Category: बच्चों की परवरिश
By: Editorial Team | ☺11 min read
छोटे बच्चों की सही और गलत पर करना नहीं आता इसी वजह से कई बार अपनी भावनाओं को काबू नहीं कर पाते हैं और अपने अंदर की नाराजगी को जाहिर करने के लिए दूसरों को दांत काट देते हैं। अगर आपका शिशु भी जिसे बच्चों को या बड़ो को दांत काटता है तो इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस तरह से आप उसके इस आदत को छुड़ा सकती है।

जब छोटे बच्चे खुश होते हैं तो अपनी खुशी को जाहिर करने के लिए वह हंसते हैं और खिलाते हैं और पूरा घर खुशियों से भर जाता है। लेकिन यही बच्चे जब नाराज होते हैं तो अपनी नाराजगी को जाहिर करने के लिए वह रोते हैं, चिल्लाते हैं, जमीन पर लोटते हैं, सामानों को उठाकर फेंकने लगते हैं और कुछ बच्चे तो दांत भी काट देते हैं।
बच्चों को यह नहीं पता होता है कि अपनी नाराजगी को किस तरह जाहिर करें। इसलिए बच्चों के साथ बहुत संयम बरतने की आवश्यकता है। बच्चों में एक खास आदत होती है की अगर आप उन्हें कोई काम करने के लिए मना करें तो वे उस काम को जरूर करने की कोशिश करते हैं।
पढ़ें: बच्चे के दाँत निकलते समय दर्द और बेचैनी का घरेलु उपचार
तो अगर आप अपने शिशु को इस बात के लिए डाटेंगे कि वह दांत क्यों काटता है तो वह आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए दांत काटने की और मौके खोजेगा जाएगा। इसीलिए अपने शिशु के दांत काटने की आदत को छुड़ाने के लिए आपको समझदारी से काम लेना पड़ेगा। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस तरह से आप अपने छोटे बच्चे के दांत काटने की आदत को छोड़ा सकते हैं।
अगर आप अपनी शिशु के दांत काटने की वजह को जानने की कोशिश करेंगे तो आप उसके दांत काटने की आदत को ज्यादा प्रभावी तरीके से थोड़ा सकती है।
बच्चे अक्सर दो वजह से दांत काटते हैं - अगर वे किसी प्रकार की चुनौती का सामना कर रहे हैं या फिर अपनी किसी अतृप्त इच्छा को पूरी करना चाहते हैं। इसके अलावा भी बहुत ही वजह हैं जिनके कारण आपका शिशु दांत काट सकता है।
बात ना कर पाने की वजह से सही तरह से अपनी इच्छा को बच्चे प्रकट नहीं कर पाते हैं और इस झुनझुनाहट में दांत काटने की कोशिश करते हैं।
जब बच्चे अत्यधिक आवाज, रोशनी, या शारीरिक क्रियाकलापों की वजह से अभिभूत (overwhelmed) हो जाते हैं तो भी वे दांत काटने की कोशिश।
कई बार बच्चे जिज्ञासा वश भी दांत काटते हैं यह देखने के लिए ऐसा करने पर क्या होगा।
अत्यधिक थकान की वजह से भी कुछ बच्चे दांत काटने।
जब बच्चों का दांत निकल रहा होता है उस वक्त भी बच्चे दांत काटते हैं।

दांत काटने की समस्या बहुत से बच्चों में पाई जाती है इसीलिए आपको अपनी शिशु के दांत काटने की आदत को लेकर शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है। इस अवस्था में अकेली नहीं है।
लेकिन खुशी की बात यह है कि ऐसे बहुत से तरीके हैं जिनकी सहायता से आप अपनी शिशु के दांत काटने की आदत को छोड़ा सकती हैं। मगर ध्यान रहे शिशु को डांट कर या उसे सजा देकर उसकी आदत को नहीं बदल सकती है। इसीलिए उसके दांत काटने की आदत को छुड़ाना आपके लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रहेगा।

कई बार आपको ऐसे अवसर मिलेंगे जब आप अपने शिशु को बहुत ध्यान से देख रही हो और आपको आभास होने लगे कि अब आप का शिशु किसी को दांत काट सकता है। इस प्रकार की स्थितियां आपको यह जानने में मदद करेंगी की कौन कौन सी वजह हैं जो आपके शिशु को दांत काटने के लिए उकसाती है।
अगर आप का शिशु नाराज होने पर दांत काटता है तो हो सकता है कई बार घर आए मेहमानों के सामने आपको थोड़ी शर्मिंदगी भी झेलनी पड़े। हो सकता है आपका शिशु दूसरे साथ खेलने वाले बच्चों के हाथ या गले पर अपने दांत कांटे, यह स्थिति दूसरे बच्चे के लिए बहुत गंभीर हो सकती है।
लेकिन जैसा कि मैंने आपको पहले बताया कि अगर आप अपनी शिशु को इस आदत के लिए डाटेंगे तो वह आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए इस प्रकार की हरकत और करना चाहेगा। इसीलिए अगर आप का शिशु दांत काटे तो आप उसे ना तो डांटे और ना ही मारे। इसके बदले आपको ऐसे तरीके अपनाने पड़ेंगे जिससे कि उसके दांत काटने की आदत छूट जाए।
दांत काटने के लिए किसी को प्रेरित ना करेंजब बच्चे छोटे होते हैं तक उनकी हर छोटी-बड़ी हरकत से मां-बाप भलीभांति वाकिफ होते हैं। ऐसे समय में अगर आप देखें कि आपका शिशु बुरी आदतें सीख रहा है तो उसकी इस आदत को रोकने के लिए आप उसे उकसाए नहीं। अगर आप उसे नहीं उठ पाएंगे तो कुछ दिनों के अंदर ही वह अपने दांत काटने की आदत को पूरी तरह से भूल जाएगा। एक बच्चे के अंदर दांत काटने की आदत को छुड़ाने का यह सबसे बेहतरीन तरीका।

