Category: टीकाकरण (vaccination)

टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन (TCV 1 & TCV2) - Schedule और Side Effects

By: Salan Khalkho | 3 min read

टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन (TCV 1 & TCV2) (Typhoid Conjugate Vaccine in Hindi) - हिंदी, - टाइफाइड का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक

टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन (TCV 1 & TCV2) (Typhoid Conjugate Vaccine in Hindi)

टाइफाइड एक प्रकार के जीवाणु के संक्रमण से होता है। टाइफाइड का संक्रमण होने पे शिशु बहुत अधिक बीमार हो जाते हैं और यह बीमारी उनके लिए जानलेवा भी हो सकता है। टाइफाइड का संक्रमण फैलता है दूषित आहार और पानी के सेवन से। टाइफाइड भारत देश में आम बात है और इसीलिए शिशु को टाइफाइड की संक्रमण से बचने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए। 

फाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन  (TCV 1 & TCV2) - डोज़ (dose) - Schedule of immunization

  1. पहली खुराक (TCV 1) - 10-12 महीने की उम्र में 
  2. दूसरी खुराक (TCV 2) - 15-18 महीने की उम्र में

इसीलिए आवश्यक है की हर बच्चे को  टीकाकरण चार्ट - 2018 के अनुसार समय पे टीका लगवाया जाये और बच्चे को तथा देशो को टाइफाइड कन्जुगेटेड की महामारी से बचाया जा सके। 

यह टीका क्योँ दिया जाता है?

टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन (TCV 1 & TCV2) एक सुरक्षित और असरदार तरीका है शिशु को टाइफाइड की बीमारी से बचने का। टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन देने पे शिशु के शारीर में टाइफाइड के जीवाणु के प्रति antibody निर्मित हो जाता है जो शिशु के शारीर को टाइफाइड के जीवाणु से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक छमता प्रदान करता है। 

सावधानी (precautions)

  • अगर आप के शिशु को बुखार है तो जब तक की आप का बच्चा पूर्ण रूप से ठीक न हो जाये उसे टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन न लगवाएं। 
  • शिशु को टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन (TCV 1 & TCV2) देने पे अगर शिशु में कुछ दुश प्रभाव दिखे तो तुरन अपने डोक्टर से संपर्क करें। 


दुष्प्रभाव (side effects)

टाइफाइड कन्जुगेटेड वैक्सीन (TCV 1 & TCV2) की वजह से जानलेवा दुष्प्रभाव (side effects) होना बहुत ही दुर्लभ बात है। लेकिन फिर भी फिर भी कुछ मामूली दुष्प्रभाव (side effects) हो सकते हैं जैसे की 

  • बुखार
  • सर दर्द 
  • मस्पेशियौं में दर्द (muscles pain)
  • शारीर में जिस जगह सुई लगायी गयी है उस जगह पे सुजन, त्वचा का लाल पड़ना और दर्द होना


यह टीका किन बच्चों को नहीं लगाया जाना चाहिए 

  1. शिशु को अगर प्रथम टीके में घम्भीर 

    दुष्प्रभाव (side effects) हुआ हो तो दूसरी खुराक न दिलवाएं और शिशु डोक्टर की राय लें। 

Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।

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UHT milk के बारे में सबसे पहले तो यह जान ले की आप अपने बच्चे को निसंकोच, बिना किसी चिंता के दे सकती हैं। UHT milk बच्चों के स्वस्थ के लिए बेहद सुरक्षित और स्वास्थवर्धक है। अगर आप का शिशु १२ महीने का हो गया है तो आप उसे UHT milk या गाए का दूध देना प्रारंभ कर सकती हैं। 12 महीने से पहले बच्चों को माँ के दूध के आलावा और कोई दूध नहीं देना चाहिए। जिन माओं का दूध बच्चों को पूरा नहीं पड़ता है या जो माताएं अपने बच्चों को किसी भी कारण से दूध पिलाने में आसमर्थ है वे अपने बच्चे को फार्मूला मिल्क दे सकती हैं।

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