Category: बच्चों का पोषण
By: Salan Khalkho | ☺3 min read
बच्चों के शुरुआती दिनों मे जो उनका विकास होता है उसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है| इसका असर उनके बाकि के सारी जिंदगी पे पड़ता है| इसी लिए बेहतर यही है की बच्चों को घर का बना शिशु-आहार (baby food) दिया जाये जो प्राकृतिक गुणों से भरपूर हों|
घर पे बच्चों का आहार (baby food) बनाने के कई फायदे हैं।
हम लोग अपने खाने के लिए कितना सोचते हैं। जैसे की उसमें कितना कैलोरी है, उसका स्वाद कैसा है वगैरह वगैरह!
बाजार से खरदे गए डब्बा बंद आहार की तुलना में हम मे से बहुत घर का खाना पसंद करते हैं घर पे त्यार खाने का स्वाद बेहतर होता है, उसकी महक भूक को और बड़ा देती है, और तो और सबसे अच्छी बात यह है की घर के खाने मे कोई मिलावट नहीं होती है, और न ही उसमे कोई कित्रिम रंगो (artificial color) का इस्तेमाल होता है। और-तो-और उसमे उतना ही नमक, तेल और चीनी होती है जितना की सेहत के लिए उचित है।
क्या हम लोग इतना सोचते हैं जब बात आती है बच्चों के ready-made आहार खरीदने की?
शायद नहीं!
हम भारत वासी विदेशियोँ से बहुत बेहतर हैं इस मामले में। अमेरिका मे औसतन एक बच्चा, एक साल का होते होते 600 डब्बा-बंद शिशु-आहार (baby food) खा चूका होता है। अंग्रेज़ों की बात करें तो हर पांच मे से एक बच्चा अंग्रेज़ों का पूरी तरह डब्बा-बंद शिशु-आहार (baby food) पर निर्भर रहता है। लेकिन विडंबना इस बात की है की इतने बड़े पैमाने पे शिशु-आहार (baby food) का पूरी दुनिया मे इस्तेमाल होता है फिर भी अधिकांश कंपनियों द्वारा तैयार commercial शिशु-आहार (baby food) को कोई मान्यता प्राप्त नहीं है। इसीलिए विदेशी सरकार भी इस बात पे जोर देती है 2 साल से कम उम्र के बच्चों को घर का बना शिशु-आहार (baby food) ही दिया जाना चाहिए।
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डब्बा बंद शिशु-आहार (baby food) मे preservatives का इस्तिमाल होता है। इसे बेहद उच्च तापमान पे पकाया जाता है ताकि कई महीनों तक यह ख़राब नहीं हो। इतनी उच्च तापमान पे पकाये जाने के बाद इसका काफी पोषक तत्त्व (nutrients) ख़त्म हो चुके होते हैं। शिशु-आहार (baby food) मे इस्तेमाल preservatives का बच्चों की सेहत पे क्या असर पड़ेगा इसका वैज्ञानिकों को ठीक-ठीक पता भी नहीं है।
घर का बना सेहत से भरपूर खाना सिर्फ बड़ों को ही नहीं वरन बच्चों को भी दिया जाना चाहिए।
बच्चों के शुरुआती दिनों मे जो उनका विकास होता है उसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। इसका असर उनके बाकि के सारी जिंदगी पे पड़ता है। इसी लिए बेहतर यही है की बच्चों को घर का बना शिशु-आहार (baby food) दिया जाये जो प्राकृतिक गुणों से भरपूर हों।
बाजार मे तरह तरह के वस्तुएं उपलब्ध हैं जिनकी सहायता से घर पे शिशु-आहार (baby food) बनाना है बेहद आसान। इसकी सहायता से आप कम समय मे ही और बहुत आसानी से शिशु-आहार तैयार कर लेंगी। इस तरह घर पे तैयार शिशु-आहार से आपके बच्चे की सेहत भी अच्छी रहेगी और उसका विकास भी अच्छा होगा।
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