम करने हैं: - zukam ka ilaj gharelu upchar in hindi
अपने शिशु के बिस्तर के बगल में "पिने लायक गरम पानी" एक थर्मस (thermos) में रखिये। इससे अगर रात को आप के शिशु को प्यास लगे तो वो आसानी से गरम पानी पी सकेगा।

सर्दी, खांसी और जुकाम में बच्चों को खूब ढेर सारा पानी पीना पीना चाहिए, यह उनके शरीर के लिए बहुत फायदेमंद रहता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। पानी पिने से आप का शिशु अच्छी तरह हाइड्रेटेड (hydrated) भी रहेगा। हाइड्रेटेड (hydrated) रहने से नाक और छाती में जमा कफ / बलगम (mucus) हल्का हो जायेगा। यह एक बहुत ही आसान कफ निकालने के उपाय (जुकाम के घरेलू उपाय) हैं।

सोते वक्त अपने शिशु के सर के निचे तकिया रख के उसके सर को उसके शरीर से ऊँचा कर दीजिये। इससे आप के शिशु को सांस लेने में बहुत रहत पहुंचेगा। आप का शिशु बिना खांसी आसानी से सांस ले सकेगा। cold in hindi
अगर आप के शिशु के कमरे से सटा स्नानघर (bathroom) हो तो शिशु के कमरे में मौजूद स्नानघर (bathroom) का दरवाजा खोल दीजिये। स्नानघर (bathroom) में गरम पानी की टोटी (hot water tap) खोल दीजिये।
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गरम पानी को कम से कम पंद्रह (15) मिनट तक चलने दीजिये। इससे स्नानघर (bathroom) के अंदर गरम पानी से उठने वाला भाप आप के शिशु के कमरे में प्रवेश करेगा और शिशु के कमरे में मौजूद नमी के स्तर को बढ़ा देगा। नमी का स्तर बढ़ते है आप के शिशु को साँस लेने में बहुत रहत पहुंचेगा। अगर आप के शिशु के कमरे से स्नानघर (bathroom) कुछ दूरी पे स्थित है तो स्नानघर (bathroom) के अंदर गरम पानी की टोटी (hot water tap) खोल के अपने शिशु को अपने गोदी में लेके पंद्रह (15) मिनट के लिए स्नानघर (bathroom) में रहें।
कमरे में अगर आप हीटर या गरम ब्लोअर का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर किसी भी तरह से कमरे को गरम कर रहें हैं तो उसे बंद कर दें जैसे ही आप का शिशु सो जाता है।

गर्मी के कारण कमरे की नमी का स्तर गिर जाता है और इस वजह से शिशु का गाला सूखेगा, उसे खांसी आएगी और वो जग जाएगा। सुनने में विश्वास नहीं होगा मगर हीटर या गरम ब्लोअर का इस्तेमाल रात में सोते वक्त आप के शिशु की सर्दी और जुखाम (विशेषकर खांसी) की स्थिति को और बुरा कर सकता है।
अपने शिशु के कमरे के लिए cool-mist humidifier खरीदिये और रात के समय इस्तेमाल करिये। आप के शिशु को आरामदायक नींद पहुँचाने में यह बहुत मदद करेगा।

