Category: शिशु रोग
By: Salan Khalkho | ☺6 min read
शिशु में जुखाम और फ्लू का कारण है विषाणु (virus) का संक्रमण। इसका मतलब शिशु को एंटीबायोटिक देने का कोई फायदा नहीं है। शिशु में सर्दी, जुखाम और फ्लू के लक्षणों में आप अपने बच्चे का इलाज घर पे ही कर सकती हैं। सर्दी, जुखाम और फ्लू के इन लक्षणों में अपने बच्चे को डॉक्टर को दिखाएं।
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सर्दी, जुकाम, फ्लू और एलर्जी मुख्या कारण हैं जिनकी वजह से शिशु को बंद नाक का सामना करना पड़ता है।
शिशु में जुखाम और फ्लू का कारण है विषाणु (virus) का संक्रमण। इसका मतलब शिशु को एंटीबायोटिक देने का कोई फायदा नहीं है क्यूंकि इसे दवा से ठीक नहीं किया जा सकता है।
शिशु के शरीर को खुद ही विषाणु (virus) के संक्रमण का सामना करना पड़ेगा और यह अपने समय पे ही ठीक होगा। संक्रमण के ख़त्म होने में सात दिन से दस दिन का समय लग सकता है।
शिशु में अगर जुकाम और फ्लू के लक्षण हैं तो डाक्टर से मिलने की कोई जरुरत नहीं है। लेकिन अगर शिशु में जुखाम और फ्लू के लक्षण गंभीर रूप ले लें तो आप को अपने शिशु को डॉक्टर को दिखाने की आवशकता पड़ेगी।
शिशु में सर्दी, जुखाम और फ्लू के लक्षणों में आप अपने बच्चे का इलाज घर पे ही कर सकती हैं।
शिशु की नाक से ड्रॉपर (dropper) की मदद से आप बलगम (mucus) को निकाल के साफ़ कर सकती हैं। इसके आलावा आप शिशु के लिए nasal drop का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
शिशु की नाक में nasal drop का कुछ बूँद डालने से बलगम / कफ (नेटा - mucus) पतला हो जायेगा और शिशु को साँस लेने में आसानी होगी।
अगर आप का शिशु कितना बड़ा हो गया है की वो खुद ही नाक छिनक सकता है तो उसे हर- थोड़े-थोड़े समयांतराल पे नाक छिनकने को कहें - ताकि उसकी नाक साफ़ रहे। शिशु रोग विशेषज्ञ चार साल से छोटे बच्चों को दवा देने की राय नहीं देते हैं।
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छह महीने से छोटे बच्चे को दिन मैं कई बार स्तनपान कराएं। अगर शिशु फार्मूला दूध पीता है तो उसे दिन में कई बार वही पिलायें। छह महीने से बड़े बच्चे को खूब पानी पिने के लिए प्रोत्साहित करें। पानी के आलावा आप बच्चे को तरल आहार भी दे सकती हैं जैसे की सूप। बच्चा जितना ज्यादा पानी पियेगा उसकी सर्दी उतनी जल्दी ठीक होगी।
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ठण्ड के दिनों में उम्मीद से कहीं ज्यादा कमरों में नमी का स्तर गिर जाता है। कमरे में नमी के स्तर को बढ़ने के लिए humidifier का इस्तेमाल करने अच्छा रहता है। कमरे में ठण्ड के दिनों में शुष्क हवा होने से शिशु के नाक के अंदर की त्वचा सूख जाती है। जिससे शिशु को नाक के अंदर खुजली और जलन हो सकती है। इसके आलावा शुष्क हवा होने से छाती में बलगम (mucus) भी जम जाता है। यह दोनों स्थिति शिशु के लिए बहुत तकलीफमय है।
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अगर आप के घर में humidifier नहीं है और आप इसे खरीदना भी नहीं चाहते हैं तो आप स्नानघर (bathroom) के नल में गरम पानी चलके भाप पैदा कर सकते हैं। जब स्नानघर (bathroom) भाप से भर जाते तो अपने शिशु को गोद में लेके पंद्रह मिनट के लिए स्नानघर (bathroom) में बैठ जाएँ। इससे शिशु को बहुत आराम मिलेगा।
