Category: शिशु रोग
By: Salan Khalkho | ☺5 min read
इसमें हानिकारक carcinogenic तत्त्व पाया जाता है। यह त्वचा को moisturize नहीं करता है - यानी की - यह त्वचा को नमी प्रदान नहीं करता है। लेकिन त्वचा में पहले से मौजूद नमी को खोने से रोक देता है। शिशु के ऐसे बेबी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें जिनमे पेट्रोलियम जैली/ Vaseline की बजाये प्राकृतिक पदार्थों का इस्तेमाल किया गया हो जैसे की नारियल का तेल, जैतून का तेल...

एक कडवा सच!
अपने शिशु के लिए आप जितना भी बेबी प्रोडक्ट्स खरीदती हैं जरा उनके ingredients list पे गौर फरमाएं। अधिकांश बेबी प्रोडक्ट्स में आप को पेट्रोलियम जैली का इस्तेमाल मिल जायेगा।
पेट्रोलियम जैली का इस्तेमाल बच्चों के प्रोडक्ट्स में इस तरह से होता है मानो की यह सब मर्ज की दवा है।
हकीकत कुछ और है!
इसका इस्तेमाल भरपूरी से बच्चों के प्रोडक्ट्स में इसलिए होता है क्योँकि इससे प्रोडक्ट के बनाने का खर्च/लागत बहुत कम हो जाता है।
और शायद आप अबतक यह सोच रही होंगी की पेट्रोलियम जैली बच्चों के लिए बहुत काम की चीज़ है।
सच यह हैं की पेट्रोलियम जैली आप की त्वचा के लिए भी सुरक्षित नहीं है। बच्चों की त्वचा तो बस राम-भरोसे समझिये।
पेट्रोलियम जैली का सबसे प्रसिद्ध ब्रांड नाम है - Vaseline. यह क्रूड पेट्रोल (crude petrol) को साफ़ करते वक्त by-products के रूप में मिलता है। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है ऐसे क्रीम और लोशन्स (creams and lotions) बनाने में जिससे त्वचा को शुष्क होने से बचाये जा सके और उसे moisturize रखने में।

पेट्रोलियम जैली का इस्तेमाल diaper rash cream बनाने में किया जाता है। पेट्रोलियम जैली में कुछ ऐसे पदार्थ पाए जाते हैं जिन्हे carcinogenic की संज्ञा दी गयी है। यह carcinogenic ऐसे तत्त्व या पदार्थ होते हैं जो इंसान के शरीर में मौजूद कुछ महत्वपूर्ण हॉर्मोन की नक़ल करते हैं। हॉर्मोन शरीर की विभिन्न गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
बच्चों का शरीर समय-समय पे विभिन्न प्रकार के हॉर्मोन का निर्माण करता है। शरीर में हॉर्मोन का यह निर्माण किसी विशेष कार्य को अंजाम देने के लिए किया जाता है। गलत समय पे शरीर में गलत हॉर्मोन का होना शारीरक विकास को बाधित कर सकता है। वहीँ सही समय पे सही हॉर्मोन शारीरिक विकास हो सही दिशा में गति दे सकता है।
पेट्रोलियम जैली में carcinogenic तत्त्व होने की वजह से शरीर को ऐसे हॉर्मोन के मौजूद होने का संकेत मिलता हैं जिन्हे शरीर में नहीं होना चाहिए - या किसी विशेष वजह से शरीर ने जिनका निर्माण नहीं किया है। ऐसी स्थिति में शरीर के organs इस तरह से बर्ताव करने लगते हैं जैसे की उन्हें नहीं करना चाहिए।
हालाँकि बाजार में उपलब्ध बहुत से पेट्रोलियम जैली में से carcinogenic तत्त्व को शुद्धिकरण तकनीक दुवारा निकाल दिया जाता है। मगर चिंता की बात यह है की पेट्रोलियम जैली में से किस हदतक carcinogenic तत्त्व को निकला जा चूका है, इसे जानने का कोई भी तरीका नहीं है। या फिर यूँ कहें की जो बेबी प्रोडक्ट्स आप इस्तेमाल कर रही हैं उसमे में से कितना carcinogenic तत्त्व को निकला जा चूका है, इस बात की कोई भी जानकारी प्रोडक्ट पे उपलब्ध नहीं होती है। बेबी प्रोडक्ट्स में थोड़ा भी carcinogenic तत्त्व की मौजूदगी बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बाधित कर सकती है।
इसीलिए सावधान!
पेट्रोलियम जैली बहुत सारे purity grades में उपलब्ध है। जिस पेट्रोलियम जैली का इस्तेमाल उत्पादक ने बेबी प्रोडक्ट्स को बनाने में किया है उसका purity grades क्या था, इस बात की जानकारी हर उत्पादक अपने दुवारा त्यार बेबी प्रोडक्टस पे उपलब्ध नहीं करता है।
शिशु के लिए वो बेबी प्रोडक्ट्स सुरक्षित हो सकते हैं जिनमे पेट्रोलियम जैली का इस्तेमाल टी किया गया है मगर उनका label पढ़ने पे निचे दी गयी (कोई भी या सभी) जानकारी उपलब्ध हो तो

