भरपेट आहार के बाद भी कहीं कुपोषित तो नहीं आपका का शिशु
हर मां बाप अपनी तरफ से भरसक प्रयास करते हैं कि अपने बच्चों को वह सभी आहार प्रदान करें जिससे उनके बच्चे के शारीरिक आवश्यकता के अनुसार सभी पोषक तत्व मिल सके। पोषण से भरपूर आहार शिशु को सेहतमंद रखते हैं। लेकिन राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के आंकड़ों को देखें तो यह पता चलता है कि भारत में शिशु के भरपेट आहार करने के बावजूद भी वे पोषित रह जाते हैं। इसीलिए अगर आप अपने शिशु को भरपेट भोजन कराते हैं तो भी पता लगाने की आवश्यकता है कि आपके बच्चे को उसके आहार से सभी पोषक तत्व मिल पा रहे हैं या नहीं। अगर इस बात का पता चल जाए तो मुझे विश्वास है कि आप अपने शिशु को पोषक तत्वों से युक्त आहार देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
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डिलीवरी के कितने दिन बाद से पीरियड होना चाहिए
4 से 6 सप्ताह के अंदर अंदर आपके पीरियड फिर से शुरू हो सकते हैं अगर आप अपने शिशु को स्तनपान नहीं कराती हैं तो। लेकिन अगर आप अपने शिशु को ब्रेस्ट फीडिंग करवा रही हैं तो इस स्थिति में आप का महावारी चक्र फिर से शुरू होने में 6 महीने तक का समय लग सकता है। यह भी हो सकता है कि जब तक आप शिशु को स्तनपान कराना जारी रखें तब तक आप पर महावारी चक्र फिर से शुरू ना हो।
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शिशु को 10 सप्ताह (ढाई माह) की उम्र में लगाये जाने वाले टीके
शिशु को 10 सप्ताह (ढाई माह) की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को कई प्रकार के खतरनाक बिमारिओं से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
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वेरिसेला वैक्सीन (छोटी माता) - Schedule और Side Effects
वेरिसेला वैक्सीन (Chickenpox Varicella Vaccine in Hindi) - हिंदी, - वेरिसेला का टीका - दवा, ड्रग, उसे, Chickenpox Varicella Vaccine जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, चिकन पॉक्स दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
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शिशु के कान से जमी हुई मैल साफ करें इस तरह
शिशु के कान में मेल का जमना आम बात है। मगर कान साफ़ करते वक्त अगर कुछ महत्वपूर्ण सावधानी नहीं बरती गयी तो इससे शिशु के कान में इन्फेक्शन हो सकता है या उसके कान के अन्दर की त्वचा पे खरोंच भी लग सकता है। जाने शिशु के कान को साफ़ करने का सही तरीका।
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5 महीने का बच्चे की देख भाल कैसे करें
बच्चे के पांच महीने पुरे करने पर उसकी शारीरिक जरूरतें भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में जानकारी जरुरी है की बच्चे के अच्छी देख-रेख की कैसे जाये। पांचवे महीने में शिशु की देखभाल में होने वाले बदलाव के बारे में पढ़िए इस लेख में।
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मेनिंगोकोकल वैक्सीन - Schedule और Side Effects
मेनिंगोकोकल वैक्सीन (Meningococcal Vaccination in Hindi) - हिंदी, - मेनिंगोकोकल का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
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न्यूमोकोकल कन्जुगेटेड वैक्सीन - Schedule और Side Effects
न्यूमोकोकल कन्जुगेटेड वैक्सीन (Knjugeted pneumococcal vaccine in Hindi) - हिंदी, - न्यूमोकोकल कन्जुगेटेड का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
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गर्मियों में अपने शिशु को ठंडा व आरामदायक कैसे रखें?
गर्मी के दिनों में बच्चों को सूती कपडे पहनाएं जो पसीने को तुरंत सोख ले और शारीर को ठंडा रखे। हर दो घंटे पे बच्चे को पानी पिलाते रहें। धुप की किरणों से बच्चे को बचा के रखें, दोपहर में बच्चों को लेकर घर से बहार ना निकाले। बच्चों को तजा आहार खाने को दें क्यूंकि गर्मी में खाने जल्दी ख़राब या संक्रमित हो जाते हैं। गर्मियों में आप बच्चों को वाटर स्पोर्ट्स के लिए भी प्रोत्साहित कर सकती हैं। इससे बच्चों के शरीर का तापमान कम होगा तथा उनका मनोरंजन और व्यायाम दोनों एक साथ हो जाएगा।
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ठोस आहार की शुरुआत
ठोस आहार के शुरुवाती दिनों में बच्चे को एक बार में एक ही नई चीज़ दें। नया कोई भी भोजन पांचवे दिन ही बच्चे को दें। इस तरह से, अगर किसी भी भोजन से बच्चे को एलर्जी हो जाये तो उसका आसानी से पता लगाया जा सकता है।
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10 सबसे बेहतरीन तेल बच्चों के मसाज के लिए
मसाज तथा मसाज में इस्तेमाल तेल के कई फायदे हैं बच्चों को। मालिश शिशु को आरामदायक नींद देता है। इसके साथ मसाज के और भी कई गुण हैं जैसे की मसाज बच्चे के वजन बढ़ने में मदद करा है, हड़ियों को मजबूत करता है, भोजन को पचने में मदद करता है और रक्त के प्रवाह में सुधार लता है।
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बच्चों में डेंगू के लक्षण और बचने के उपाय
डेंगू महामारी एक ऐसी बीमारी है जो पहले तो सामान्य ज्वर की तरह ही लगता है अगर इसका इलाज सही तरह से नहीं किया गया तो इसका प्रभाव शरीर पर बहुत भयानक रूप से पड़ता है यहाँ तक की यह रोग जानलेवा भी हो सकता है। डेंगू का विषाणु मादा टाइगर मच्छर के काटने से फैलता है। जहां अधिकांश मच्छर रात के समय सक्रिय होते हैं, वहीं डेंगू के मच्छर दिन के समय काटते हैं।
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बच्चों को सर्दी जुकाम से कैसे बचाएं
छोटे बच्चों की प्रतिरोधक छमता बड़ों की तरह पूरी तरह developed नहीं होती। इस वजह से यदि उनको बिमारियों से नहीं बचाया जाये तो उनका शरीर आसानी से किसी भी बीमारी से ग्रसित हो सकता है। लकिन भारतीय सभ्यता में बहुत प्रकार के घरेलू नुस्खें हैं जिनका इस्तेमाल कर के बच्चों को बिमारियों से बचाया जा सकता है, विशेष करके बदलते मौसम में होने वाले बिमारियों से, जैसे की सर्दी।
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बच्चों में अण्डे से एलर्जी
अंडे से एलर्जी होने पर बच्चों के त्वचा में सूजन आ जाना , पूरे शरीर में कहीं भी चकत्ता पड़ सकता है ,खाने के बाद तुरंत उलटी होना , पेट में दर्द और दस्त होना , पूरे शरीर में ऐंठन होना , पाचन की समस्या होना, बार-बार मिचली आना, साँस की तकलीफ होना , नाक बहना, लगातार खाँसी आना , गले में घरघराहट होना , बार- बार छीकना और तबियत अनमनी होना |
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