कोरोना महामारी के इस दौर से गुजरने के बाद अब तक करीब दर्जन भर मास्क आपके कमरे के दरवाजे पर टांगने होंगे। कह दीजिए कि यह बात सही नहीं है। और एक बात तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि कम से कम एक बार आपके मन में यह सवाल तो जरूर आया होगा कि क्या कपड़े के बने यह मास्क आपको कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमनी क्रोम से बचा सकता है?
आसन घरेलु तरीके से पता कीजिये की गर्भ में लड़का है या लड़की (garbh me ladka ya ladki)। इस लेख में आप पढेंगी गर्भ में लड़का होने के लक्षण इन हिंदी (garbh me ladka hone ke lakshan/nishani in hindi)। सम्पूर्ण जनकरी आप को मिलेगी Pregnancy tips in hindi for baby boy से सम्बंधित। लड़का होने की दवा (ladka hone ki dawa) की भी जानकारी लेख के आंत में दी जाएगी।
भारत सरकार टीकाकरण अभियान के अंतर्गत मुख्या और अनिवार्य टीकाकरण सूची / newborn baby vaccination chart 2022-23 - कौन सा टीका क्यों, कब और कितनी बार बच्चे को लगवाना चाहिए - पूरी जानकारी। टीकाकरण न केवल आप के बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाता है वरन बिमारियों को दूसरे बच्चों में फ़ैलाने से भी रोकते हैं।
इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं शिशु की खांसी, सर्दी, जुकाम और बंद नाक का इलाज किस तरह से आप घर के रसोई (kitchen) में आसानी से मिल जाने वाली सामग्रियों से कर सकती हैं - जैसे की अजवाइन, अदरक, शहद वगैरह।
खांसी और जुकाम आमतौर पर सर्दी के वायरस के संक्रमण के कारण होता है। ये आम तौर पर अपने आप दूर हो जाते हैं, और एंटीबायोटिक दवाएं आमतौर पर किसी काम की नहीं होती हैं। पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन कुछ लक्षणों को कम कर सकते हैं। ध्यान रखें की आप के बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पीने मिल रहा है।
मां के दूध पर निर्भर रहना और फाइबर का कम सेवन करने के कारण अक्सर बच्चे को कब्ज की समस्या बनी रहती है। ठोस आहार देने के बावजूद बच्चे को सामान्य होने में समय लगता है। इन दिनों उसे मल त्यागने में काफी दिक्कत हो सकती है।
विटामिन डी (Vitamin D) एक ऐसा विटामिन है जिसके लिए डॉक्टर की परामर्श की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसे कोई भी आसानी से बिना मेडिकल प्रिसक्रिप्शन के दवा की दुकान से खरीद सकता है। विटामिन डी शरीर के कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से कार्य करने में कई तरह से मदद करता है। उदाहरण के लिए यह शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने में सहायता करता है। मजबूत और सेहतमंद हड्डियों के निर्माण में सहायता करता है। तथा यह विटामिन शरीर को कई प्रकार के संक्रमण से भी सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन अगर आप गर्भवती हैं या फिर गर्भ धारण करने का प्रयास कर रही है तो विटामिन डी (Vitamin D) के इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श कर ले।
स्कूल शुरू हो गया है। अपको अपने बच्चे को पिछले साल से और अच्छा करने के लए प्रेरित करना है। आदतें ही हमें बनाती या बिगाडती हैं। अच्छी आदतें हमें बढ़िया अनुशासन और सफलता की ओर ले जातीं हैं। बच्चे बड़े होकर भी अच्छा कर सकें, इसलिए उन्हें बचपन से ही सही गुणों से अनुकूलित होना ज़रूरी है
हर मां बाप अपनी तरफ से भरसक प्रयास करते हैं कि अपने बच्चों को वह सभी आहार प्रदान करें जिससे उनके बच्चे के शारीरिक आवश्यकता के अनुसार सभी पोषक तत्व मिल सके। पोषण से भरपूर आहार शिशु को सेहतमंद रखते हैं। लेकिन राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के आंकड़ों को देखें तो यह पता चलता है कि भारत में शिशु के भरपेट आहार करने के बावजूद भी वे पोषित रह जाते हैं। इसीलिए अगर आप अपने शिशु को भरपेट भोजन कराते हैं तो भी पता लगाने की आवश्यकता है कि आपके बच्चे को उसके आहार से सभी पोषक तत्व मिल पा रहे हैं या नहीं। अगर इस बात का पता चल जाए तो मुझे विश्वास है कि आप अपने शिशु को पोषक तत्वों से युक्त आहार देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
Vitamin A एक वसा विलेय विटामिन है जिस के अत्यधिक सेवन से गर्भ में पल रहे शिशु में जन्म दोष की समस्या की संभावना बढ़ जाती है। इसीलिए गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है कि विटामिन ए गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि शिशु के विकास के लिए विटामिन ए एक महत्वपूर्ण घटक भी है।
Vitamin E शरीर में कोशिकाओं को सुरक्षित रखने का काम करता है यही वजह है कि अगर आप गर्भवती हैं तो आपको अपने भोजन में ऐसे आहार को सम्मिलित करने पड़ेंगे जिनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन इ (Vitamin E ) होता है। इस तरह से आपको गर्भावस्था के दौरान अलग से विटामिन ई की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक मात्रा में विटामिन सी लेना, गर्भ में पल रहे शिशु के लिए घातक हो सकता है। कुछ शोध में इस प्रकार के संभावनाओं का पता लगा है कि गर्भावस्था के दौरान सप्लीमेंट के रूप में विटामिन सी का आवश्यकता से ज्यादा सेवन समय पूर्व प्रसव (preterm birth) को बढ़ावा दे सकता है।
गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में विटामिन ए बहुत महत्वपूर्ण होता है और इसकी कमी की खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान अगर गर्भवती महिला को उसके आहार से पर्याप्त मात्रा में दैनिक आवश्यकता के अनुसार विटामिन ए मिले तो उससे गर्भ में पल रहे उसकी शिशु किसी के फेफड़े मजबूत बनते (strong lungs) हैं, आंखों की दृष्टि बेहतर होती है और त्वचा की कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है।
दिल्ली की सॉफ्टवेयर काम करने वाले दिलीप ने अपनी जिंदगी को बहुत करीब से बदलते हुए देखा है। बात उन दिनों की है जब दिलीप और उनकी पत्नी रेखा अपनी पहली संतान के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। नन्हे से बच्चे की जन्म तक सब कुछ ठीक चला लेकिन उसके बाद एक दिन अचानक….
पूरी गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के लिए यह बहुत आवश्यक है की वह ऐसे पोषक तत्वों को अपने आहार में सम्मिलित करें जो गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में कई प्रकार के परिवर्तन होते हैं तथा गर्भ में पल रहे शिशु का विकास भी बहुत तेजी से होता है और इस वजह से शरीर को कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। पोषक तत्वों की कमी शिशु और माँ दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसी तरह का एक बहुत महत्वपूर्ण पोषक तत्व है Vitamin B12.