पेट्रोलियम जैली एक बहुत ही आसान तरीका प्रतीत होता है त्वचा की नमी बनाये रखने का। ये त्वचा का संपर्क वातावरण से काट देता है। इससे त्वचा पे मौजूद नमी त्वचा में बंद हो के रह जाती है। इससे शिशु की त्वचा बहुत ही कोमल और मुलायम प्रतीत होती है।

शिशु के ऐसे बेबी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें जिनमे पेट्रोलियम जैली/ Vaseline की बजाये प्राकृतिक पदार्थों का इस्तेमाल किया गया हो। जैसे की:
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माँ बनना बहुत ही सौभाग्य की बात है। मगर माँ बनते ही सबसे बड़ी चिंता इस बात की होती है की अपने नन्हे से शिशु की देख भाल की तरह की जाये ताकि बच्चा रहे स्वस्थ और उसका हो अच्छा शारीरिक और मानसिक विकास।
एक नवजात बच्चे को जब हिचकी आता है तो माँ-बाप का परेशान होना स्वाभाविक है। हालाँकि बच्चों में हिचकी कोई गंभीर समस्या नहीं है। छोटे बच्चों का हिचकियाँ लेने इतना स्वाभाविक है की आप का बच्चा तब से हिचकियाँ ले रहा है जब वो आप के गर्भ में ही था। चलिए देखते हैं की आप किस तरह आपने बच्चे की हिचकियोँ को दूर कर सकती हैं।
बचपन में शिशु का शारीर बहुत तीव्र गति से विकसित होता है। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में कैल्शियम एहम भूमिका निभाता है। बच्चों के active growth years में अगर उन्हें उनके आहार से कैल्शियम न मिले तो बच्चों का विकास प्रभावित हो सकता है।
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सावधान - जानिए की वो कौन से आहार हैं जो आप के बच्चों के लिए हानिकारक हैं। बढते बच्चों का शारीर बहुत तीव्र गति से विकसित होता है। ऐसे में बच्चों को वो आहार देना चाहिए जिससे बच्चे का विकास हो न की विकास बाधित हो।
पुलाय एक ऐसा भारतीय आहार है जिसे त्योहारों पे पकाय जाता है और ये स्वस्थ के दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है| बच्चों के लिए तो यह विशेष लाभकारी है| इसमें ढेरों सब्जियां होती है और बच्चे बड़े मन से खाते हैं| Pulav शिशु आहार baby food|
बच्चे के साथ अगर पेरेंट्स सख़्ती से पेश आते है तो बच्चे सारे काम सही करते हैं। ऐसे वो सुबह उठने के बाद दिनचर्या यानि पेशाब ,पॉटी ,ब्रश ,बाथ आदि सही समय पर ले कर नाश्ते के लिए रेड़ी हो जायेंगे। और खुद से शेक और नाश्ता तथा कपड़े भी सही रूप से पहन सकेंगे।
छोटे बच्चे खाना खाने में बहुत नखरा करते हैं। माँ-बाप की सबसे बड़ी चिंता इस बात की रहती है की बच्चों का भूख कैसे बढाया जाये। इस लेख में आप जानेगी हर उस पहलु के बारे मैं जिसकी वजह से बच्चों को भूख कम लगती है। साथ ही हम उन तमाम घरेलु तरीकों के बारे में चर्चा करेंगे जिसकी मदद से आप अपने बच्चों के भूख को प्राकृतिक तरीके से बढ़ा सकेंगी।
जब बच्चा आहार ग्रहण करने यौग्य हो जाता है तो अकसर माताओं की यह चिंता होती है की अपने शिशु को खाने के लिए क्या आहर दें। शिशु का पाचन तंत्र पूरी तरह विकसित नहीं होता है और इसीलिए उसे ऐसे आहारे देने की आवश्यकता है जिसे उनका पाचन तंत्र आसानी से पचा सके।