Category: बच्चों का पोषण
By: Editorial Team | ☺6 min read
जानिए कीवी फल खाने से शरीर को क्या क्या फायदे होते है (Health Benefits Of Kiwi) कीवी में अनेक प्रकार के पोषक तत्वों का भंडार होता है। जो शरीर को कई प्रकार की बीमारियों से बचाने में सक्षम होते हैं। कीवी एक ऐसा फल में ऐसे अनेक प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो शरीर को बैक्टीरिया और कीटाणुओं से भी लड़ने में मदद करते। यह देखने में बहुत छोटा सा फल होता है जिस पर बाहरी तरफ ढेर सारे रोए होते हैं। कीवी से शरीर को अनेक प्रकार के स्वास्थ लाभ मिलते हैं। इसमें विटामिन सी, फोलेट, पोटेशियम, विटामिन के, और विटामिन ई जैसे पोषक तत्वों की भरमार होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। कीवी में ढेर सारे छोटे काले बीज होते हैं जो खाने योग्य हैं और उन्हें खाने से एक अलग ही प्रकार का आनंद आता है। नियमित रूप से कीवी का फल खाने से यह आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है यानी कि यह शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।

ऐसे बहुत सारे पहाड़ी फल हैं जो स्वाद के लिहाज से बहुत ही स्वादिष्ट है और साथ ही शरीर के लिए बहुत फायदेमंद। ऐसे ही फलों की श्रीणी में आता है किवी फल। इसमें एंटीएजिंग से लेकर डायबिटीज को नियंत्रित करने जैसे गुण होते हैं।
इसके अलावा इस फल में ऐसे और तमाम गुण होते हैं जिनका पता अगर आपको चल जाए तो आप इसे अपने आहार में अवश्य सम्मिलित करना चाहेंगी।
कीवी के एक फल में कई फलों की बराबर पोषक तत्व होता है। विटामिन और मिनरल से भरपूर होने की वजह से यह डायबिटीज से लेकर डेंगू तक की बीमारी में लड़ने में मदद करता है।
किवी फल के बारे में अधिक लोगों को जानकारी नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह फल पिछले कुछ सालों से ही भारत में बिकना शुरू हुआ है।
20 साल पहले तो शायद ही भारत में किसी ने किवी फल भारत के बाजारों में देखा हो। लेकिन आज किवी फल लगभग सभी फलों की दुकानों पर उपलब्ध है।
किवी फल शरीर में बहुत तेजी से पुल का निर्माण करता है। डेंगू एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से शरीर में खून का लेवल बहुत तेजी से गिरता है।
ऐसी में डेंगू की बीमारी में कीवी फल को खाने से शरीर में रक्त की कमी की भरपाई होती है। अर्थराइटिस की समस्या को दूर करता है और शरीर के अंदरूनी भागों को भरने में तथा शरीर की सूजन को कम करने में बहुत कारगर है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कीवी फल से मिलने वाले आपकी शरीर को मिलने वाले सभी फायदों के बारे में।
कीवी के फल में विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होती है। ये ऐसे पोषक तत्व है जो शरीर की त्वचा में तनाव पैदा करती है और उन्हें गठीला बना करके रखते हैं जिसकी वजह से आप अपनी उम्र दे कई साल छोटे दिखते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को कम करते हैं जिनकी वजह से चेहरे तथा शरीर की त्वचा पर झुर्रियां नहीं पड़ती है। इससे त्वचा बहुत नरम और कोमल दिखती है। यह शरीर में रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत करती हैं और अनेक प्रकार की बीमारियों से लड़ने में शरीर को सक्षम बनाती है।
दैनिक जीवन में हम वातावरण में मौजूद ऐसे तत्वों के संपर्क में आते हैं जिनकी वजह से शरीर को अनेक प्रकार की क्षति पहुंचती है। क्योंकि कीवी फल में प्रचुर मात्रा में विटामिन होता है, या शरीर की कोशिकाओं को रिपेयर करने में मदद करता है।

अगर हम संतरे से इस फल की तुलना करें तो, इसमें संतरे के मुकाबले 2 गुना ज्यादा एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है। कीवी के फल में आयरन तो ज्यादा नहीं होता है लेकिन यह शरीर की आयरन को अवशोषित करने की क्षमता को कई गुना बढ़ा देता है।
इस वजह से अगर आप कोई भी आहार ग्रहण करें जिसमें आयरन की मात्रा हो तो आप का शरीर तुरंत ही उस आयरन की मात्रा को अवशोषित कर लेता है। आईरन शरीर में खून के निर्माण में सहायक है। यही वजह है कि कीवी का फल खाने से शरीर में खून का स्तर बहुत तेजी से बढ़ जाता है।
ग्लाइकेमिक इंडेक्स एक प्रकार का माप है जो यह बताता है कि किसी आहार को ग्रहण करने पर शरीर में ग्लूकोस की कितनी मात्रा बढ़ेगी। इस माप के अनुसार यह पाया गया कि कीवी का फल खाने से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा अनियमित रूप से नहीं पड़ती है।