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अगर आप का शिशु एक साल से बड़ा हो गया है तो आप शिशु को एक चम्मच शहद दे सकती हैं। जुकाम और खांसी की वजह से बच्चों के गले में खराश और सूजन पैदा हो जाता है। शहद सर्दी और जुकाम में गले को राहत पहुंचने का सदियोँ से आजमाया हुआ नुस्खा है। इसके आलावा सर्दी और जुकाम को कम करने के और भी ढेरों उपाय हैं जिन्हे आप आजमा सकती हैं।

छोटे बच्चों की सही और गलत पर करना नहीं आता इसी वजह से कई बार अपनी भावनाओं को काबू नहीं कर पाते हैं और अपने अंदर की नाराजगी को जाहिर करने के लिए दूसरों को दांत काट देते हैं। अगर आपका शिशु भी जिसे बच्चों को या बड़ो को दांत काटता है तो इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस तरह से आप उसके इस आदत को छुड़ा सकती है।
जलशीर्ष यानी Hydrocephalus एक गंभीर बीमारी है जो शिशु के विकास को प्रभावित कर सकती है और उसके मस्तिष्क को हमेशा के लिए नुक्सान पहुंचा सकती है। गर्भावस्था के दौरान कुछ सावधानियां बारत कर आप अपने शिशु को जलशीर्ष (Hydrocephalus) से बचा सकती हैं।
छोटे बच्चों के मसूड़ों के दर्द को तुरंत ठीक करने का घरेलु उपाय हम आप को इस लेख में बताएँगे। शिशु के मसूड़ों से सम्बंधित तमाम परेशानियों को घरेलु नुस्खे के दुवारा ठीक किया जा सकता है। घरेलु उपाय के दुवारा बच्चों के मसूड़ों के दर्द को ठीक करने का सबसे बड़ा फायेदा ये होता है की उनका कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं होता है। यह शिशु के नाजुक शारीर के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं और इनसे किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन होने का भी डर नहीं रहता है। लेकिन बच्चों का घरेलु उपचार करते समय आप को एक बात का ध्यान रखना है की जो घरेलु उपचार बड़ों के लिए होते हैं - जरुरी नहीं की बच्चों के लिए भी वह सुरक्षित हों। उदाहरण के लिए जब बड़ों के मसूड़ों में दरद होता है तो दांतों के बीच लोंग दबा लेने से आराम पहुँचता है। लेकिन यह विधि बच्चों के लिए ठीक नहीं है क्यूंकि इससे बच्चों को लोंग के तेल से छाले पड़ सकते हैं। बच्चों के लिए जो घरेलु उपाय निर्धारित हैं, केवल उन्ही का इस्तेमाल करें बच्चों के मसूड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए।
गर्भधारण के लिए हर दिन सामान्य नहीं होता है। कुछ विशेष दिन ऐसे होते हैं जब महिला के गर्भवती होने की सम्भावना सबसे ज्यादा रहती है। इस समय अंतराल को स्त्री का फर्टाइल स्टेज कहते हैं। इस समय यौन सम्बन्ध बनाने से स्त्री के गर्भधारण करने की सम्भावना बाढ़ जाती है।
जुकाम के घरेलू उपाय जिनकी सहायता से आप अपने छोटे से बच्चे को बंद नाक की समस्या से छुटकारा दिला सकती हैं। शिशु का नाक बंद (nasal congestion) तब होता है जब नाक के छेद में मौजूद रक्त वाहिका और ऊतक में बहुत ज्यादा तरल इकट्ठा हो जाता है। बच्चों में बंद नाक की समस्या को बिना दावा के ठीक किया जा सकता है।
