Category: स्मार्ट एक्टिविटीज

बच्चे के मेमोरी को बूस्ट करने का बेस्ट तरीका

By: ZN | 1 min read

बच्चे के साथ अगर पेरेंट्स सख़्ती से पेश आते है तो बच्चे सारे काम सही करते हैं। ऐसे वो सुबह उठने के बाद दिनचर्या यानि पेशाब ,पॉटी ,ब्रश ,बाथ आदि सही समय पर ले कर नाश्ते के लिए रेड़ी हो जायेंगे। और खुद से शेक और नाश्ता तथा कपड़े भी सही रूप से पहन सकेंगे।

 

बच्चे को अक्सर अपने दोस्तों के नाम और इंजन के नाम याद रहता है। लेकिन जब वो घर में आते हैं तो उनको अपने शू और कपड़े कहाँ रखने है ये याद नहीं रहता है। ऐसे मे पेरेंट्स को बहुत सारा वर्क लोड हो जाता है कि बच्चे के शू को एवं कपड़ों को सही स्थान पर रखें। 


यहाँ हम आपको कुछ ऐसे टिप्स दे रहे रहें है जिससे बच्चे की वर्किंग मेमोरी को तेज़ कर सकें -

दिनचर्या की शुरुआत

बच्चे के साथ अगर पेरेंट्स सख़्ती से पेश आते है तो बच्चे सारे काम सही करते हैं। ऐसे वो सुबह उठने के बाद दिनचर्या यानि पेशाब ,पॉटी ,ब्रश ,बाथ आदि सही समय पर ले कर नाश्ते के लिए रेड़ी हो जायेंगे। और खुद से शेक और नाश्ता तथा कपड़े भी सही रूप से पहन सकेंगे।

 

मेमोरी गेम

बच्चे के साथ बहुत सारे गेम खेलते हैं। लेकिन उनके साथ अगर मेमोरी तेज़ करने वाला खेल खेला जाये तो बेहतर होगा। इससे बच्चे को चीजों को पहचाने और याद करने में आसानी होगी। जैसे अगर आप बच्चे साथ कहीं बाहर पार्क या कहीं घूमने गए हो और दूसरे दिन उसी रास्ते से गुजर रहें हो तो बच्चे से उस स्थान का नाम या जो चीजें वहां से लिया हो उसके बारे में अपडेट जरूर लें ताकि बच्चे की मेमोरी को तेज़ करने में आसानी हो।

हेल्प visualize

बहुत लोगों की मेमोरी फ़ास्ट होती है जब वे बचपन में कुछ चीजों को देखे होते हैं। ऐसे में बच्चे को भी पेरेंट्स जरूर फ़ास्ट लर्निग बनाये जिससे उनको आगे सब याद रहे चाहे वो एक्वेरियम विजिट हो किसी हिस्टोरिकल प्लेस का। इससे बच्चे के मेमोरी को फ़ास्ट या याद रखने में आसानी होगी।

बच्चे से पूंछे और एक्सप्लेन करने को कहें

बच्चे को जिन चीजों के बारे में बतायें ,वापस कुछ देर बाद सारी चीजों के बारे में अवश्य पूंछे या अपडेट लें। इससे बच्चे के मेमोरी को स्ट्रांग करने में आसानी होगा।

रीडिंग

बच्चों को किताब पढ़ने और चित्रों को देखकर समझने के लिए पेरेंट्स खास कर ध्यान करें। जिससे बच्चे किताब में दिए गए वर्ड्स को अच्छे तरीके से पढ़ लिख सकें ,इससे बच्चे को पढ़ने और चीजों को समझने में आसानी होगी साथ -साथ मेमोरी भी स्ट्रांग होगा।

Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।

पढ़ाई
बच्चों-को-दे-Sex-Education
बच्चों-की-पढाई
बच्चों-की-गलती
गर्मियों-की-बीमारी
गर्मियों-की-बीमारियां
गर्मियों-में-डिहाइड्रेशन
गर्मियों-में-बिमारियों-से-ऐसे-बचें
स्मार्ट-एक्टिविटीज-J-M-Group-India-
घमोरी-का-घरेलू-इलाज
माँ-का-दूध
दूध-के-फायदे
मां-का-दूध
गर्भनाल-की-देखभाल
शिशु-को-दूध
कागज-से-बनायें-जादूगर
कागज-से-बनायें-पत्तों-का-collage
प्राथमिक-चिकित्सा
कागज-का-हवाई-मेढक-कैसे-बनायें
stop-bleeding
कागज-का-खूबसूरत-मोमबत्ती-स्टैंड
मजबूत-हड्डियों-के-लिए-आहार
सर्वश्रेष्ठ-सनस्क्रीन
बच्चों-का-लम्बाई
शिशु-में-डायपर-रैशेस
बच्चे-के-पुरे-शरीर-पे-बाल
बच्चों-की-परवरिश
टीके-के-नुकसान
बच्चे-को-आहार
बच्चों-की-साफ-सफाई