कीवी का फल शरीर में शुगर लेवल को बढ़ने नहीं देता है और इस तरह से डायबिटीज पर नियंत्रण पाता है। यह एक प्रकार से डायबिटीज के मरीजों के लिए खुशखबरी है।
कीवी का फल ना केवल डायबिटीज पर नियंत्रण पाने में मदद करता है बल्कि यह फल दिल के अनेक प्रकार के रोगों से भी बचाता है और शरीर के वजन (वेट लॉस) को कम करता है।

गर्भवती महिलाओं के लिए यह आवश्यक है कि वे हर दिन 400 से 600 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड की मात्रा ग्रहण करें। कीवी का फल फोलिक एसिड का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है। फोलिक एसिड गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क के विकास में बहुत फायदेमंद है।

कीवी के फल में फाइबर भी प्रचुर मात्रा में होता है जो पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त रखने में बहुत महत्वपूर्ण है। इस वजह से कीवी का फल कब्ज की समस्या में एक कारगर उपाय है।

कीवी के एक फल में केले की बराबर पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है। पोटेशियम शरीर में हड्डियों को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है। निरंतर कीवी का फल खाने से शरीर की हड्डियां तथा मांसपेशियां मजबूत बनती है।

कीवी के पल में 27 प्रकार के अलग-अलग पोषक तत्व पाए जाते हैं जिस वजह से इसे पोषक तत्वों का पावर हाउस कहा जाता है। उदाहरण के लिए इसमें फाइबर, विटामिन सी और ई, कैर्टेनॉयड्स, एंटीऑक्सीडेंट्स के अलावा कई प्रकार के मिनरल्स भी पाए जाते हैं।
जिन मौसम में मच्छरों का प्रकोप सबसे ज्यादा बढ़ जाता है उन्हीं मौसम में डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या में भी काफी इजाफा होता है। डेंगू की बीमारी काफी खतरनाक होती है और अगर सावधानी नहीं बरती गई तो मरीजों की जांच आसानी से चली जाती है।

इसीलिए यह जरूरी है कि डेंगू से पीड़ित मरीजों की देखभाल में किसी भी प्रकार की कतोहि न बाराती जाए। जैसा कि लेख के शुरुआत में ही मैंने बताया, की कीवी के फल में ऐसी अनेक प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में रक्त की मात्रा को बढ़ाने में काफी कारगर है।
कीवी का फल आपके शरीर को आयरन को अवशोषित करने में दक्ष बनाता है। डेंगू की बीमारी में रक्त की मात्रा शरीर मैं बहुत तेजी से गिरती है इस वजह से मरीज में मृत्यु की संभावना काफी बढ़ जाती है। कीवी का फल शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है और इस तरह की डेंगू के मरीजों को राहत पहुंचाता है।
कीवी के फल में ल्यूटिन तत्व होता है जो स्किन और टिशूज को स्वस्थ रखने में सहायता करता है। ल्यूटिन तत्व की वजह से ही शरीर जमा दिखती है। लेकिन इसका एक और भी फायदा है।

जैसे-जैसे हम बुढ़ापे की तरफ कदम रखते हैं आंखों की कोशिकाओं में मौजूद ल्यूटिन तत्व में कमी होने लगता है जिसकी वजह से आंखों की मांसपेशियां अपना लचीलापन खो देती है - और देखने की क्षमता में कमी का एहसास होता है।
कीवी के फल में ल्यूटिन तत्व होने की वजह से जब आप कीवी के फल को ग्रहण करती है तो शरीर में ल्यूटिन तत्व की मात्रा बढ़ जाती है जिससे आंखों की रोशनी बेहतर होती है।
कीवी के फल में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है जो हृदय को तंदुरुस्त बनाए रखने में मदद करता है।इसके नियमित सेवन से ब्लड क्लॉटिंग की समस्या से राहत मिलती है और यह शरीर में मौजूद ट्राइग्लिस्राइड्स के लेवल को भी कम करता है।