आप के शिशु के गले को सूखने से बचाएगा, आप के शिशु को खांसी कम आएगी, बंद नाक की समस्या से थोड़ी रहत मिलेगी, नाक और छाती में जमा बलगम भी बहार आ जायेगा।
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खांसी और जुकाम आमतौर पर सर्दी के वायरस के संक्रमण के कारण होता है। ये आम तौर पर अपने आप दूर हो जाते हैं, और एंटीबायोटिक दवाएं आमतौर पर किसी काम की नहीं होती हैं। पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन कुछ लक्षणों को कम कर सकते हैं। ध्यान रखें की आप के बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पीने मिल रहा है।
Vitamin A एक वसा विलेय विटामिन है जिस के अत्यधिक सेवन से गर्भ में पल रहे शिशु में जन्म दोष की समस्या की संभावना बढ़ जाती है। इसीलिए गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है कि विटामिन ए गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि शिशु के विकास के लिए विटामिन ए एक महत्वपूर्ण घटक भी है।
प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर (बीपी) ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए आप नमक का कम से कम सेवन करें। इसके साथ आप लैटरल पोजीशन (lateral position) मैं आराम करने की कोशिश करें। नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर (बीपी) चेक करवाते रहें और ब्लड प्रेशर (बीपी) से संबंधित सभी दवाइयां ( बिना भूले) सही समय पर ले।
बच्चों की आंखों में काजल लगाने से उनकी खूबसूरती बहुत बढ़ जाती है। लेकिन शिशु की आंखों में काजल लगाने के बहुत से नुकसान भी है। इस लेख में आप शिशु की आँखों में काजल लगाने के सभी नुकसानों के बारे में भी जानेंगी।
गर्भधारण के लिए हर दिन सामान्य नहीं होता है। कुछ विशेष दिन ऐसे होते हैं जब महिला के गर्भवती होने की सम्भावना सबसे ज्यादा रहती है। इस समय अंतराल को स्त्री का फर्टाइल स्टेज कहते हैं। इस समय यौन सम्बन्ध बनाने से स्त्री के गर्भधारण करने की सम्भावना बाढ़ जाती है।
ADHD से प्रभावित बच्चे को ध्यान केन्द्रित करने या नियमों का पालन करने में समस्या होती है। उन्हें डांटे नहीं। ये अपने असहज सवभाव को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं जैसे की एक कमरे से दुसरे कमरे में बिना वजह दौड़ना, वार्तालाप के दौरान बीच-बीच में बात काटना, आदि। लेकिन थोड़े समझ के साथ आप एडीएचडी (ADHD) से पीड़ित बच्चों को व्याहारिक तौर पे बेहतर बना सकती हैं।
Online BMI Calculator - बॉडी मास इन्डेक्स (BMI) का गणना करने के लिए आप को BMI calculator में अपना वजन और अपनी लम्बाई दर्ज करनी है। सब्मिट (submit) दबाते है calculator आप के BMI को दिखा देगा।
बहुत आसन घरेलु तरीकों से आप अपने शिशु का वजन बढ़ा सकती हैं। शिशु के पहले पांच साल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ये ऐसा समय है जब शिशु का शारीरिक और बौद्धिक विकास अपने चरम पे होता है। इस समय शिशु के विकास के रफ़्तार को ब्रेक लग जाये तो यह क्षति फिर जीवन मैं कभी पूरी नहीं हो पायेगी।
बच्चों का भाप (स्टीम) के दुवारा कफ निकालने के उपाय करने के दौरान भाप (स्टीम) जब शिशु साँस दुवारा अंदर लेता है तो उसके छाती में जमे कफ (mucus) के कारण जो जकड़न है वो ढीला पड़ जाता है। भाप (स्टीम) एक बहुत ही प्राकृतिक तरीका शिशु को सर्दी और जुकाम (colds, chest congestion and sinusitus) में रहत पहुँचाने का। बच्चों का भाप (स्टीम) के दुवारा कफ निकालने के उपाय
अगर आप के बच्चे को बुखार है और बुखार में तेज़ दर्द भी हो रहा है तो तुरंत अपने बच्चे को डॉक्टर को दिखाएँ। बुखार में तेज़ दर्द में अगर समय रहते सही इलाज होने पे बच्चा पूरी तरह ठीक हो सकता है। मगर सही इलाज के आभाव में बच्चे की हड्डियां तक विकृत हो सकती हैं।
पपीते में मौजूद enzymes पाचन के लिए बहुत अच्छा है। अगर आप के बच्चे को कब्ज या पेट से सम्बंधित परेशानी है तो पपीते का प्यूरी सबसे बढ़िया विकल्प है। Baby Food, 7 से 8 माह के बच्चों के लिए शिशु आहार
चावल का खीर मुख्यता दूध में बनता है तो इसमें दूध के सारे पौष्टिक गुण होते हैं| खीर उन चुनिन्दा आहारों में से एक है जो बच्चे को वो सारे पोषक तत्त्व देता है जो उसके बढते शारीर के अच्छे विकास के लिए जरुरी है|
सूजी का हलवा protein का अच्छा स्रोत है और यह बच्चों की immune system को सुदृण करने में योगदान देता है। बनाने में यह बेहद आसान और पोषण (nutrition) के मामले में इसका कोई बराबरी नहीं।
नवजात बच्चे से सम्बंधित बहुत सी जानकारी ऐसी है जो कुछ पेरेंट्स नहीं जानते। उन्ही जानकारियोँ में से एक है की बच्चों को 6 month से पहले पानी नहीं पिलाना चाहिए। इस लेख में आप पढेंगे की बच्चों को किस उम्र से पानी पिलाना तीख रहता है। क्या मैं अपनी ५ महीने की बच्ची को वाटर पानी दे सकती हु?
आपका बच्चा जितना तरल पदार्थ लेता हैं। उससे कही अधिक बच्चे के शरीर से पसीने, दस्त, उल्टी और मूत्र के जरिये पानी बाहर निकल जाता है। इसी स्तिथि को डिहाइड्रेशन कहते हैं। गर्मियों में बच्चे को डिहाइड्रेशन का शिकार होने से बचने के लिए, उसे थोड़े-थोड़े समय पर, पुरे दिन तरल पदार्थ या पानी देते रहना पड़ेगा।
बच्चों में जरूरत से ज्यादा नमक और चीनी का सावन उन्हें मोटापा जैसी बीमारियोँ के तरफ धकेल रहा है| यही वजह है की आज हर 9 मैं से एक बच्चे का रक्तचाप उसकी उम्र के हिसाब से अधिक है| इसकी वजह बच्चों के आहार में नमक की बढ़ी हुई मात्रा|
नवजात बच्चों द्वारा बार-बार उल्टी करना सामान्य बात है क्योंकि वे अपने खाद्य - पदार्थ के साथ में तालमेल बिठा रहे होते हैं और उनका शरीर विकसित हो रहा होता है। उलटी के गंभीर लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले।
वायरल संक्रमण हर उम्र के लोगों में एक आम बात है। मगर बच्चों में यह जायद देखने को मिलता है। हालाँकि बच्चों में पाए जाने वाले अधिकतर संक्रामक बीमारियां चिंताजनक नहीं हैं मगर कुछ गंभीर संक्रामक बीमारियां भी हैं जो चिंता का विषय है।
भारत सरकार टीकाकरण अभियान के अंतर्गत मुख्या और अनिवार्य टीकाकरण सूची / newborn baby vaccination chart 2022-23 - कौन सा टीका क्यों, कब और कितनी बार बच्चे को लगवाना चाहिए - पूरी जानकारी। टीकाकरण न केवल आप के बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाता है वरन बिमारियों को दूसरे बच्चों में फ़ैलाने से भी रोकते हैं।