Category: शिशु रोग
By: Salan Khalkho | ☺6 min read
कुछ साधारण से उपाय जो दूर करें आप के बच्चे की खांसी और जुकाम को पल में - सर्दी जुकाम की दवा - तुरंत राहत के लिए उपचार। बच्चों की तकलीफ को दूर करने के लिए बहुत से आयुर्वेदिक घरेलु उपाय ऐसे हैं जो आप के किचिन (रसोई) में पहले से मौजूद है। बस आप को ये जानना है की आप उनका इस्तेमाल किस तरह कर सकती हैं अपने शिशु के खांसी को दूर करने के लिए।
जब मौसम बदलता है तो बच्चों को सर्दी, खांसी और जुखाम होना आम बात है।
मगर
क्या आप को पता है?
की जुकाम का मुख्या कारण - वातावरण में मौजूद कण जिनसे आप के शिशु को ऐलर्जी हो रहा है।
जी हाँ!
सर्दी, खांसी और जुखाम के अधिकांश मामलों में वातावरण में मौजूद धूल और परागकण मुख्या भूमिका निभाते हैं।
धूल जब शिशु के साँस लेने पे उसके फेफड़े में पहुँचता है तो शिशु का शरीर उसे खांसी के दुवारा शरीर से बहार निकलने की कोशिश करता है।
यह शरीर के natural reflex system का एक बेहतरीन उदहारण है। सर्दी जुकाम की दवा - तुरंत राहत के लिए उपचार।
शिशु को वातावरण मैं मौजूद परागकण के कारण भी सर्दी, खांसी और जुखाम होता है। बागान में फूलों के ऊपर आप ने पिले रंग के पाउडर को देखा होगा।
यह पाउडर ही परागकण है। हालाँकि भीन - भिन फूलों की प्रजाति में यह भीन - भिन रूपों में पाया जाता है। मगर हर परागकण का शरीर पे एक सा असर होता है।
ये परागकण इतने सूक्षम होते हैं की आप इन्हे अपने इर्द - गिर्द हवा में देख नहीं सकते हैं। लेकिन शरीर पे ये बहुत बुरा असर डालते हैं।
वैज्ञानिकों की भाषा में परागकण active ingredient हैं। यानि ये बहुत ही क्रियाशील हैं। शिशु की त्वचा के संपर्क में आते हैं ये तुरंत प्रतिक्रिया करना प्रारम्भ कर देते हैं।
इनकी प्रतिक्रिया से शिशु के शरीर को यह लगता है की कोई विषाक्त वास्तु शरीर में घुस गयी है। शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र सक्रिय हो जाता है।
और इसके नतीजतन शिशु के साँस लेने की नाली में एलेर्जी जैसे लक्षण पैदा हो जाते हैं। एलेर्जी wale ये लक्षण शिशु में सर्दी, खांसी और जुखाम जैसी स्थिति पैदा कर देते हैं।
व्यस्क लोगों में परागकण का इतना बुरा असर नहीं पड़ता है की उन्हें सर्दी, खांसी और जुखाम हो जाये। लकिन बच्चों के लिए बहुत ही तकलीफदेह है।
सर्द-गरम वाला जो मौसम होता है - वही मौसम में परागकण सबसे ज्यादा वातावरण मैं मौजूद होते हैं। ये परागकण घास - पतवार या किसी भी और वजह से वातावरण में आ जाते हैं।
आप को अंदाजा भी नहीं होता है की ये कितनी बड़ी तादाद में आप के चारों और मौजूद हैं।
अगर आप के बच्चे को बदलते मौसम में परागकण के कारण सर्दी, खांसी और जुखाम हुआ है तो - आप अपने बच्चे को केवल तीन दिनों के लिए बंद कमरे में रखिये। - कमरे की खिड़की भी बंद रहे।
आप को ताजूब होगा यह देख के की पहले दिन से ही आप के शिशु में अच्छा-खासा सुधर होगा। इन तीन दिनों में शिशु को एक घंटे के लिए भी कमरे से बहार जाने न दें।
परागकण आप के शिशु के कमरे में दुसरे कमरों से भी प्रवेश कर सकते हैं - इसीलिए इस बात का भी ध्यान रहे की आप के शिशु के कमरे का हर दरवाजा बंद रहे - घर में अंदर की तरफ खुलने वाले दरवाजे भी।