कीवी फल के नियमित सेवन से लिवर, स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट, हार्ट अटैक जैसे अनेक प्रकार की गंभीर और जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा मिलती है।
कीवी के फल में एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल को खत्म करता है। शरीर में कैंसर की बीमारी के शुरू होने की सबसे प्रमुख वजह होती है फ्री रेडिकल्स की मौजूदगी।

शरीर में जितना कम फ्री रेडिकल्स होगा, आपका शरीर कैंसर के प्रति उतना ज्यादा सुरक्षित रहेगा। इस लिहाज से अगर हम देखें तो हम पाएंगे कीवी का फल कैंसर की बीमारी से बचाने में बहुत कारगर है।
हर दिन मात्र एक कीवी का फल खाने से आपके दैनिक आवश्यकता का 77% विटामिन सी आपको मिल जाता है। कीवी के फल से आपको संतरा और नींबू की तुलना में ज्यादा विटामिन सी की मात्रा मिलती है।
हर स्त्री चाहती है कि उसके बाद सुंदर घने और खूबसूरत हो। लेकिन वातावरण में इतना प्रदूषण होने की वजह यह सपना मात्र एक सपना ही रह जाता है।

अगर आप सुंदर घने और खूबसूरत बाल चाहती हैं तो एक उपाय है। आपको अपने दैनिक आहार में कीवी के फल को सम्मिलित करना होगा। किवी के फल में मौजूद पोषक तत्वों से बालों को बहुत फायदा मिलेगा।
कीवी के फल में भारी मात्रा विटामिन सी और ई मौजूद होता है। यह दोनों पोषक तत्व बालों को मजबूती देने का काम करते हैं जिसकी वजह से बालों के जड़ को मजबूती मिलती है और बाल उखड़ कर गिरते नहीं।

