Category: प्रेगनेंसी
By: Admin | ☺7 min read
गर्भावस्था में उलटी आम बात है, लेकिन अगर दिन में थोड़े-थोड़े समय में ही तीन बार से ज्यादा उलटी हो जाये तो इसका बच्चे पे और माँ के स्वस्थ पे बुरा असर पड़ता है। कुछ आसान बातों का ध्यान रख कर आप इस खतरनाक स्थिति से खुद को और अपने होने वाले बच्चे को बचा सकती हैं। यह मोर्निंग सिकनेस की खतरनाक स्थिति है जिसे hyperemesis gravidarum कहते हैं।
गर्भावस्था के दौरान प्रायः सभी स्त्रियोँ में morning sickness यानी की बार बार जी मचलाना या उलटी होना आम बात है
लेकिन सावधान,
शायद आप को यह नहीं पता है की अगर आप को एक ही दिन में - कुछ ही समय के अंदर 3 बार से ज्यादा उलटी हो जाये तो यह आप के स्वस्थ और आप के होने वाले बच्चे - दोनों के लिए प्राण घातक हो सकता है!
जी हाँ,
सुनने में यह शायद चौकाने वाली बात लगे, लेकिन जब बात होने वाले बच्चे की हो तो किसी भी प्रकार की लपरवाकि बरतना कतई समझदारी की बात नहीं है।
इस लेख में हम आप को बताने जा रहे हैं की गर्भावस्था में उलटी की कौन से लक्षण आप के और आप के बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है। साथ ही आप ये भी पढेंगी की की किस तरह से कुछ आसान सावधानियां बरतकर के खुद को अपने बच्चे के स्वस्थ विकास को सुनिश्चित कर सकती हैं।
मॉर्निंग सिकनेस (morning sickness) तो केवल नाम भर के लिए है। सही बात तो ये ही की गर्भावस्था में गर्भवती स्त्री का दिन में कभी भी जी मचला सकता है और उसे उलटी का आभास हो सकता है।
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मॉर्निंग सिकनेस, यूँ तो कोई घबराने वाली बात नहीं है। लेकिन मॉर्निंग सिकनेस की कुछ गम्भीरत अवस्थाएं हैं जिनसे हो कर शायद आप को कभी गुजरना न पड़े।
लेकिन जानकारी रखना बहुत जरुरी है, क्योँकि अगर आप को इस गंभीर अवस्था से गुजरना ही पड़े तो आप अपने और अपने बच्चे का ख्याल रख सकती हैं।
मॉर्निंग सिकनेस की गंभीर अवस्था को हाइपरइमेसिस ग्रेविडेरम (hyperemesis gravidarum) कहते हैं।
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हाइपरइमेसिस ग्रेविडेरम, मॉर्निंग सिकनेस की वह अवस्था है जब गर्भावस्था के पहले तीन माह में गर्भवती महिला का बार-बार जी मचलाने लगे और उसे बार-बार उलटी होने लगे।
अगर उसे कुछ ही समय के अंदर तीन बार से ज्यादा उलटी हो जाये और दिन भर में 10-15 बार उलटी हो जाये तो इस स्थिति को मॉर्निंग सिकनेस की इस स्थिति को हाइपरइमेसिस ग्रेविडेरम (hyperemesis gravidarum) कहते हैं।
हाइपरइमेसिस ग्रेविडेरम की स्थिति में गर्भवती महिला बहुत तेज़ी से अपने शरीर का पानी खोने लगती है। इससे उसके शरीर में पानी की कमी हो जाती है जो गर्भ में विकसित हो रहे भ्रूण के लिए बहुत खतरनाक है।
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इसके साथ साथ गर्भवती स्त्री के शरीर में लवण का असंतुलन और वजन घटने जैसी समस्या भी उत्पन हो जाती है। गर्भावस्था में वजन घटना गर्भ के लिए अच्छा नहीं है।
मॉर्निंग सिकनेस (morning sickness) तो प्रायः सभी स्त्रियोँ को गर्भावस्था के दौरान सामना करना पड़ता है। लेकिन, केवल कुछ ही स्त्रियोँ को मॉनिंग सिकनेस की इस गार्भिर स्थिति (हाइपरइमेसिस ग्रेविडेरम) का सामना करना पड़ता है।
गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस का प्रमुख कारण स्त्री के शरीर में तेजी से हो रहे हार्मोनल बदलाव। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियोँ के कारण कुछ महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस की गंभीर स्थितियों का सामना करना पड़ता है। जैसे की अगर गर्भवती महिला को डायबिटीज है या फिर उसके गर्भ में जुड़वाँ बच्चे हो तो उस महिला को दूसरी महिलाओं की तुलना में मॉर्निंग सिकनेस के ज्यादा गंभीर स्थितियों का सामना करना पड़ता है।
मॉर्निंग सिकनेस का गर्भ में पल रहे बच्चे पे या उसके विकास पे कोई भी असर नहीं पड़ता है। लेकिन मॉर्निंग सिकनेस की गंभीर अवस्था जिसे हाइपरइमेसिस ग्रेविडेरम (hyperemesis gravidarum), कहते हैं, की वजह से बच्चे पे बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। हाइपरइमेसिस ग्रेविडेरम के प्रमुख प्रभावों में समलित हैं:
मॉर्निंग सिकनेस, यानी की गर्भावस्था के कारण होने वाली उलटी और जी मचलाने की समस्या कोई बीमारी नहीं है, वरन यह केवल एक अवस्था है। ऊपर दिए गए निर्देशों का धैर्य के साथ पालन करें। कुछ समय बाद सबकुछ सामान्य जो जायेगा।
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