ऐसा करने पे बहार से शिशु के कमरे में परागकण घुस नहीं पाएंगे और शिशु की सेहत मैं बहुत सुधार आएगा।
शिशु को जब खांसी होती है तो यह कोई बहुत गंभीर बात नहीं है। शिशु का शरीर खांस कर शरीर के अंदर से हानिकारक कानो को बहार निकलने की कोशिश करता है जैसे की धूल या परागकण।
अगर आप का शिशु सर्दी, खांसी और जुखाम से परेशान है तो आप उसे तुरंत दवा न दें। सर्दी, खांसी और जुखाम ऐसी बीमारी है जो आप के किचन (रसोई) में पहले से मौजूद बहुत से सामग्री से आसानी से ठीक किया जा सकता है।
वैसे सर्दी, खांसी और जुखाम थोड़े समय बाद अपने आप ही ठीक हो जाता है। ऐसे ही कुछ उपचार के बारे में हम आप को निचे बता रहे हैं।
अगर आप अपने बच्चे की खांसी को बिना किसी दवा के ठीक करना चाहते हैं तो ये घरेलु उपचार केवल किचन (रसोई) में पायी जाने वाली सामग्री जैसे की अदरक और शहद के दुवारा ही ठीक कर सकते हैं।
शिशु का इस प्रकार से इलाज करना बहुत सुरक्षित और प्रभावी है। चूँकि ये प्राकृतिक घरेलू सामग्री है - इससे बच्चे की सेहत पे कोई भी बुरा असर नहीं पड़ता है।
सबसे अच्छी बात तो यह है की घरेलू इलाज से शिशु का "रोग प्रतिरोधक तंत्र" भी मजबूत बनता है।
भारत देश में यह दूध हर बच्चा कभी न कभी जरूर पिया होगा। आप ने भी पिया होगा जब आप बच्ची थीं। जी हाँ आप की माँ ने बड़े ही प्यार से आप को बचपन में ये दूध पिलाया होगा जब आप को सर्दी लगी होगी। सुनहरी दूध (Golden Milk) और कुछ नहीं बल्कि हल्दी वाली दूध है।
हल्दी भारत के किस घर में नहीं मिलेगा। हर किचन (रसोई) में आसानी से उपलब्ध हल्दी (turmeric) शिशु को सर्दी, खांसी और जुखाम में राहत पहुँचाने के लिए बेहद प्रभावी है। भारत में हल्दी को कई सौ सालों से औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
एक ग्लास गरम दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलके अपने शिशु को सोने से थोड़े समय पहले पीला दें। गरम दूध से आप के बच्चे के गले की सेकाई भी हो जाएगी और दूध के साथ मिला हल्दी अपना काम भी शुरू कर देगा।
गरम दूध की सेकाई से बच्चे के गले को खराश से बहुत आराम मिलेगा। गरम दूध और हल्दी की जुगलबंदी आप के बच्चे को रात भर आराम से सोने में मदद करेगी। हल्दी एक प्राकृतिक antibiotic और ये संक्रमण को ख़त्म करने में बहुत प्रभावी है।
दालचीनी और अदरक भी भारत के हर किचन (रसोई) में आसानी से मिल जाने वाली सामग्री है। ये दोनों भी सर्दी और जुकाम में बहुत काम की सामग्री है।
एक डेकची में एक कप पानी गरम कीजिये। इसमें दालचीनी और अदरक कुचल के डाल दीजिये। जब पानी कुछ देर उबाल जाये तो इसे आंच से उतर दीजिये और पानी को छान के इसमें से दालचीनी और अदरक को निकल दीजिये।
अगर आप का शिशु दिन भर खांसी से परेशान है तो ये काढ़ा उसके खांसी को बहुत आराम पहुंचाएगा।
धार्मिक शास्त्रों में तुलसी को पवित्र माना गया है। शास्त्रों के अनुसार इसका अपना एक स्थान है। तुलसी आप को अधिकांश घरों के आंगन में मिल जाएगी।
