Category: शिशु रोग
By: Salan Khalkho | ☺4 min read
खांसी और जुकाम आमतौर पर सर्दी के वायरस के संक्रमण के कारण होता है। ये आम तौर पर अपने आप दूर हो जाते हैं, और एंटीबायोटिक दवाएं आमतौर पर किसी काम की नहीं होती हैं। पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन कुछ लक्षणों को कम कर सकते हैं। ध्यान रखें की आप के बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पीने मिल रहा है।
बच्चों में सर्दी होना सबसे आम बीमारियों में से एक है। हर साल यह किसी भी अन्य बीमारी की तुलना में बच्चों को अधिक परेशां करता है। भारत में हर साल लाखों लोगों को सर्दी होती है।
ज़्यादातर बच्चों को साल में कम से कम 6 से 8 बार सर्दी-जुकाम होता है। जो बच्चे डेकेयर तथा स्कूल जाते हैं उन्हें सर्दी होने की सम्भावना अधिक रहती है।
6 साल की उम्र के बाद सर्दी, खांसी और जुखाम, बच्चों को कम होती है।
बच्चों को पतझड़ और ठण्ड मौसम के दौरान जखन, खांसी और सर्दी होने की संभावना अधिक रहती है।
जुकाम तब होता है जब बच्चा सर्दी के वायरस के संपर्क में आता है और उसकी वजह से नाक और गले की परत में जलन (सूजन) हो जाता है। सर्दी 200 से अधिक विभिन्न वायरस के कारण हो सकती है। लेकिन ज्यादातर सर्दी-जुकाम राइनोवायरस के कारण होता है।
सर्दी बच्चे को तब लगती है जब,आपके बच्चे किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आते हैं जो सर्दी के वायरस से पहले से संक्रमित हो।
हवा के माध्यम से - यदि सर्दी-जुकाम से संक्रमित व्यक्ति छींकता या खांसता है, तो थोड़ी मात्रा में वायरस हवा के संपर्क में आ जाता है। फिर अगर आपका बच्चा उस हवा में सांस लेता है, तो वायरस आपके बच्चे की नाक में पहुँच जाता है।
सीधे संपर्क से - इसका मतलब है कि जब आपका बच्चा किसी संक्रमित व्यक्ति को छूता है या संपर्क में आता है तो संक्रमित हो जाता है। बच्चों के लिए सर्दी से संक्रमित होना काफी आसान है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे अक्सर अपनी नाक, मुंह और आंखों को छूते रहते हैं और फिर वे दूसरे लोगों को या वस्तुओं को छूते हैं। इससे वायरस फैल सकता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि वायरस वस्तुओं के माध्यम से फैल सकते हैं, जैसे कि खिलौने, जिन्हें किसी संक्रमित व्यक्ति ने छुआ है।
सभी बच्चों को सामान्य सर्दी का खतरा रहता है। वयस्कों की तुलना में उन्हें सर्दी होने की संभावना अधिक होती है।
कम प्रतिरोध - जब संक्रमण फ़ैलाने वाले कीटाणुओं से लड़ने की बात आती है तो बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली एक वयस्क की तरह मजबूत नहीं होती है।
सर्दियों का मौसम - अधिकांश श्वसन संबंधी बीमारियां पतझड़ और सर्दियों में ही होती हैं। इस मौसम में नमी भी कम हो जाती है। इससे नाक के रास्ते सूख जाते हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
स्कूल या डेकेयर - जब बच्चे अन्य ढेर सरे बच्चों के निकट संपर्क में होते हैं तो सर्दी आसानी से फैलती है।
हाथ से मुंह का संपर्क - बच्चे बिना हाथ धोए अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं। यह कीटाणुओं के फैलने का सबसे आम तरीका है।
आपके बच्चे के कोल्ड वायरस के संपर्क में आने के 1 से 3 दिन बाद से सर्दी के लक्षण शुरू हो जाते हैं। लक्षण अक्सर लगभग 1 सप्ताह तक रहते हैं। लेकिन वे 2 सप्ताह तक चल सकते हैं। प्रत्येक बच्चे के लिए लक्षण थोड़े अलग हो सकते हैं।
बच्चों में अगर लक्षण फ्लू जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की तरह लगे तो सावधान हो जाएँ। तुरंत डॉक्टर की से परामर्श करें।
अधिकांश सामान्य सर्दी का निदान लक्षणों के आधार पर किया जाता है। लेकिन ठंड के लक्षण अन्य जीवाणु संक्रमण, एलर्जी और स्वास्थ्य समस्याओं की तरह लग सकते हैं। इसीलिए डॉक्टर की राय आवश्यक है।
सामान्य सर्दी का कोई इलाज नहीं है। अधिकांश बच्चे सर्दी से अपने आप ठीक हो जाते हैं। एंटीबायोटिक्स वायरल संक्रमण के खिलाफ काम नहीं करते हैं, इसलिए वे सर्दी को ठीक करने में इस्तेमाल नहीं आते हैं। इसके बजाय, सही उपचार यही है की आप बीमारी के कम होने तक बच्चे के लक्षणों को कम करने की कोशिश करें है। आप वो सब करें जो आप के बच्चे को सर्दी के दौरान बेहतर महसूस करने में मदद मिले। उदहारण के लिए: