Category: बच्चों की परवरिश
By: Salan Khalkho | ☺3 min read
सेक्स से सम्बंधित बातें आप को अपने बच्चों की उम्र का ध्यान रख कर करना पड़ेगा। इस तरह समझएं की आप का बच्चा अपने उम्र के हिसाब से समझ जाये। आप को सब कुछ समझने की जरुरत नहीं है। सिर्फ उतना बताएं जितना की उसकी उम्र में उसे जानना जरुरी है।
कुछ विषय ऐसे होते हैं जिनके बारे कोई भी माँ-बाप आपने बच्चों से बात करना नहीं चाहते हैं। सेक्स सम्बन्धी बातें उन्ही कुछ चुनिंदा विषयोँ में से एक है।
मगर यह जरुरी है,
की आप अपने बच्चों से इस सम्बन्ध में बात करें। अगर आप अपने बच्चो को यौन शोषण की घटनाओं से बचाना चाहते हैं तो बच्चों के साथ समय बिताना, उनके साथ बातें करने शुरू करें।
जब बच्चे आप के साथ comfortable feel करना शुरू करेंगे तो वे आप के साथ बिना हिचक उन बातों को share करेंगे जो उन्हें पसंद नहीं। वे आप के साथ बड़ों की उन हरकतों को भी शेयर करेंगे जो उन्हें पसंद नहीं।
हर बच्चा अलग होता। और माँ-बाप से बेहतर एक बच्चे को कौन समझ सकता है। यहां पर हम आप को rough रूप-रेखा देना चाहेंगे जिसके मदद से आप बच्चे के उम्र के हिसाब से सेक्स-सम्बन्धी जानकारी दे सकेंगे।
2 साल से कम उम्र के बच्चों को इतना सिखएं की वो अपने शरीर के हर अंग का नाम बता सके, यहां तक की अपने गुप्तांगों के नाम भी बता सके। अधिकांश 2 साल तक के बच्चे स्त्री और पुरुष में भेद करना जानते हैं और वो देख के बता सकते हैं की कौन स्त्री है और कौन पुरुष।
इस उम्र के बच्चों को पता होना चाहिए की स्त्री और पुरुष जब साथ रहते हैं तो स्त्री के गर्भ में बच्चा जन्म लेता है। बच्चों को इस उम्र में यह भी पता होना चाहिए की कोई उनके शरीर को छू नहीं सकता। सिर्फ उनके माता पिता या दादा -दादी ही छू सकते हैं वो भी सफाई करते वक्त। बच्चों को यह भी पता होना चाहिए की किस तरह से बड़े उनके शरीर को नहीं पकड़ सकते (या किस तरह से पकड़ सकते हैं) और किन जगहों पे नहीं छू सकते हैं।
बच्चों को पता होना चाहिए की किस तरह से समाज में रहना है। उन्हें पता होना चाहिए की कपडे बंद कमरे में सिर्फ माता पिता या दादा-दादी के उपस्थिति में ही बदलने चाहिए। घर में या बहार वे नग्न अवस्था में नहीं जा सकते। उन्हें हर वक्त कपडे पहनने चाहिए जिससे उनके विशेष अंग छुपे रहें। जब दूसरे कपडे बदल रहे हों तो उस कमरे में नहीं जाना चाहिए। आपको बच्चों को puberty से सम्बंधित बातों को भी बच्चों को बतानी चाहिए क्योँकि बहुत से बच्चों में 10 साल से पहले ही puberty के कारण शारीरिक बदलाव आ जायेंगे। बच्चों को मोठे तौर पे इंसानो में बच्चे कैसे पैदा होते हैं इसकी जानकारी होनी चाहिए।
ऊपर जितनी भी बातें बताई गई हैं उनके आलावा बच्चों को सुरक्षित सेक्स के बारे में भी जानकारी दें। बच्चों को सेक्स से होने वाले बीमारियोँ के बारे में भी जानकारी दें। हालाँकि यह उम्र बहुत छोटी है, मगर अगर इस उम्र में बच्चों को मोटा-मोटी इन बातों की जानकारी है तो आगे चल कर इनके काफी आम आएगा। सेक्स सम्बन्धी बातों का पता इससे पहले की बच्चों को बहार से पता लगे, आप उन्हें सही जानकारी दे दें। बच्चों को बताएं की positive relationship क्या है और कैसे अच्छे relationship ख़राब हो सकते हैं।
उस उम्र के बच्चे इतने बड़े हो चुके होते हैं की वो किसी से सेक्स सम्बन्धी बातें करना नहीं चाहेंगे, खास कर अपने माँ-बाप से। मगर अगर आपने बच्चों से शुरू से ही इन विषयोँ के बारे में बात की है तो आपको अपने बच्चों से इस उम्र में भी सेक्स सम्बन्धी बात करने में उतनी दिकत नहीं आएगी। इस उम्र में अगर बच्चे सेक्स सम्बन्धी दिक्कतों का सामना करें तो बहुत हद तक लाजमी है की वे समाधान के लिए अपने माँ-बाप के पास ही जायेंगे।
Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। आपका चिकित्सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।