बच्चों को सर्दी जुकाम बुखार, और इसके चाहे जो भी लक्षण हो, जुकाम के घरेलू नुस्खे बच्चों को तुरंत राहत पहुंचाएंगे। सबसे अच्छी बात यह ही की सर्दी बुखार की दवा की तरह इनके कोई side effects नहीं हैं। क्योँकि जुकाम के ये घरेलू नुस्खे पूरी तरह से प्राकृतिक हैं।
नवजात शिशु को डायपर के रैशेस से बचने का सरल और प्रभावी घरेलु तरीका। बच्चों में सर्दियौं में डायपर के रैशेस की समस्या बहुत ही आम है। डायपर रैशेस होने से शिशु बहुत रोता है और रात को ठीक से सो भी नहीं पता है। लेकिन इसका इलाज भी बहुत सरल है और शिशु तुरंत ठीक भी हो जाता है। - पढ़िए डायपर के रैशेस हटाने के घरेलू नुस्खे।
शिशु को 10-12 महीने की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को टाइफाइड, हेपेटाइटिस A से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
कॉलरा वैक्सीन (Cholera Vaccine in Hindi) - हिंदी, - कॉलरा का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
शिशु में हिचकी आना कितना आम बात है तो - सच तो यह है की एक साल से कम उम्र के बच्चों में हिचकी का आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। हिचकी आने पे डॉक्टरी सलाह की आवश्यकता नहीं पड़ती है। हिचकी को हटाने के बहुत से घरेलू नुस्खे हैं। अगर हिचकी आने पे कुछ भी न किया जाये तो भी यह कुछ समय बाद अपने आप ही चली जाती है।
अवोकेडो में प्रचुर मात्रा में बुद्धि को बढ़ाने वाला omega-3s पाया जाता है| इसके साथ है इसका स्वाद बहुत हल्का होता है जीस वजह से शिशु आहार के लिए अवोकेडो एकदम perfect है| जानिए step-by-step तरीके से अवोकेडो से शिशु आहार त्यार करने की विधि|
टीकाकरण के बाद बुखार होना आम बात है क्यूंकि टिके के जरिये बच्चे की शरीर का सामना संक्रमण से कराया जाता है। जानिए की आप किस तरह टीकाकरण के दुष्प्रभाव को कम कर सकती हैं।
सेक्स से सम्बंधित बातें आप को अपने बच्चों की उम्र का ध्यान रख कर करना पड़ेगा। इस तरह समझएं की आप का बच्चा अपने उम्र के हिसाब से समझ जाये। आप को सब कुछ समझने की जरुरत नहीं है। सिर्फ उतना बताएं जितना की उसकी उम्र में उसे जानना जरुरी है।
अकॉर्डियन पेपर फोल्डिंग तकनीक से बनाइये घर पे खूबसूरत सा मोमबत्ती स्टैंड| बनाने में आसान और झट पट तैयार, यह मोमबत्ती स्टैंड आप के बच्चो को भी बेहद पसंद आएगा और इसे स्कूल प्रोजेक्ट की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है|
माता- पिता अपने बच्चों को गर्मी से सुरक्षित रखने के लिए तरह- तरह के तरीके अपनाते तो हैं , पर फिर भी बच्चे इस मौसम में कुछ बिमारियों के शिकार हो ही जाते हैं। जानिए गर्मियों में होने वाले 5 आम बीमारी और उनसे अपने बच्चों को कैसे बचाएं।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2050 तक दुनिया के लगभग आधे बच्चों को किसी न किसी प्रकार की एलर्जी होगा। जन्म के समय जिन बच्चों का भार कम होता है, उन बच्चों में इस रोग की संभावना अधिक होती है क्यों कि ये बच्चे कुपोषण के शिकार होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें सबसे आम दमा, एक्जिमा, पित्ती (त्वचा पर चकत्ते) और भोजन से संबंधित हैं।
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