Most Read

गर्भ-में-लड़का-होने-के-लक्षण-इन-हिंदी
बच्चे-का-वजन
टीकाकरण-चार्ट-2018
शिशु-का-वजन-बढ़ाएं
बच्चों-में-यूरिन
बच्चों-को-गोरा-करने-का-तरीका-
कई-दिनों-से-जुकाम
खांसी-की-अचूक-दवा
बंद-नाक
balgam-wali-khansi-ka-desi-ilaj
sardi-jukam
सर्दी-जुकाम-की-दवा
बच्चे-की-भूख-बढ़ाने-के-घरेलू-नुस्खे

Other Articles

गर्भावस्था में खतरों से बचाए 6 महत्वपूर्ण विटामिन और सप्लीमेंट
गर्भावस्था-में-खतरों-से-बचाए-ये-महत्वपूर्ण-विटामिन-और-सप्लीमेंट विटामिन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह से मदद करते हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, हड्डियों को मजबूत बनाते हैं, शरीर के जख्मों को ठीक करते हैं, आंखों की दृष्टि को मजबूत बनाते हैं और शरीर को भोजन से ऊर्जा प्राप्त करने में मदद करते हैं। लेकिन गर्भावस्था के द्वारा विटामिन आपके लिए और की आवश्यक हो जाता है। इस लेख में हम आपको 6 ऐसे महत्वपूर्ण विटामिन के बारे में बताएंगे जो अगर गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर को आहार के माध्यम से ना मिले तो यह आपके लिए तथा आपके गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
Read More...

शिशु के टेढ़े मेढ़े दांत बिना तार के सीधा और अन्दर करें
टेढ़े-मेढ़े-दांत-बिना-तार-के-सीधा विज्ञान और तकनिकी विकास के साथ साथ बच्चों के थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) को ठीक करना अब बिना तार के संभव हो गया है। मुस्कुराहट चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाता है। लेकिन अगर दांत थेड़े-मेढे (crooked teeth) तो चेहरे की खूबसूरती को कम कर देते हैं। केवल इतना ही नहीं, थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) आपके बच्चे के आत्मविश्वास को भी कम करते हैं। इसीलिए यह जरूरी है कि अगर आपके बच्चे के दांत थेड़े-मेढे (crooked teeth) हो तो उनका समय पर उपचार किया जाए ताकि आपके शिशु में आत्मविश्वास की कमी ना हो। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह आप अपने बच्चे के थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) को बिना तार या ब्रेसेस के मदद के ठीक कर सकते हैं।
Read More...

बढ़ते बच्चों के लिए 7 महत्वपूर्ण पोष्टिक आहार
बढ़ते-बच्चों-के-लिए-पोष्टिक-आहार 12 साल तक की उम्र तक बच्चे बहुत तेजी से बढ़ते हैं और इस दौरान शिशु को सही आहार मिलना बहुत आवश्यक है। शिशु के दिमाग का विकास 8 साल तक की उम्र तक लगभग पूर्ण हो जाता है तथा 12 साल तक की उम्र तक शारीरिक विकास बहुत तेजी से होता है। इस दौरान शरीर में अनेक प्रकार के बदलाव आते हैं जिन्हें सहयोग करने के लिए अनेक प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है।
Read More...

बच्चों को कुपोषण से कैसे बचाएं
बच्चों-को-कुपोषण-से-कैसे-बचाएं अन्य बच्चों की तुलना में कुपोषण से ग्रसित बच्चे वजन और ऊंचाई दोनों ही स्तर पर अपनी आयु के हिसाब से कम होते हैं। स्वभाव में यह बच्चे सुस्त और चढ़े होते हैं। इनमें दिमाग का विकास ठीक से नहीं होता है, ध्यान केंद्रित करने में इन्हें समस्या आती है। यह बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं। कुछ बच्चों में दांत निकलने में भी काफी समय लगता है। बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सकता है लेकिन उसके लिए जरूरी है कि शिशु के भोजन में हर प्रकार के आहार को सम्मिलित किया जाएं।
Read More...