साथ ही बालों को भी मजबूती और तंदुरुस्ती मिलती है जिस वजह से बालों का टूटना कम होता है। कीवी के फल में मौजूद मैग्नीशियम, जस्ता और फास्फोरस जैसे खनिज रक्त परिसंचरण को उत्तेजित करते हैं जो बालों के विकास में तेजी।
इस वजह से कुछ दिनों तक कीवी फल का नियमित सेवन करने से बाल बहुत तेजी से बढ़ते हैं और घने होते हैं। इसके साथ ही साथ बालों के झड़ने की समस्या से भी राहत मिलता है।
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डर, क्रोध, शरारत या यौन शोषण इसका कारण हो सकते हैं। रात में सोते समय अगर आप का बच्चा अपने दांतों को पिसता है तो इसका मतलब है की वह कोई बुरा सपना देख रहा है। बच्चों पे हुए शोध में यह पता चला है की जो बच्चे तनाव की स्थिति से गुजर रहे होते हैं (उदहारण के लिए उन्हें स्कूल या घर पे डांट पड़ रही हो या ऐसी स्थिति से गुजर रहे हैं जो उन्हें पसंद नहीं है) तो रात में सोते वक्त उनमें दांत पिसने की सम्भावना ज्यादा रहती है। यहाँ बताई गयी बैटन का ख्याल रख आप अपने बच्चे की इस समस्या का सफल इलाज कर सकती हैं।
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गर्भवती महिला में उल्टी और मतली का आना डोक्टर अच्छा संकेत मानते हैं। इसे मोर्निंग सिकनेस भी कहते हैं और इसकी वजह है स्त्री के शारीर में प्रेगनेंसी हॉर्मोन (hCG) का बनना। जाने क्योँ जरुरी है गर्भावस्था में उल्टी और मतली के लक्षण और इसके ना होने से गर्भावस्था को क्या नुक्सान पहुँच सकता है।
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Online BMI Calculator - बॉडी मास इन्डेक्स (BMI) का गणना करने के लिए आप को BMI calculator में अपना वजन और अपनी लम्बाई दर्ज करनी है। सब्मिट (submit) दबाते है calculator आप के BMI को दिखा देगा।
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गर्भावस्था के बाद तंदरुस्ती बनाये रखना बहुत ही चुनौती पूर्ण होता है। लेकिन कुछ छोटी-मोती बातों का अगर ख्याल रखा जाये तो आप अपनी पहली जैसी शारीरिक रौनक बार्कर रख पाएंगी। उदहारण के तौर पे हर-बार स्तनपान कराने से करीब 500 600 कैलोरी का क्षय होता है। इतनी कैलोरी का क्षय करने के लिए आपको GYM मैं बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।
मखाने के फ़ायदे अनेक हैं। मखाना दुसरी ड्राई फ्रूट्स की तुलना में ज्यादा पौष्टिक है और सेहत के लिए ज्यादा फायेदेमंद भी। छोटे बच्चों को मखाना खिलने के कई फायेदे हैं।
कुछ बातों का ख्याल अगर रखा जाये तो शिशु को SIDS की वजह से होने वाली मौत से बचाया जा सकता है। अकस्मात शिशु मृत्यु सिंड्रोम (SIDS) की वजह शिशु के दिमाग के उस हिस्से के कारण हो सकता है जो बच्चे के श्वसन तंत्र (साँस), दिल की धड़कन और उनके चलने-फिरने को नियंत्रित करता है।
अगर आप के बच्चे को दूध पिलाने के बाद हिचकी आता है तो यह कोई गंभीर बात नहीं है। कुछ आसान घरेलू नुस्खे हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को हिचकी से निजात दिला सकती हैं।
दिन भर की व्यस्त जिंदगी में अगर आप को इतना समय नहीं मिलता की बच्चे के साथ कुछ समय बिता सकें तो रात को सोते समय आप बच्चे को अपना समय दे सकती हैं| बच्चों को रात में सोते वक्त कहानी सुनाने से बच्चे के बौद्धिक विकास को गति मिलती है और माँ और बच्चे में एक अच्छी bonding बनती है|
बच्चे को छूने और उसे निहारने से उसके दिमाग के विकास को गति मिलती है। आप पाएंगे की आप का बच्चा प्रतिक्रिया करता है जिसे Babinski reflex कहते हैं। नवजात बच्चे के विकास में रंगों का महत्व, बच्चे से बातें करना उसे छाती से लगाना (cuddle) से बच्चे के brain development मैं सहायता मिलती है।
मछली में omega-3 fatty acids होता है जो बढ़ते बच्चे के दिमाग के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है| ये बच्चे के nervous system को भी मजबूत बनता है| मछली में प्रोटीन भी भरपूर होता है जो बच्चे के मांसपेशियोँ के बनने में मदद करता है और बच्चे को तंदरुस्त और मजबूत बनता है|शिशु आहार - baby food
कद्दू (pumpkin) में प्रचुर मात्रा मैं विटामिन C, आयरन और बहुत से दूसरे पौष्टिक तत्त्व होता हैं| कद्दू शिशु आहार के लिए एकदम उपयुक्त सब्जी है| बहुत ही आसान step-by-step निर्देश का पालन कर घर पे बनाइये कद्दू की प्यूरी - शिशु आहार| घर का बना कद्दू (Pumpkin) का पुरी - शिशु आहार (baby food) 6-9 months old Babies
दो साल के बच्चे के लिए मांसाहारी आहार सारणी (non-vegetarian Indian food chart) जिसे आप आसानी से घर पर बना सकती हैं। अगर आप सोच रहे हैं की दो साल के बच्चे को baby food में क्या non-vegetarian Indian food, तो समझिये की यह लेख आप के लिए ही है।
नवजात बच्चे से सम्बंधित बहुत सी जानकारी ऐसी है जो कुछ पेरेंट्स नहीं जानते। उन्ही जानकारियोँ में से एक है की बच्चों को 6 month से पहले पानी नहीं पिलाना चाहिए। इस लेख में आप पढेंगे की बच्चों को किस उम्र से पानी पिलाना तीख रहता है। क्या मैं अपनी ५ महीने की बच्ची को वाटर पानी दे सकती हु?
गलतियों से सीखो। उनको दोहराओ मत। ऐसी ही कुछ गलतियां हैं। जो अक्सर माता-पिता करते हैं बच्चे को अनुशासित बनाने में।
जन्म के बाद गर्भनाल की उचित देखभाल बहुत जरुरी है। अगर शिशु के गर्भनाल की उचित देखभाल नहीं की गयी तो इससे शिशु को संक्रमण भी हो सकता है। नवजात शिशु में संक्रमण से लड़ने की छमता नहीं होती है। इसीलिए थोड़ी सी भी असावधानी बच्चे के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
हेपेटाइटिस A वैक्सीन (Hepatitis A Vaccine Pediatric in Hindi) - हिंदी, - हेपेटाइटिस A का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
जब बच्चा आहार ग्रहण करने यौग्य हो जाता है तो अकसर माताओं की यह चिंता होती है की अपने शिशु को खाने के लिए क्या आहर दें। शिशु का पाचन तंत्र पूरी तरह विकसित नहीं होता है और इसीलिए उसे ऐसे आहारे देने की आवश्यकता है जिसे उनका पाचन तंत्र आसानी से पचा सके।