उम्मीद है की आप के भी घर में तुलसी का पौधा जरूर है। एक केतली में एक कप पानी ले लें। इसमें तुलसी के कुछ पत्तों को डाल दीजिये और थोड़ी देर उबालिये। इस तुलसी पानी को अपने शिशु को पिने को दें।
इससे अप्प के शिशु को खांसी में रहत मिलेगी और गले को आराम। एक डेकची में दो कप पानी उबालिये। जब पानी उबलने लगे तो इसमें तुलसी के तेल की कुछ बून्द दाल दीजिये। इस पानी से निकलने वाली भाप को शिशु को लेने को कहिये। इससे भी शिशु को बहुत आराम मिलेगा।
अन्तराष्ट्रीय स्तर पे शहद पे बहुत से शोध हुए हैं। शहद में बहुत से गुण पाये जाते हैं। यह बात तो हमारे देश के ऋषि मुनियों को हजारों साल पहले से पता है - और सदियोँ से भारतीय सभ्यता में इसका इस्तेमाल भी भरपूरी से होता आ रहा है।
अन्तराष्ट्रीय स्तर पे हुए अनेकोँ शोध में यह निष्कर्ष निकला है की शहद में ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं जो शिशु को सर्दी, खांसी और जुखाम से राहत देने की छमता रखते हैं।
शहद के इस्तेमाल से आप घर पे ही अपने शिशु के लिए Cough Syrup त्यार कर सकती हैं। शहद से Cough Syrup त्यार करने के लिए आप को पांच बड़े चम्मच शहद में दो बड़े चम्मच नारियल का तेल मिलाना है। इस मिश्रण में एक माध्यम आकर का निंबो निचोड़िए। बस बन गया आप का घर का बना Cough Syrup.
शहद से बना Cough Syrup शिशु को सर्दी, खांसी और जुखाम से तुरंत राहत पहुँचता है।
एलोवेरा के पौधे में वो सारे गुण समाहित है जिसे की आप इसे बिना संकोच संजीवनी बूटी कह सकते है। लेकिम हम एलो वेरा (aloe vera) का जिक्र यहां इसलिए कर रहे हैं क्योँकि इसमें पाया जाता है सूजन को कम करने का गुण।
और यही कारण है की एलोवेरा (aloe vera) का जूस "गले को छील देने वाली खांसी" में बहुत राहत पहुंचता है और बच्चे में खांसने की प्रवृति को कम करता है।
इस वजह से शिशु को रात में आरामदायक नींद आती है। शिशु को एलोवेरा (aloe vera) का जूस देते वक्त इसमें एक चम्मच शहद मिला दीजिये जिससे की इसके प्रभाव को और बढ़ाया जा सके।
शिशु के सर्दी और खांसी में प्याज भी बहुत प्रभावी है। यह केवल व्यंजन के स्वाद को है नहीं बढ़ता है बल्कि स्वस्थ को भी लाभ पहुंचता है।
प्याज में गंधक (sulfur) पाया जाता है जो बाजार में उपलब्ध Cough Syrup का एक महत्वपूर्ण तत्त्व है। एक चम्मच प्याज का रस लीजिये।
इसमें एक चम्मच शहद मिलाइये और इस मिश्रण को तीन से चार घंटे के लिए छोड़ दीजिये। इस मिश्रण को शिशु को दिन में तीन बार देने से आराम पहुँचता है।
हर शिशु को कच्चे प्याज का रस पसंद नहीं आता है। अगर आप के शिशु को यह पसंद न आये तो आप अपने शिशु के लिए सब्जियों का सूप बनाते वक्त उसमे प्याज डाल सकती हैं। इससे भी शिशु को प्याज के गुणों का फायदा मिलेगा।
अपने शिशु का कोई भी घरेलु इलाज करने से पहले अपने शिशु के डॉक्टर से सलाह ले लें। हर शिशु की शारीरिक परिस्थिति अलग - अलग होती है। एक ही घरेलु इलाज का प्रभाव दो बच्चों पे अलग - अलग हो सकता है।
Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। आपका चिकित्सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।