क्योँ देर से बोलते हैं कुछ बच्चे - आसान घरेलु उपचार
-देर-से-बोलते-हैं-कुछ-बच्चे सभी बचों का विकास दर एक सामान नहीं होता है। यही वजह है की जहाँ कुछ बच्चे ढाई साल का होते होते बहुत बोलना शुरू कर देते हैं, वहीँ कुछ बच्चे बोलने मैं बहुत समय लेते हैं। इसका मतलब ये नहीं है की जो बच्चे बोलने में ज्यादा समय लेते हैं वो दिमागी रूप से कमजोर हैं, बल्कि इसका मतलब सिर्फ इतना है की उन्हें शारीरिक रूप से तयार होने में थोड़े और समय की जरूरत है और फिर आप का भी बच्चा दुसरे बच्चों की तरह हर प्रकार की छमता में सामान्य हो जायेगा।आप शिशु के बोलने की प्रक्रिया को आसन घरेलु उपचार के दुवारा तेज़ कर सकती हैं।
Read More...

बच्चे में ठोस आहार की शुरुआत कब करें: अन्नप्राशन
ठोस-आहार शिशु में ठोस आहार की शुरुआत छेह महीने पूर्ण होने पे आप कर सकती हैं। लेकिन ठोस आहार शुरू करते वक्त कुछ महत्वपूर्ण बातों का ख्याल रखना जरुरी है ताकि आप के बच्चे के विकास पे विपरीत प्रभाव ना पड़े। ऐसा इस लिए क्यूंकि दूध से शिशु को विकास के लिए जरुरी सभी पोषक तत्व मिल जाते हैं - लेकिन ठोस आहार देते वक्त अगर ध्यान ना रखा जाये तो भर पेट आहार के बाद भी शिशु को कुपोषण हो सकता है - जी हाँ - चौंकिए मत - यह सच है!
Read More...

बच्चे के बुखार, सर्दी, खांसी की अचूक दवा - Guide
खांसी-की-अचूक-दवा बच्चों को सर्दी और जुकाम मैं बुखार होना आम बात है। ऐसा बच्चों में हरारत (exertion) के कारण हो जाता है। कुछ साधारण से घरेलु उपचार के दुवारा आप बच्च्चों में सर्दी और जुकाम के कारण हुए बुखार का इलाज घर पे ही कर सकती हैं। (bukhar ki dawa, खांसी की अचूक दवा)
Read More...

क्योँ कुछ बच्चे कभी बीमार नहीं पड़ते
बच्चे-बीमार क्या आप के पड़ोस में कोई ऐसा बच्चा है जो कभी बीमार नहीं पड़ता है? आप शायद सोच रही होंगी की उसके माँ-बाप को कुछ पता है जो आप को नहीं पता है। सच बात तो ये है की अगर आप केवल सात बातों का ख्याल रखें तो आप के भी बच्चों के बीमार पड़ने की सम्भावना बहुत कम हो जाएगी।
Read More...

कॉलरा का टीका - Schedule और Side Effects
कॉलरा कॉलरा वैक्सीन (Cholera Vaccine in Hindi) - हिंदी, - कॉलरा का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
Read More...

क्या शिशु में एलर्जी के कारण अस्थमा हो सकता है?
-शिशु-में-एलर्जी-अस्थमा एलर्जी से कई बार शिशु में अस्थमा का कारण भी बनती है। क्या आप के शिशु को हर २० से २५ दिनों पे सर्दी जुखाम हो जाता है? हो सकता है की यह एलर्जी की वजह से हो। जानिए की किस तरह से आप अपने शिशु को अस्थमा और एलर्जी से बचा सकते हैं।
Read More...

नवजात शिशु का वजन बढ़ाने के तरीके
शिशु-का-वजन अगर जन्म के समय बच्चे का वजन 2.5 kg से कम वजन का होता है तो इसका मतलब शिशु कमजोर है और उसे देखभाल की आवश्यकता है। जानिए की नवजात शिशु का वजन बढ़ाने के लिए आप को क्या क्या करना पड़ेगा।
Read More...