खेलते वक्त अगर आप पाए हैं कि आप का शिशु नाराज हो रहा है और थोड़ी ही देर में शायद वह दांत काटने के लिए आमद हो जाए, तो ऐसी स्थिति आने से पहले आप उसके ध्यान को किसी दूसरी तरफ भटका दें।
इसके लिए आपको थोड़ा टेक्टफुल बनना पड़ेगा। अगर आप यह तरीका अपनाएंगे तो कुछ दिन में आपके बच्चे के दांत काटने की आदत बिल्कुल छूट जाएगी।

बच्चे अक्सर उस उम्र में दांत काटते हैं जब उनकी दांत निकलने वाले हो या दांत निकलने के कुछ महीने बाद तक। इस दौरान उनके दांतों में अजीब सी बेचैनी होती है। उनकी इच्छा होती है की किसी भी सख्त चीज में अपनी दातों को गडा कर देखें।
ऐसे में अगर आप उन्हें रब्बर या प्लास्टिक का एक टीथर दे देंगे तो वे अपने दांत काटने की इच्छा को प्लास्टिक किया रबर की टीथर में दांत गड़ा कर पूरी कर लेंगे। यह टीथर शिशु के नए दांत में होने वाली दर्द को भी कम करता है और शिशु के ध्यान को उलझा कर रखता है जिससे शिशु दांत नहीं काटते हैं। तो अपने बच्चे को बाइटिंग से रोकने उसे टीथर दीजिए।
अधिकांश मामलों में ऐसे बच्चों के अंदर दांत काटने की आदत को देखा गया है जो अपने आप को तिरस्कृत महसूस करते हैं। कई बार जब मां-बाप अपनी शिशु की जरूरतों को नहीं समझ पाते हैं तो उनका शिशु अपने मां बाप के ध्यान को आकर्षित करने के लिए भी दांत काटने की कोशिश करते हैं।

आपको समझना पड़ेगा कि अगर आपका शिशु इस वजह से दांत काट रहा है तो यह बच्चे की प्रक्रिया देने का एक तरीका मात्र है। बच्चों को सही गलत का पता नहीं होता है। इस वजह से उन्हें नहीं पता कि प्रतिक्रिया देने का सही तरीका क्या है। अगर आप अपने शिशु का अच्छी तरह से ध्यान रखेंगे तो उसे आपके ध्यान को आकर्षित करने के लिए इस प्रकार कि कोई प्रतिक्रिया नहीं करनी पड़ेगी।
जैसा कि मैंने आपको पहले बताया कि बच्चे को यह नहीं पता की क्या सही है और क्या गलत है इस वजह से कई बार बच्चे खुश होकर भी दांत काट लेते हैं। जरूरी नहीं कि बच्चे केवल गुस्से में या नाराजगी की स्थिति में ही दांत काटे।
दांत काटने के बाद शिशु को तो यह भी नहीं पता होता कि उसने कोई गलती की है। इसीलिए अगर आप का शिशु को दांत काटता है - चाहे उसकी वजह जो भी हो - आप बिल्कुल भी अपने शिशु को डांटे नहीं। डांटने पर आपकी शिशु को यह पता चल जाएगा कि ऐसा करने से वे आपके ध्यान को आकर्षित कर सकते हैं।
इसीलिए जब आपका शिशु दांत काटे तो आप नाराज नहीं हो बल्कि शांत बने रहे। जब भी आपको ऐसा प्रतीत हो कि आपका शिशु दांत काट सकता है अब तुरंत उसके ध्यान को किसी दूसरी दिशा में भटकाने की कोशिश करें। कुछ समय बाद आपका शिशु पूरी तरह से अपने दांत काटने की आदत को भूल जाएगा।
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चावल का खीर मुख्यता दूध में बनता है तो इसमें दूध के सारे पौष्टिक गुण होते हैं| खीर उन चुनिन्दा आहारों में से एक है जो बच्चे को वो सारे पोषक तत्त्व देता है जो उसके बढते शारीर के अच्छे विकास के लिए जरुरी है|
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सेब और चावल के पौष्टिक गुणों से भर पूर यह शिशु आहार बच्चों को बहुत पसंद आता है। सेब में वो अधिकांश पोषक तत्त्व पाए जाते हैं जो आप के शिशु के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उसे स्वस्थ रहने में सहायक हैं।
छोटे बच्चों की प्रतिरोधक छमता बड़ों की तरह पूरी तरह developed नहीं होती। इस वजह से यदि उनको बिमारियों से नहीं बचाया जाये तो उनका शरीर आसानी से किसी भी बीमारी से ग्रसित हो सकता है। लकिन भारतीय सभ्यता में बहुत प्रकार के घरेलू नुस्खें हैं जिनका इस्तेमाल कर के बच्चों को बिमारियों से बचाया जा सकता है, विशेष करके बदलते मौसम में होने वाले बिमारियों से, जैसे की सर्दी।