5 नुस्खे नवजात बच्चे के दिमागी विकास के लिए
नवजात-बच्चे-का-दिमागी-विकास बच्चे को छूने और उसे निहारने से उसके दिमाग के विकास को गति मिलती है। आप पाएंगे की आप का बच्चा प्रतिक्रिया करता है जिसे Babinski reflex कहते हैं। नवजात बच्चे के विकास में रंगों का महत्व, बच्चे से बातें करना उसे छाती से लगाना (cuddle) से बच्चे के brain development मैं सहायता मिलती है।
Read More...

रागी डोसा - शिशु आहार - बनाने की विधि
रागी-डोसा भारत में रागी को finger millet या red millet भी कहते हैं। रागी को मुख्यता महाराष्ट्र और कर्नाटक में पकाया जाता है। महाराष्ट्र में इसे नाचनी भी कहा जाता है। रागी से बना शिशु आहार (baby food) बड़ी सरलता से बच्चों में पच जाता है और पौष्टिक तत्वों के मामले में इसका कोई मुकाबला नहीं।
Read More...

शकरकंद की प्यूरी - शिशु आहार - बनाने की विधि
शकरकंद-की-प्यूरी Beta carotene भरपूर, शकरकंद शिशु की सेहत और अच्छी विकास के लिए बहुत अच्छा है| जानिए इस step-by-step instructions के जरिये की आप घर पे अपने शिशु के लिए कैसे शकरकंद की प्यूरी बना सकते हैं| शिशु आहार - baby food
Read More...

चावल का शिशु आहार - बनाने की विधि
चावल-का-शिशु-आहार चावल उन आहारों में से एक है जिसे शिशु को ठोस आहार शुरू करते वक्त दिया जाता है क्योँकि चावल से किसी भी प्रकार का एलेर्जी नहीं होता है और ये आसानी से पच भी जाता है| इसे पचाने के लिए पेट को बहुत ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है| यह एक शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है|
Read More...

12 माह के बच्चे का baby food chart (Indian Baby Food Recipe)
12-month-baby-food-chart 12 महीने या 1 साल के बच्चे को अब आप गाए का दूध देना प्रारम्भ कर सकते हैं और साथ ही उसके ठोस आहार में बहुत से व्यंजन और जोड़ सकते हैं। बढ़ते बच्चों के माँ-बाप को अक्सर यह चिंता रहती है की उनके बच्चे को सम्पूर्ण पोषक तत्त्व मिल पा रहा है की नहीं? इसीलिए 12 माह के बच्चे का baby food chart (Indian Baby Food Recipe) बच्चों के आहार सारणी की जानकारी दी जा रही है। संतुलित आहार चार्ट
Read More...

घर पे करें त्यार बच्चों का आहार
घर-पे-त्यार-बच्चों-का-आहार बच्चों के शुरुआती दिनों मे जो उनका विकास होता है उसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है| इसका असर उनके बाकि के सारी जिंदगी पे पड़ता है| इसी लिए बेहतर यही है की बच्चों को घर का बना शिशु-आहार (baby food) दिया जाये जो प्राकृतिक गुणों से भरपूर हों|
Read More...

शिशु को दूध पिलाने पर माँ को होते हैं ये लाभ
शिशु-को-दूध Benefits of Breastfeeding for the Mother - स्तनपान करने से सिर्फ बच्चे को ही नहीं वरन माँ को भी कई तरह की बीमारियोँ से लड़ने का ताकत मिलता है। जो महिलाएं अपने बच्चे को स्तनपान कराती हैं उनमें स्तन कैंसर और गर्भाशय का कैंसर होने की सम्भावना नहीं के बराबर होती है।
Read More...

सेब और सूजी का खीर 6 to 9 month बच्चों के लिए
सेब-बेबी-फ़ूड सेब और सूजी का खीर बड़े बड़ों सबको पसंद आता है। मगर आप इसे छोटे बच्चों को भी शिशु-आहार के रूप में खिला सकते हैं। सूजी से शिशु को प्रोटीन और कार्बोहायड्रेट मिलता है और सेब से विटामिन, मिनरल्स और ढेरों पोषक तत्त्व मिलते हैं।
Read More...

ड्राई फ्रूट चिक्की बनाने की विधि
ड्राई-फ्रूट-चिक्की हर प्रकार के मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर, बच्चों के लिए ड्राई फ्रूट्स बहुत पौष्टिक हैं| ये विविध प्रकार के नुट्रिशन बच्चों को प्रदान करते हैं| साथ ही साथ यह स्वादिष्ट इतने हैं की बच्चे आप से इसे इसे मांग मांग कर खयेंगे|
Read More...

Copyright: Kidhealthcenter.com